बुधवार, 15 फ़रवरी 2023

यूपी के शहरों से नहीं गुजरेगी कांवड़ यात्रा, इस साल महाशिवरात्रि पर नहीं बदलेगा रूट

सबकुछ योजना के मुताबकि हुआ तो वर्ष 2024 में कांवड़ियों का गंग नहर की दोनों पटरियों पर आवागमन सुलभ हो जाएगा। वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के बाद दाई पटरी पर मार्ग निर्माण की कवायद तेज हो गई है। मुजफ्फरनगर से मेरठ और गाजियाबाद तक लगभग 111 किमी लंबे मार्ग तक वन विभाग की भूमि में एक लाख 12 हजार 722 पेड़ कटान के लिए चिह्नित किए गए हैं। मार्ग निमार्ण होने से शिवभक्तों को शहरों से नहीं गुजरना पड़ेगा, जिससे उनकी राह आसान होगी, वहीं आमजन को भी कांवड़ यात्रा के दौरान जाम और होने वाली अन्य परेशानियों से निजात मिलेगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा एवं सामान्य यातायात को सुलभ बनाने के लिए गंग नहर की दाई पटरी को बनाने की घोषणा के बाद वर्ष 2020 में प्रशासन ने 111 किमी लंबी और सात मीटर चौड़ी सड़क बनाने का प्रस्ताव तैयार किया था। उसी दौरान 628.74 करोड़ का बजट भी स्वीकृत किया गया था। मुजफ्फरनगर में 54 किमी, मेरठ में 42 और गाजियाबाद में मुरादनगर तक 13 किमी लंबी सड़क तैयार होगी। वन विभाग की एनओसी के कारण मामला आगे नहीं बढ़ पा रहा था। हालांकि सिंचाई विभाग ने अपनी एनओसी बहुत पहले दे दी थी।

लोकनिर्माण विभाग के मुताबिक वन विभाग ने कंडीशनल एनओसी दे दी है। इसके चलते अब तक रुकी प्रक्रिया गति पकड़ेगी। इसमें सर्वाधिक 66,685 पेड़ मेरठ, मुजफ्फरनगर में 16,873 पेड़ और गाजियाबाद में 4,164 पेड़ कटान के लिए चिह्नित किए गए हैं। इसके अलावा मार्ग में आने वाले अन्य पेड़ों की गणना की जा चुकी है। मुजफ्फरनगर के लोक निर्माण, अधिशासी अभियंता, अनिल राणा ने कहा कि दाई ओर कांवड़ नहर पटरी मार्ग के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। इसमें पेड़ों का चिह्नितकरण हो गया है। मेरठ के मुख्य अधिशासी अभियंता इसके नोडल अधिकारी बनाए गए हैं। मुजफ्फरनगर जनपद में इस मार्ग की लंबाई लगभग 54 किमी है।

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