टीम इंडिया के 'संकटमोचक' बने अश्विन, बल्ला हो या बॉल मुश्किल में टीम को जिताया
टीम इंडिया ने बांग्लादेश को मीरपुर में हुए टेस्ट सीरीज के दूसरे मैच में तीन विकेट से पराजित किया. इस जीत के साथ ही उसने दो मैचों की टेस्ट सीरीज में बांग्लादेश का 2-0 से सफाया कर दिया. देखा जाए तो भारतीय टीम एक समय इस मुकाबले में हार के मुहाने पर खड़ी थी क्योंकि उसने 74 रनों पर सात विकेट खो दिए थे. ऐसे में रविचंद्रन अश्विन और श्रेयस अय्यर ने नाबाद 71 रनों की पार्टनरशिप करके टीम इंडिया को जीत दिला दी.
बल्ले से कमाल करने में माहिर हैं अश्विन
रविचंद्रन अश्विन ने जहां 66 गेंदों पर नाबाद 42 रन बनाए जिसमें चार चौके और एक छक्का शामिल था. वहीं श्रेयस अय्यर ने चार चौके की मदद से 46 गेंदों का सामना करने हुए 29 रन बनाए. यह पहली बार नहीं हैं जब रविचंद्रन अश्विन ने बल्ले से कमाल किया है. अश्विन अबतक अपने करियर में कई मौकों पर भारत के लिए बल्लेबाजी में धमाल मचा चुके हैं. दबाव वाली परिस्थितियों में अश्विन की बल्लेबाजी काफी निखर कर सामने आती है और वह टीम के लिए संकटमोचक बन जाते हैं.
पाकिस्तान के खिलाफ विनिंग रन
इस साल टी20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले भारत को आखिरी गेंद पर दो रन चाहिए थे. ऐसी तनाव वाली परिस्थिति में आर. अश्विन स्ट्राइक पर थे. चूंकि एक गेंद पर दो रन बनाने की आवश्यकता थी तो बल्लेबाज शॉट खेलने के लिए जरूर जाएगा, लेकिन अश्विन ने दिमाग लगाते हुए गेंद को जाने दिया और वह वाइड करार दी गई. यानी कि भारत को एक गेंद और खेलने को मिला जिसपर अश्विन ने सिंगल दौड़कर टीम को यादगार जीत दिला दी.
सिडनी टेस्ट में खेली थी यागार पारी
भारतीय टीम के पिछले ऑस्ट्रेलियाई दौरे में सिडनी टेस्ट मैच को कौन भूल सकता है. उस मैच के आखिरी दिन आर. अश्विन ने हनुमा विहारी के साथ 259 गेंद में 62 रन की अटूट साझेदारी कर टीम इंडिया को हार से बचाया था. अश्विन ने 128 गेंदों पर नाबाद 39 रन बनाए. अश्विन उस मैच में पीठ दर्द से परेशान थे. टीम इंडिया के लिए यह ड्रॉ किसी जीत से कम नहीं थी. बाद में गाबा टेस्ट में भारत ने कंगारू टीम को हराकर सीरीज पर कब्जा कर लिया था.
अब बांग्लादेश के खिलाफ रविचंद्रन अश्विन की खेली गई पारी कुछ अलग तरीके की रही. जब अश्विन बैटिंग करने आए तो तो उन्होंने अपना धैर्य दिखाया, लेकिन जैसे ही भारत लक्ष्य के करीब पहुंचा, अश्विन ने बांग्लादेशी गेंदबाजों पर हमला करना शुरू कर दिया और चौकों की झड़ी लगाते हुए टीम को जीत दिलाई.
36 साल के रविचंद्रन अश्विन दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों में से एक है, लेकिन वह बल्लेबाजी में भी किसी से कम नहीं हैं. टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में अश्विन से अधिक विकेट लेने वाले आठ गेंदबाजों में किसी का भी बैटिंग औसत अश्विन के आसपास नहीं है. इन आठ खिलाड़ियों ने मिलकर दो शतक (ब्रॉड और कुंबले एक-एक) शतक लगाए हैं, वहीं अश्विन के नाम पांच शतक हैं.
अश्विन ने नवंबर 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया था. तब से लेकर अब तक अश्विन ने 88 टेस्ट मैचों में 27.41 की औसत से 3043 रन बनाए हैं. इस दौरान उनके बल्ले से पांच शतक और 13 अर्धशतक निकले. अश्विन ने वेस्टइंडीज के खिलाफ चार और इंग्लैंड के खिलाफ एक शतक लगाया है.
अश्विन के टेस्ट शतक:
103 रन बनाम वेस्टइंडीज, मुंबई 2011
124 रन बनाम वेस्टइंडीज, कोलकाता 2013
113 रन बनाम वेस्टइंडीज, नॉर्थ साउंड, 2016
118 रन बनाम वेस्टइंडीज, सेंट लूसिया 2016
106 रन बनाम इंग्लैंड, चेन्नई 2021
रविचंद्रन अश्विन ने अबतक 88 टेस्ट मैचों में 24.30 की औसत से 449 विकेट चटकाए हैं. वहीं वनडे इंटरनेशनल में अश्विन ने 151 विकेट चटकाने के अलावा 707 रन बनाए हैं. टी20 इंटरनेशनल में अश्विन के नाम पर 72 विकट के साथ-साथ 184 रन दर्ज हैं.
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