7 बजकर 29 मिनट: जब धोनी ने कहा था इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा, फिर जिएं वो पल...

स्टोरी हाइलाइट्स
- एमएस धोनी की रिटायरमेंट को दो साल पूरे
- शाम सात बनकर 29 मिनट पर लिया था संन्यास
15 अगस्त 2020... शाम के सात बजकर 29 मिनट. पूरा देश स्वतंत्रता दिवस के जश्न में सराबोर था तभी एक ऐसी खबर आई जिसने फैन्स को हिला कर रख दिया. यह खबर भारत के महानतम कप्तानों में से एक एमएस धोनी के इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायरमेंट को लेकर थी. धोनी के रिटायरमेंट से फैन्स चौंक गए थे क्योंकि सभी को उम्मीद थी कि वह होम क्राउड के सामने मुकाबला खेलकर ही इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहेंगे.
एमएस धोनी के इस ऐलान से भारत समेत पूरे क्रिकेट जगत में सन्नाटा पसर गया था. साथ ही क्रिकेट के एक युग का भी अंत हो गया था. एमएस धोनी ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट कर इसकी जानकारी दी. एमएस धोनी ने पोस्ट को कैप्शन दिया था, 'हमेशा आपको प्यार और सपोर्ट के लिए धन्यवाद. शाम 7 बजकर 29 मिनट के बाद से मुझे रिटायर्ड समझा जाए.'
वीडियो में बजने वाला गीत ‘मैं पल दो पल का शायर हूं...', अब भी फैन्स के दिमाग में बसा हुआ है. यूं कहे तो धोनी ने इस गीत के जरिए ही अपने पूरे करियर का चित्रण कर दिया था.धोनी के संन्यास लेने के कुछ देर बाद सुरेश रैना ने भी इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया था. धोनी के भारतीय समयानुसार ठीक 7 बजकर 29 मिनट पर रिटायरमेंट लेने की एक खास वजह थी.
धोनी की कमी पूरी करना मुश्किल
साल 2019 के वनडे वर्ल्ड कप में 9 जुलाई को भारतीय टीम ठीक 7 बजकर 29 मिनट पर ही विश्व कप की दौड़ से बाहर हुई थी. न्यूजीलैंड के खिलाफ उस सेमीफाइनल में एमएस धोनी को मार्टिन गप्टिल ने रन आउट कर दिया था और करोड़ों भारतीय फैन्स की उम्मीदें टूट गई थीं. जब धोनी पवेलियन लौट रहे तो उनके चेहरे पर मायूसी साफ झलक रही थी. वह सेमीफाइनल मुकाबला ही धोनी के इंटरनेशनल करियर का आखिरी मैच साबित हुआ.
एमएस धोनी ने 350 वनडे, 98 टी20 इंटरनेशनल और 90 टेस्ट मैच खेलकर 17266 रन बनाए. इस दौरान उन्होंने 108 अर्धशतक और 16 शतक लगाए. एमएस धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया तीन आईसीसी खिताब जीतने में सफल रही थी. वहीं आईपीएल में वह सीएसके को चार बार चैम्पियन बना चुके हैं. आईपीएल 2023 में भी धोनी सीएसके की कप्तानी करते हुए दिखाई देंगे.
धोनी को इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायरमेंट लिए दो साल पूरे हो चुके हैं लेकिन उनकी कमी की भरपाई करना काफी मुश्किल है. धोनी जिस तरह से विकेट के पीछे खड़े होकर रणनीतियां बनाते थे और अपने खिलाड़ियों को सलाह देते थे, वह शायद ही कोई दूसरा खिलाड़ी कर पाए. धोनी अब भले ही भारत के लिए नहीं खेलते हैं लेकिन उन्होंने देश के लिए जो योगदान दिया है वह हजारों साल तक याद रखा जाएगा. धोनी भी एक बार कहा था कि कि आप क्राउड के लिए नहीं बल्कि देश के लिए खेलते हैं.L
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