रविवार, 3 जुलाई 2022

आचार्य अभयदेव जी का अवतरण दिवस हर्षोल्लासपूर्वक मनाया

श्री अरविन्द निकेतन आश्रम के संस्थापक आध्यात्मिक योगी एवं स्वतंत्रता सेनानी आचार्य अभयदेव जी का अवतरण दिवस शनिवार को उनके अनुयायियों द्वारा समारोह आयोजित कर हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। उनके चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किये गये। इससे पूर्व गुरुकुल के आचार्यो द्वारा हवन किया गया और ध्यानकक्ष में 30 मिनट का ध्यान-योग किया गया।

मुजफ्फरनगर-थानाभवन मार्ग पर स्थित आध्यात्मिक संस्था में अवतरण दिवस पर आयोजित विचार गोष्ठी में मा.धर्मराज त्यागी ने बताया कि आध्यात्मिक योगी आचार्य अभयदेव का जन्म दो जुलाई 1896को ओवरसियर प. रामप्रसाद के यहां हुआ था। वह पाश्चात्य संस्कृति को दूर कर भारतीय संस्कृति को अपनाने पर जोर देते थे। उन्होंने महर्षि योगी श्री अरविन्द घोष का बड़े पैमाने पर प्रचार किया था। विचार गोष्ठी में सुरेन्द्र भगत ने कहा कि आचार्य अभयदेव अदभुत दैवयीय शक्ति से परिपूर्ण थे। वही देश भक्ति उनके अंदर कूट-कूट कर भरी थी।

देशभक्ति के कारण ही गुरुकुल कांगड़ी हरिद्वार के आचार्य का पद त्यागकर महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में कूद गये थे। डा. अशोक कुमार तोमर ने उनके संकल्पों में पिता व स्वजन के सहयोग की प्रशंसा करते हुए कहा कि असहयोग आंदोलन के दौरान कानपुर जेल में बंद आचार्य जी ने ऐसी वैदिक विनय नामक पुस्तक लिखी जो विद्वानों को भी विचार-विमर्श दे सके। त्यागी सभा के महामंत्री बृह्मप्रकाश ने उनके जीवन पर लिखी कविता सुनायी। समारोह के आयोजक सुबोध त्यागी ने आचार्य जी के जीवन पर प्रकाश डाला और उनके द्वारा लिखी गयी पुस्तकें वैदिक विनय,ब्राह्मण की गौ,वैदिक उपदेश गाथा, वैदिक ब्रहमचर्य गीत,तरंगगीत हृदय,एक योग यात्री आदि की जानकारी देते हुए कहा कि आध्यात्मिक योग की चेतना को जन-जन तक पहुंचाना ही आचार्य जी का मुख्यउद्देश्य था।

कार्यक्त्रम की अध्यक्षता बालकृष्ण गुप्ता व संचालन सुबोध त्यागी ने किया। समारोह में रविदत्त त्यागी,डा. भारत भूषण,आचार्य विनोद कुमार,धर्मराज त्यागी,डा. बुद्धिमान त्यागी,डा.कृष्ण मोहन त्यागी,नन्दकिशोर त्यागी,जसवीर त्यागी,रघुनन्दन त्यागी,देवदत्त,अरविंद कुमार,नरेंद्र त्यागी,सोनू त्यागी,विकास कुमार,अनुज त्यागी आदि उपस्थित रहे।

लेबल: