मुजफ्फरनगर में हजरत अली के जन्मदिन पर आयोजित हुई शायरी महफिल
मुजफ्फरनगर के गांव सिकंदरपुर में हजरत अली अलैहिस्सलाम के जन्मदिन पर एक शायरी महफिल आयोजित हुई। इसमें शायरों ने अपने कलामों से मौला अली की शान में अशआर पढ़ें। गांव सिकंदरपुर इमामबारगाह में आयोजित हुई महफिल में एक शायर ने फरमाया-खुदा के घर में अली इंकलाब ले आए, जहां चराग न था आफताब ले आए।
चरथावल क्षेत्र के गांव सिकंदरपुर के इमामबारगाह में 13 रजब यानी 4 फरवरी देर रात को हजरत अली अलैहिस्सलाम की विलादत बा सआदत (जन्मदिन) के मौके पर एक महफिल हुई। इसमें मौला अली के चाहने वालों ने उनकी शान में शायरी की। एक शायर ने फरमाया-अली काबे में आए हैं, खयाते जाविदा लेकर, किताबे जिंदगानी की निराली सुर्खियां लेकर।
चांद के महीने में हुआ था जन्म
दूसरे शायर ने ने कलाम पढ़ा- खुदा के घर में खुदा के वली की आमद है, जमीन पर चांद सितारे बिछा दिए जाएं। शायरे अहलेबैत ने हजरत अली की शान में विभिन्न कसीदे पढ़े और हजरत अली का मर्तबा (रुतबा) बताया। जानकारी दी गई कि हजरत अली की पैदाइश चांद के महीने 13 रजब 601 ईसवी को हुई थी। बताया कि हजरत अली जानते थे कि उनकी शहादत होने वाली है। बावजूद उन्होंने अपने कातिल को खुद ही नींद से जगाया था। रमजान की 21 तारीख 660 ईसवी में हजरत अली की शहादत (मृत्यु) हुई।
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