शुक्रवार, 15 सितंबर 2023

UP में वकीलों की हड़ताल खत्म, सरकार और बार एसोसिएशन के बीच पांच सूत्री मांगों पर समझौता

योगी सरकार ने एडिशनल एसपी हापुड़ को हटाने, दोषी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने, विभिन्न जिलों में अधिवक्ताओं पर दर्ज मुकदमे स्पंज करने समेत पांच सूत्री मांगों पर सहमति दी.
उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में वकीलों पर लाठीचार्ज के विरोध में राज्यभर में चल रही वकीलों की हड़ताल खत्म हो गई है. गुरुवार शाम यूपी बार काउंसिल और शासन के बीच बैठक में कई मामलों पर सहमति बनी. इसमें सरकार ने एडिशनल एसपी हापुड़ को हटाने, दोषी पुलिस कर्मियों को सस्पेंड करने, विभिन्न जिलों में अधिवक्ताओं पर दर्ज मुकदमे स्पंज करने समेत पांच सूत्री मांगों पर सहमति दी.

वहीं एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट पर कमेटी भी गठित होगी. बता दें कि इस बैठक में बार एसोसिएशन यूपी उपाध्यक्ष अनुराग पांडेय, अखिलेश अवस्थी, जानकी शरण पांडेय, प्रदीप कुमार सिंह, प्रशांत सिंह मौजूद रहे. वहीं सरकार के मांगे मानने के बाद अब यूपी के अधिवक्ता कल से काम पर लौटेंगे.

अधिवक्ताओं की हड़ताल वापस
दरअसल हापुड़ में पुलिस की लाठीचार्ज के बाद से पिछले 15 दिनों से पूरे प्रदेश में वकील हड़ताल कर रहे थे.

लेबल:

शुक्रवार, 11 अगस्त 2023

नूह में बुलडोजर एक्शन रोका था, अब हाई कोर्ट की इस बेंच को सुनवाई से क्यों हटा दिया गया?

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab Haryana High Court) की एक बेंच ने 7 अगस्त को नूह और गुरुग्राम में हुई हिंसा पर स्वत: संज्ञान लिया था. कोर्ट ने हिंसा के बाद नूह में लोगों के घर पर की जा रही बुलडोज़र कार्रवाई (Nuh Bulldozer Action) पर रोक लगा दी थी. साथ ही कोर्ट ने हरियाणा सरकार से सवाल किया था कि क्या राज्य जातीय संहार (Ethnic Cleansing) करने की कोशिश कर रहा है? अब इस बेंच को बदल दिया गया है.

लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 10 अगस्त की देर रात हाई कोर्ट की इस बेंच को बदल दिया गया. बेंच एक दिन बाद यानी 11 अगस्त को ही इस मामले की फिर से सुनवाई करने वाली थी. इससे पहले ही बेंच का ट्रांसफर हो गया है. इसमें जस्टिस जी. एस. संधावालिया और जस्टिस हरप्रीत कौर जीवन शामिल हैं. अब जस्टिस अरुण पल्ली और जस्टिस जगमोहन बंसल की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी.

बेंच ने बुलडोज़र एक्शन पर किया था सवाल
जस्टिस जी. एस. संधावालिया और जस्टिस हरप्रीत कौर जीवन की बेंच ने हरियाणा सरकार से पूछा था कि जिन इमारतों पर बुलडोज़र चलाया जा रहा है, क्या वो किसी एक खास समुदाय के लोगों की हैं? क्या सरकार कानून-व्यवस्था की आड़ में ऐसा कर रही है? हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को एक नोटिस भी जारी किया था. कोर्ट ने इसे जारी करते हुए अपने आदेश में कहा था,

"मुद्दा ये भी है कि क्या कानून-व्यवस्था की आड़ में किसी एक खास समुदाय की इमारतों पर बुलडोज़र चलाया जा रहा है? और क्या राज्य सरकार जातीय संहार की कोशिश कर रही है?"

जातीय संहार को अंग्रेज़ी में 'एथनिक क्लिनसिंग' कहा जाता है. इसका मतलब है किसी जगह से एक खास समुदाय को हटाने के लिए बल या धमकी का इस्तेमाल करना. कोर्ट हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज के बयान पर टिप्पणी कर रहा था. इसमें उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार सांप्रादयिक हिंसा की जांच कर रही है और बुलडोज़र ‘इलाज’ का हिस्सा है.


'कानूनी प्रक्रिया के बिना गिराई जा रहीं इमारतें'
कोर्ट ने अंग्रेज़ी के लेखक और इतिहासकार लॉर्ड एक्टन की बात का ज़िक्र करते हुए कहा था कि सत्ता भ्रष्ट करती है और निरंकुश सत्ता आपको पूरी तरह भ्रष्ट कर देती है. बिना किसी नोटिस के लोगों के घर गिराए जा रहे हैं. ज़ाहिर है कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना इमारतों को गिराया जा रहा है.

कोर्ट ने हरियाणा सरकार को हलफनामा दायर करने का आदेश दिया था. इसमें उन्हें बताना था कि नूह और गुरुग्राम में पिछले दो हफ्तों में उन्होंने कितनी इमारतें गिराईं? क्या इससे पहले मकान मालिकों को कोई नोटिस दिया गया था?

हाई कोर्ट के आदेश के बाद, पुलिस डिप्टी कमिश्नर धीरेंद्र खड़गटा ने अधिकारियों को बुलडोज़र की कार्रवाई रोकने के लिए कहा था. नूह में 31 जुलाई को विश्व हिंदू परिषद की बृजमंडल जलाभिषेक यात्रा के दौरान सांप्रदायिक हिसा हुई थी. इसमें 6 लोगों की मौत हुई थी.  

लेबल:

बुधवार, 25 जनवरी 2023

जेएनयू में क्यों-क्या, कब और कैसे हुआ, पांच पॉइंट्स में जानें पूरा घटनाक्रम

विस्तार
जेएनयू में BBC की विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग पर बवाल जारी है। देर रात तक यहां छात्रों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। स्टूडेंट्स का आरोप है कि यहां कैंपस प्रशासन ने पीएम मोदी पर बनी डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन को रोकने के लिए बिजली काट दी और इंटरनेट बंद कर दिया। इसके खिलाफ जब छात्रों ने मार्च निकाला, तो उन पर पत्थरबाजी की गई।  


इन घटनाओं के बीच देर रात छात्रों ने वसंत कुंज पुलिस थाने के बाहर प्रदर्शन किया। बाद में पुलिस की एक टीम जेएनयू कैंपस भी पहुंची और छात्रों की शिकायत दर्ज की। हालांकि, अब तक यह साफ नहीं है कि यह घटनाक्रम में कब, क्या, क्यों और कैसे हुआ। आइये पांच पॉइंट्स में जानते हैं....

जेएनयू में क्या हुआ?
केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी ) की ओर से तैयार डॉक्यूमेंट्री पर बैन लगाया है। यह गुजरात दंगों पर आधारित है। इसमें सीरीज के माध्यम से झूठे नेरेटिव फैलाने का आरोप है। इसी कड़ी में जेएनयू प्रशासन ने भी कैंपस में डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी। इसके बाद भी मंगलवार देर शाम वामपंथी छात्रों के एक गुट ने मोबाइल पर सरकार द्वारा प्रतिबंधित ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की कोशिश की, जिस पर यह बवाल हुआ।

कैंपस में बवाल की शुरुआत कैसे हुई?
छात्रों ने रात नौ बजे स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर के लॉन में डॉक्यूमेंट्री देखने की बात कही थी। लेकिन रात 7:30 बजे अचानक तकनीकी खामी के कारण पूरे कैंपस की बिजली गुल हो गई। छात्रों ने आरोप लगाया कि कैंपस प्रशासन ने इस डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन को रोकने के लिए ही बिजली और इंटरनेट कनेक्शन बंद कर दिया। इसके बाद छात्र नौ बजे मोबाइल पर एक-दूसरे को लिंक साझा करते हुए मोबाइल टार्च की रोशनी में लैपटॉप और मोबाइल पर डॉक्यूमेंट्री देखने लगे। 

यूनिवर्सिटी में क्यों फैला तनाव?
छात्रों का आरोप है कि सीरीज देखने के दौरान अंधेरे में उन पर एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने चेहरा ढककर पथराव भी किया। इनमें से दो छात्रों को उन्होंने पकड़ लिया। जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आयशी घोष का कहना है कि एबीवीपी ने पथराव किया है लेकिन अभी तक प्रशासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया है। दूसरी ओर पथराव को लेकर एबीवीपी से जुड़े छात्रों का कहना है कि क्या आरोप लगाने वाले इन लोगों के पास कोई सबूत है कि हमने पथराव किया? हमने कोई पथराव नहीं किया है। 

कैसे नियंत्रण में की गईं स्थितियां
डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन के बाद स्थितियां बिगड़ती देख विश्वविद्यालय प्रशासन ने पुलिस बुला ली। इससे छात्र नाराज हो गए। इस पूरे वाकये के दौरान छात्रों के एक गुट ने कैंपस से वसंत कुंज तक विरोध मार्च भी निकाला। पुलिस की एक टीम देर रात कैंपस भी पहुंची और छात्रों की शिकायत दर्ज की। इस मामले में अभी तक एफआईआर भी दर्ज नहीं की गई है। पुलिस की ओर से पथराव की पुष्टि नहीं की गई। दिल्ली पुलिस का कहना है कि अगर हमे जेएनयू की तरफ से कोई शिकायत मिलेगी तो जरूरी कार्रवाई की जाएगी। 

छात्रों ने जेएनयू प्रशासन से क्या सवाल पूछे?
छात्रों ने मंगलवार शाम को डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन के एलान के साथ जेएनयू प्रशासन को नोटिस दिया और तीन सवाल भी पूछ लिए। इसमें पहला, विश्वविद्यालय प्रशासन बताएं कि जेएनयू एक्ट में कहां लिखा है कि यदि किसी फिल्म की स्क्रीनिंग होती है तो यह नियमों की अवहेलना है। दूसरा- जेएनयू प्रशासन बताए कि एक्ट में कहां लिखा है कि किसी फिल्म को देखने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन की अनुमति लेने की जरूरत है और तीसरा- जेएनयू प्रशासन ने किस एक्ट के आधार पर छात्रों को यह नोटिस भेजा है। आखिर में छात्रों ने लिखा है कि यहां शामिल होने वाले सभी छात्र अपनी मर्जी से पहुंचे थे। हमारा मकसद किसी को नुकसान या भावनाएं आहत करना नहीं था। हमारा मकसद सिर्फ फिल्म की पटकथा को जानना था, जिसके कारण इस रोक लगाई गई है।  

लेबल:

मंगलवार, 24 जनवरी 2023

पठान की रिलीज से पहले ट्रेंड हुआ Don 3, क्या शाहरुख करेंगे डबल धमाल?

फरहान अख्तर ने अपने प्रोडक्शन हाउस एक्सेल एंटेरटेनमेंट के बैनर तले शाहरुख खान की डॉन और डॉन 2 बनी थी. लंबे समय से कयास लगाए जा रहे हैं कि फरहान और शाहरुख मिलकर डॉन 3 लाने वाले हैं. इस बीच खबर आई है कि फरहान एक नई फिल्म का ऐलान करने जा रहे हैं.

लेबल:

सोमवार, 23 जनवरी 2023

'CM हिमंता ने बताई रात 2 बजे की कॉल की कहानी, मैं शाहरुख खान आपसे बात करना चाहता हूं

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बीच रात 2 बजे हुई बातचीत को लेकर लोगों की उत्सुकता अभी भी बनी हुई है. असम सीएम ने अब इस पूरी बातचीत पर फिर से सफाई दी है. हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा है कि शाहरुख खान ने पहले मैसेज भेजकर उन्हें अपना परिचय दिया और कहा कि वे उनसे बात करना चाहते हैं.

असम सीएम ने कहा कि जब उनके पास मैसेज आया तो वे व्यस्त थे बाद में रात 2 बजे उन्होंने शाहरुख खान से बात की. 

बता दें कि असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने रविवार को ट्वीट कर कहा था कि बॉलीवुड एक्टर शाहरुख खान ने मुझे फोन किया और हम दोनों के बीच बात हुई. असम सीएम के अनुसार इस बातचीत के दौरान शाहरुख खान ने गुवाहाटी में अपनी फिल्म पठान की स्क्रीनिंग के दौरान विरोध प्रदर्शन को लेकर चिंता जताई. असम सीएम ने कहा कि उन्होंने शाहरुख खान को भरोसा दिलाया कि कानून व्यवस्था कायम करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. हम इस मामले की जांच करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि कोई अवांछित घटना न हो.  

असम सीएम का ये बयान इसलिए सुर्खियों में आया कि क्योंकि एक दिन पहले ही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा था कि वे शाहरुख खान को नहीं जानते हैं. पत्रकारों की ओर से बार बार पूछे जाने के बाद भी हिमंता ने कहा था कि वे शाहरुख को नहीं जानते हैं और न ही उनकी फिल्म पठान के बारे में जानते हैं. 

फिल्म पठान से जुड़ा है विवाद

इससे पहले शुक्रवार को गुवाहाटी में बजरंग दल के कुछ लोगों ने एक हॉल के बाहर नारेबाजी की थी और पठान फिल्म के पोस्टर्स जलाए थे. इसी से जुड़ा सवाल पूछे जाने पर सीएम हिमंता ने कहा था कि वे शाहरुख को नहीं जानते हैं. हालांकि हिमंता ने कहा था कि एक्टर शाहरुख खान ने मुझे फोन नहीं किया है, लेकिन कोई परेशानी आने पर बॉलीवुड के कई लोगों ने उन्हें कॉल किया है. हिमंता ने कहा था कि अगर शाहरुख उन्हें फोन करते हैं तो वे इस मामले को गंभीरता से देखेंगे. 

इसके बाद एक्टर शाहरुख खान ने उन्हें फोन किया था. 

शाहरुख खान के कॉल का जवाब देने पर कई लोगों ने सीएम हिमंता से पूछा था कि कुछ ही घंटे पहले वे यह कह रहे थे कि वे शाहरुख को नहीं जानते हैं तो फिर रात 2 बजे वे उनसे कैसे बात कर रहे थे. 

शाहरुख को नहीं अपने जमाने के स्टार्स को जानता हूं

इस सवाल का सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने सोमवार को जवाब दिया. इसके अलावा उन्होंने शाहरुख खान के बारे में जानकारी न होने पर भी सफाई दी. हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, "मैं अपने जमाने के स्टार्स को जानता हूं, मुझे शाहरुख के बारे में जानकारी नहीं है."

