कार्यकाल के अंतिम दिन महज डेढ़ घंटे मिला पालिकाध्यक्ष को चार्ज
पालिकाध्यक्ष अंजू अग्रवाल के कार्यकाल के आखिरी साल के छह माह शासन से प्रशासन एवं ईओ एवं अपने हक की लड़ाई लड़ने में ही बीत गए। ट्रिपर घोटाले आदि आरोपों को लेकर प्रशासान की रिपोर्ट पर 19 जुलाई को शासन ने पालिकाध्यक्ष के वित्तीय अधिकार सीज कर दिए थे। उसके विरोध में पालिकाध्यक्ष अंजू अग्रवाल हाईकोर्ट गई। हाईकोर्ट ने शासन के आदेश को खारिज कर दिए। इसके साथ ही शासन को 14 दिन में पालिकाध्यक्ष का पक्ष सुन दोबारा निर्णय लेने के आदेश दिए थे। शासन ने इसमें भी 39 लगा दिए। पालिकाध्यक्ष का पक्ष जाने के बाद 10 अक्टूबर को शासन ने पालिकाध्यक्ष की बर्खास्त कर दिया। इस फैसले को भी पालिकाध्यक्ष ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। इस बार भी हाईकोर्ट से 24 नवम्बर 2022 को पालिकाध्यक्ष के बर्खास्तगी के शासन के आदेश खारिज कर दिए। साथ ही शासन को आदेश दिए थे कि पालिकाध्यक्ष के कार्योँ में हस्तक्षेप न किया जाये। इस 30 नवम्बर को पालिकाध्यक्ष ने हाईकोर्ट के आदेश की सत्यापित प्रतिलिपी के साथ पालिका में पहुंचकर कुर्सी तो संभाल ली लेकिन उन्हें चार्ज नहीं दिया गया। ईओ हेमराज बिना चार्ज दिए ही आवश्यक कार्य बहाते हुए बाहर चले जाते है। पालिकाध्यक्ष अंजू अग्रवाल ने डीएम से लेकर कमिश्नर तक वित्तीय एवं प्रशासिनक अधिकार दिए जाने की मांग करती रही लेकिन उन्हें चार्ज नहीं मिला। साल के आखिर दिन घर बैठे बिठाए ही उन्हें चार्ज मिल गया। पालिकाकर्मी डीएम का पत्र लेकर उनके पास पहुंचे। जिसमें डीएम ने शासन के आदेशों को हवाला देते हुए पालिकाध्यक्ष को कार्य ग्रहण कराया है। पालिकाध्यक्ष ने बताया कि उस समय 3 बजकर 36 मिनट हुए थे। पालिका कर्मचारी व तहसील के अधिकारी कुछ अन्य पत्रावलिया भी लेकर आए थे लेकिन समय कम होने के कारण उन्होंने रिसीव नहीं किया।
“पालिकाध्यक्ष अंज अग्रवाल ने कार्य ग्रहण वाला पत्र रिसीव कर लिया है, लेकिन शासन स्तर से आए आरोप पत्र और प्रतिपरिक्षण आख्या का रिसीव नहीं किया है। इस संबंध में डीएम को रिपोर्ट बनाकर भेज दी गई है।”
अभिषेक शाही, तहसीलदार सदर
“पालिकाध्यक्ष अंजू अग्रवाल को कार्य ग्रहण करा दिया गया है। वहीं इस संबंध में रिपोर्ट डीएम और शासन को भेज दी गई है। पांच जनवरी को बोर्ड का कार्यकाल समाप्त हो गया है।”
हेमराज सिंह, ईओ नगर पालिका
लेबल: मुजफ्फरनगर ब्रेकिंग
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