बुधवार, 23 फ़रवरी 2022

'फायरिंग की आवाज से सहम जाते थे..', यूक्रेन से लौटे भारतीयों ने बयां किए हालात

स्टोरी हाइलाइट्स

  • यूक्रेन में करीब 20 हजार भारतीय रहते हैं
  • भारत सरकार ने सबको जल्द वापस आने को कहा
  • रूस ने यूक्रेन के दो क्षेत्रों को अलग देश के रूप में मान्यता दे दी है, इससे हालात और बिगड़े

Russia Ukraine News: यूक्रेन और रूस की सीमा पर बिगड़ते हालातों के बीच यूक्रेन से भारतीयों को निकालने का सिलसिला शुरू हो गया है. नाजुक हालातों को देखते हुए मंगलवार रात यूक्रेन से 242 छात्रों को एअर इंडिया (Air India) की पहली फ्लाइट से वापस लाया गया. स्वदेश लौटे इन भारतीयों ने यूक्रेन के हालातों को भी बयां किया है.

बता दें कि यूक्रेन में भारत के करीब 20,000 नागरिक मौजूद हैं. भारत सरकार ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वह जितना जल्दी हो सके वापस भारत लौट आएं. 

जो 242 छात्र आए हैं उनमें से ज्यादातर छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए यूक्रेन गए थे. यूक्रेन से वतन वापसी के बाद कई छात्रों को ऐसा लगा कि उन्हें भारत आकर नया जीवन मिला है.

यूक्रेन में पिछले 2 साल से मेडिकल की पढ़ाई कर रहीं तनवी बताती हैं कि आने वाले समय में यूक्रेन में हालात बेहद खराब होने वाले हैं. तनवी पश्चिमी यूक्रेन में रहती थीं. पश्चिमी यूक्रेन में हालात अभी इतने खराब नहीं हुए हैं जितने पूर्वी यूक्रेन में हो रहे हैं. वे बताती हैं कि लगभग सभी सीमाओं पर रूस की आर्मी की तैनाती है. सीमाओं पर भारी संख्या में रूस के हथियार और वॉर टैंक रखे गए हैं.

रात को सुनाई देती थी फायरिंग की आवाज

दिल्ली से मेडिकल की पढ़ाई करने गईं 20 वर्ष की साक्षी कहती हैं कि वहां पर हालात जरा भी सामान्य नहीं हैं. उन्हें रात को फायरिंग की आवाज सुनाई पड़ती थी जिसे सुनकर ही वह सहम जाती थीं. वे बताती हैं कि यूक्रेन में जगह-जगह चप्पे-चप्पे पर पुलिस पेट्रोलिंग कर रही है. दिन हो या रात पुलिस की पेट्रोलिंग जारी है. वे कहती हैं कि इन्हीं सब चीजों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने भारत वापस लौटने का फैसला किया. भारत आकर के बेहद सुरक्षित महसूस कर रहे हैं और उन्हें ऐसा लग रहा है कि अब दूसरा जीवन मिल गया है.

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डॉक्टर बनने का सपना लेकर गए 18 साल के रियांश बोले कि उन्होंने यूक्रेन जाने के लिए बहुत तैयारी की थी. उनके मां-बाप ने बड़ी मेहनत से उनकी फीस भरी थी. उम्मीद थी कि वह अपनी डिग्री खत्म करके ही लौटेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ. वे कहते हैं कि वैसे तो हालात वहां पर फिलहाल सामान्य जैसे ही है लेकिन माहौल में तनाव जरूर है. और आने वाले दिनों में कभी भी युद्ध जैसी स्थिति बन सकती है.

6 महीने पहले यूक्रेन गई थीं निकिता

महज 6 महीने पहले की यूक्रेन पढ़ने गई सोनीपत की निकिता कहती हैं कि उन्होंने सोचा नहीं था उन्हें इतना जल्दी वापस भारत बिना डॉक्टर की पढ़ाई की ही लौटना पड़ेगा. निकिता कहती हैं कि जितने भी भारतीय फिलहाल यूक्रेन में मौजूद हैं वे सभी जल्द से जल्द भारत लौटना चाहते हैं.

निकिता कहती हैं कि जब से रूस ने दोनों प्रांतों को स्वतंत्र देश का दर्जा दे दिया उसके बाद से स्थिति और भी खराब हो रही है. जितने भी भारतीय फिलहाल वहां रह रहे हैं सब में दहशत का माहौल है. अपनी पढ़ाई को लेकर उन्होंने कहा कि कॉलेज की तरफ से उन्हें ऑनलाइन क्लास अटेंड करने के लिए कहा गया है. इसलिए अब वे अपनी बची हुई पढ़ाई ऑनलाइन ही पूरी करेंगी.

कुछ लोग बोले- हालात अभी उतने बुरे नहीं

सोमवार रात वापस आए कुछ लोगों ने यह भी कहा कि अभी हालात उतने भी बुरे नहीं हैं, जितना टीवी पर दिखाया जा रहा है. लेकिन आने वाले वक्त में स्थिति और बिगड़ने के पूरे-पूरे चांस हैं. कुछ लोगों ने कहा कि उनके घरवाले बहुत चिंता कर रहे थे, इसलिए वे जल्द से जल्द लौट आए. दिल्ली एयरपोर्ट लौटे शिवम ने बताया कि वहां एकदम से माहौल बदला था, जिसने चिंता बढ़ा दी थी.

बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच तनातनी जारी है. रूस चाहता है कि यूक्रेन NATO का हिस्सा ना बने, वहीं यूक्रेन रूस के विरोध पर अड़ा है. इस बीच व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के दो क्षेत्रों को अलग देश के रूप में मान्यता दे दी है. इसमें डोनेत्स्क (DPR) और लुगंस्क (LPR) शामिल है.

 

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