झटपट लोन दिलाने वाले 8 एप जनपद में किए गए चिन्हित
साइबर अपराधी नित नए-नए हथकंडे अपनाकर लोगों से ठगी कर रहे हैं। जनपद में साइबर अपराध के सैकड़ों मामले दर्ज हो चुके हैं। हालांकि साइबर सैल के गठन के बाद ठगी के शिकार हुए लोगों को कुछ मदद मिली है। साइबल सैल ने ठगी के शिकार हुए काफी लोगों का रकम वापस कराई है। साइबर अपराधी अब आर्थिक तंगी के शिकार हुए लोगों को झटपट लोन दिलाने का झांसा देकर मानसिक उत्पीड़न कर रहे हैं। 123 एप को चिन्हित कर बंद करने की तैयारी की जा रही है। साइबर सैल प्रभारी प्रवीण यादव ने बताया कि जनपद में ऐसे आठ एप के जरिये लोगों को लोन दिलाकर उनका मानसिक व आर्थिक उत्पीड़न किया जा रहा है। साइबर सैल ने बीलोन एप, गो कैश, गो गो लोन, इंस लोन, आसान लोन, फास्ट कैश, फिल्प कैश व रुपये वॉयलेट नाम के एप के जरिये लोगों को लोन दिलाने के नाम परेशान करने वाले एप को चिन्हित किया है। इस संबंध आरबीआई को पत्र भेजा गया है। एप के जरिये लोगों को ईजी लोन का लालच देकर बैंक एकाउंटेंट खंगाले जा रहे हैं। साइबर सैल लगातार लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहा है। जनपद में इस वर्ष में 40 से अधिक शिकायते साइबर सैल को मिल चुकी है।
--कैसे लोन दिलाने का देते हैं झांसा
आर्थिक तंगी से परेशान व्यक्ति के मोबाइल पर झटपट लोन दिलाने का मैसेज पहुंचता तो बात करने वाला व्यक्ति उसे प्ले स्टोर पर जाकर इन लोन एप को डाउनलोड करने की सलाह देता है। एप डाउनलोड करने के पश्चात इस बैंक एकाउंट संबंधी व आधार कार्ड संबंधी डिटेल मांगी जाती है। व्यक्ति पैसे के लालच में अपनी सभी डिटेल एप में भर देता है। उसके बाद एप के जरिये व्यक्ति के बैंक एकाउंट में तीन से चार हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए जाते हैं। पैसे समय से न चुकाने पर उससे मोटा ब्याज वसूला जाता है। अगर व्यक्ति पैसे देने में असमर्थ होता है तो साइबर अपराधी उसकी कांटेक्ट लिस्ट से भी नंबर निकालकर परिचितों को फोन कर व्यक्ति का मानसिक उत्पीड़न करते हैं। वहीं लगातार उसके परिचितों को फोन कर पैसे देने का दबाव बनाया जाता है। तंग आकर पीड़ित मोटे ब्याज समेत रकम वापस कर देता है।
लेबल: मुजफ्फरनगर ब्रेकिंग
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