शाहरुख ने मैसेज भेज कर परिचय दिया

रात 2 बजे के कॉल के बारे में हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि उन्होंने मुझे मैसेज भेजा और अपना परिचय देकर कहा- "मैं शाहरुख खान हूं और आपसे बात करना चाहता हूं." हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि उस वक्त मेरे पास समय नहीं था. इसलिए बाद में रात 2 बजे हम दोनों के बीच बात और मैंने उन्हें कहा कि पठान सिनेमा को लेकर असम में किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी. सीएम हिमंता ने यह नहीं बताया कि शाहरुख का मैसेज उनके पास कब आया था. 

बता दें कि पठान मूवी 25 जनवरी को रिलीज होने जा रही है. कई हिन्दू संगठन इस फिल्म का विरोध कर रहे हैं. इस लिहाज से राज्य सरकार सिनेमा हॉल को सुरक्षा दे रही हैं. 

लेबल:

ICC अवॉर्ड्स: टी-20 टीम में भारत का दबदबा, सूर्या समेत 3 प्लेयर छाए, महिलाओं ने भी लहराया परचम

इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) द्वारा साल 2022 के अवॉर्ड्स का ऐलान होना शुरू हो गया है. सोमवार को सबले पहले आईसीसी टी-20 इंटरनेशनल टीम ऑफ द ईयर का ऐलान किया गया, जिसमें भारतीय टीम का दबदबा देखने को मिला है. आईसीसी की इस टीम में तीन भारतीय खिलाड़ी शामिल हैं, जिसमें सबसे ज्यादा रन बरसाने वाले सूर्यकुमार यादव का नाम भी है. 

आईसीसी द्वारा साल 2022 के अवॉर्ड्स का ऐलान किया जा रहा है, टी-20 टीम में जगह पाने वालों मे सूर्यकुमार यादव के अलावा विराट कोहली और हार्दिक पंड्या भी हैं. आईसीसी द्वारा इस टीम की कमान जोस बटलर को सौंपी गई है, जिनकी अगुवाई में इंग्लैंड ने टी-20 वर्ल्ड कप जीता था. 

टीम में भारत के 3, पाकिस्तान के 2 इंग्लैंड के 2, न्यूजीलैंड-जिम्बाब्वे-श्रीलंका-आयरलैंड का एक-एक खिलाड़ी है. यानी आईसीसी के इन अवॉर्ड्स में भारतीय टीम का ही जलवा देखने को मिला है, जहां दो बल्लेबाज और एक ऑलराउंडर को जगह दी गई है.

आईसीसी मेंस टी20 इंटरनेशनल टीम ऑफ द ईयर 2022

1.    जोस बटलर (कप्तान, विकेटकीपर) (इंग्लैंड)
2.    मोहम्मद रिजवान (पाकिस्तान)
3.    विराट कोहली (भारत)
4.    सूर्यकुमार यादव (भारत)

5.    ग्लेन फिलिप्स (न्यूजीलैंड)
6.    सिकंदर रजा (जिम्बाब्वे)
7.    हार्दिक पंड्या (भारत)
8.    सैम करेन (इंग्लैंड)
9.    वानिन्दु हसरंगा (श्रीलंका)
10.    हारिस रऊफ (पाकिस्तान)
11.    जोश लिटिल (आयरलैंड)


आपको बता दें कि सूर्यकुमार यादव साल 2022 में टीम इंडिया ही नहीं दुनिया में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे. सूर्यकुमार यादव ने साल 2022 में 31 टी-20 मैच में कुल 1164 रन बनाए, इस दौरान उनके बल्ले से दो शतक भी निकले थे. वहीं विराट कोहली ने भी एशिया कप में शतक जड़ा था, जबकि टी-20 वर्ल्ड कप 2022 में पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई उनकी पारी को टी-20 क्रिकेट की सबसे ऐतिहासिक पारी माना गया. 

सिर्फ पुरुष टीम ही नहीं बल्कि महिला टीम में भी भारतीय खिलाड़ियों का दबदबा रहा है. आईसीसी की वुमेंस टीम ऑफ द ईयर में कुल 4 भारतीय खिलाड़ी शामिल हैं, इनमें स्मृति मंधाना, दीप्ति शर्मा, रेणुका सिंह और ऋचा घोष को आईसीसी ने अपनी टीम में जगह दी है. 

आईसीसी वुमेंस टी20 इंटरनेशनल टीम ऑफ द ईयर 2022

1.    स्मृति मंधाना (भारत)
2.    बेथ मूनी (ऑस्ट्रेलिया)
3.    सोफी डिवाइन (कप्तान, न्यूजीलैंड)
4.    ऐश गार्डनर (ऑस्ट्रेलिया)
5.    ताहिला मेक्ग्रा (ऑस्ट्रेलिया)
6.    निदा डार (पाकिस्तान)
7.    दीप्ति शर्मा (भारत)
8.    ऋचा घोष (विकेटकीपर, भारत)

9.    सोफी एक्लेस्टोन (इंग्लैंड)
10.   इनोका राणावीरा (श्रीलंका)
11.    रेणुका सिंह (भारत)
 

लेबल:

रविवार, 22 जनवरी 2023

PM नेतन्याहू के खिलाफ सड़कों पर उतरे लाखों लोग, जानें क्यों इजराइल में हो रहा सबसे बड़ा प्रदर्शन

इजराइल में एक लाख से अधिक लोग सड़कों पर हैं. ये लोग नेतन्याहू की सरकार के न्यायिक प्रणाली में बदलाव की योजना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. इनका आरोप है कि न्यायिक प्रणाली में बदलाव की योजना से देश के बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांतों को खतरे में डाल दिया है. आरोप है कि सरकार के इस फैसले से कोर्ट की शक्तियां कम होंगी.

इजराइली मीडिया द टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक खिलाफ शनिवार रात एक लाख से अधिक लोग तेल अवीव में सड़कों पर उतर आए और जमकर विरोध प्रदर्शन किया. इसे इजराइल के इतिहास का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन बताया गया है. इसके अलावा यरुशलम, हाइफा, बेर्शेबा, हर्ज़लिया समेत देश भर के कई शहरों में हजारों लोगों ने सड़कों पर रैली भी निकाली.

बता दें कि इससे पहले पिछले हफ्ते भी तेल अवीव में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक तब यहां पर 80 हजार से अधिक लोग प्रदर्शन में शामिल हुए थे. प्रदर्शनों के चलते मध्य तेल अवीव में कई सड़कों को प्रदर्शनकारियों ने बंद कर दिया. जिन्हें हटाने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया.

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि न्याय मंत्री यारिव लेविन द्वारा लाए गए प्रस्तावों से हाईकोर्ट की न्यायिक समीक्षा शक्तियों पर प्रभाव पड़ेगा और जजों की नियुक्ति पर राजनीतिक नियंत्रण होगा, जिससे न्यायपालिका को कमजोर किया जा सकता है.

'जाहिर है कि कुछ गलत हो रहा है'

इजरायली लेखक डेविड ग्रॉसमैन ने भीड़ को संबोधित किया और कहा, "इजरायल की स्थापना इसलिए की गई ताकि दुनिया में एक जगह हो जहां यहूदी लोग घर जैसा महसूस करें. लेकिन अगर इतने सारे इस्राइली अपने ही देश में अजनबी महसूस करते हैं तो जाहिर है कि कुछ गलत हो रहा है. उन्होंने कहा कि अब अन्धकार की घड़ी है. अब खड़े होने और चिल्लाने का समय है कि इस जमीन में हमारी आत्मा बसती है. आज हो भी होता है, वह निर्धारित करेगा कि हम कौन हैं और हमारे बच्चे क्या बनेंगे. क्योंकि अगर इज़राइल अब बदलता है तो जिस उम्मीद से इसे बनाया गया था, भगवान न करे फिर यह निश्चित रूप से खत्म हो जाएगा. 

लोकतंत्र हमेशा तानाशाही को हराएगा: पूर्व रक्षा मंत्री

रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व रक्षा मंत्री और विरोध कर रहे प्रमुख नेतामोशे या'लोन ने प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार को "अपराधियों की तानाशाही" बताया. उन्होंने कहा कि एक राज्य जिसमें प्रधानमंत्री सभी जजों की नियुक्ति करेगा, उसके लिए एक नाम है, तानाशाह. जिस तरह से हमने सीरिया और मिस्र को तबाह करने से रोका, हम नेतन्याहू को भी इजराइल ऐसा करने से रोकेंगे. हमें ऐसा करना ही होगा क्योंकि हम राज्य और उसके भविष्य की परवाह करते हैं. लोकतंत्र हमेशा तानाशाही को हराएगा.

लेबल:

कुश्ती संघ के सभी कामों पर रोक, असिस्टेंट सेक्रेटरी भी सस्पेंड... सरकार के एक्शन से बढ़ेंगी बृजभूषण सिंह की मुश्किलें?

भारतीय कुश्ती महासंघ और पहलवानों के बीच दंगल में खेल मंत्रालय को रेफरी के तौर पर एक्शन में देखा जा रहा है. चार दिन से लगातार खेल मंत्रालय पूरे मामले में एक्टिव है और कड़े फैसले लेने से नहीं हिचक रहा है. शनिवार को खेल मंत्रालय ने फिर दो बड़े फैसले लिए. शाम को WFI के असिस्टेंट सेक्रेटरी विनोद तोमर को अनुशासहीनता के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है. इसके साथ ही पहलवानों के आरोपों की जांच पूरी होने तक WFI की चल रही गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है. खेल मंत्रालय को लगातार कुश्ती महासंघ पर शिकंजा कसते देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि ये एक्शन आने वाले दिनों में WFI अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की मुश्किलें बढ़ने की तरफ संकेत दे रहे हैं. एक दिन पहले ही मंत्रालय ने महासंघ को खास हिदायत भी दी थी.

बता दें कि दिल्ली के जंतर-मंतर पर 18 जनवरी को विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक समेत 30 पहलवानों ने धरना देना शुरू किया था. इनका आरोप था कि महिला पहलवानों का यौन शोषण किया जाता है. उनके साथ अभद्रता की जाती है और परेशान किया जाता है. ये सारे आरोप कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह, कोच और रेफरी पर लगाए गए थे. इस मामले में बुधवार को ही खेल मंत्रालय ने WFI से 72 घंटे में स्पष्टीकरण देने के आदेश दिए थे.

ओलंपिक संघ ने भी बनाई जांच कमेटी

उसके बाद दूसरे दिन पहलवानों ने दिन में खेल मंत्रालय के अफसरों से मुलाकात की. शाम को खेल मंत्री ने डिनर पर बुलाया और बातचीत की. उनकी मांगें सुनने के बाद जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया था. हालांकि, बात नहीं बनने पर पहलवान तीसरे दिन शुक्रवार को भी धरने पर डटे रहे. शाम को भारतीय ओलंपिक संघ ने शिकायतों को गंभीरता से लिया और सात सदस्यीय जांच कमेटी बनाने का फैसला लिया था.

खेल मंत्रालय की निगरानी कमेटी करेगी जांच

इस बीच, देर रात एक बार फिर पहलवानों को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुलाया और मांगों पर चर्चा की. उसके बाद धरना खत्म करने का ऐलान किया गया. खेल मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि हमने सर्वसम्मति से फैसला लिया है कि एक निगरानी कमेटी का गठन किया जाएगा. इसमें शामिल लोगों के नामों की घोषणा शनिवार को की जाएगी. ये कमेटी 4 सप्ताह में अपनी जांच पूरी करेगी और डब्ल्यूएफआई और उसके प्रमुख के खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों की गहन जांच करेगी.

जांच होने तक महासंघ के कार्यों से दूर रहेंगे बृजभूषण

खेल मंत्री ने आगे कहा था कि खिलाड़ियों के आरोपों के बाद हमने WFI को नोटिस भेज दिया था और 72 घंटे के अंदर इसका जवाब मांगा था. अब जांच कमेटी गठित की जा रही है. जांच पूरी होने तक कुश्ती संघ के अध्यक्ष दैनिक कार्यों से दूर रहेंगे और वह जांच में सहयोग करेंगे. WFI के अफसर जांच में पूरा सहयोग करेंगे.

बृजभूषण का समर्थन करने पर सेक्रेटरी सस्पेंड

हालांकि, इस घोषणा के दूसरे ही दिन शनिवार को कुश्ती महासंघ के सेक्रेटरी विनोद तोमर का बयान आ गया. उन्होंने खुलकर बृजभूषण शरण सिंह का पक्ष लिया और कहा- फेडरेशन के ज्यादातर लोग बृजभूषण शरण सिंह के साथ हैं और व्यक्तिगत तौर पर भी मुझे खिलाड़ियों के आरोप सही नहीं लगते. जांच की रिपोर्ट आने तक बृजभूषण शरण सिंह फिलहाल इस मामले में कुछ नहीं कहेंगे और उसी के बाद आरोपों को लेकर के अपनी बात सामने रखेंगे. 

विनोद तोमर ने आगे कहा- बृजभूषण अध्यक्ष के पद पर अभी भी काबिज हैं, लेकिन जांच चलने तक खुद को किसी भी आधिकारिक काम से दूर रखेंगे. कल होने वाली जनरल बॉडी की मीटिंग में वह अपने स्टेटस को बताएंगे और देशभर के प्रतिनिधियों के बीच इस विषय पर भी चर्चा होगी.

एक्शन में देखा जा रहा है खेल मंत्रालय

तोमर के इस बयान से एक बार फिर माहौल गरमा गया. खेल मंत्रालय ने तत्काल बयान को संज्ञान में लिया और सस्पेंड कर दिया. मंत्रालय का कहना था कि हमने विनोद तोमर की भूमिका समेत WFI के कामकाज के बारे में रिपोर्टों पर ध्यान दिया. इन रिपोर्ट में मंत्रालय ने पाया कि विनोद तोमर की मौजूदगी अनुशासन के हिसाब से अनुचित है. खेल मंत्रालय ने स्पोर्ट्स कोड 2011 (अनुबंध-IX) के प्रावधानों के मुताबिक सहायक सचिव विनोद तोमर को तत्काल निलंबित करने का फैसला किया है.

इस फैसले के बाद खेल मंत्रालय ने एक और आदेश जारी किया और कहा- खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ को सूचित किया है कि एथलीटों की तरफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं. इस मामले की जांच के लिए सरकार ने एक निगरानी समिति नियुक्त करने का फैसला लिया है. ऐसी स्थिति में जब तक निगरानी समिति औपचारिक रूप से नियुक्त नहीं हो जाती और WFI के दिन-प्रतिदिन के कामकाज को संभाल नहीं लेती है, तब तक महासंघ अपनी सभी चल रही गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करेगा. 

