शनिवार, 15 जुलाई 2023

Exclusive: चंद्रयान-3 मिशन के लिए ISRO ने किए हैं कई अहम बदलाव, ये रही पूरी जानकारी

Chandrayaan-3, ISRO- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV चंद्रयान-3

नई दिल्ली: कई दिनों के इंतजार और मेहनत के बाद भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी भाग पर अपना झंडा गाड़ने के लिए चंद्रयान-3 लॉन्च कर दिया। शुक्रवार दोपहर 2:35  ISRO का फैट ब्वाय कहा जाने वाला GSLV मार्क-3 रॉकेट चंद्रयान को अंतरिक्ष में लेकर रवाना हुआ। यह पहले पृथ्वी के आर्बिट और उसके बाद चंद्रमा के आर्बिट में चक्कर लगाते हुए, आज से ठीक 41 दिन बाद चंद्रयान-3 की चांद की सतह पर लैंडिंग 24 से 25 अगस्त के बीच होगी। चंद्रयान-3 अपने साथ एक लैंडर, एक रोवर और एक प्रोपल्शन मॉड्यूल लेकर चांद तक जा रहा है। इसका कुल वजन करीब 3,900 किलोग्राम है। 

इससे पहले भी 22 जुलाई 2019 को लॉन्च हुआ था मिशन 

ऐसा नहीं है कि भारत पहली बार चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से पर जाने का प्रयास कर रहा हो। इससे पहले भी 22 जुलाई 2019 को इस मिशन को लॉन्च किया गया। इस दौरान 20 अगस्त को यह यान चांद के ऑर्बिट में सफलतापूर्वक पहुंच गया। लेकिन लैंडर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग के दौरान लैंडर से इसरो का संपर्क टूट गया था और मिशन फेल हो गया था। इस बार ऐसा ना हो इसके लिए मिशन में कई बदलाव किए गए हैं। इंडिया टीवी को प्राप्त हुई  Exclusive जानकारी के अनुसार, ISRO ने इस मिशन के दौरान प्रयोग होने वाले लैंडर के लिए अलग सोलर पैनल भी रखा है।-3

चंद्रयान-2 के असफल होने के बाद हुआ हैं कई बदलाव 

प्राप्त जानकारी के अनुसार, इसरो ने लैंडर के लिए अलग सोलर पैनल लगाने की वजह से वह खुद से उर्जा उत्पादन कर सकेगा, जिससे दिन में भी लैंडिंग हो सके और इसी भी तरह की दिक्कतों का सामना ना करना पड़े। इसके साथ ही  लैंडिंग के समय खतरे और दिक्कतों को पता लगाने के लिए अलग से लैंडिंग कैमरा फीडबैक उपकरण भी भेजा गया है। वहीं इस बार लैंडिंग एल्गोरिदम और इंजन में भी काफी बदलाव किए गए हैं।