सोमवार, 17 अक्टूबर 2022

तबाही, लाशें और खौफ... यूक्रेन-रूस युद्ध के 8 महीने बाद न्यूक्लियर वॉर की आहट!

इसी साल फरवरी महीने की बात है. रूस की ओर से यूक्रेन की सीमा पर सैनिकों की तैनाती की जा रही थी. आशंका जताई जा रही थी कि रूस आक्रमण कर सकता है, लेकिन पुतिन सैन्य अभ्यास की बात कर रहे थे. 24 फरवरी 2022 का वो मनहूस दिन, जब रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण कर दिया. दुनिया भर में हलचल बढ़ गई. रूस के ताबड़तोड़ हमले से ऐसा लग रहा था कि पुतिन काफी जल्दबाजी में हैं और एक सप्ताह में युद्ध निर्णायक साबित होगा. लेकिन आज 8 महीने बीत गए हैं और लड़ाई खत्म होने का नाम नहीं ले रही बल्कि लगातार पुतिन की ओर से परमाणु हमले की धमकी दी जा रही है. हम पड़ताल करने की कोशिश करेंगे कि युद्ध के 236 दिनों बाद क्या हैं हालात.

युद्ध में तबाही होती है, विनाश होता है, जिंदगियां खत्म होती हैं और हजारों परिवार बेघर हो जाते हैं. किसी मां की गोद उजड़ जाती है तो किसी सुहागन का सुहाग, किसी का भाई तो किसी की बहन, कितने ही बेटे और बेटियों के सिर से मां-पिता का साया उठ जाता है. युद्ध कितना भयावह हो सकता है इसका अंदाजा दुनिया को सेकंड वर्ल्ड वॉर से लग चुका है, जब जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में परमाणु बम गिराया गया था. पल भर में लाखों जिंदगियां उजड़ गईं थीं और जो बचे वो अपगंता के शिकार हो गए. यूक्रेन-रूस युद्ध एकबार फिर खतरनाक मोड़ पर आ चुका है. 

रूस-यूक्रेन युद्ध के 8 महीने बाद भी ना तो राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पीछे हटने को तैयार हैं और ना ही यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की झुकने को. ऐसे में युद्ध खत्म होने की संभावना तो दूर बल्कि दुनिया को न्यूक्लियर वॉर की आहट सुनाई दे रही है. जेलेंस्की अपने देश को वॉर की तबाही से बचा सकते थे. लेकिन उन्हें 30 देशों के संगठन NATO (North Atlantic Treaty Organization) पर भरोसा था. उन्हें विश्वास था कि अगर रूस हमला करता है तो नाटो उनकी ओर से युद्ध में कूद जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और जेलेंस्की को सिर्फ हथियारों की सहायता पहुंच रही है. अब स्थिति भयावह होती जा रही है. ऐसा हम क्यों कह रहे हैं इसे समझते हैं.

क्रीमिया ब्रिज ब्लास्ट के बाद यूक्रेन पर ताबड़तोड़ हमले

रूस को क्रीमिया प्रायद्वीप से जोड़ने वाले ब्रिज पर विस्फोट के बाद इसका कुछ हिस्सा ढह गया. युद्ध में रूस के लिए इस ब्रिज की अहम भूमिका थी. रूस इसी पुल से यूक्रेन के दक्षिणी हिस्से में अपनी सेना के लिए हथियारों और जरूरी सामानों की सप्लाई करता था. सबसे बड़ी बात कि इसे पुतिन ने बनवाया था. इस हमले के बाद पुतिन ने कहा कि यह एक आतंकवादी घटना है, जिसमें एक अहम इन्फ्रास्ट्रक्चर को नष्ट किया गया है और यह एक सोचा समझा कदम है, जिसे यूक्रेन के विशेष सुरक्षाबलों ने अंजाम दिया है. 

इस घटना के बाद रूसी सेना की ओर से कीव समेत पोलैंड की सीमा से सटे लवीव, झयटोमयर, खमेलनयट्स्की समेत कई शहरों पर 75 मिसाइलें दागी गईं थीं. जबकि आज सोमवार को यूक्रेन की राजधानी कीव में 28 ड्रोन से ताबड़तोड़ हमले किए गए. द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक आज के हमले में कुछ लोगों की मौत हो गई, जिनमें वोहदान और विक्टोरिया नाम के कपल भी शामिल हैं. इस कपल के घर कुछ ही महीनों में नया बच्चा आने वाला था. लेकिन उनकी दर्दनाक मौत हो गई. 