गोंडा में रैंकिंग टूर्नामेंट भी रद्द किया गया

खेल मंत्रालय ने आगे कहा- सभी गतिविधियों को तत्काल निलंबित करने के निर्देश के मद्देनजर WFI को गोंडा (यूपी) में चल रहे रैंकिंग टूर्नामेंट को भी रद्द करना होगा. मंत्रालय ने इस आयोजन में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों से लिए गए प्रवेश शुल्क को वापस करने के निर्देश दिए हैं. खेल मंत्रालय ने एक अन्य फैसले में WFI के सहायक सचिव विनोद तोमर को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश जारी किया है ताकि WFI का सुचारू संचालन सुनिश्चित किया जा सके.

WFI ने यौन उत्पीड़न के आरोपों को ठहराया गलत 

बताते चलें कि कुश्ती महासंघ ने खेल मंत्रालय को अपना जवाब भेज दिया है. WFI ने इन आरोपों को बड़ी साजिश करार दिया है. भारतीय कुश्ती महासंघ ने अध्यक्ष बृजभूषण के खिलाफ गलत व्यवहार और यौन उत्पीड़न के आरोपों को झूठ बताया है. इसके साथ ही WFI ने पहलवानों को लेकर सवाल उठाए और महासंघ के तत्वावधान में आयोजित टूर्नामेंटों के बारे में जानकारी शेयर की है. 

यौन उत्पीड़न के आरोपों पर दिए ये तर्क

WFI ने यौन उत्पीड़न के आरोपों के संबंध में सरकार को जो जानकारी दी है, उसमें कुछ तर्क भी दिए हैं और कहा- महासंघ में एक यौन उत्पीड़न कमेटी एक्टिव है. अगर ऐसा घटित हुआ तो उसे कभी कोई शिकायत क्यों नहीं मिली है. आगे कहा- यौन उत्पीड़न कमेटी के सदस्यों में से एक नाम साक्षी मलिक का है. वे विरोध प्रदर्शनों के प्रमुख चेहरों में से एक हैं. WFI ने ये भी दावा किया है कि विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व किया जा रहा है और एक विशेष राज्य (हरियाणा) के पहलवान इसमें शामिल हो रहे हैं. इसके अलावा, विरोध निहित स्वार्थों से प्रेरित हैं, क्योंकि WFI के चुनाव इस साल के अंत में होने वाले हैं.

बजरंग पुनिया बोले- निष्पक्ष जांच की उम्मीद 

पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा कि हमें विश्वास है कि निष्पक्ष जांच होगी. पूनिया ने कहा कि केंद्रीय खेल मंत्री ने हमारी मांगों को सुना और उचित जांच का आश्वासन दिया. मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं और हमें उम्मीद है कि निष्पक्ष जांच होगी. इसलिए हम अपना विरोध प्रदर्शन वापस ले रहे हैं. इसके साथ ही खिलाड़ी ने कहा कि पहले भी WFI अध्यक्ष की तरफ़ से खिलाड़ियों को धमकी मिली है. उसको लेकर भी हमें आश्वासन मिला है.

22 जनवरी को मीडिया से बात करेंगे बृजभूषण 

WFI अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने आरोपों को लेकर पहले ही दिन सफाई थी. उन्होंने कहा था कि ये आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं. वह जांच की मांग करते हैं. अगर दोषी पाए जाते हैं तो फांसी पर चढ़ने के लिए तैयार हैं. एक दिन पहले उनके बेटे प्रतीक सिंह ने बताया कि वह (बृज भूषण शरण सिंह) WFI की वार्षिक आम बैठक में 22 जनवरी को मीडिया को संबोधित करेंगे. हमने खेल मंत्रालय को आधिकारिक जवाब दे दिया है. हमारी एनुअल मीट अयोध्या में होगी. बृजभूषण यूपी के गोंडा जिले की कैसरगंज लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद हैं. बृजभूषण छह बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं.

लेबल:

शनिवार, 21 जनवरी 2023

'जैकलीन से जलती थी नोरा, चाहती थी उसे छोड़ दूं', महाठग सुकेश का नया लेटर आया सामने

200 करोड़ रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर ने एक और सनसनीखेज दावों के साथ चिट्ठी लिखी है. सुकेश ने इस बार ये चिट्ठी नोरा फतेही और जैकलीन फर्नांडीज के बीच विवाद को लेकर लिखी है. सुकेश ने दावा किया है कि नोरा फतेही ने आर्थिक अपराध ब्यूरो (EOW) के सामने अपना बयान बदला था. सुकेश ने ये भी कहा कि नोरा चाहती थी कि मैं जैकलीन को छोड़ दूं. मेरे मना करने के बाद भी नोरा मुझे परेशान करती रही. 

सुकेश ने चिट्ठी में आगे लिखा- जैकलीन और मैं गंभीर रिश्ते में थे. यही वजह है कि नोरा, जैकलीन से जलती थी. मुझे जैकलीन को लेकर भड़काती थी और मेरा ब्रेनवॉश कर रही थी. नोरा चाहती थी कि मैं जैकलीन को छोड़ दूं. सुकेश ने आगे लिखा है कि निक्की तम्बोली और चाहत खन्ना केवल पेशेवर सहयोगी थे और मेरे प्रोडक्शन में काम करने वाले थे.

सुकेश ने कहा कि नोरा चाहती थी कि मैं जैकलीन को छोड़ दूं और उसके साथ डेटिंग करना शुरू कर दूं, नोरा मुझे दिन में कम से कम 10 बार कॉल करने की कोशिश करती थी और अगर मैं उसकी कॉल का जवाब नहीं देता था तो वह मुझ पर फोन करते रहने के लिए दबाव डालती थी.

पत्र में सुकेश चंदशेखर ने फिल्म ऐक्ट्रेस नोरा फतेही के जैकलीन पर लगाए गए आरोपों को मनगढ़ंत बताया है. सुकेश ने नोरा पर आरोप लगाते हुए कहा की ED के सामने और EOW के सामने नोरा ने अलग-अलग बयान दिए जिससे साबित होता है वो अपने दिमाग से कहानी बना रही हैं. नोरा ने झूठ कहा कि वो मेरे से कार नहीं लेना चाहती थीं. वो सबसे बड़ा झूठ है. नोरा जब मुझ से मिली थी तब उसके पास महंगी कार नहीं थी. लेकिन मैंने और उसने मिलकर एक लग्जरी कार सिलेक्ट की जिसका स्क्रीन शॉट्स ED के पास है.

इसलिए नोरा झूठ ना बोलें. सच्चाई यह है कि मैं उसे रेंज रोवर देना चाहता था. पर वो स्टॉक में नहीं थी. इसलिए मैंने उसे S सीरीज BMW कार गिफ्ट दी जो उसने लंबे वक्त तक अपने पास रखी. सुकेश ने कहा- नोरा मुझे महंगे बैग और ज्वेलरी की पिक्चर भेजती थी. जो मैंने उसे गिफ्ट्स दिए हैं. वो अब तक उन्हें इस्तेमाल कर रही है. नोरा को मैंने करीब 2 करोड़ के गिफ्ट्स दिए, इसलिए वो उनका बिल नहीं दिखा सकती कभी कि वो उसने खरीदे हैं. निकी तंबोली और चाहता खन्ना से मेरे सिर्फ प्रोफेशनल रिश्ते थे, और दोनों मेरे प्रोडक्शन में एक्टिंग करने वाली थीं.


जानिए पूरी चिट्ठी में सुकेश ने क्या-क्या लिखा है...

मुझे यकीन है कि मीडिया में प्रकाशित बयानों को पढ़ने के बाद सभी की धारणाएं होंगी, लेकिन मैं यहां कुछ बातों का भी उल्लेख करूंगा, जो यह बताएंगी कि तथाकथित गवाह अभिनेत्री ने कैसे झूठ बोला और कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग किया. बिंदुवार मैं इसका जिक्र करूंगा और बताऊंगा कि उन्होंने कैसे झूठ बोला है...

1. नोरा- वह पहले ईडी के सामने एक अलग बयान देती है जो अदालत में स्वीकार्य है और एक सबूत भी है. बाद में अब ईओ और एक मजिस्ट्रेट के सामने पूरे बयान को बदल देती हैं और नई कहानियां बनाई जाती हैं. उसी को बहुत अच्छी तरह से सत्यापित किया जा सकता है और ईडी और अब ईओडब्ल्यू की चार्जशीट के साथ तुलना की जा सकती है. यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि नोरा कैसे हेरफेर कर रही हैं और दुर्भावनापूर्ण दिमाग से गुमराह कर रही हैं.

नोरा का दावा है कि उसे कार नहीं चाहिए थी या उसने इसे अपने लिए नहीं लिया, यह एक बहुत बड़ा झूठ है, क्योंकि वह मेरी जान के पीछे पड़ी थी कि CLA के रूप में कार बदलनी है. वह बहुत सस्ती लग रही है. इस बारे में चैट और स्क्रीनशॉट भी सुरक्षित हैं. कोई झूठ नहीं है. वास्तव में मैं उसे रेंज रोवर देना चाहता था, लेकिन कार स्टॉक में उपलब्ध नहीं थी. वह अर्जेंट में चाहती थी, मैंने उसे बीएमडब्ल्यू एस सीरीज दी, जिसे वह लंबे समय तक इस्तेमाल करती रही, क्योंकि वह एक गैर-भारतीय थी. उसने मुझे अपने सबसे अच्छे दोस्त के पति बॉबी के नाम पर इसका रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कहा. मेरे और नोरा के बीच कभी कोई पेशेवर लेन-देन नहीं हुआ, जैसा कि वह दावा कर रही है कि उसने मेरे फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लिया, जिसके लिए उसकी एजेंसी को आधिकारिक भुगतान किया गया था.

जैसा कि मैं और जैकलीन एक गंभीर रिश्ते में थे, मैंने नोरा से बचना शुरू कर दिया, लेकिन वह फोन करके मुझे दबाव डालती रही और साथ ही मुझे एक म्यूजिक प्रोडक्शन कंपनी स्थापित करने में बॉबी की मदद करने के लिए कहती रही, जो मैंने किया. साथ ही वह मुझे हर्मेस की कई तस्वीरें भेजती रही. बैग और गहने जो वह चाहती थी, जो मैंने उसे दिए, जिसे वह आज तक इस्तेमाल कर रही थी, उसे हेमीज बैग का एक बिल पेश करने के लिए कहें जो उसके पास नहीं है. बैग 2 करोड़ से ज्यादा ज्यादा कीमती हैं. 

आज वह बात करती है कि मैंने उसे एक घर देने का वादा किया था, लेकिन उसने मोरक्को के कैसाब्लांका में अपने परिवार के लिए एक घर खरीदने के लिए पहले ही मुझसे एक बड़ी राशि ले ली है,  उसके द्वारा ये सभी नई कहानियां 9 महीने पहले ईडी के बयान के बाद कानून से बचने के लिए तैयार की गई हैं.

2. निक्की तंबोली, चाहत खन्ना - इन महिलाओं के साथ मेरा जुड़ाव सिर्फ पेशेवर था क्योंकि वे LS फिल्म बैनर के तहत मेरे प्रोडक्शन में अभिनय करने वाली थीं, मेरा कोई रोमांटिक जुड़ाव नहीं था जैसा कि उनके द्वारा नया आरोप लगाया गया था. 9 महीने पहले ईडी के सामने उनका बयान था पूरी तरह से अलग है जिसे मीडिया द्वारा यह निश्चित करने के लिए देखा जा सकता है कि मैं हूं या नहीं. ईओडब्ल्यू के सामने उनका यह नया बयान केवल खुद को बचाने और मीडिया में पब्लिसिटी हथियाने के लिए है. मुझे सच्चाई से सहमत होने में कोई डर नहीं है, लेकिन यह नई कहानी 9 महीने बाद बहुत मजेदार है, मैं मीडिया से इसकी पुष्टि करने की अपील करता हूं. ईडी की चार्जशीट स्टेटमेंट और अब ईओडब्ल्यू की नई चार्जशीट स्टेटमेंट जिससे साफ पता चलेगा कि ये दोनों निक्की और चाहत कैसे झूठ बोल रही हैं.

जो प्रोजेक्ट बन रहा था, उसके लिए निक्की, चाहत, सोफिया को एडवांस में भुगतान दिया गया, इसलिए निक्की, चाहत और सोफिया, इस सस्ते टोटके को मत आजमाइए और मैं आपको चुनौती देता हूं, कृपया एक भी सबूत या व्हाट्सएप चैट सामने लाएं या कॉल रिकॉर्ड बताएं. कृपया सबूत को खुले तौर पर साबित करें. मैं वास्तव में आपको चुनौती देता हूं. और चाहत, आप एक बच्चे की मां हैं, आप इस घटिया हरकत में क्यों लिप्त हो रही हैं कि मैं आपके साथ रहना चाहती हूं या जो भी हो, आपकी नई कहानी कृपया अपने दावे को साबित करने के लिए सबूत लेकर आएं. मैं आपको हर्जाने के तौर पर '100 करोड़' दूंगा. मैं आपको चुनौती देता हूं, अदालत को गुमराह न करें क्योंकि आपने ईडी के सामने एक अलग बयान दिया है और अब ईओडब्ल्यू के सामने एक नई कहानी है, यह कोई बच्चों का खेल नहीं है, वैसे भी अगर आपका एक भी दावा सही है तो कृपया बीच में एक चैट भी पेश करें हमें खुले में. मैं आपको चुनौती देता हूं, और मैं अपनी चुनौती पर कायम रहूंगा. अगर आप इसे साबित करते हैं तो मैं कुछ भी हार जाऊंगा.

3. अब जैकलीन - उन्होंने जो कुछ भी कहा है, उसके बारे में मैं कुछ भी टिप्पणी या कहना नहीं चाहता, केवल इसलिए कि वह वो हैं जिसे मैं प्यार और सम्मान देता हूं, और वह हमेशा मेरे जीवन का हिस्सा हैं, कोई है जो मेरा दिल रखता है और जो कुछ भी उसे सही और खुश महसूस कराता है वह कर सकती हैं. मैं कभी भी उसका विरोध नहीं करूंगा, क्योंकि मुझे पता है कि इस पूरे प्रकरण ने उस पर कितना असर डाला है और जैसा कि मैंने पहले भी कहा है कि यह सुनिश्चित करना मेरी जिम्मेदारी है कि वह इससे बाहर है. इस पूरे झंझट से उसका कोई लेना-देना नहीं है, मेरे चाहने वालों ने मुझ पर दबाव बनाने के लिए ही परेशान किया है, और अब जल्द ही यह साबित हो जाएगा. उसने हाल ही में ईओडब्ल्यू के सामने जो कुछ भी बताया है, मुझे यकीन है कि उसके पास उसके कारण हैं, लेकिन फिर से नहीं. चाहे जो भी हो मैं उसके साथ खड़ा रहूंगा और उसकी बेगुनाही साबित करूंगा, जैकलीन के अलावा अगर कोई मूर्ख बनाने की कोशिश करता है तो मैं कानूनी लड़ाई लड़ूंगा और उनके झूठ को साबित करूंगा. जैकलीन ने जो कुछ भी कहा है, इसलिए नहीं कि यह सच है, बल्कि मैं उसे बहुत प्यार करता हूं और वह जानती है कि हम क्या साझा करते हैं, आप हमेशा किसी ऐसे व्यक्ति के लिए गोली खा सकते हैं जिससे आप प्यार करते हैं, इसलिए मैं कुछ भी टिप्पणी या कहना नहीं चाहता.


