रविवार, 14 मई 2023

चीन और रूस मिलकर करने जा रहे हैं कुछ ऐसा कि हिल जाएगी दुनिया, जापान के इस दावे ने यूरोप में मचाई खलबली

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन (फाइल)- India TV Hindi
Image Source : FILE चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन (फाइल)

चीन और रूस अब यूक्रेन युद्ध के बीच मिलकर कुछ ऐसा करने जा रहे हैं जो यूरोप के लिए कतई शुभ समाचार नहीं है। दोनों महाशक्तियां यूरोप और पश्चिमी देशों का दबदबा खत्म करने के लिए बड़ा सैन्य सहयोग करने जा रहे हैं। यह सिर्फ यूक्रेन युद्ध के लिए ही नहीं, बल्कि अमेरिका समेत नाटो देशों के लिए भी बड़ा झटका है। चीन और रूस के बीच में क्या पक रहा है, इसका खुलासा जापान के विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी ने किया है। योशिमासा ने दावा किया है कि एशिया में रूसी और चीनी सेनाओं के बीच सहयोग तेजी से बढ़ रहा है और यह पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है। 

उन्होंने कहा कि यूक्रेन में रूस के हमले के मद्देनजर यूरोप की सुरक्षा स्थिति को हिंद-प्रशांत क्षेत्र से अलग नहीं किया जा सकता। स्वीडन में यूरोपीय एवं हिंद-प्रशांत देशों के विदेश मंत्रियों की एक बैठक में हयाशी ने कहा कि यूक्रेन में जंग ने अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की बुनियाद को हिला दिया है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मिलकर इसका जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा, “ अन्यथा अन्य क्षेत्रों से भी इसी तरह की चुनौतियां उभरेंगी और इससे उस व्यवस्था की बुनियाद हिल सकती है, जिस पर हमारी शांति एवं समृद्धि टिकी है।” जापान युद्ध में यूक्रेन का समर्थन करता है, जबकि चीन ने कहा है कि वह तटस्थ रहेगा और उसने संघर्ष को भड़काने के लिए अमेरिका तथा उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) को जिम्मेदार ठहराया है।

दक्षिण चीन सागर में चीन बदल रहा यथास्थिति

हयाशी ने बीजिंग पर पूर्वी और दक्षिण चीन सागरों में ताकत के दम पर यथास्थिति को बदलने के लिए लगातार कोशिश करने और ताइवान के आसपास अपनी सैन्य गतिविधियों को तेज़ करने का आरोप लगाया। हयाशी ने यह भी चेताया कि उत्तर कोरिया, बैलेस्टिक मिसाइलों का परीक्षण कर क्षेत्र में तनाव भड़का रहा है। बैठक में यूरोपीय संघ और हिंद -प्रशांत क्षेत्र के देशों के कई विदेश मंत्रियों ने शिरकत की। इसमें चीन को आमंत्रित नहीं किया गया था। भारत और पाकिस्तान जैसे हिंद-प्रशांत के कुछ देशों ने यूक्रेन में युद्ध को खत्म करने का आह्वान किया है, लेकिन उन्होंने इसके लिए रूस की निंदा नहीं की है। इधर चीन और रूस के बीच तेजी से सैन्य सहयोग बढ़ रहा है, जो यूक्रेन, यूरोप और अमेरिका समेत पश्चिमी और नाटो देशों के लिए बड़े खतरे से कम नहीं है।