गुरुवार, 14 जुलाई 2022

मुजफ्फरनगर : उद्यमी बोले- सेल्स टैक्स से जीएसटी तक पहुंचे पर जटिलता बढ़ी

उद्यमियों और जीएसटी के वरिष्ठ अधिकारियों की संयुक्त बैठक में विभिन्न संगठनों से जुड़े उद्यमियों ने जीएसटी के अपर आयुक्त के समक्ष जीएसटी प्रणाली से आ रही समस्याओं को एक के बाद एक गिनाया। उद्यमियों ने कहा, जीएसटी में डिजिटल सिग्नेचर का खर्च इतना अधिक होता है, जितना वैट प्रणाली में पूरे साल राजस्व भुगतान देते थे।

इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, मुजफ्फरनगर चैप्टर, लघु उद्योग भारती व फेडरेशन आफ मुजफ्फरनगर कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज द्वारा संयुक्त रुप से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर आ रही समस्याओं के समाधान हेतु बैठक आयोजित की गई। मुख्य अतिथि सत्यपाल सिंह अपर आयुक्त (ग्रेड- प्रथम सहारनपुर) व विशिष्ट अतिथि राकेश कुमार यादव ज्वाइंट कमिश्नर (कार्यपालक व कॉर्पोरेट) व शरद शुक्ला (ज्वाइंट कमिश्नर, एस.आई.बी.) मुजफ्फरनगर उपस्थित रहे। लघु उद्योग भारती के जिला महासचिव जगमोहन गोयल ने कहा कि जीएसटी लागू होने के समय ट्रांस-1 दाखिल किए गए थे जो कि विभागीय गलती के कारण कंप्यूटर में नहीं हो रहे हैं, ऐसी स्थिति में लंबित मामलों का निस्तारण जिला स्तर पर किया जाना चाहिए। फेडरेशन आप मुजफ्फरनगर कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष रजनीश कुमार ने कहा कि सेल टैक्स से लेकर जीएसटी तक हम पहुंच गए, हर बार कर प्रणाली में बदलाव के समय सरलीकरण की बात होती थी परंतु जटिलताएं इतनी ज्यादा बढ़ गई कि बिना प्रोफेशनल के उद्यमी कारोबारी कोई भी कार्य नहीं कर पाते। डिजिटल सिग्नेचर का खर्चा इतना है जितना कि वेट में पूरे साल हुआ करता था। लघु उद्योग भारती के मंडलीय अध्यक्ष अनुपम गुप्ता, लघु उद्योग प्रकोष्ठ भाजपा के प्रदेश संयोजक कुश पुरी, आईआईए नेशनल इलेक्ट्रिसिटी कमेटी के सदस्य अश्वनी खंडेलवाल, आईआईए चैप्टर चेयरमैन विपुल भटनागर ने भी विचार रखे।

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