लेबल:

'जांच पूरी होने तक बृजभूषण WFI के कार्यों से रहेंगे अलग', पहलवानों के साथ 7 घंटे चली मीटिंग के बाद बोले खेल मंत्री

भारतीय कुश्ती फेडरेशन के अध्यक्ष के खिलाफ धरने पर बैठे खिलाड़ियों ने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात की. मीटिंग खत्म होने के बाद खेल मंत्री और खिलाड़ियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. खेल मंत्री ने कहा कि हमने सर्वसम्मति से फैसला लिया है कि एक निगरानी कमेटी का गठन किया जाएगा. इसमें शामिल लोगों के नामों की घोषणा कल की जाएगी. ये कमेटी 4 सप्ताह में अपनी जांच पूरी करेगी और डब्ल्यूएफआई और उसके प्रमुख के खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों की गहन जांच करेगी.

इस दौरान केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि हम बीते 7 घंटों से बात कर रहे हैं. सभी पहलवानों ने कुश्ती संघ पर लगाए गए आरोपों के बारे में बताया, हमने उनकी सभी मांगें सुनी. खिलाड़ियों के आरोपों के बाद हमने WFI को नोटिस भेज दिया था और 72 घंटों के अंदर इसका जवाब मांगा था. उन्होंने कहा कि कमेटी की जांच पूरी होने तक कुश्ती संघ के अध्यक्ष दैनिक कार्यों से दूर रहेंगे और वह जांच में सहयोग करेंगे. कमेटी की जांच रिपोर्ट चार हफ्तों में आएगी. 

बजरंग पूनिया बोले- निष्पक्ष जांच की उम्मीद

वहीं इस दौरान पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा कि हमें विश्वास है कि निष्पक्ष जांच होगी. पूनिया ने कहा कि केंद्रीय खेल मंत्री ने हमारी मांगों को सुना और उचित जांच का आश्वासन दिया. मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं और हमें उम्मीद है कि निष्पक्ष जांच होगी. इसलिए हम अपना विरोध प्रदर्शन वापस ले रहे हैं. इसके साथ ही खिलाड़ी ने कहा कि पहले भी WFI अध्यक्ष की तरफ़ से खिलाड़ियों को धमकी मिली है. उसको लेकर भी हमें आश्वासन मिला है. 

बीते 3 दिन से धरने पर हैं खिलाड़ी

बता दें कि दिल्ली में जंतर-मंतर पर तीन दिन से पहलवान धरना दे रहे हैं. बुधवार को भारतीय पहलवान विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक समेत 30 पहलवानों ने कुश्ती महासंघ और उसके अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला था. खिलाड़ियों का कहना था कि महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण किया जाता है. उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है. WFI अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह सरेआम पहलवानों के साथ अभद्रता करते हैं. गाली-गलौज की जाती है. पहलवानों का दावा है कि कुश्ती महासंघ नियमों के नाम पर रेसलर्स का उत्पीड़न कर रहा है. पहलवानों ने कुश्ती महासंघ को भंग करने की मांग उठाई है. 

खेल मंत्रालय ने 72 घंटों में मांगा था जवाब

खेल मंत्रालय ने बुधवार रात ही कुश्ती महासंघ को स्पष्टीकरण देने के आदेश दिए थे और 72 घंटे के अंदर जवाब देने के लिए कहा था. लखनऊ में 18 जनवरी से होने वाले कैंप को रद्द कर दिया था. दिल्ली महिला आयोग ने भी मामले में संज्ञान लिया और खेल मंत्रालय को नोटिस भेजा था. शुक्रवार को तीसरे दिन कुश्ती महासंघ ने खेल मंत्रालय को अपना ऑफिशियल जवाब भेज दिया है.  

22 जनवरी को मीडिया से बात करेंगे बृजभूषण

बृजभूषण शरण सिंह के बेटे प्रतीक सिंह ने बताया कि वह (बृज भूषण शरण सिंह) WFI की वार्षिक आम बैठक में 22 जनवरी को मीडिया को संबोधित करेंगे. हमने खेल मंत्रालय को अपना आधिकारिक बयान दे दिया है. जब तक हमारी एनुअल मीट नहीं हो जाती, तब तक मीडिया में कोई बयान नहीं देंगे. ये बैठक 22 तारीख को अयोध्या में होगी. माना जा रहा है कि बृजभूषण एनुअली मीटिंग में अपना पक्ष रखेंगे और आगे की स्थिति साफ करेंगे. बृजभूषण के बेटे प्रतीक भूषण गोंडा से बीजेपी के विधायक हैं. जबकि बृजभूषण यूपी के गोंडा जिले की कैसरगंज लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद हैं. बृजभूषण छह बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं. 

आरोपों की जांच करेगी 7 सदस्यों की कमेटी 

कुश्ती महासंघ और पहलवानों के बीच विवाद में भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने बड़ा फैसला लिया है. IOA ने WFI प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए सात सदस्यीय कमेटी गठित की है. इस कमेटी में चार महिला और तीन पुरुष सदस्य हैं. महिला अध्यक्ष होंगी. दो अधिवक्ता में एक पुरुष और एक महिला होंगी. दो IOA पदाधिकारी और दो NSF के प्रतिनिधि शामिल होंगे. कमेटी की अध्यक्षता एमसी मैरी कॉम करेंगी. उपाध्यक्ष अलकनंदा अशोक होंगी. इसके अलावा, सदस्य के रूप में सहदेव यादव, डोला बनर्जी, योगेश्वर दत्त का नाम है. अधिवक्ता सदस्य में श्लोक चंद्र और तलिश रे होंगी. जांच को लेकर कोई समय-सीमा तय नहीं की गई है. 

लेबल:

शुक्रवार, 20 जनवरी 2023

बृजभूषण सिंह पर लगे आरोपों की जांच करेगी 7 सदस्यों की कमेटी, मैरी कॉम-योगेश्वर दत्त भी शामिल

कुश्ती महासंघ और पहलवानों के बीच विवाद में भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने बड़ा फैसला लिया है. IOA ने WFI प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए सात सदस्यीय कमेटी गठित की है. इस कमेटी के सदस्यों में मैरी कॉम, डोला बनर्जी, अलकनंदा अशोक, योगेश्वर दत्त, सहदेव यादव और 2 अधिवक्ताओं के नाम शामिल हैं.

IOA ने शु्क्रवार एक बड़ी बैठक बुलाई थी. सूत्रों के मुताबिक, IOA का कहना था कि ये एक गंभीर मामला है. हम मामले की जांच करने जा रहे हैं. हम सभी संबंधित पक्षों को बुलाएंगे. IOA के सदस्य सहदेव यादव भी जांच कमेटी में हैं. जांच को लेकर कोई समय-सीमा तय नहीं की गई है.

इससे पहले खेल मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ और उसके अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को 72 घंटे में स्पष्टीकरण देने के आदेश दिए थे. हालांकि, शुक्रवार को बृजभूषण शरण सिंह की तरफ से जवाब दाखिल कर दिया गया है. इस संबंध में बृजभूषण के बेटे प्रतीक भूषण सिंह ने जानकारी दी है. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल ने भी एक नोटिस जारी किया था.

(रिपोर्ट- नितिन श्रीवास्तव)

 

लेबल:

कुश्ती महासंघ और पहलवानों के बीच आर-पार का दंगल, बृजभूषण देंगे इस्तीफा या जाएगी कुर्सी?

कुश्ती महासंघ और पहलवानों के बीच आर-पार का दंगल शुरू हो गया है. गुरुवार को दूसरे दिन पहलवानों की लड़ाई निर्णायक मोड़ पर पहुंचती दिख रही है. देर रात केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के बुलावे पर धरना देने वाले पहलवान उनके सरकारी आवास पर पहुंचे. यहां पहलवानों के साथ खेल मंत्री ने डिनर किया. रात 10 बजे शुरू हुई बैठक देर रात करीब पौने दो बजे तक चली. हालांकि आज फिर से खेल मंंत्री और खिलाड़ियों के बीच बैठक होगी. 

सूत्रों के मुताबिक, कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को फोन किया गया और 24 घंटे के अंदर इस्तीफा देने का आदेश सुनाया दिया गया है. हालांकि, बृजभूषण शरण सिंह अभी इस्तीफा देने को तैयार नहीं हैं. उनका कहना है कि वे खेल महासंघ की 22 जनवरी को आयोजित इमरजेंसी बैठक के बाद आगे का निर्णय लेंगे. फिलहाल, ये जंग अभी थमते नहीं दिख रही है. माना जा रहा है कि अगर बृजभूषण तय समय में इस्तीफा नहीं देते हैं तो पद से हटा दिया जाएगा.

बताते चलें कि बुधवार को भारतीय पहलवान विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक समेत 30 पहलवानों ने कुश्ती महासंघ और उसके अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला और विरोध-प्रदर्शन किया. खिलाड़ियों का कहना था कि महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण किया जाता है. उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है. WFI अध्यक्ष सरेआम पहलवानों के साथ अभद्रता करते हैं और गाली-गलौज करते हैं. पहलवानों का दावा है कि कुश्ती महासंघ नियमों के नाम पर रेसलर्स का उत्पीड़न कर रहा है. पहलवानों ने कुश्ती महासंघ को भंग करने की मांग उठाई है. वहीं, आरोपों पर बृजभूषण शरण सिंह ने सफाई दी और कहा कि अगर आरोप सही साबित हुए तो मैं फांसी पर लटकने के लिए तैयार हूं. इस घटनाक्रम के बाद खेल मंत्रालय ने बुधवार रात ही कुश्ती महासंघ को स्पष्टीकरण देने के आदेश दिए और 72 घंटे के अंदर जवाब देने के लिए कहा. लखनऊ में 18 जनवरी से होने वाले कैम्प को रद्द कर दिया गया. दिल्ली महिला आयोग ने भी मामले में संज्ञान लिया और खेल मंत्रालय को नोटिस भेजा. 

'हिम्मत है तो दो मिनट सामने बैठकर दिखाएं बृजभूषण'

दूसरे दिन गुरुवार को फिर पहलवानों ने मोर्चा खोला और बृजभूषण शरण सिंह पर कार्रवाई की मांग तेज कर दी. दूसरे दिन धरनास्थल पर पहलवानों की संख्या भी बढ़ गई. इस बीच, खेल मंत्रालय ने पहलवानों के एक प्रतिनिधिमंडल को मुलाकात के लिए बुलाया और उनकी मांगें सुनी. शाम को पहलवानों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बृजभूषण शरण सिंह की सफाई पर सीधे तौर पर हमला किया और कहा- अगर उनमें हिम्मत है तो 2 मिनट सामने बैठकर दिखाएं. यहां 6 महिला पहलवान ऐसी हैं, जिनके साथ यौन शोषण हुआ है और वो सबूत के साथ सामने आने के लिए तैयार हैं. हालांकि, हम कुश्ती का भविष्य खराब नहीं करना चाहते हैं.

खेल मंत्री के आवास पर डिनर करने पहुंचे पहलवान

वहीं, शाम को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर भी मीडिया के सामने आए और पहली बार बातचीत में साफ कहा कि मामला गंभीर है. आरोपों के बारे में जानकारी ली है. आज पहलवान को डिनर पर बुलाया है. उनकी समस्याओं को सुनेंगे और जरूरी कदम भी उठाएंगे. देर रात जब पहलवानों खेल मंत्री के आवास पर पहुंचे और मुलाकात कर मांगें सुनाईं.रात करीब पौने दो बजे तक बैठक हुई. सूत्रों ने बताया कि पहलवानों से बातचीत बहुत अच्छी रही. आज सुबह एक बार फिर खेल मंत्री अनुराग ठाकुर पहलवानों के साथ बैठक करेंगे. शिकायतकर्ता पहलवान सरकार द्वारा दिए गए प्रस्तावों पर अपना पक्ष आपसी चर्चा के बाद रखेंगे.

24 घंटे के अंदर इस्तीफा देने का आदेश

सूत्रों के मुताबिक, खेल मंत्रालय की तरफ से तत्काल कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष को फोन किया गया और इस्तीफा देने का आदेश सुना दिया. इसके लिए 24 घंटे का समय दिया गया है. कहा जा रहा है कि बृजभूषण शरण सिंह अपने रुख पर कायम रहे तो खेल मंत्रालय कड़ा एक्शन लेगा और कुर्सी छीन सकता है. वहीं, सूत्रों ने यह भी बताया है कि बृजभूषण ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है. इससे पहले दोपहर में बृजभूषण शरण सिंह ने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से फोन पर बात की है और आरोपों पर सफाई दी.

विनेश

अनुराग ठाकुर के आवास पर ये पहलवान पहुंचे थे...

बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बबीता फोगाट, सत्यव्रत, अंशु मलिक, रवि दहिया.

ये पहलवान धरनास्थल पर डटे...

बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट, आशु मलिक, साक्षी मलिक, सतवर्त काद्यान, अंतिम पंघाल, सुमित, सुरजीत मान, सितंदर मोखरिया, रवि दहिया, दीपक पुनिया, संगीता फोगट, सरिता मोर, सोनम मलिक, महावीर फोगाट, सत्य राणा, कुलदीप मलिक.

पहलवानों के समर्थन में खाप पंचायतें

पहलवानों के समर्थन में खाप पंचायतें दिल्ली कूच करेंगी. पंचायत खापों ने सरकार को सीधे रूप से चेतावनी दी और मांग की है कि कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पर एफआईआर दर्ज हो और सरकार उनको तुरंत बर्खास्त करें. अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो पूरे हरियाणा की खाप पंचायतें एकजुट होकर खिलाड़ियों की मांगों को मनवाने के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ेंगी.

क्या बोले पहलवान...

