बुधवार, 7 सितंबर 2022

गाजियाबाद में रेलवे ग्रुप-D परीक्षा में सेंधमारी करते छह गिरफ्तार:वॉट्सएप पर आती थी आंसर-की, छात्रों से लाखों रुपए लेकर कराते थे नकल

रेलवे ग्रुप-D की परीक्षा में स्टाफ के जरिये नकल कराने वाले गिरोह के छह सदस्यों को STF मेरठ ने बुधवार को गाजियाबाद से गिरफ्तार किया है। खुलासा हुआ है कि परीक्षा शुरू होने से आधा घंटा पहले ही वॉट्सएप पर आंसर-की आ जाती थी और उसे देखकर चुनिंदा अभ्यर्थी पेपर सॉल्व करते थे। इस गैंग में परीक्षा कराने वाली कंपनी से लेकर परीक्षा केंद्र पर ड्यूटी दे रहे कई लोग संलिप्त थे।

ये आरोपी पकड़े गए

आशीष कुमार निवासी ग्राम कुरड़ी, छपरौली (बागपत)
विपिन निवासी ग्राम मोरटा, मुरादनगर (गाजियाबाद)
रूपक उर्फ रेवती निवासी ब्रजविहार कॉलोनी, मुरादनगर (गाजियाबाद)
प्रदीप पंवार निवासी ग्राम चंदहेड़ी, बुढ़ाना (मुजफ्फरनगर)
सचिन मलिक निवासी ग्राम बखरवा, मोदीनगर (गाजियाबाद)
नेत्रपाल निवासी ब्रजविहार कॉलोनी, मुरादनगर (गाजियाबाद)

RD इंजीनियरिंग कॉलेज के बाहर से हुई गिरफ्तारी
STF मेरठ के ASP ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया, गाजियाबाद के दुहाई स्थित RD इंजीनियरिंग कॉलेज में आयोजित रेलवे ग्रुप-डी की ऑनलाइन परीक्षा में रुपए लेकर नकल कराने की सूचना मिली थी।

इस सूचना पर STF की दो टीम परीक्षा केंद्र के बाहर पहुंची। टीम ने कॉलेज के गेट के पास से 4 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में इन आरोपियों ने बताया कि एक साथी सचिन मलिक केंद्र के भीतर मौजूद है जो केंद्र का स्टाफ है। इसके बाद एसटीएफ ने सचिन को भी गिरफ्तार कर लिया।

वॉट्सएप पर आती थी आंसर-की, बाथरूम में रखता था कर्मचारी
सचिन मलिक ने पूछताछ में बताया, वो रेलवे ग्रुप-डी की आंसर-की हरियाणा के जयबीर और बागपत के अंकित से लेते हैं। जयबीर-अंकित परीक्षा शुरू होने से सिर्फ आधा घंटा पहले यह आंसर-की वॉट्सएप पर भेजते हैं।

इस आंसर-की को विपिन और रूपक नामक दो व्यक्तियों के जरिये परीक्षा केंद्र के अंदर मौजूद अपने गैंग के ऐसे व्यक्ति तक पहुंचाया जाता है, जो ड्यूटी दे रहा होता है। कॉलेज स्टाफ का एक व्यक्ति इस आंसर-की को बाथरूम में रख देता था और वहां से चुनिंदा छात्र उसे प्राप्त कर लेते थे। लैब असिस्टेंट सचिन मलिक को इस गिरोह से आंसर-की प्राप्त करने और बाथरूम में रखने के बदले 50 हजार रुपए मिलते थे।

परीक्षा केंद्र को स्टाफ देने वाला व्यक्ति भी गैंग में शामिल
दूसरे आरोपी रूपक ने बताया, वो कॉलेजों में मैन पॉवर (स्टाफ) उपलब्ध कराने का काम करता है। RD इंजीनियरिंग कॉलेज में रूपक ने ही सचिन मलिक को ड्यूटी पर लगवाया था, ताकि कुछ छात्रों को नकल कराई जा सके।

रूपक का भाई नेत्रपाल TCS कंपनी में एग्जीक्यूटिव है। यही कंपनी रेलवे ग्रुप-डी की ऑनलाइन परीक्षा करा रही है। रूपक कई बार नेत्रपाल से भी आंसर-की लेता रहा है। खुद नेत्रपाल की ड्यूटी आज दूसरे परीक्षा सेंटर BBDIT दुहाई, मुरादनगर में लगी हुई थी। एसटीएफ ने नेत्रपाल को भी परीक्षा सेंटर से अरेस्ट किया है।

आंसर-की के बदले छात्रों से वसूलते थे 5-10 लाख रुपए
पकड़े गए आरोपी आंसर-की उपलब्ध कराने के बदले एक छात्र से पांच से दस लाख रुपए तक लेते थे। हालांकि एसटीएफ ने जब इस पूरे गैंग को पकड़ा, तब तक आंसर-की नहीं आ पाई थी।

इसी गैंग ने 24 अगस्त को गाजियाबाद के एक सेंटर पर कुछ अभ्यर्थियों को नकल कराने की बात कुबूली है। गिरोह के सदस्य जयवीर, अंकित फरार हैं। अंकित पंजाब में सब इंस्पेक्टर परीक्षा का पेपर आउट कराने में जेल जा चुका है और दो महीने पहले ही जमानत पर छूटा है।

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