सिद्धू ने सरेंडर के लिए कोर्ट से मांगा और वक्त, हेल्थ का दिया हवाला

स्टोरी हाइलाइट्स
- सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को सुनाई 1 साल की सजा
- 1988 के मामले में सिद्धू को हुई सजा
पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू आज पटियाला कोर्ट में कुछ देर में सरेंडर करेंगे. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 1988 के रोड रेज मामले में उन्हें गुरुवार को 1 साल की सजा सुनाई है.
उधर, सुप्रीम कोर्ट के ऐलान के बाद गुरुवार देर रात नवजोत सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू अमृतसर से पटियाला पहुंचीं. 1998 के रोडरेज मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को 1 साल की सजा सुनाई है. सुप्रीम कोर्ट में यह केस पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले खुला था. पीड़ितों ने मई 2018 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की थी, जिसे अदालत ने मान लिया था. इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया.
दायर करेंगे क्यूरेटिव पिटीशन
नवजोत सिंह सिद्धू एक तरफ जहां सरेंडर करने पटियाला सेशन कोर्ट जाएंगे, वहीं दूसरी तरफ उनकी तरफ सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन भी दायर की जाएगी. सूत्रों का कहना है कि सिद्धू की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर करेंगे. बताया जाता है कि सिद्धू 10 से 11 बजे के बीच अपने घर से पटियाला कोर्ट के लिए निकलेंगे.
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1. 27 दिसंबर 1988 की शाम सिद्धू अपने दोस्त रूपिंदर सिंह संधू के साथ पटियाला के शेरावाले गेट की मार्केट में पहुंचे. ये जगह उनके घर से 1.5 किलोमीटर दूर है. उस समय सिद्धू एक क्रिकेटर थे. उनका अंतरराष्ट्रीय करियर शुरू हुए एक साल ही हुआ था.
2- इसी मार्केट में कार पार्किंग को लेकर उनकी 65 साल के बुजुर्ग गुरनाम सिंह से कहासुनी हो गई. बात हाथापाई तक जा पहुंची. सिद्धू ने गुरनाम सिंह को घुटना मारकर गिरा दिया. उसके बाद गुरनाम सिंह को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई. रिपोर्ट में आया कि गुरनाम सिंह की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी.
3. उसी दिन सिद्धू और उनके दोस्त रूपिंदर पर कोतवाली थाने में गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज हुआ. सेशन कोर्ट में केस चला. 1999 में सेशन कोर्ट ने केस को खारिज कर दिया.
4. साल 2002 में पंजाब सरकार ने सिद्धू के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की. इसी बीच सिद्धू राजनीति में आ गए. 2004 के लोकसभा चुनाव में अमृतसर सीट से बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ा और जीते.
5. दिसंबर 2006 को हाईकोर्ट का फैसला आया. हाईकोर्ट ने सिद्धू और संधू को दोषी ठहराते हुए 3-3 साल कैद की सजा सुनाई. साथ ही 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. सिद्धू ने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया था.
6. हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई. सिद्धू की ओर से बीजेपी के दिवंगत नेता अरुण जेटली ने केस लड़ा. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई. 2007 में सिद्धू फिर अमृतसर से चुनाव जीते.
7- 1988 के मामले में सिद्धू और संधू पर दो केस हैं. पहला गैर इरादतन हत्या का और दूसरा रोड रेज का. मई 2018 में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सिद्धू और संधू को रोड रेज के मामले में दोषी ठहराते हुए 3-3 साल कैद की सजा सुनाई. मामला फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा.
सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू और संधू को सभी आरोपों से बरी कर दिया था. हालांकि, कोर्ट ने रोड रेज मामले में सिद्धू पर 1 हजार रुपये का जुर्माना लगाया. इसी फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई थी. अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को एक साल की सजा सुनाई है.
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