- विनेश फोगाट ने कहा- हमारे पास यहां ऐसी पीड़िताएं हैं, जिनका शोषण हुआ है और वो सबूत के साथ बैठी हैं. अगर कार्रवाई नहीं हुई तो 4-5 महिला पहलवान मामले में एफआईआर दर्ज कराएंगी. अगर हम जैसे पहलवानों के साथ ऐसा हो रहा है तो बाकी लड़कियां कितनी सुरक्षित हैं. हिंदुस्तान में एक भी लड़की पैदा नहीं होनी चाहिए, अगर हम भी सुरक्षित नहीं हैं तो. उन्होंने आगे कहा- हमारे आरोप सच्चे हैं. हमें सामने आने के लिए मजबूर ना किया जाए. अगर मजबूर किया गया तो ये कुश्ती को दुर्भाग्य होगा. हम पीएम से उम्मीद करते हैं कि मांगों पर ध्यान दिया जाएगा.
- विनेश ने आगे कहा- आरोप झूठे नहीं हैं. हमारे पास सबूत भी हैं और वो पीड़िताएं भी हैं. हम अध्यक्ष को इस्तीफा लेने के साथ उनको जेल में डलवाएंगे. हम फेडरेशन को बंद करवाने की मांग कर रहे हैं. ये फेडरेशन रहेगा तो उनके लोग काम करेंगे और फिर परेशान करेंगे. अध्यक्ष को हमारे सामने लेकर आईए. दो मिनट मेरे सामना नहीं कर पाएंगे.
- गीता फोगाट ने कहा कि हमारे देश के पहलवानो ने बहुत हिम्मत का काम किया है. फेडरेशन में जो खिलाड़ियों के साथ होता है, उस सच को सामने लाने का ओर हम सब देशवासियों का फर्ज बनता है. इस सच की लड़ाई में खिलाड़ियों का साथ देने का ओर उनको न्याय दिलाने का. 
- बजरंग पुनिया ने कहा कि आज रेसलिंग का हर सदस्य यहां धरने पर बैठा है. बृजभूषण ने कहा था कि आरोप सच निकले तो फांसी पर लटक जाएंगे. आज हमारे पास 6 लड़कियां ऐसी हैं, जिनका यौन शोषण किया गया. वे सबूत के साथ यहां बैठी हैं. 

बृजभूषण बोले- दीपेंद्र हुड्डा के इशारे पर साजिश की गई

कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने आजतक से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर जो भी आरोप लगाए गए हैं वह दीपेंद्र हुड्डा और कांग्रेस की तरफ से प्रायोजित हैं. धरना देने वाले चंद वही खिलाड़ी हैं, जिनका करियर खत्म हो चुका है. वह मेरे ऊपर आरोप लगा रहे हैं. मैं किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हूं. जब कुछ किया नहीं तो किसी बात का डर नहीं है. खिलाड़ी 15 दिन पहले मेरे लिए अच्छा कहते थे. लेकिन आज मेरे खिलाफ इतने आरोप लगा रहे हैं. आखिर ऐसा क्यों? ये धरना भी शाहीन बाग की धरने की तरह प्रायोजित है. मैं किसी भी तरीके के सवाल के लिए तैयार हूं.

'जिनका करियर हाशिए, वो कर रहे हैं बदनाम'

उन्होंने कहा कि मैं इस्तीफा नहीं दे रहा हूं. 22 जनवरी को जो बैठक बुलाई गई है, उसमें जो भी फैसला होगा उसके उसके मुताबिक काम करूंगा. पार्टी का जो भी आदेश होगा, उसे माना जाएगा. आखिर क्या कारण है जो एकाएक इन खिलाड़ियों को इतनी तकलीफ हो गई. कांग्रेस हरियाणा चुनाव के मद्देनजर मुझे बदनाम कर मेरे खिलाफ राजनीतिक साजिश कर रही है. ये वो खिलाड़ी हैं जिनका करियर हाशिए पर है. दीपेंद्र हुड्डा के इशारे पर यह मुझे बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं. कांग्रेस ने पहले भी मुझे जेल भेजा है. जेल जाने से मैं डरता नहीं हूं. एफडीआई तो क्या मैं सीबीआई जांच के लिए तैयार हूं. मेरे खिलाफ जो भी सबूत हैं. सामने रखें. अगर यह 4 सालों से हो रहा था तो अभी तक एक खिलाड़ी क्यों चुप थे. मुझे पता करने के पीछे यह सोची समझी साजिश है. जिस उद्योगपति के बारे में कहा था, उसका भी नाम सामने बाद में आ जाएगा. फिलहाल मेरे पास पुख्ता सबूत नहीं है. अब तो कांग्रेस के नेता खुद खुलकर ट्वीट कर रहे हैं और यह जाहिर कर दिया कि यह कहां से प्रायोजित है जो अपनी राजनीति के लिए यह सब करवा रहे हैं.

विपक्ष ने केंद्र सरकार को घेरा

विपक्ष ने इस मुद्दे पर केंद्र को घेरा है. कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने ट्वीट किया, सरकार अभिभावक होती है! लेकिन इतने गंभीर मामले में अबतक हरियाणा सरकार की चुप्पी हैरान व परेशान करने वाली है. देश का नाम रोशन करने वाले ये खिलाड़ी हमारी माटी के लाल हैं। BJP-JJP सरकार इनके साथ इतना घोर अन्याय होता देखकर कैसे चुप रह सकती है? 

आरएलडी चीफ जयंत चौधरी ने ट्वीट कर कहा, कुश्ती संघ के कार्यशैली और अध्यक्ष के विरुद्ध संगीन आरोप हैं. खिलाड़ी जोखिम लेकर सामने आए और खुल कर बता रहे हैं कैसे उनका शोषण हो रहा है. कई बार ऐसा हुआ है जब बीजेपी के नेता पर आरोप लगते हैं, तो सरकारी दबाव डाल मामला रफा दफा किया जाता है. लेकिन युवा इस बार नहीं होने देंगे!

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने ट्वीट किया, हद कर दी है इन भाजपाइयों ने. महिला पहलवान विनेश फोगाट ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह पर खिलाड़ियों और महिला कोच पर यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए हैं. बेटियां भाजपा से बचानी हैं. PM मोदी और महिला विकास मंत्री स्मृति ईरानी से कुछ बोलने की अपेक्षा करना बेकार है.

कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा, यौन शोषण का आरोप गंभीर है. महिला पहलवानों ने सीधे भारतीय कुश्ती फेडरेशन पर आरोप लगाया है. ये खिलाड़ी देश के गौरव हैं. फेडरेशन के अध्यक्ष बीजेपी के सांसद हैं. उन्होंने आरोपों से इंकार किया और इसे एक साजिश बताया. सच क्या है, देश को जानने को हक है. क्या खेल संगठन इतना नीचे गिर गए हैं?

लेबल:

गुरुवार, 19 जनवरी 2023

धरने पर बैठे रेसलर्स को खेल मंत्री ने डिनर पर बुलाया, बोले- आरोप गंभीर, आज ही करूंगा मुलाकात

कुश्ती के दिग्गज पहलवान लगातार दूसरे दिन जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्श कर रहे हैं. साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया और दूसरे नामचीन खिलाड़ी कुश्ती महासंघ के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं. खिलाड़ी लगातार महासंघ अध्यक्ष पर आरोप लगा रहे हैं. इसको लेकर खेल मंत्रालय के अधिकारियों ने भी गुरुवार को दिन में खिलाड़ियों से बातचीत की. जिसके बाद खिलाड़ियों ने मीडिया के सामने आकर अपनी नाराजगी फिर जाहिर की और कहा कि वह इस बैठक से संतुष्ट नहीं हैं. इस सबके बीच अब खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहली बार मीडिया में आकर बयान दिया है. साथ ही वह आज रात में खिलाड़ियों से मुलाकात कर उनकी शिकायतें सुनेंगे. बताया जा रहा है कि अनुराग ठाकुर ने रात 10 बजे सभी खिलाड़ियों को अपने सरकारी आवास पर डिनर पर बुलाया है. 

अनुराग ठाकुर ने मामले पर बोलते हुए कहा कि खिलाड़ियों ने जो आरोप लगाए हैं, वो काफी गंभीर हैं. मैं चंडीगढ़ से वापिस दिल्ली जा रहा हूं और खिलाड़ियों से मुलाकात करूंगा. उनकी बात सुनूंगा. खिलाड़ियों और खेल के हित में जो भी कदम उठाना होगा, उठाएंगे. खेल मंत्रालय ने आरोपों पर संज्ञान लेते हुए खेल महासंघ को नोटिस भेजकर 72 घंटे में जवाब मांगा है. आगामी कैंपों को भी तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है. 

पहलवानों ने खेल मंत्रालय के साथ अफसरों से मुलाकात की

पहलवानों ने खेल मंत्रालय को अपनी समस्याएं बताईं और कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की शिकायत की. पहलवानों का कहना था कि उनके साथ ठीक बर्ताव नहीं किया जाता है. आए-दिन पहलवानों से बदसलूकी की जा रही है. इसलिए WFI अध्यक्ष को पद से हटाया जाए ताकि नए पहलवानों का भविष्य सुरक्षित हो सके. पहलवानों ने चेतावनी दी है कि जब तक बृजभूषण शरण सिंह का इस्तीफा नहीं हो जाता है, तब तक वे धरना स्थल से नहीं हटेंगे. अधिकारियों से बातचीत के बाद ये पहलवान वापस धरना स्थल पर पहुंचे.

खिलाड़ियों के समर्थन में आईं खाप पंचायतें

खिलाड़ियों के समर्थन में हरियाणा की खाप पंचायतें दिल्ली कूच की तैयारी कर रही हैं. खापों ने सरकार को सीधे रूप से चुनौती दी है कि कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पर एफआईआर दर्ज हो और सरकार उनको तुरंत बर्खास्त करें. साथ ही खिलाड़ियों द्वारा लगाये आरोपों की सुप्रीम कोर्ट के जज से जांच करवाकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो. अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो पूरे हरियाणा की खाप पंचायतें एकजुट होकर खिलाड़ियों की मांगों को मनवाने के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ेंगी. इस मुद्दे पर हरियाणा के चरखी दादरी के स्वामी दयाल धाम पर फोगाट खाप के प्रधान बलवंत नंबरदार की अध्यक्षता में पंचायत का आयोजन किया गया. पंचायत में सांगवान, फोगाट, श्योराण, सतगामा, पंवार सहित दर्जनभर खाप के प्रतिनिधियों के अलावा कर्मचारी, सामाजिक संगठन के पदाधिकारी भी शामिल हुए. 

'मांगें पूरी होने तक धरना स्थल से नहीं हटेंगे'

इससे पहले दोपहर में पहलवानों के प्रतिनिधिमंडल ने खेल मंत्रालय में खेल सचिव और SAI के डीजी से मुलाकात की. उसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की. पहलवानों ने बताया कि खेल मंत्रालय के अफसरों ने हमारी मांगों को सुना है और आश्वासन दिया है. हालांकि, अभी कोई कार्रवाई नहीं हुई. हम मांगें पूरी होने तक धरना स्थल से नहीं हटेंगे. बजरंग पुनिया ने कहा कि आज रेसलिंग का हर सदस्य यहां धरने पर बैठा है. बृजभूषण ने कहा था कि आरोप सच निकले तो फांसी पर लटक जाएंगे. आज हमारे पास 6 लड़कियां ऐसी हैं, जिनका यौन शोषण किया गया. वे सबूत के साथ यहां बैठी हैं.

लेबल:

2 ट्रिलियन के 'खजाने' पर बैठा पाकिस्तान रो रहा कंगाली का रोना, ऐसे बदल सकती है किस्मत अगर...

अपने सबसे बुरे वित्तीय संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान के पास इस Financial Crisis से निकलने के ऑप्शन खत्म होते जा रहे हैं. लेकिन अभी उसके पास एक उम्मीद बची हुई है, दरअसल देश की आर्थिक बदहाली से बाहर निकालने में सोना (Gold) काम आ सकता है. जी नहीं हम देश के गोल्ड रिजर्व की बात नहीं कर रहे, बल्कि इशारा देश के बलूचिस्तान प्रांत में मौजूद सोने की खदानों की ओर है. आइए जानते हैं देश में मौजूद इन खदानों के बारे में...

बदहाल पाकिस्तान को उबारने की क्षमता
बदहाल पाकिस्तान की इकोनॉमी को देश में मौजूद सोने-तांबे की खानें संकट से उबार सकती हैं! बलूचिस्तान प्रांत में मौजूद इन खानों में सैकड़ों टन सोना भरा पड़ा है. सोने-तांबे के विशाल भंडार का दोहन पाकिस्तान के काम आ सकता है. हालांकि, इसके इस्तेमाल करने को लेकर अभी तक कोई रिपोर्ट या बयान नहीं दिया गया है, लेकिन उम्मीद है कि इस तरीके से देश एक झटके में फिर खड़ा हो सकता है. बात करें इन खदानों में मौजूद स्वर्ण भंडार की तो इस प्रांत में स्थि‍त रेको दिक माइन दुनिया के सबसे बड़े सोने और तांबे की खानों में से एक है. 

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था काफी नाजुक दौर से गुजर रही है और वह राहत पैकेज के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) समेत अन्य देशों से मदद की गुहार लगा रहा है. समाचार एजेंसी रायटर्स की एक पुरानी रिपोर्ट की मानें तो पाकिस्तान सरकार के पास इस खदान के रूप में एक महत्वपूर्ण एसेट है. इसमें करोड़ों टन सोने-तांबे का भंडार मौजूद है. रेको दिक खान बलूचिस्तान के चगाई जिले में रेको दिक कस्बे के पास ही स्थित है. 
 
खदान में दबा है सोने का भंडार
पाकिस्तान की इस खदान का सबसे बड़ा तांबे-सोने का भंडार है. एक अनुमान के अनुसार, इसमें करीब 590 करोड़ टन का खनिज भंडार है. एक्सपर्ट्स की मानें तो प्रति टन खनिज भंडार में करीब 0.22 ग्राम सोना और करीब 0.41 फीसदी तांबा मिल सकता है.यह खान ईरान और अफगानिस्तान की सीमा के पास एक सुप्त ज्वालामुखी के पास है. पाकिस्तान सरकार अरबों डॉलर की संपदा वाली इस सोने और तांबे की खान से अपनी अर्थव्यवस्था को मदद पहुंचा सकता है. 

