शनिवार, 25 दिसंबर 2021

राजस्थान में Omicron का कहर, 21 नए मामले आए, देश में 400 से ज्यादा संक्रमित

स्टोरी हाइलाइट्स

  • राजस्थान में ओमिक्रॉन के 21 मामले सामने आए
  • देश में संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 400 पार पहुंचा
  • कई राज्यों में जश्न पर रोक, बूस्टर डोज पर मंथन

देश में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का कहर बढ़ते जा रहा है. राजस्थान में आज (शनिवार) ओमिक्रॉन के 21 मामले सामने आए हैं. इनमें जयपुर से 11, अजमेर से 6, उदयपुर से 3 हैं. इसमें 5 संक्रमित मरीज विदेश यात्रा से लौटे थे. इस तरह राजस्थान में ओमिक्रॉन संक्रमित मरीजों की संख्या 43 हो गई है. सबसे ज्यादा जयपुर में 28 केस हैं. वहीं, देश ओमिक्रॉन संक्रमितों का आंकड़ा 400 के पार है. 

राजस्थान में फटा ओमिक्रॉन बम

राजस्थान के अलावा महाराष्ट्र में भी ओमिक्रॉन खतरा काफी ज्यादा बढ़ गया है. वहां पर संक्रमित मरीजों का शतक लग चुका है. इस समय महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन पॉजिटिव मामले 108 पहुंच गए हैं, वहीं दिल्ली में भी ये आंकड़ा 79 तक पहुंच गया है. अब क्योंकि नया साल आने को है और जश्न का माहौल देखने को मिल सकता है, ऐसे में कई राज्यों ने नाइट कर्फ्यू लगा दिया है. कुछ राज्यों ने जश्न पर भी रोक लगा दी है.

वैसे ओमिक्रॉन से स्थिति सिर्फ उत्तर भारत में ही खराब नहीं है, दक्षिण के राज्यों में भी ये संकट काफी ज्यादा बढ़ गया है. तमिलनाडु में 34 मामले सामने आ चुके हैं तो केरल में भी इस समय 37 ओमिक्रॉन संक्रमित है. तेलंगाना की बात करें तो वहां भी 38 मामले दर्ज किए गए हैं. अब इन बढ़ते मामलों की वजह से तीसरी लहर की सुगबुगाहट तेज हो गई है. कहा जा रहा है कि फरवरी तक कोरोना के मामले पीक कर सकते हैं. ऐसे में केंद्र सरकार अब बूस्टर डोज पर भी मंथन कर रही है.

खतरा बड़ा, बूस्टर डोज पर मंथन शुरू

फैसला तो कोई नहीं लिया गया है, लेकिन एक स्टडी के आधार पर फैसला लिया जाएगा कि लोगों को बूस्टर डोज की जरूरत है या नहीं. जानकारी दी गई है कि स्टडी के जरिए जानने का प्रयास रहेगा कि बूस्टर की वजह से इम्यूनिटी पर कितना असर पड़ता है. अगर ज्यादा सुधार देखने को मिला तो सरकार बूस्टर डोज को हरी झंडी दिखा सकती है. बूस्टर के अलावा बच्चों की वैक्सीन पर भी मंथन जारी है. कई देशों ने बच्चों का टीकाकरण शुरू कर दिया है लेकिन भारत में ये अभियान अभी और ज्यादा टल सकता है. भारत सरकार की संस्थान ने जोर देकर कहा है कि बच्चों को कोरोना से कम खतरा है, ऐसे में उनका टीकाकरण अभी प्राथमिकता नहीं होना चाहिए.

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