भाकियू की पंचायतों में अल्लाह हू अकबर हर हर महादेव का नारा लगाने वाले गुलाम मौहम्मद नहीं रहे
बुढ़ाना के गांव जौला निवासी किसान नेता व स्व. चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के सहयोगी रहे गुलाम मोहम्मद जौला की ह्रदय गति रुकने से मौत हो गई है। वह भारतीय किसान यूनियन की बड़ी पंचायतों का संचालन करते रहे और अल्लाह हू अकबर हर हर महादेव का नारा उन्होंने ही सबसे पहले भाकियू की पंचायतों में लगवाया था।
गुलाम मोहम्मद जौला लंबे समय तक भाकियू सुप्रीमो स्व. महेन्द्र सिंह टिकैत के साथ जुड़े रहे और उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर किसानों के लिए लड़ाई लड़ी। भाकियू के राष्ट्रीय संचालक रहते हुए गुलाम मोहम्मद जौला ने बड़े-बड़े आंदोलन के दौरान हुई पंचायतों का संचालन बखूबी संभाले रखा। अपने संचालन के दौरान चुटीले अंदाज में वह कटाक्ष करते पंचायत में आए लोगों को खूब हंसाते थे। हालांकि उन्होंने वर्षों पहले चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत से दूरी बना ली थी।
2013 के मुजफ्फरनगर दंगों में 50 से अधिक लोग मारे गये थे और 50,000 लोग प्रभावित होकर विस्थापित कैंपो में चले गए थे। इस दंगे ने हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच के रिश्तों को पूरी तरह से तोड़ डाला था। दिवंगत किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत के पूर्व सहयोगी और सक्रिय मुस्लिम नेता गुलाम मोहम्मद जोला ने दंगों के बाद से खुद को बीकेयू से अलग कर लिया था। भारतीय किसान मज़दूर मंच के नाम से एक नया किसान संगठन खड़ा कर लिया था। उसके बावजूद वह सिसौली में होने वाले बड़े कार्यक्रमों में शामिल होते रहे। दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में भी गुलाम मोहम्मद ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था। उसी दौरान मुज़फ्फरनगर में हुई किसान महापंचायत में भी वह शामिल हुए थे। जहां जयंत चौधरी ने गुलाम मोहम्मद के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लिया था। जबकि चौधरी नरेश टिकैत उनके गले लगे थे।
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उस दौरान पत्रकारों को दिए गए बयान में गुलाम मोहम्मद जोला का कहना था “आखिर कितने समय तक हम एक दूसरे के खिलाफ नफरत पाले रखेंगे? इस बात को आठ साल बीत चुके हैं। मुजफ्फरनगर के लोग नहीं चाहते कि इस शहर को 2013 के दंगों के लिए याद किया जाए, बल्कि वे इसे किसानों, जाटों और मुसलमानों के बीच की एकता के रूप में याद रखना चाहते हैं। दंगों की सभी बुरी यादों को भुलाकर हम एक बार फिर से एकजुट हो चुके हैं, और उम्मीद करते हैं कि यह भाईचारा कायम बना रहेगा और लोगों के बीच में पुल बनाने में मदद करेगा।”
उन्होंने कहा था कि “अगर किसान ठोस समाधान चाहते हैं, तो उन्हें एक झंडे तले आना होगा और मौजूदा शासन को शिकस्त देनी होगी।”
लेबल: मुजफ्फरनगर ब्रेकिंग
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