बताया जा रहा है कि ये हमले भीड़भाड़ वाले इलाके में किए गए हैं और कई इलाकों में बिजली गुल हो गई है. सात महीनों में हजारों लोग काल के गाल में समा चुके हैं. टीवी चैनलों पर दिल दहलाने वाली तस्वीरें सामने आती रहती हैं. सैकड़ों रिहायशी घरों पर मिसाइलें गिर चुकी हैं और लोगों के रोते-बिलखते वीडियो सामने आ रहे हैं. कई जगह लाशों के ढेर बरामद हो चुके हैं. अमेरिका का अनुमान है कि इस युद्ध में रूस के 60 हजार से अधिक सैनिक हताहत हो चुके हैं.

NATO बार्डर पर 11 न्यूक्लिर बॉमबर्स की तैनाती

बताया जा रहा है कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने  NATO के बॉर्डर से 20 मील की दूरी पर 11 न्यूक्लियर बॉम्बर्स तैनात कर दिए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी सैटेलाइट ऑपरेटर प्लैनेट लैब्स की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि नार्वे के बॉर्डर से 20 मील की दूरी पर TU-160 और TU-95 न्यूक्लियर बॉम्बर्स की तैनाती की गई है. क्रीमिया युद्ध के बाद आशंका जताई जा रही है कि पुतिन पश्चिमी देशों को बड़ा संदेश देने के लिए बार्डर पर बम बरसा सकते हैं. जबकि बेलारूस भी अब रूस के समर्थन में आ गया है. उधर, यह भी कहा जा रहा है कि नाटो ने भी युद्धाभ्यास की तैयारी शुरू कर दी है. ऐसे में ये परिस्थितियां ये संकेत दे रही है कि एक बड़ी गलती दुनिया को महायुद्ध की ओर धकेल सकता है. 

रूस ने खुलकर दी तीसरे विश्व युद्ध की धमकी

रूसी राष्ट्रपति पुतिन लगातार परमाणु हमले की धमकी देते रहे हैं. लेकिन हाल ही में पुतिन ने यूरोपीय देशों को खुली धमकी दी कि अगर नाटो सैनिक रूसी सैनिकों से भिड़ते हैं तो वैश्विक तबाही मचेगी. उन्होंने कहा कि रूसी सैनिकों के साथ सीधा टकराव काफी खतरनाक होगा और यह वैश्विक तबाही की वजह बन सकता है. यह बात उन्होंने कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में एक कार्यक्रम के दौरान कही. इससे पहले यूक्रेन के चार इलाकों दोनेत्सक, लुहांस्क, खेरसन और जपोरिझझिया को रूस अपने साथ मिला चुका है. यहां के निवासियों के बीच एक सर्वे के बाद रूस ने ये कदम उठाया था.

परमाणु हमले की बात पर बाइडेन की चेतावनी

पुतिन के लगातार परमाणु हथियार की धमकी को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन हल्के में लेने से मना कर रहे हैं. वो कह चुके हैं कि पुतिन तब मजाक नहीं करते जब वो परमाणु हथियार के इस्तेमाल करने की बात करते हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को आशंका है कि यह युद्ध आर्मगेडन (Armageddon) की स्थिति में जा सकता है. ईसाई धर्म ग्रंथ बाइबिल के मुताबिक आर्मगेडन महायुद्ध को कहते हैं जब बुराई और अच्छाई के बीच लड़ाई होती है. इस युद्ध में पूरी दुनिया में तबाही हो सकती है. जो बाइडन को डर है कि पुतिन की परमाणु धमकी दुनिया को महायुद्ध में धकेल सकती है.

इससे पहले भी बाइडन ने रूस के परमाणु धमकी पर कहा था कि क्यूबा में 1962 में हुए मिसाइल अटैक के बाद यह पहली बार है, जब दुनिया परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के सबसे बड़े खतरे का सामना कर रही है. इसके अलावा विश्व युद्ध की आशंका पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां ने भी कहा है कि हम विश्व युद्ध नहीं चाहते हैं. हम यूक्रेन की संप्रभुता बचाने में मदद कर रहे हैं और अभी रूस पर हमला नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि अब इस युद्ध को रोक देना चाहिए.

जेलेंस्की की एक जिद ने यूक्रेन के लाखों परिवारों पर कहर बरपा दिया. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की अपने देश को नाटो में शामिल करना चाहते हैं और रूसी राष्ट्रपति पुतिन उन्हें ऐसा करने से मना करते रहे. अगर जेलेंस्की नाटो में शामिल होने की जिद नहीं करते तो शायद यूक्रेन को युद्ध की विभीषिका से बचाया जा सकता था. विनाश का ये मंजर अब दुनिया के सामने है. लोग महसूस कर रहे हैं कि दो राष्ट्राध्यक्षों की जिद ने हजारों जिंदगियां लील ली और कई लाख लोगों का आशियाना उजड़ गया और वो अब दूसरे देशों में रिफ्यूजी बनकर रह रहे हैं. काश! दो राष्ट्रपतियों का अहम न टकराता... और चिनगारी भड़ककर युद्ध में तब्दील नहीं होती.

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