बलूचिस्‍तान का इलाका सबसे अमीर
बलूचिस्‍तान वह हिस्‍सा है जो प्राकृतिक संसाधनों के लिहाज से काफी समृद्ध है. इस हिस्‍से में इतना सोना है जो पाकिस्‍तान की गरीबी को दूर कर सकता है. साल 1995 में रेको दिक में पहली बार खुदाई की गई थी. पहले चार महीने में यहां से 200 किलोग्राम सोना और 1700 टन तांबा निकाला गया था. उस समय एक्सपर्ट्स ने उम्मीद जताई थी कि खान में 40 करोड़ टन सोना मौजूद हो सकता है. इस खदान में मौजूद सोने की अनुमानित कीमत करीब दो ट्रिलियन डॉलर बताई जाती है. 

ब्लूमबर्ग की बीते साल मार्च महीने में आई एक रिपोर्ट की मानें तो पाकिस्तान की रेको दीक दुनिया में सबसे बड़े अविकसित तांबे और सोने के भंडार में से एक है, जो आधी शताब्दी से अधिक समय तक 2,00,000 टन तांबे और 2,50,000 औंस सोने का उत्पादन करने में सक्षम है. खनन परियोजना को 2011 में निलंबित कर दिया गया था क्योंकि पाकिस्तान ने बैरिक और एंटोफगास्टा पीएलसी को रेको दीक विकसित करने के लिए एक लाइसेंस देने से इनकार कर दिया था. तब से इसे लेकर विवाद जारी है. 

खदान को लेकर चर्चाएं तेज
पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी दिखाए जाने के बाद बीते साल दिसंबर 2022 में बलूचिस्तान में अरबों डॉलर की विवादित रेको डिक कॉपर एंड गोल्ड माइन प्रोजेक्ट को लेकर बीते साल दिसंबर 2022 को पीएम शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में बैठक हो चुकी है. डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें कैबिनेट ने रेको डिक प्रोजेक्ट की फंडिंग योजना को मंजूरी दे दी गई. इस प्रोजेक्ट के मूल समझौते पर 2006 में हस्ताक्षर किए गए थे, जिसमें कनाडा की बैरिक गोल्ड और चिली के एंटोफगास्टा कंपनी दोनों को बराबर बराबर 37.5 फीसदी हिस्सेदारी तय की थी, जबकि बलूचिस्तान सरकार को 25 फीसदी हिस्सेदारी मिली थी. नए समझौते के तहत परियोजना में बलूचिस्तान सरकार की 25 फीसदी और अन्य की 25 फीसदी हिस्सेदारी होगी.

पाकिस्तान के गोल्ड रिजर्व में गिरावट
पाकिस्तान में मौजूद खदान से सोने और तांबे का दोहन हालांकि, थोड़ा जटिल मुद्दा रहा है. वहीं फिलहाल देश के स्वर्ण भंडार की बात करें तो देश में खड़े हुए आर्थिक संकट के बीच विदेशी मुद्रा भंडार के साथ ही गोल्ड रिजर्व भी लगातार कम होता जा रहा है. आंकड़े देखें तो एक ओर जहां पाकिस्तान का Forex Reserve घटकर फरवरी 2014 के बाद के सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है. वहीं CEIC की वेबसाइट पर पाकिस्तान के गोल्ड रिजर्व डाटा पर नजर डालें तो बीते साल नवंबर 2022 तक देश का स्वर्ण भंडार 3.645 अरब डॉलर ही था. 

लेबल:

कुश्ती महासंघ में यौन उत्पीड़न पर संग्राम... धरने पर बैठे रेसलर्स, खेल मंत्रालय ने मांगा जवाब

ओलंपिक और राष्ट्रमंडल खेलों में मेडल जीतने वाले पहलवानों ने बुधवार को कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आरोप है कि WIF अध्यक्ष महिला पहलवानों का यौन शोषण करते हैं. पहलवानों के साथ अभद्रता की जाती है और परेशान किया जाता है. इस पूरे मामले में सियासत गरमाई और विपक्षी नेताओं ने सीधे केंद्र सरकार को निशाने पर ले लिया. देर शाम खेल मंत्रालय ने पूरे घटनाक्रम को संज्ञान में लिया और WIF अध्यक्ष को नोटिस जारी किया है. मंत्रालय ने पूरे मामले में 72 घंटे के अंदर जवाब देने के निर्देश दिए हैं. हालांकि, WIF अध्यक्ष ने खुले तौर पर जांच कराए जाने की अपील की है. उन्होंने साफ कहा है कि अगर दोषी पाया तो फांसी पर लटकने को तैयार हूं. आइए जानते हैं दिनभर के घटनाक्रम को...

दरअसल, दिल्ली में बुधवार को जंतर-मंतर पर विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक समेत कई दिग्गज पहलवान एकत्रित हुए और धरना देना शुरू कर दिया. शाम 4 बजे कुश्ती खिलाड़ियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और WIF अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कुश्ती संघ के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए. रेसलर विनेश फोगाट ने कहा कि महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण किया जाता है. मैं खुद महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के 10-20 केसों के बारे में जानती हूं. उन्होंने कोच और रेफरी पर भी आरोप लगाए. फोगाट ने आगे कहा- जब हाई कोर्ट हमें निर्देश देगा तब हम सभी सबूत पेश करेंगे. हम पीएम को भी सभी सबूत सौंपने को तैयार हैं. जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलती हम धरने पर बैठेंगे. किसी भी इवेंट में कोई एथलीट हिस्सा नहीं लेगा.

खेल मंत्रालय ने 72 घंटे में जवाब तलब किया

वहीं, पहलवानों के विरोध प्रदर्शन और प्रेस कॉन्फ्रेंस का खेल मंत्रालय ने संज्ञान लिया. भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के कामकाज और प्रबंधन पर खेल मंत्रालय ने स्पष्टीकरण मांगा है. इसके साथ ही आरोपों पर अगले 72 घंटों के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया है. WFI को भेजे पत्र में मंत्रालय ने कहा है कि चूंकि ये मामला एथलीटों की भलाई से जुड़ा है, इसलिए मंत्रालय ने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया है.

धरना

लखनऊ में प्रशिक्षण शिविर भी रद्द

मंत्रालय ने आगे कहा कि अगर WFI अगले 72 घंटे के भीतर जवाब नहीं देता है तो मंत्रालय राष्ट्रीय खेल विकास संहिता, 2011 के प्रावधानों के अनुसार महासंघ के खिलाफ कार्रवाई शुरू करेगा. इसके अलावा, 18 जनवरी से लखनऊ में भारतीय खेल प्राधिकरण के राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (एनसीओई) में महिला राष्ट्रीय कुश्ती प्रशिक्षण शिविर को रद्द कर दिया गया. ये शिविर 41 पहलवानों और 13 प्रशिक्षकों के साथ शुरू होने वाला था. लखनऊ में NCOE के कार्यकारी निदेशक को निर्देशित किया गया है कि वे राष्ट्रीय शिविरार्थियों को सभी सुविधाएं प्रदान करें, जो पहले से ही रिपोर्ट कर चुके हैं. सभी शिविरार्थियों को राष्ट्रीय कोचिंग शिविर रद्द करने के संबंध में जरूरी सूचना भी भेज दी गई है.

विनेश फोगाट

जानिए क्या कहते हैं पदक विजेता पहलवान...

भारत के लिए कई मेडल लाने वाली विनेश फोगाट आरोप लगाते वक्त रोते हुए भी देखी गईं. उन्होंने आरोप लगाया है कि वो अकेली नहीं, बल्कि भारत की और भी महिला पहलवान हैं जो कुश्ती संघ के सर्वेसर्वा ब्रजभूषण शरण सिंह और उनके संघ से जुड़े कोच-रेफरी के हाथों प्रताड़ित हुई हैं. उन्होंने कहा- मैं महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के 10-20 केसों के बारे में जानती हूं. नाम नहीं ले सकती हूं, जो खुद सामने नहीं आएंगे, उनकी लाइफ डैंजेर जोन में नहीं डालूंगी. बहुत कोच और रेफरी हैं जो कर रहे हैं ये सब. जब हाई कोर्ट हमें निर्देश देगा तब हम सभी सबूत पेश करेंगे. हम पीएम को भी सभी सबूत सौंपने को तैयार हैं. जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलती हम धरने पर बैठेंगे. किसी भी इवेंट में कोई एथलीट हिस्सा नहीं लेगा.

- साक्षी मलिक ने भी आरोप दोहराए और कहा- जो विनेश ने बताया वो सही है. कैसे हुआ. कब हुआ, सब बताएंगे. जब एक खिलाड़ी एक दिन भी छोड़ता है तो उसे बहुत ज्यादा नुकसान होता है. पूरे फेडरेशन को हटा देना चाहिए ताकि नए पहलवानों का भविष्य सुरक्षित रहे. एक नया संघ अस्तित्व में आना चाहिए. निचले स्तर से गंदगी फैली हुई है. हम पीएम और गृह मंत्री से बात करेंगे और पूरे मसले पर जानकारी देंगे. कुछ मामलों में जांच होनी चाहिए.

- ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पुनिया ने कहा कि यहां की लड़कियां सम्मानित परिवारों से हैं. अगर हमारी बहन-बेटियां यहां सुरक्षित नहीं हैं तो हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते. हम मांग करते हैं कि महासंघ को बदला जाए. 

धरना

सिर्फ लखनऊ में ही कैंप क्यों लगता है?

सुबह से जंतर-मंतर पर आए ये रेसलर शाम तक अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते रहे. इस आरोप के साथ कि वो भारत का नाम रोशन करके दुनिया में आते हैं, लेकिन देश में ही भारतीय कुश्ती संघ की तानाशाही के आगे अपमानित होना पड़ता है. एक अन्य भारतीय पहलवान ने कहा कि जबसे अध्यक्ष जी हैं, लखनऊ में ही कैंप क्यों लगता है, सबको लिखा है कि निजी जिंदगी में दखल है.

प्लानिंग के साथ आरोप लगाए गए: बृजभूषण

इन सारे आरोपों का सच पूछने के लिए आजतक संवाददाता ने बृजभूषण शरण सिंह से भी बातचीत की. उन्होंने पहलवानों के आरोपों को किसी उद्योगपति की साजिश बता दिया. बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि हम, हमारी फेडरेशन, हमारे कोच, बिल्कुल इनके ऊपर कोई आरोप बनता नहीं है. मेरा शक है कि प्लानिंग के साथ हुआ है. हमारा शक है, बिना सबूत नहीं बोलेंगे. एक भी खिलाड़ी ओलंपिक के बाद नेशनल नहीं लड़ा, ट्रायल के बाद भी फेवर चाहते हैं, ये चाहते हैं इनकी एक कुश्ती हो जाए, वजन तोड़ना पड़ता है. किसी विशेष के लिए कोई नियम नहीं होगा. मैं जांच के लिए तैयार हूं. 

बृजभूषण शरण सिंह

'आरोप सच निकले तो फांसी पर लटकने को तैयार'

उन्होंने आगे कहा- यौन उत्पीड़न एक बड़ा आरोप है. जब मेरा ही नाम इसमें घसीटा गया है तो मैं कैसे कार्रवाई कर सकता हूं? मैं जांच के लिए तैयार हूं. मैं विनेश फोगट से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने ओलंपिक में कंपनी के लोगो वाली पोशाक क्यों पहनी थी? मैच हारने के बाद मैंने सिर्फ उसे प्रोत्साहित और प्रेरित किया. क्या कोई सामने आ सकता है जो कह सके कि फेडरेशन ने किसी एथलीट का उत्पीड़न किया? यौन उत्पीड़न की कोई घटना नहीं हुई है. अगर आरोप सच निकले तो मैं फांसी पर लटकने को तैयार हूं. बता दें कि भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह यूपी से बीजेपी के सांसद हैं. करीब तीन दशकों से उनकी गिनती बाहुबली नेताओं के रूप में होती है. 

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पहलवान सिर्फ किसी साजिश के तहत भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर आरोप लगाएंगे. फेडरेशन की तानाशाही के खिलाफ मुखर होंगे. इन पहलवानों को एक बार जान लीजिए...
- टोक्यो ओलंपिक में पदक विजेता बजरंग पुनिया 
- रियो ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक 
- एशियाड और विश्व कुश्ती चैंपियनशिप जीतने वाली विनेश फोगाट 
- वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप जीतने वाली सरिता मोर 
- राष्ट्रमंडल खेलों में पदक विजेता सुमित मलिक समेत 30 पहलवान शामिल हैं.

पहलवान दिव्या काकरान ने बृजभूषण को बताया मददगार

विरोध के बीच अंतरराष्ट्रीय कुश्ती खिलाड़ी दिव्या काकरान ने बृजभूषण शरण सिंह का समर्थन किया है. दिव्या ने कहा- बृजभूषण के कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बनने के बाद खिलाड़ियों को नई पहचान मिली है. उन्होंने कहा कि मैं 10 साल से कुश्ती में सक्रिय हूं और लगातार मुझे सपोर्ट मिला है. यूपी समेत हर राज्य के खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया गया है. मैं खुद बिना किसी भेदभाव के काम होते देखा है.

क्या जीतोड़ मेहनत करने वाले पहलवान किसी साजिश का हिस्सा हो सकते हैं या कहानी कुछ और है? फिलहाल, जांच के बाद ही साफ हो सकेगा.

किसने क्या कहा...

कांग्रेस ने ट्वीट किया और कहा- कुश्ती संघ में महिला खिलाड़ियों का यौन शोषण हो रहा है. महिला पहलवान विनेश फोगाट ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष और 'BJP सांसद' बृजभूषण सिंह पर खिलाड़ियों के यौन शोषण का आरोप लगाया है. बेटी बचाओ का नारा देने वाले बेटियों का शोषण कर रहे हैं. ये है BJP का असल चाल-चरित्र.

क्या खेल संगठन इतना नीचे गिर गए?

कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा- यौन शोषण का आरोप गंभीर है. महिला पहलवानों ने सीधे भारतीय कुश्ती फेडरेशन पर आरोप लगाया है. ये खिलाड़ी देश के गौरव हैं. फेडरेशन के अध्यक्ष बीजेपी के सांसद हैं. उन्होंने आरोपों से इंकार किया और इसे एक साजिश बताया. सच क्या है, देश को जानने को हक है. क्या खेल संगठन इतना नीचे गिर गए हैं?

धरना

'बेटियों को बीजेपी से बचाना है'

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने ट्वीट किया और कहा- हद कर दी है इन भाजपाइयों ने. महिला पहलवान विनेश फोगाट ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह पर खिलाड़ियों और महिला कोच पर यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए हैं. बेटियां भाजपा से बचानी हैं. PM मोदी और महिला विकास मंत्री स्मृति ईरानी से कुछ बोलने की अपेक्षा करना बेकार है.

दिल्ली महिला आयोग ने कहा- नोटिस जारी किया जा रहा

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल ने ट्वीट किया और कहा- अभी जंतर-मंतर जाकर देश की चैंपियन रेसलर्स से मिली. उन्होंने हमारे तिरंगे की शान बढ़ाई है. बड़े दुख की बात है कि उन्हें आज इस कड़ाके की सर्दी में सड़क पर बैठना पड़ रहा है. हम मजबूती से उनके साथ खड़े हैं और उन्हें न्याय दिलाएंगे. मामले की जांच के लिए स्पोर्ट्स मिनिस्ट्री और पुलिस को नोटिस इशू कर रही हूं.

लेबल:

बुधवार, 18 जनवरी 2023

'एक दो तीन चार, देश का नेता KCR...', तेलंगाना CM की रैली में लगे नारे, दिल्ली कूच की तैयारी!

बीजेपी ने दो दिन चले अपनी पार्टी के मंथन के बाद ऐलान कर दिया है कि एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आएगी. मगर विपक्ष पशोपेश में है. एक तरफ राहुल गांधी बीजेपी को हराने के लिए भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर केसीआर कई विपक्षी दलों को एक मंच पर लाकर रैली की. जिसमें हिंदी में नारों गूंज जमकर सुनाई दी. केसीआर का इरादा बता रहा है कि वो तीसरे मोर्चे की नींव रख रहे हैं, जिसमें कांग्रेस नहीं है. ममता बनर्जी और नीतीश कुमार भी फिलहाल खामोश हैं. जिसके बाद सवाल उठ रहे हैं कि बीजेपी के खिलाफ क्या विपक्ष एकजुट होगा. 

दरअसल, बीजेपी के ऐलान के साथ ही 2024 की सत्ता के लिए विपक्ष का भी संघर्ष शुरु हो चुका है. 2024 के सियासी संग्राम के लिए सत्ता और विपक्षी खेमे चुनावी युद्ध की तैयारियों में जुट गए हैं. इसी मोर्चेबंदी की तस्वीर तेलंगाना के खम्मम से आई. तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने खुद को बीजेपी को चैलेंज देने वाली एक राष्ट्रीय शक्ति के तौर पर पेश करने के लिए रैली का आयोजन किया. इस रैली में उन्होंने समान सोच रखने वाले दलों के चुनिंदा नेताओं को बुलाया. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के अलावा सीपीआई के डी राजा उनके बुलावे पर हैदराबाद पहुंचे.

केसीआर समेत इन सभी नेताओं ने यदाद्री मंदिर में दर्शन किया. 1200 करोड़ रुपए खर्च कर केसीआर सरकार ने इसका कायापलट किया है. इसे बीजेपी को चुनौती देने के लिए हिंदू कार्ड के तौर पर भी देखा जा रहा है. यहां से ये नेता खम्मम पहुंचे. ये टीआरएस यानी तेलंगाना राष्ट्र समिति से पार्टी का नाम भारत राष्ट्र समिति यानी बीआरएस किए जाने के बाद पहली रैली थी. इसके साथ ही उन्होंने अपने इरादे जाहिर कर दिए थे कि वो 2024 के लोकसभा चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगे. एक मंच पर उन्होंने विपक्ष के कई नेताओं को एकजुट किया. हालांकि, बड़ा सवाल यही है कि ये विपक्षी एकजुटता को कितना मजबूत करेगी? और 2024 में नरेंद्र मोदी की बीजेपी को कितनी बड़ी चुनौती देगी? ये सवाल इसलिए क्योंकि केसीआर ऐसा मोर्चा बनाने में जुटे हैं जिसका इरादा तो बीजेपी का मुकाबला करना है, लेकिन वो कांग्रेस को मोर्चे से बाहर रखना चाहते हैं. 

केंद्र में आने पर किसानों को फ्री बिजली का वादा

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने बुधवार को खम्मम में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की जनसभा को संबोधित करते हुए जमकर बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने किसानों को फ्री बिजली देने के वादे के साथ ही केंद्र में बीआरएस प्रस्तावित सरकार बनने पर सेना में भर्ती के लिए शुरू की गई अग्निपथ योजना को भी खत्म करने का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार की 'मेक इन इंडिया' पहल 'भारत में मजाक' बन गई है. सभा को संबोधित करते हुए कीसीआर ने कहा कि अगर लोकसभा चुनाव के बाद 2024 में केंद्र में 'बीआरएस प्रस्तावित सरकार' सत्ता में आती है तो देश भर के किसानों को मुफ्त बिजली मुहैया कराई जाएगी.

अग्निपथ योजना को खत्म करेंगे- तेलंगाना सीएम

उन्होंने एनडीए सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम की खिल्ली उड़ाते हुए कहा, "मेक इन इंडिया जोक इन इंडिया बन गया है. मेक इन इंडिया है, लेकिन (देश में) हर गली में चीन के बाजार हैं. अगर बीआरएस सत्ता में आती है तो सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना को समाप्त कर दिया जाएगा. केसीआर ने जोर देकर कहा कि तेलंगाना की रायथु बंधु (किसानों के कल्याण के लिए) जैसी योजनाएं पूरे देश में लागू की जानी चाहिए और यह उनकी पार्टी का नारा और मांग है. उन्होंने भाजपा और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि तेलंगाना में पानी के मुद्दे के लिए दोनों पार्टियां जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि बीआरएस 'एलआईसी के विनिवेश' का पुरजोर विरोध कर रही है."

कार्यकर्ताओं ने हिंदी में लगाए नारे

सभा के दौरान बीआरएस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने हिंदी में जमकर नारेबाजी की. इस दौरान "एक दो तीन चार, देश का नेता केसीआर" जैसे नारे लगे. साथ ही तेलुगु में "जय तेलंगाना और जय जय केसीआर" जैसे नारें भी सुनाए दिए. पार्टी कार्यकर्ताओं ने "भाजपा को हटाएंगे, भारत को बचाएंगे" जैसे नारे भी लगाए. 

Adblock test (Why?)



source https://www.aajtak.in/india/telangana/story/hindi-slogans-echoed-in-telangana-cm-kcr-meeting-targets-bjp-and-said-make-in-india-has-become-joke-in-india-ntc-1618529-2023-01-18?utm_source=rssfeed

लेबल:

'तेजस्वी सूर्या ने खोला था प्लेन का इमरजेंसी गेट, गलती पर मांगी माफी', विवाद पर बोले मंत्री सिंधिया

इंडिगो की एक फ्लाइट में विमान का आपातकालीन दरवाजा खोलने के मामले में उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का बयान आया है. जिसमें उन्होंने कहा है कि तेजस्वी सूर्या ने पहले ही मांफी मांग ली है. गलती से दरवाजा खुल गया था. जो कुछ भी विपक्ष कह रहा है, मैं उस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता. मामला पिछले साल यानी कि 10 दिसंबर 2022 का है. इंडिगो की फ्लाइट चेन्नई से तिरुचिरापल्ली जा रही थी.

डीजीसीए ने अपने बयान में जानकारी देते हुए बताया था कि इंडिगो 6E की फ्लाइट 6E-7339 में एक यात्री ने खौफ पैदा कर दिया और इमरजेंसी डोर खोल दिया.  डीजीसीए ने इस मामले के जांच के आदेश दे दिए हैं. मामले में उस वक्त सियासी ट्विस्ट आया जब ये बात सामने आई कि इमरजेंसी डोर कथित रूप से बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने खोला था. इसके बाद कांग्रेस, AIMIM और टीएमसी ने बीजेपी पर धुआंधार हमला कर दिया. अब इस पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी बयान दिया है.

इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए इंडिगो ने कहा था कि 10 दिसंबर को 2022 को विमान में जब बोर्डिंग प्रक्रिया चल रही थी यानी कि जब यात्री सवार हो रहे थे तो एक यात्री ने असावधानीवश विमान का इमरजेंसी एग्जिट खोल दिया. डीजीसीए के अनुसार यात्री ने तत्काल इसके लिए माफी मांगी. इसके बाद स्टैंडर्ड प्रक्रिया के बाद घटना को रिकॉर्ड किया गया, विमान में जरूरी इंजीनियरिंग चेक किए गए. विमान का प्रेशर चेक किया गया. इससे विमान के उड़ान भरने में देरी हुई. अपने बयान में इंडिगो ने इमरजेंसी गेट खोलने के लिए किसी यात्री का नाम नहीं लिया था.

सुरक्षा के साथ किसी तरह का समझौता नहीं- DGCA

इस घटना की जानकारी देते हुए डीजीसीए के डीजी ने कहा था कि ये बात सामने आई कि तमिलनाडु के बीजेपी चीफ अन्नामलाई, डीएमके के प्रवक्ता बीटी अर्सकुमार और बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या फ्लाइट में थे. डीएमके प्रवक्ता ने इस बात की पुष्टि की है अन्नामलाई इस फ्लाइट में मौजूद थे, उनके साथ 'कर्नाटक के एक एमपी' भी थे. इस घटना के बाद उन्हें उतरने कहा गया और 30 मिनट से ज्यादा समय तक बस में प्रतीक्षा करने को कहा गया. डीजीसीए ने कहा कि पूरे घटनाक्रम के दौरान सुरक्षा से किसी तरह का समझौता नहीं किया गया.

टीएमसी, कांग्रेस, और AIMIM ने साधा था निशाना 

इस मामले को लेकर विपक्षी नेताओं ने जमकर बीजेपी और सांसद तेजस्वी सूर्या पर निशाना साधा था. कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि 'ये बीजेपी के वीआईपी बिगडैल है. एयरलाइन को कम्पलेन करने की हिम्मत कैसे हुई. क्या के पावर एलीट का यही रवैया बन गया है. क्या इससे यात्रियों की सुरक्षा प्रभावित हुई. ओह आप बीजेपी के VIP से सवाल नहीं पूछ सकते हैं."

टीएमसी की तरफ से कहा गया कि बीजेपी एमपी तेजस्वी सूर्या की गैरजिम्मेदारी से यात्रियों की जान पर बन आ सकती थी. प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि उन्होंने ही 10 दिसंबर 2022 को इंडिगो फ्लाइट की इमरजेंसी एग्जिट का दरवाजा खोला था. डीजीसीए कोई एक्शन नहीं ले रही है. क्या उनकी पार्टी ने उन्हें फ्री पास दे दिया है. वहीं AIMIM सांसद ओवैसी ने तंज कसा और कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने ट्वीट किया, "खैर अगर आपके पास "संस्कारी" नाम है तो यह आकस्मिक है, अगर नाम अब्दुल है तो आकाश ही सीमा है. कृपया अपनी सीट बेल्ट हमेशा लगा कर रखें."

लेबल:

मंगलवार, 17 जनवरी 2023

कड़ाके की ठंड के बीच मौसम विभाग ने दिया ये अपडेट बारिश, बर्फबारी और तेज हवाएं

उत्तर भारत के ज्यादातर राज्यों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का असर दिल्ली, यूपी, हरियाणा समेत कई मैदानी इलाकों में देखने को मिल रहा है. कड़ाके की इस ठंड के बीच मौसम विभाग ने बारिश का अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग की मानें तो दिल्ली और आसपास के मैदानी इलाकों में 22 तारीख से इस साल की पहरी बारिश देखने को मिल सकती है. 

मौसम विभाग के अपडेट के मुताबिक,  उत्तर पश्चिम भारत में 21 तारीख से लेकर 25 तारीख तक एक सक्रिय वेस्टर्न डिस्टरबेंस यानी पश्चिमी विक्षोभ आने वाला है जिसकी वजह से पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश देखने को मिल सकती है. पश्चिमी विक्षोभ का असर पूर्वी उत्तर प्रदेश तक रहेगा और वहां भी छिटपुट बारिश हो सकती है. IMD की मानें तो 24 और 25 जनवरी को पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में तेज हवाएं चल सकती हैं जिसकी रफ्तार 50 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है. 

ठंड से राहत कब? 
मौसम विभाग की मानें तो 18 जनवरी और 20 जनवरी को एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव होगा. इसका अलर उत्तर भारत में चल रही शीतलहर पर भी पड़ेगा. मौसम विभाग के अनुसार, 19 जनवरी से उत्तर भारत के राज्यों को शीतलहर से राहत मिलेगी. हालांकि, इस ताजा पश्चिमी विक्षोभ से पहाड़ों पर हल्की बर्फबारी देखमे को मिल सकती है. 

IMD के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ इलाकों में 18 और 19 जनवरी को हल्की बारिश या बर्फबारी देखने को मिल सकती है. वहीं, 20 जनवरी को एक्टिव होने वाले पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तर पश्चिम भारत के कई राज्यों में 22 से 24 जनवरी तक बारिश देखने को मिलेगी. वहीं, 20 से 24 जनवरी के बीच हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बर्फबारी हो सकती है. 

Srinagar Weather Update
Srinagar Weather Update 

इन राज्यों में कल रहेगी शीतलहर की स्थिति
मौसम विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और राजस्थान के कुछ इलाकों में शीतलहर से भीषण शीतलहर की स्थिति रह सकती है. वहीं, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार के कई इलाकों में शीतलहर की स्थिति रहने के आसार हैं. अगर कोहरे की बात करें तो पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम और त्रिपुरा में 18 से 20 जनवरी तक घना कोहरा देखने को मिल सकता है. बिहार और ओडिशा में 18 और 19 जनवरी को घना कोहरा रहने के आसार हैं. कल यानी 18 जनवरी को पश्चिम बंगाल और सिक्किम के कुछ इलाकों में कोल्ड डे की स्थिति रह सकती है.

मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, अगले 24 घंटों के दौरान ठंड का प्रकोप जारी रहेगा. पूरे देश में मौसम शुष्क रहने की संभावना है. इससे राजस्थान के कई हिस्सों, हरियाणा, दिल्ली के कुछ हिस्सों में शीतलहर से लेकर भीषण शीतलहर की स्थिति जारी रह सकती है. गुजरात और बिहार में शीतलहर की स्थिति रहने की उम्मीद है. वहीं, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में अगले दो दिनों तक पाला पड़ सकता है. 

आज कैसा रहा मौसम का मिजाज?
ठंड का आलम ये है कि आज यानी 17 जनवरी को हरियाणा और राजस्थान के इलाकों में तापमान शून्य से नीचे रिकॉर्ड किया गया. हिसार में ये माइनस 1.3 डिग्री सेल्सियस और चूरू में ये माइनस 2.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. इसके अलावा राजधानी के दिल्ली रिज में तापमान 2.2, सफदरजंग में 2.4 और आयानगर में 2.8 डिग्री सेल्सियस पहुंचा.

लेबल:

रामचरितमानस पर बिहार के मंत्री का विवादित बयान फिसली जुबान या सियासी प्लान?

बिहार की सत्ता में हुए बदलाव के बाद से राज्य में सियासी शह-मात का खेल जारी है. ताजा बवाल आरजेडी कोटे से शिक्षा मंत्री बने प्रोफेसर चंद्रशेखर के रामचरितमानस पर दिए बयान से पैदा हुआ है. बीजेपी ने इसे लेकर आक्रामक रुख अपना रखा है. जेडीयू इससे किनारा किए हुए है तो आरजेडी इस मुद्दे पर अपने मंत्री के साथ ही खड़ी नजर आ रही है. सवाल है कि क्या ये महज जुबान फिसलने का मामला है या किसी बड़े सियासी मकसद के लिए सोच-समझकर दिया गया बयान.

चंद्रशेखर ने क्या कहा था?

बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के 15वें दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा था, 'मनुस्मृति में समाज की 85 फीसदी आबादी वाले बड़े तबके के खिलाफ गालियां दी गईं. रामचरितमानस के उत्तर कांड में लिखा है कि नीच जाति के लोग शिक्षा ग्रहण करने के बाद सांप की तरह जहरीले हो जाते हैं. यह नफरत को बोने वाले ग्रंथ हैं. एक युग में मनुस्मृति, दूसरे युग में रामचरितमानस, तीसरे युग में गुरु गोलवलकर का बंच ऑफ थॉट. ये सभी देश व समाज को नफरत में बांटते हैं. नफरत देश को कभी महान नहीं बनाएगी. देश को महान केवल मोहब्बत बनाएगी.' 

RJD को हिंदू विरोधी बता रही बीजेपी

चंद्रशेखर के बयान से बीजेपी आगबबूला है. पार्टी ने इसपर आक्रामक रुख अपना रखा है. वो इसे हिंदू धार्मिक ग्रंथ और हिंदू धर्म का अपमान बता रही है. पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी चंद्रशेखर को हिंदू विरोधी बताकर उनकी बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं. सुशील मोदी ने इस बहाने सीएम नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा.

बीजेपी विधायक नीरज कुमार ने कहा कि शिक्षा मंत्री के बयान से हिंदू धर्म के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है. वो धर्म विशेष को खुश करने के लिए अनाप-शनाप बयान दे रहे हैं. बीजेपी के बाकी नेता भी इसे लेकर आरजेडी पर हमलावर हैं. पार्टी ने मनुस्मृति और बंच ऑफ थॉट्स को किनारे कर रामचरित मानस पर टिप्पणी को बहस का मुद्दा बना दिया है. 

नीतीश कुमार का इस बयान पर क्या कहना है

बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर के बयान पर सीएम नीतीश कुमार ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि किसी भी धर्म के बारे में बयान देना, उस पर टिप्पणी करना बिल्कुल गलत है, ऐसा नहीं होना चाहिए. धर्म के मामले में किसी को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. सब अपने तरीके से धर्म का पालन करते हैं. सभी धर्म का पालन करने वालों को इज्जत मिलनी चाहिए, जिसको जिनकी पूजा करनी है करे. हमने पहले ही समझा दिया है. और अब तो डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी कह दिया है. ये नीतीश कुमार की अपने शिक्षा मंत्री के बयान पर पहली प्रतिक्रिया थी. इससे पहले तक वे यही कह रहे थे कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. मंत्री से इस पर बात करेंगे. 

अपने शिक्षा मंत्री के साथ खड़ी है आरजेडी

शिक्षा मंत्री के बयान पर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा, 'संविधान में सभी धर्मों के लिए समान सम्मान की बात है. हमारे लिए संविधान एक पवित्र पुस्तक की तरह है. लेकिन ऐसे मुद्दों पर बहस करने से गरीबी, बेरोजगारी जैसी समस्याओं को हल करने में कोई मदद नहीं मिलेगी.

साफ है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हों या डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, रामचरित मानस पर अपने मंत्री के बयान की सीधे-सीधे निंदा से दोनों नेता बचते नजर आए. शायद यही वजह है कि आरजेडी अपने मंत्री के बयान के साथ दिखाई दी और खुद शिक्षा मंत्री भी अपनी बात पर कायम हैं.

आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह अपने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के कंधे पर हाथ रखकर कहते हैं कि पूरी पार्टी आपके साथ है, पूरे समाजवादी इस बयान का समर्थन करते हैं. सिंह ने शिक्षा मंत्री को समाजवादियों की राह पर चलने वाला बताया और कहा कि कमंडलवादियों से लड़ने के लिए मंडलवादी पूरी तरह से तैयार हैं. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान को कमंडल के खिलाफ मंडल का बयान माना जाना चाहिए. ऐसे में हमें उनके साथ खड़े होने की जरूरत है. आरजेडी नेता शिवचंद्र राम ने भी कहा कि मंत्री चंद्रशेखर ने जो बातें कही हैं वह रामचरितमानस में लिखी हुई हैं. उन्होंने अपने मन से कोई बात नहीं कही है. 

चंद्रशेखर भी अपने बयान पर कायम

प्रो. चंद्रशेखर ने कहा कि रामचरितमानस सहित मनुस्मृति और बंच ऑफ थॉट पर दिए बयान पर वह कायम हैं. उन्होंने कहा कि रामचरित मानस के 5-6 दोहे ऐसे हैं, जिनका विरोध किया जाना चाहिए और उन दोहों पर उन्हें घोर आपत्ति है. उन्होंने सफाई देने के अंदाज में कहा कि हिन्दू धर्मग्रंथों पर कई साल से वैचारिक संघर्ष चल रहा है. उन्होंने दोहराया कि मनुस्मृति व  रामचरितमानस समाज में नफरत फैलाने वाले ग्रंथ हैं. समाज में पिछड़ों, महिलाओं और दलितों को शिक्षा हासिल करने से यह रोकते हैं. उन्हें बराबरी का हक देने से भी मना करते हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वह संपूर्ण रामचरित मानस का विरोध नहीं कर रहे, बल्कि उसके कुछ अंशों पर उनको आपत्ति है. 

बिहार में यह मुद्दा ऐसे समय गरमाया है जब जातिगत जनगणना कराई जा रही है. जातिगत जनगणना को लेकर पहले से सियासत तेज है. इस मुद्दे पर बीजेपी बिखरी हुई और बैकफुट पर खड़ी दिख रही थी, लेकिन शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान के बाद वह काफी आक्रामक नजर आ रही है. दूसरी ओर आरजेडी ने भी इस बहाने कमंडल बनाम मंडल की सियासत का राग छेड़ दिया है. कहीं न कहीं पार्टी को इस मुद्दे पर दलितों, पिछड़ों का साथ मिलने की उम्मीद है जो हिंदुत्व की राह पर चल रही बीजेपी की सियासत को कमजोर कर सकता है.  

गौरतलब है कि बिहार की तरह दिल्ली में भी अरविंद केजरीवाल के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने बौद्ध समुदाय के एक कार्यक्रम में बाबा साहब की 22 प्रतिज्ञाएं ली थी, जिसमें उन्होंने हिंदू देवी-देवताओं पर टिप्पणी की थी. बीजेपी ने इस मुद्दे को लेकर आक्रमक रुख अपनाया तो केजरीवाल ने तुरंत गौतम से इस्तीफा ले लिया. बिहार के शिक्षा मंत्री ने भी ऐसा बयान दिया है. बीजेपी भी आक्रमक है लेकिन राज्य के सियासी समीकरण मंत्री पर किसी एक्शन की गुंजाइश नहीं छोड़ते. 

बिहार में पिछले साढ़े तीन दशक से सत्ता की कमान ओबीसी समुदाय के हाथ में है. 2014 में नरेंद्र मोदी के केंद्र में सरकार बनाने के बाद बीजेपी ने भले ही देश के तमाम राज्यों में सत्ता पर कब्जा किया हो, लेकिन बिहार के जातियों के जोर वाली सियासत के तिलिस्म में वो बार बार फंस जा रही है क्योंकि यहां ओबीसी और दलित वोटर्स काफी अहम और निर्णायक भूमिका में हैं.

जातिगत जनगणना को लेकर पहले ही सियासत तेज है और अब प्रो चंद्रशेखर के बयान को लेकर आरजेडी जिस मजबूती से अपने मंत्री के साथ खड़ी है उससे साफ है कि ये महज किसी मंत्री की जुबान फिसलने या एकाएक गलत बयान दे देने भर का मामला नहीं है बल्कि एक सोची-समझी रणनीति है जो आरजेडी की भविष्य की राजनीति का आधार भी बन सकती है. आरजेडी बिहार में समाजवाद का चेहरा गढ़ना चाहती है, इसके लिए जरूरी है कि इन मुद्दों पर बहस जोर पकड़े क्योंकि इसका फायदा अंततः उसे ही मिलेगा.

लेबल:

नया ठिकाना, नई बेगम और नई चाल... भांजे ने खोला दाऊद इब्राहिम का एक-एक राज

जिसने मुंबई को धमाकों से दहलाया था. जिसने कई वारदातों को अंजाम दिया. जिसे 30 साल से हिंदुस्तान ढूंढ़ रहा है. वो दाऊद इब्राहिम यानी भारत का 'कसाई' बन बैठा है पाकिस्तान का जमाई. जी हां, भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) को पाकिस्तान ने अपना दामाद बना लिया है. दाऊद इब्राहिम ने एक पाकिस्तानी पठान लड़की से दूसरा निकाह किया है. ये खुलासा खुद दाऊद इब्राहिम के भांजे और हसीना पारकर के बेटे अली शाह ने किया है. 

भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी दाऊद इब्राहिम को पाकिस्तान ने अपना दामाद बना लिया है. दाऊद इब्राहिम ने पाकिस्तान में एक पठान लड़की से दूसरी बार निकाह रचा लिया है. ये विस्फोटक खुलासा दाऊद इब्राहिम की बीवी महजबीन ने खुद उसके भांजे अली शाह के सामने किया था. दाऊद इब्राहिम की पहली बीवी महज़बीन के दावों के मुताबिक 67 साल के दाऊद इब्राहिम ने पाकिस्तान में एक पठान लड़की से दूसरी बार निकाह किया है.

ये सनसनीखेज खुलासा अब दाऊद इब्राहिम के भांजे और हसीना पारकर के बेटे अलीशाह ने किया है. अलीशाह ने नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) से पूछताछ में बताया है कि दाऊद इब्राहिम का पहली बीवी महज़बीन को तलाक देने की खबरें झूठी हैं. लेकिन दाऊद ने दूसरी शादी पाकिस्तानी पठान लड़की से की है.

दाऊद इब्राहिम के भांजे अलीशाह ने बताया कि दाऊद की पहली बीवी महज़बीन से जुलाई 2022 में अली शाह की दुबई में मुलाकात हुई थी, महज़बीन ने ही अली शाह को दाऊद इब्राहिम की दूसरे निकाह के बारे में बताया था. अलीशाह के मुताबिक दाऊद इब्राहिम की पहली बीवी महज़बीन ही हर अहम मौके पर भारत मे बैठे दाऊद के रिश्तेदारों के संपर्क में व्हाट्सप्प कॉल के ज़रिए जुड़ी रहती है.

आज तक के पास दाऊद इब्राहिम के भांजे अली शाह के बयान की वो कॉपी भी मौजूद है, जिसमें उसने खुलासा किया है कि दाऊद इब्राहिम की दूसरी बीवी पाकिस्तानी पठान है. दाऊद इब्राहिम ऐसा दिखाता है कि उसने महज़बीन को तलाक दे दिया है, लेकिन ये सच नहीं है.

भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि दाऊद इब्राहिम ने अपनी पहली बीवी महज़बीन से तलाक की बात इसलिए फैलाई ताकि उसे शक के दायरे से बाहर रखा जा सके. जबकि भारत में दाऊद के रिश्तेदारों से उसकी पहली बीवी महज़बीन ही संपर्क में रहती है.

ये खुलासे तब हुए हैं जब भारतीय जांच एजेंसी एनआईए ने पिछले दिनों आतंकवादी दाऊद इब्राहिम के टेरर नेटवर्क का खुलासा करते हुए मुंबई समेत कई जगहों पर छापेमारी की और कई लोगों को गिरफ्तार किया. उस मामले में NIA ने कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल कर दी है. 

NIA ने दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर के बेटे अली शाह का बयान सितंबर 2022 में दर्ज किया था, जिसमें अलीशाह ने बेहद चौंकाने वाले खुलासे किये हैं. पता चला है कि पाकिस्तान में दाऊद के ठिकाने में भी बदलाव किया गया है. नये खुलासे के मुताबिक दाऊद इब्राहिम अब करांची के डिफेंस एरिया में अब्दुल्ला गाजी बाबा दरगाह के पीछे रहीम फाकी के पास रहता है.

मतलब, भारतीय सुरक्षा और जांच एजेंसियों को पाकिस्तान में दाऊद इब्राहिम के ठिकाने तक का पता है लेकिन जब पाकिस्तान के नये नवेले विदेश मंत्री और बेनजीर भुट्टो के बेटे बिलावल भुट्टो से दाऊद इब्राहिम के बारे में सवाल किया जाता है तो वो साफ इनकार कर जाते हैं.

कौन है दाऊद इब्राहिम
मोस्ट वॉन्टेड अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम कासकर का जन्म दिसंबर 1955 में महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में हुआ था. उसके पिता इब्राहिम कासकर पुलिस कांस्टेबल थे. बाद में दाऊद इब्राहिम का परिवार मुंबई के डोंगरी इलाके में बस गया था. 70 के दशक में दाऊद का नाम मुंबई के अंडरवर्ल्ड में तेजी से उभरने लगा था. पहले वो हाजी मस्तान गैंग में काम करता था. वहीं रहते रहते उसका प्रभाव बढ़ने लगा. उसके गैंग को लोग डी-कंपनी कहने लगे थे. वो उसका मुखिया माना जाता था. 

90 के दशक में मुंबई में हुए सीरियल ब्लास्ट का मास्टर माइंड वही था. धमाको को अंजाम देने के बाद वो भारत छोड़कर दुबई भाग गया था. इसके बाद उसने पाकिस्ता में अपना ठिकाना बनाया. अब वो अपने परिवार के साथ वहीं रहता है. 

उसके खिलाफ भारत में आतंकी हमला, मर्डर, अपहरण, सुपारी हत्या, संगठित अपराध, ड्रग्स, हथियारों की तस्करी जैसे कई मामले दर्ज हैं. साल 2003 में उसे ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया गया था. साल 2011 में एफबीआई और फ़ोर्ब्स की एक लिस्ट में उसे दुनिया का तिसरा मोस्ट वांटेड भगोड़ा अपराधी बताया गया था.


 

लेबल: