National Highways पर सफर आज से होगा महंगा, 10 से 15% तक बढ़े टोल टैक्स
स्टोरी हाइलाइट्स
1 अप्रैल से लागू हो जाएंगी नई दरें
छोटे वाहनों के टोल टैक्स में 10 से 15 रुपये की बढ़ोतरी
नेशनल हाईवे पर सफर गुरुवार रात 12 बजे से महंगा हो जाएगा. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने टोल टैक्स में 10 से 65 रुपये तक की बढ़ोतरी की है. छोटे वाहनों के लिए 10 से 15 रुपये जबकि कामर्शियल वाहनों के लिए 65 रुपये तक की बढ़ोतरी की गई है. 1 अप्रैल से हाईवे पर सफर करने के लिए आपको जेब ज्यादा ढीली करनी होगी.
एक्सप्रेस-वे पर सराय काले खां से शुरू होकर काशी टोल प्लाजा तक कार और जीप जैसे हल्के मोटर वाहनों के लिए टोल टैक्स 140 रुपये की बजाय 155 रुपये देना होगा. सराय काले खां से रसूलपुर सिकरोड प्लाजा का नया रेट 100 रुपये और भोजपुर जाने के लिए 130 रुपये होगा. विभिन्न प्रकार के वाहनों के लिए 10-15% तक की बढ़ोतरी की गई है.
लखनऊ से इस समय 6 नेशनल हाईवे जुड़ते हैं. इनमें से एक हरदोई हाईवे पर अभी टोल लागू नहीं है. वहीं सीतापुर हाईवे पर टोल दरों में अक्टूबर से बदलाव होगा. लेकिन कानपुर, अयोध्या, रायबरेली और सुल्तानपुर जाने के लिए टोल टैक्स अधिक देना होगा. नई दरें आज रात से लागू हो जाएंगी.
लखनऊ-रायबरेली हाईवे (दखिना शेखपुर प्लाजा) पर अब छोटे निजी वाहन के लिए 105 रुपये देने होंगे, जबकि बस-ट्रक दो एक्सल के लिए 360 रुपये. ठीक इसी तरह लखनऊ-अयोध्या हाईवे (नवाबगंज प्लाजा) पर अब छोटे निजी वाहन के लिए 110 रुपये देने होंगे, जबकि बस-ट्रक दो एक्सल के लिए 365 रुपये.
लखनऊ-कानपुर हाईवे (नवाबगंज प्लाजा) पर अब छोटे निजी वाहन के लिए 90 रुपये देने होंगे, जबकि बस-ट्रक दो एक्सल के लिए 295 रुपये. ठीक इसी तरह लखनऊ-सुल्तानपुर हाईवे (बारा प्लाजा) पर अब छोटे निजी वाहन के लिए 95 रुपये देने होंगे, जबकि बस-ट्रक दो एक्सल के लिए 325 रुपये.
IPL: कार्तिक के कमाल से जीती RCB, आखिरी 3 ओवर में फंस गया था मैच, फिर भी हारी KKR
स्टोरी हाइलाइट्स
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने जीत की इस सीजन की पहली जीत
रोमांचक मुकाबले में कोलकाता टीम को 3 विकेट से हराया
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) और कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के बीच बुधवार को इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में खेला गया मुकाबला भले ही कम स्कोर का रहा, लेकिन इसमें फुल रोमांच देखने को मिला. आखिरी ओवर तक गए इस मैच में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की जीत हुई है. सीनियर प्लेयर दिनेश कार्तिक ने आखिरी ओवर में पहले छक्का, फिर चौका लगाया और अपनी टीम को जीत दिला दी.
आखिरी तीन ओवर में फंस गया था मैच (Last 3 Overs)
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु को आखिरी 3 ओवर में सिर्फ 24 रनों की जरूरत थी, लेकिन लगातार गिरते विकेट की वजह से आरसीबी दबाव में दिखी और केकेआर को वापसी का मौका मिला.
दिनेश कार्तिक एक बार फिर आरसीबी के लिए फिनिशर साबित हुए हैं. कार्तिक ने सिर्फ सात बॉल खेलीं और 14 रन बनाए. इस दौरान उन्होंने 1 छक्का और एक चौका लगाया, जो मैच विनिंग शॉट थे. कार्तिक के ये 14 रन ही अंत में टीम के काम आए और जीत अपने नाम की.
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की बल्लेबाजी की बात करें तो टॉप ऑर्डर इस बार पूरी तरह से फेल दिखा. आरसीबी ने सिर्फ 17 रनों के भीतर अपने तीन विकेट गंवा दिए थे. अनुज रावत, फाफ डु प्लेसिस, विराट कोहली का पावरप्ले में ही विकेट गिर गया था.
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की इस सीजन में यह पहली जीत है, जबकि कोलकाता नाइट राइडर्स की पहली हार है. दोनों ही टीमों को इस वक्त 2-2 प्वाइंट हो गए हैं.
KKR ने बनाए थे सिर्फ 128 रन
कोलकाता नाइट राइडर्स ने इस मुकाबले में पहले बल्लेबाजी की और सिर्फ 128 रन बना पाई. कोलकाता का पहला विकेट चौथे ओवर में गिरा और उसके बाद ये सिलसिला चलता ही रहा. KKR ने 67 रन के स्कोर पर अपनी आधी टीम गंवा दी थी.
आखिर में आंद्रे रसेल ने आकर 25 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली, जिसके बाद कोलकाता 128 तक पहुंच पाई. रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की ओर से वानिंदु हसारंगा ने चार विकेट लिए, जबकि युवा बॉलर आकाशदीप ने तीन विकेट लिए.
UP: अखिलेश से नाराजगी की खबरों के बीच CM योगी से मिलने पहुंचे शिवपाल, 20 मिनट गुफ्तगू
स्टोरी हाइलाइट्स
शिवपाल ने बुधवार को ली विधायक पद की शपथ
भतीजे अखिलेश के साथ रिश्तों में खटास के संकेत
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के जसवंतनगर सीट से विधायक शिवपाल यादव ने बुधवार को विधानसभा में विधानसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली. जिसके बाद शिवपाल बुधवार शाम यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने पहुंचे. वहीं मुलाकात के बारे में शिवपाल सिंह यादव करीबियों का कहना है कि यह एक शिष्टाचार भेंट है. बताया जा रहा है कि ये मुलाकात करीब 20 मिनट तक चली. वहीं शिवपाल के जाने के तुरंत बाद सीएम से मिलने के लिए स्वतंत्र देव सिंह भी पहुंचे.
हालांकि बुधवार को शपथ लेने के बाद जब शिवपाल यादव से भारतीय जनता पार्टी के साथ जाने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि फिलहाल मैंने सदन के सदस्य के तौर पर शपथ ले ली है. इससे ज्यादा मुझे फिलहाल कुछ नहीं कहना है.
माना जा रहा है कि शिवपाल एक बार फिर से अखिलेश यादव से नाराज हो गए हैं. शिवपाल यादव ने अपनी नाराजगी उस दिन ही जाहिर कर दी थी, जिस दिन समाजवादी पार्टी के विधायक दल की बैठक हुई थी. सपा ने शिवपाल को विधायक दल की बैठक में शामिल होने का न्योता नहीं दिया था.
बता दें कि सपा से गठबंधन के बाद शिवपाल ने न सिर्फ अखिलेश को अपना नेता घोषित किया बल्कि यहां तक कहा था कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेंगे. सपा से गठबंधन के बाद शिवपाल को उम्मीद थी कि उनके नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा जाएगा, लेकिन सिर्फ शिवपाल चुनाव लड़े, वह भी सपा के साइकिल के सिंबल पर. ऐसे में प्रसपा के तमाम वरिष्ठ नेता दूसरे दलों का रुख कर गए. इसके बाद भी शिवपाल चुनाव मैदान में लगे रहे.
वहीं, अब समाजवादी पार्टी में शिवपाल यादव के लिए फिलहाल कुछ नहीं बचा है. अखिलेश यादव खुद नेता विपक्ष बन चुके हैं और पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव को तो बनाएंगे नहीं. ऐसे में सिर्फ विधायक बने रहना शिवपाल यादव को मंजूर नहीं. ऐसी भी चर्चा है कि शिवपाल यादव न सिर्फ अलग सियासी रास्ता ढूंढ रहे हैं बल्कि उस दिशा में अपने सियासी कदम भी बढ़ा चुके हैं. अब उनकी सीएम योगी से ये मुलाकात अटकलों को बढ़ा रही है.
IPL बरसाएगा पैसा, OTT पर दिखेंगे प्लेऑफ, एक मैच से 49 करोड़ कमाने की तैयारी में BCCI!
स्टोरी हाइलाइट्स
आईपीएल मीडिया राइट्स के लिए जारी हुआ टेंडर
2023 से 2027 तक के लिए BCCI ने टेंडर जारी किया
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में पैसों की बरसात होती है, ये हर कोई जानता है. अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) इस टूर्नामेंट से और भी कमाई करने का प्लान बना रहा है. बीसीसीआई ने हाल ही में आईपीएल मीडिया राइट्स (IPL Media Rights) का टेंडर जारी किया है. ये टेंडर 2023 से 2027 के लिए है.
BCCI ने इस टेंडर के लिए कुल 33 हजार करोड़ रुपये (32890) का बेस प्राइस रखा है. अभी ये टेंडर 74 मैचों के हिसाब से तय किया गया है, जिसमें दस टीमें शामिल होंगी. हालांकि बीसीसीआई ने टेंडर में मैचों की संख्या बढ़ाने का ऑप्शन भी अपने पास रखा है.
कैसे 33 हजार करोड़ रुपये कमाएगा BCCI?
खास बात यह है कि बीसीसीआई इस बार मीडिया राइट्स को अलग-अलग बंडल में सामने ला रहा है. जिसमें भारतीय उपमहाद्वीप के लिए अलग से प्रसारण कॉन्ट्रैक्ट होगा. क्रिकबज़ की रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ भारतीय उपमहाद्वीप में प्रसारण के लिए बीसीसीआई को 49 करोड़ रुपये प्रति मैच मिलेंगे.
क्लिक करें: खत्म हुआ इंतजार... BCCI ने IPL मीडिया राइट्स के लिए टेंडर किया जारी
इसके अलावा प्रसारण का डिजिटल प्राइस 33 करोड़ रुपये प्रति मैच रखा गया है. तीसरे बंडल में 18 मैचों के लिए एक अलग प्रसारण खिड़की बनाई गई है, जिससे 16 करोड़ रुपये प्रति मैच की कमाई होगी. इसमें टूर्नामेंट का ओपनिंग मैच, डबल हेडर मुकाबले और प्लेऑफ मुकाबले शामिल हैं. इन मैचों का प्रसारण सिर्फ ओटीटी पर होगा.
टेंडर में आखिरी बंडल वैश्विक प्रसारण के लिए है, जिसकी कीमत 3 करोड़ रुपये प्रति मैच की रहेगी. सभी बंडल को मिलाएं, तो बीसीसीआई ने बेसिक कीमत कुल 32890 करोड़ रुपये जाती है. टेंडर आ गया है, ऐसे में अब कई कंपनियां इसके लिए आवेदन करेंगी. अगर ऑक्शन में कड़ी रेस होती है तो बीसीसीआई मालामाल हो सकता है.
आपको बता दें कि अभी आईपीएल मीडिया राइट्स स्टार नेटवर्क के पास है. लेकिन यह साल 2022 यानी इसी साल तक रहेगा. अगले साल से नए नेटवर्क को यह टेंडर मिल सकता है. क्योंकि चीज़ें अब अधिकतर डिजिटल हो गई हैं, यही वजह है कि आईपीएल मीडिया राइट्स को लेकर काफी ट्रेंड बना हुआ है. डिज्नी, रिलायंस, सोनी समेत अन्य कई कंपनियों की नज़र इस टेंडर पर हैं.
Live: पाकिस्तान के मंत्री फवाद चौधरी का बयान- इस्तीफा नहीं देंगे इमरान
स्टोरी हाइलाइट्स
बिलावल भुट्टो जरदारी ने MQM के साथ समझौते की दी जानकारी
जम्हूरी वतन पार्टी के बाद अब MQM ने छोड़ा इमरान का साथ
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान थोड़ी देर में राष्ट्र को संबोधित करेंगे. उम्मीद जताई जा रही है कि अपने संबोधन के दौरान इमरान इमरजेंसी जैसा कोई चकित करने वाला कदम उठा सकते हैं. उनके संबोधन से पहले पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने कहा है कि इमरान खान इस्तीफा नहीं देंगे. वो आखिरी समय तक लड़ाई लड़ेंगे.
इमरान खान के राष्ट्र को संबोधन करने का ऐलान ऐसे वक्त पर आया, जब फ्लोर टेस्ट से पहले उन्हें बड़ा झटका लगा है. दरअसल, MQM के दो मंत्रियों ने इमरान की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. MQM इमरान खान की सरकार में सहयोगी पार्टी थी, लेकिन बुधवार को ही MQM ने विपक्षी पार्टियों से समझौता कर लिया.
इससे पहले बुधवार सुबह पीपीपी प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी ने ट्वीट कर बताया कि संयुक्त विपक्ष और MQM के बीच एक समझौता हुआ है. राबता कमेटी MQM और PPP सीईसी समझौते की पुष्टि करेगी. इसके बाद कल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया को और जानकारी दी जाएगी.
इमरान खान के खिलाफ विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है. इस पर 31 मार्च से चर्चा होनी है. लेकिन इससे पहले MQM और पीपीपी के समझौते के बाद इमरान खान सरकार ने बहुमत खो दिया है.
पाकिस्तानी असेंबली का पूरा गणित
पाकिस्तान असेंबली में 342 सदस्य हैं. बहुमत के लिए 172 सदस्य होने जरूरी हैं. MQM के इमरान खान का साथ छोड़ने के बाद विपक्ष के पास 177 सदस्यों का समर्थन हो जाएगा. जबकि इमरान खान के पास 164 सदस्यों का समर्थन रह जाएगा. विपक्ष को इमरान खान की सरकार गिराने के लिए सिर्फ 172 सदस्यों की जरुरत है. जो अब संभव होता नजर आ रहा है.
उधर, इमरान खान ने आरोप लगाया है कि कुछ लोग विदेशी फंड की मदद से पाकिस्तान में उनकी सरकार गिराने की कोशिश कर रहे हैं. इमरान सरकार में मंत्री असद उमर ने दावा किया है कि पीएम इमरान पाकिस्तान के चीफ जस्टिस को यह पत्र दिखाने के लिए तैयार हैं.
सहयोगी एक एक कर दे रहे धोखा
इमरान खान की पार्टी के करीब 2 दर्जन सांसद बागी हैं. इसके अलावा सरकार में सहयोगी पार्टियों MQMP, PMLQ और जम्हूरी वतन पार्टियों ने भी एक एक कर साथ छोड़ना शुरू कर दिया है. पहले जम्हूरी वतन पार्टी के नेता शाहजैन बुगती ने इमरान कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया. साथ ही उन्होंने इमरान के खिलाफ विपक्ष का समर्थन देने का फैसला किया है. उधर, MQMP ने भी अब विपक्ष के साथ समझौता कर लिया है.
मोदी सरकार का कर्मचारियों को बड़ा तोहफा, DA में 3% बढ़ोतरी का ऐलान
स्टोरी हाइलाइट्स
तीन फीसदी DA में बढ़ोतरी का फैसला
देशभर के केंद्रीय कर्मचारियों में खुशी की लहर
7th Pay Commission News: केंद्र सरकार ने लाखों कर्मचारियों (Central Govt Employees) को नए वित्त वर्ष आने से पहले बड़ा तोहफा दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार (Modi Government) ने केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) को बढ़ा दिया है. इस बार डीए (DA Hike) में 3 फीसदी का इजाफा किया गया है.
01 जनवरी से मिलेगा कर्मचारियों को लाभ
दरअसल, केंद्र सरकार डीए को 3 फीसदी बढ़ाने का फैसला लिया है. इस बारे में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में अंतिम फैसला लिया गया. बढ़े महंगाई भत्ते का लाभ सभी केंद्रीय कर्मचारियों को 01 जनवरी 2022 से मिलेगा. सरकार ने अब कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 34 फीसदी महंगाई भत्ता देने का फैसला लिया गया है. इससे पहले 31 फीसदी का प्रावधान था.
केंद्रीय कर्मचारियों को अगले महीने के वेतन में DA का बढ़ा हुआ पार्ट जुड़कर मिलेगा. साथ ही अप्रैल के महीने में कर्मचारियों को उनके पिछले 3 महीने का सारा एरियर भी दिया जाएगा. 3 फीसदी महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी के बाद केंद्रीय कर्मचारियों को 73,440 से लेकर 2,32,152 20 रुपये तक के एरियर का लाभ मिलेगा. एक अनुमान के मुताबिक महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी से सरकार के खजाने पर सालाना 10,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ आएगा.
सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई (Inflation) की मार से बचाने के लिए उनकी सैलरी/पेंशन में यह कंपोनेंट जोड़ा गया है.
अभी इतना मिलता है महंगाई भत्ता
सेंट्रल गवर्नमेंट के कर्मचारियों को अभी 31 फीसदी का DA मिलता है. सरकार ने 7th Pay Commission की सिफारिशों के मुताबिक ही DA में तीन फीसदी का इजाफा किया है. जिससे अब केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाला महंगाई भत्ता 34 फीसदी हो जाएगा.
गौरतलब है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार सरकार साल में दो बार (जनवरी और जुलाई में) डीए रिवाइज करती है. इससे पहले केंद्र सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में केंद्रीय कर्मचारियों का डीए 28 फीसदी से बढ़ाकर 31 फीसदी किया था.
इतने करोड़ लोगों को होगा सीधा लाभ
सरकार के इस फैसले से एक करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों को लाभ मिलने वाला है.अभी केंद्रीय कर्मचारियों की संख्या 50 लाख से ज्यादा है, जबकि 65 लाख पूर्व केंद्रीय कर्मचारी पेंशन पा रहे हैं. इस तरह डीए बढ़ाने से सीधे तौर पर 1.15 करोड़ से ज्यादा लोग लाभान्वित होने वाले हैं.
(यह स्टोरी अभी अपडेट हो रही है. नई जानकारियों के लिए पेज को रीफ्रेश करते रहें.)
आ गई भारत की पहली हाइड्रोजन कार, नितिन गडकरी ने की संसद तक की सवारी
स्टोरी हाइलाइट्स
आ गई भारत की पहली हाइड्रोजन कार
नितिन गडकरी ने बताया भारत फ्यूचर
अब भारतीय सड़कों पर भी जल्दी ही हाइड्रोजन कारें (Hydrogen Car) फर्राटा मारते दिखने वाली हैं. बहुप्रतीक्षित पहली हाइड्रोजन कार भारत में अपना सफर शुरू कर चुकी है. केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने आज बुधवार को इसकी सवारी की.
केंद्रीय मंत्री इस एडवांस्ड कार में सवार होकर आज संसद पहुंचे. इस दौरान स्वच्छ ईंधन पर चलने वाली यह कार लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी रही. इस कार को टोयोटा (Toyota) कंपनी की पायलट प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया है और इसमें एडवांस फ्यूल सेल लगाया गया है. यह एडवांस सेल ऑक्सीजन (Oxygen) और हाइड्रोजन (Hydrogen) के मिश्रण से बिजली पैदा करता है. इसी बिजली से कार चलती है. उत्सर्जन के रूप में इस कार से सिर्फ पानी निकलता है.
इको-फ्रेंडली है ये कार
नितिन गडकरी ने कहा कि यह कार पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल है और इससे किसी तरह का प्रदूषण (Pollution) नहीं फैलता है. उन्होंने कहा कि यह कार भारत का फ्यूचर है. पेट्रोल और डीजल इंजन वाली कारों से काफी प्रदूषण फैलता है, लेकिन हाइड्रो फ्यूल सेल कार से बिलकुल भी प्रदूषण नहीं होता है.
बिट्टा कराटे के खिलाफ फिर से केस खोलने की मांग, कश्मीरी पंडित की याचिका पर सुनवाई आज
स्टोरी हाइलाइट्स
बिट्टा कराटे पर कश्मीरी पंडितों की हत्या का आरोप
बिट्टा कराटे ने खुद कबूली थी कश्मीरी पंडितों की हत्या की बात
जम्मू कश्मीर में हत्याओं के आरोपी रहे आतंकी बिट्टा कराटे के खिलाफ 31 साल बाद आज फिर सुनवाई होगी. दरअसल, श्रीनगर की कोर्ट में एक याचिका दर्ज की गई है, इसमें बिट्टा कराटे के खिलाफ दर्ज केस वापस खोलने की मांग की गई. श्रीनगर कोर्ट इस मामले में आज सुनवाई करेगा.
पीड़ित सतीश टिक्कू के परिवार ने एक्टिविस्ट विकास राणा की मदद से श्रीनगर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. वकील उत्सव बैंस टिक्कू के परिवार की ओर से पक्ष रखेंगे. इस मामले में श्रीनगर कोर्ट में आज सुनवाई होगी.
बिट्टा कराटे ने कबूली थी कश्मीरी पंडितों की हत्या की बात
बिट्टा कराटे अलगाववादी नेता है, कश्मीर में निर्दोष लोगों की हत्या और आतंकवाद से संबंधित आरोपों में जेल में डाला गया था. एक इंटरव्यू में बिट्टा ने खुद 20 कश्मीरी पंडितों की हत्या करने की बात कबूली थी. बिट्टा कराटे ने कहा था कि उसने 20 कश्मीरी पंडितों का मर्डर किया था. साल 1991 में दिए इंटरव्यू में बिट्टा कहता है कि अगर उसे अपनी मां या भाई का कत्ल करने का आदेश भी मिलता तो वह उनकी भी हत्या करने से नहीं हिचकता. बिट्टा ये भी बताता है कि कैसे उसने 22 वर्षीय कश्मीरी पंडित सतीश कुमार टिक्कू की हत्या से घाटी में कत्लेआम का सिलिसला शुरू किया था.
बिट्टा को सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत भी गिरफ्तार किया गया था. बिट्टा पर 19 से अधिक उग्रवाद से संबंधित मामले थे. 2008 में अमरनाथ विवाद के दौरान भी उसे गिरफ्तार किया गया था. बिट्टा मार्शल आर्ट में ट्रेंड था, इसलिए उसके नाम के आखिर में लोग कराटे लगाने लगे. बिट्टा कराटे ने करीब 16 साल सलाखों के पीछे बिताए, आखिर में 23 अक्टूबर, 2006 को टाडा अदालत ने उसे जमानत पर रिहा कर दिया.
डीजीपी ने भी दिए थे केस खोलने के संकेत
इससे पहले जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने यासीन मलिक और बिट्टा कराटे के खिलाफ दर्ज केस खोलने के संकेत दिए थे. उन्होंने कहा था कि हम जम्मू कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ दर्ज मामलों में जांच करेंगे. किसी भी आतंकी को छोड़ा नहीं जाएगा.
छात्र-छात्राओं ने भ्रमण कर गांव की गतिविधियों को जाना
एसडी कॉलेज ऑफ कॉमर्स में बीए संकाय द्वारा ग्राम भ्रमण का एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान छात्र-छात्राओं ने गांव में होने वाली गतिविधियों को बारिकी से जाना तथा ग्राम वासियों को उन्नत भारत अभियान के तहत होने वाली विभिन्न योजनाओं के बारें में जागरूक किया।
महाविद्यालय द्वारा छात्र-छात्राओं के दो समूह अलग-अलग गांव में भेजे गये एक समूह ग्राम पचैण्डाकलां और दूसरा समूह ग्राम धन्धेडा गया। दोनों ही गांव में छात्र-छात्राओं द्वारा वृक्षारोपण किया गया। जिसमें छात्र-छात्राओं ने बेल, बरगद, नीम अमरूद व आम आदि के पौधे लगाकर गांव के लोगों को पर्यावरण बचाने के प्रति जागरूक किया उसके पश्चात छात्र-छात्राओं लघुनाटिकाओं का प्रस्तुतीकरण किया गया। जिसके द्वारा लोगों को दहेज एक अभिशाप व बेटी बचाओं बेटी पढाओं के प्रति जागरूक किया गया। पचैण्डाकलां के ग्राम प्रधान धर्मेन्द्र व धन्धेडा के ग्राम प्रधान नवरंग द्वारा इस कार्यक्रम की सरहाना की गई व भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने का आग्रह किया।
महाविद्यालय के प्राचार्य डा. सचिन गोयल द्वारा इस कार्यक्रम की बहुत प्रशंसा की । इस अवसर पर एकता मित्तल, डा. रवि अग्रवाल, डा. दीपक मलिक, डा. नावेद अख्तर, डा. अजीत, कल्याणी, सोहन, विनीत, दिनेश कुमार, विरेन्द्र, कमर रजा, नीरज कुमार, अंकित धामा, संकेत जैन, सपना, गरिमा, अकांक्षा, सोनिया, सोनम, अक्षय शर्मा, कुलदीप शर्मा, रजत तायल, मौ. उस्मान, आशीष पाल व विनोद आदि उपस्थित रहें।
IPL: राजस्थान ने जीत के साथ की शुरुआत, एकतरफा मुकाबले में SRH को 61 रनों से पीटा
स्टोरी हाइलाइट्स
सनराइजर्स हैदराबाद की IPL 2022 में करारी हार
राजस्थान रॉयल्स- 210/6, सनराइजर्स हैदराबाद- 149/7
सनराइजर्स हैदराबाद की इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2022 में बेहद शर्मनाक शुरुआत हुई है. राजस्थान रॉयल्स ने मंगलवार को खेले गए मुकाबले में 210 रनों का पहाड़-सा लक्ष्य बनाया लेकिन हैदराबाद की टीम इसके आसपास भी नहीं पहुंच पाई. राजस्थान रॉयल्स ने सनराइजर्स हैदराबाद को 61 रनों से मात दी और अपने आईपीएल मिशन की शुरुआत बड़ी जीत के साथ की.
पावरप्ले में ही हुई थी हैदराबाद की हालत खराब
बड़े लक्ष्य का पीछा करने उतरी सनराइजर्स हैदराबाद की टीम सिर्फ 149 रन ही बना पाई. हैदराबाद की शुरुआत इस मैच में काफी फीकी रही थी और पावरप्ले के अंदर ही टीम ने अपने तीन विकेट गंवा दिए थे. हैदराबाद ने अपने नाम एक रिकॉर्ड भी किया है, 14-3 अब आईपीएल इतिहास का पावरप्ले में बना सबसे कम स्कोर है.
क्लिक करें: जोस बटलर का विकेट गिरते ही झूम उठीं SRH की काव्या मारन, युजवेंद्र चहल की वाइफ धनश्री भी छाईं
सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से अंत में सबसे ज्यादा रन एडन मर्करम ने बनाए. उन्होंने 41 बॉल में 57 रनों की पारी खेली, जिसमें 5 चौके और 2 छक्के शामिल रहे. उनके अलावा वाशिंगटन सुंदर ने भी ताबड़तोड़ पारी खेली. सिर्फ 14 बॉल में 40 रन बनाए. वाशिंगटन सुंदर ने 5 चौके और 2 छक्के लगाए.
राजस्थान रॉयल्स ने खड़ा किया था रनों का पहाड़
अगर राजस्थान रॉयल्स की बात करें तो पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम ने 210 रन बनाए थे. राजस्थान की ओर से जोस बटलर ने 35, यशस्वी जायसवाल ने 20 रन बनाए. बाद में कप्तान संजू सैमसन ने 27 बॉल में ताबड़तोड़ 55 रनों की पारी खेली. देवदत्त पड्डिकल ने भी 29 बॉल में 41 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली. अंत में राजस्थान की ओर से शिमरोन हेटमायर ने सिर्फ 13 बॉल में 32 रन बनाए. जिसके बाद 20 ओवर में टीम का स्कोर 210 रन तक पहुंचा.
राजस्थान रॉयल्स की ओर से बॉलिंग करते हुए युजवेंद्र चहल छा गए. उन्होंने अपने चार ओवर में सिर्फ 22 रन दिए और 3 विकेट निकाल लिए. राजस्थान रॉयल्स के लिए युजवेंद्र चहल का ये पहला मैच था. दूसरी ओर रविचंद्रन अश्विन को चार ओवर में 21 रन देकर एक भी विकेट नहीं मिला.
शिवपाल यादव अभी नहीं लेंगे विधायक पद की शपथ, आजम खान को नहीं मिली अनुमति
स्टोरी हाइलाइट्स
शिवपाल यादव ने किया सहयोगी दलों की बैठक से भी किनारा
सपा की विधायक दल की बैठक में न बुलाए जाने से नाराज हैं शिवपाल
प्रसपा चीफ शिवपाल यादव अभी विधायक पद की शपथ नहीं लेंगे. बताया जा रहा है कि शिवपाल यादव सहयोगी दलों की बैठक में भी शामिल नहीं होंगे. शिवपाल यादव को सहयोगी दलों की बैठक के लिए बुलावा आया है. लेकिन वे अभी दिल्ली में हैं. उधर, सपा नेता आजम खान को भी कोर्ट ने विधानसभा जाकर शपथ लेने की अनुमति नहीं दी है.
दरअसल, यूपी विधानसभा में नए विधायकों के शपथ का दौर जारी है. सोमवार को सीएम योगी, विपक्ष के नेता अखिलेश यादव समेत तमाम मंत्री और विधायकों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली थी. बाकी विधायक आज शपथ ले रहे हैं.
नाराज चल रहे शिवपाल यादव
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाल ही में विधायक दल की बैठक बुलाई थी. इस बैठक में शिवपाल यादव को नहीं बुलाया गया था. बैठक में अखिलेश यादव को विधायक दल का नेता चुना गया था. बैठक में न बुलाए जाने के बाद से शिवपाल यादव नाराज चल रहे हैं. दरअसल, शिवपाल यादव का कहना था कि वे सपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे, ऐसे में उन्हें इस बैठक में बुलाया जाना चाहिए था. वहीं, सपा का कहना है कि यह बैठक सपा विधायकों की थी. इसमें किसी भी सहयोगी दल से किसी नेता को नहीं बुलाया गया था.
शिवपाल यादव ने लड़ा था सपा के टिकट पर चुनाव
शिवपाल यादव की पार्टी ने 2022 विधानसभा चुनाव में सपा से गठबंधन किया था. हालांकि, प्रसपा को सिर्फ एक सीट मिली थी. वह भी शिवपाल यादव अपनी जसवंतनगर सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे.
शिवपाल ने 2018 में बनाई थी पार्टी
शिवपाल यादव मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई हैं. हालांकि, 2017 विधानसभा चुनाव के दौरान अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के रिश्तों में खटास आ गई थी . इसके बाद शिवपाल यादव ने अक्टूबर 2018 में प्रगतिशील समाजवादी मोर्चा बनाने का ऐलान किया था. शिवपाल यादव ने 2019 लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में अपनी पार्टी से प्रत्याशी भी उतारे थे. हालांकि, 2022 में विधानसभा में शिवपाल ने अखिलेश के साथ मिलकर चुनाव लड़ा.
आजम खान को कोर्ट से नहीं मिली अनुमति
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मुजफ्फरनगर: BKU कार्यकर्ताओं का होटल, थाने और अस्पताल में बवाल, समर्थन में उतरे राकेश टिकैत का धरना
होटल में शराब पीकर बवाल करने वाले भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के बाद किसान संगठन के समर्थकों ने अस्पताल और कोतवाली पर हंगामा कर दिया है तो खुद राकेश टिकैत धरने पर बैठ गए हैं। मुजफ्फरनगर के थाना सिविल लाइन क्षेत्र में प्रकाश चौक पर स्थित होटल में भाकियू कार्यकर्ताओं ने होटल मालिक के बेटों पर जानलेवा हमला कर दिया। इसके बाद पुलिस ने दोनों पक्षों को मेडिकल के लिए जिला अस्पताल भेजा तो वह भी भाकियू कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ कर दी। पुलिस ने 10 भाकियू कार्यकर्ताओं गिरफ्तार कर लिया है।
देर रात प्रकाश चौक होटल में 3 भाकियू कार्यकर्ता खाना खाने के लिए गए थे। आरोप है कि कार्यकर्ताओं ने खाना खराब बताते हुए होटल मालिक के बेटे रोनित और अभिषेक चौधरी के साथ गाली गलौज कर दी। विरोध करने पर उन पर पत्थरों से जानलेवा हमला कर दिया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों व तीनों कार्यकर्ताओं को लेकर जिला अस्पताल मेडिकल के लिए पहुंच गई।
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नशे की हालत में कार्यकर्ताओं ने जिला अस्पताल में फोन कर अपने अन्य साथियों को बुला लिया, जिसके बाद उन्होंने अपना मेडिकल कराने से इनकार कर दिया। भाकियू कार्यकर्ताओं के अधिक संख्या में पहुंचने के बाद उन्होंने जिला अस्पताल की इमरजेंसी में होटल मालिक के बेटों के साथ फिर मारपीट का प्रयास किया और अस्पताल का सामान उठाकर फेंकने लगे। इस पर इमरजेंसी में भगदड़ मच गई बहुत सारा सामान खुर्द बुद्ध हो गया।
बीच बचाव करने आए डॉक्टरों वह अस्पताल कर्मियों से भी गाली गलौच कर दी। उसके बाद शहर कोतवाली पुलिस भी पहुंच गई। पुलिस ने भाकियू कार्यकर्ताओं को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया। शहर कोतवाली पुलिस ने 7 भाकियू कार्यकर्ता अमरजीत, रविंदर, प्रदीप पाल, अनुज, गौरव, गौतम, सौरभ, सुमित व थाना सिविल लाइन पुलिस ने संदीप, प्रदीप व जॉनी को गिरफ्तार कर लिया है। 10 भाकियू कार्यकर्ताओं गिरफ्तारी होने से नाराज भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत शहर कोतवाली में धरने पर बैठ गए। उनके साथ कार्यकर्ता भी मौजूद है। पुलिस भाकियू कार्यकर्ताओं को जेल भेज रही है।
दोबारा शादी करने जा रहीं IAS टीना डाबी, इंस्टाग्राम पर शेयर की फोटो
स्टोरी हाइलाइट्स
टीना डाबी ने इससे पहले 2018 में आईएएस अतहर खान से शादी की थी
हालांकि बाद में डाबी और अतहर ने तलाक ले लिया
UPSC टॉपर आईएएस टीना डाबी (IAS Tina Dabi) दोबारा शादी करने जा रही हैं. टीना डाबी 2016 राजस्थान कैडर की अफसर टीना 2013 बैच के आईएएस प्रदीप गवांडे (IAS Pradeep Gawande) के साथ जल्द ही शादी के बंधन में बंधेगी.
टीना ने अपने इंस्टाग्राम पर प्रदीप गवांडे के साथ तस्वीरों को शेयर कर खुद अपनी नई जिंदगी के बारे में खुलासा किया है. टीना डाबी ने अपने होने वाले पति प्रदीप गवांडे के साथ इंस्टाग्राम पर फोटो शेयर कर लिखा है- 'वो मुस्कान पहन रही हूं, जो तुम दे रहे हो.'
टीना के साथ ही प्रदीप गवांडे ने भी अपने इंस्टाग्राम पर तस्वीरों को शेयर किया है. इन तस्वीरों में प्रदीप गवांडे टीना के साथ हाथों में हाथ डाले हुए नजर आ रहे हैं.
टीना डाबी की है यह दूसरी शादी
टीना डाबी ने इससे पहले 2018 में आईएएस अतहर खान से शादी की थी. दो साल बाद 2020 में उन्होंने आपसी सहमति से तलाक ले लिया था. अतहर खान 2016 यूपीएससी परीक्षा में सेकेंड टॉपर थे. ट्रेनिंग के दौरान टीना डाबी और उनके बीच प्रेम हुआ था. 2018 में दोनों की शादी ने काफी सुर्खियां बटोरी थी. शादी के बाद अतहर खान राजस्थान में कार्यरत थे, लेकिन टीना से तलाक होने के बाद वह जम्मू-कश्मीर कैडर लेकर अपने राज्य चले गए.
सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं टीना
अपनी पर्सनल लाइफ के साथ ही टीना डाबी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती है. टीना अपनी खूबसूरती को लेकर भी खासा सुर्खियों में रहती हैं. टीना अक्सर अपनी तस्वीरें और शानदार रील्स शेयर करती रहती हैं जो कि खूब वायरल होते हैं.
टीना डाबी मूलरूप से दिल्ली की रहने वाली हैं. पिछले साल उनकी बहन रिया डाबी ने भी अपने पहले प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास की थी. रिया सबसे कम उम्र में यूपीएससी क्लियर करने वाली कैंडिडेट्स में से एक बन गई हैं. उन्होंने 23 वर्ष की उम्र में एग्जाम क्लियर किया है.
बैंक हड़ताल का असर कैश निकासी पर दिखा, अन्य कामकाज भी प्रभावित
जिले में ट्रेड यूनियनों की हड़ताल में ऑल इंडिया बैंक इम्पलाइज एसोसिएशन से संबंधित बैंककर्मी भी हड़ताल पर रहे। जिससे बैंकों में आंशिक रूप से कामकाज प्रभावित दिखा। हालांकि जिले में सबसे बड़े दो बैंकों स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक में हड़ताल का कोई खास असर नही दिखा और कामकाज हुआ। अन्य बैकों में अधिकारी उपस्थित रहे लेकिन कर्मचारियों की हडताल के चलते कैश का ट्रांजैक्शन प्रभावित रहा।
देशभर के ट्रेडयूनियनों की हड़ताल में यूपी बैंक इम्पलाइज यूनियन व एआईबीए से संबंधित कर्मचारी हड़ताल पर रहे। हालांकि पंजाब नेशनल बैंक में दूसरी यूनियन का अधिक वर्चस्व रहने और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के कर्मियों के हडताल में शामिल नही रहने से इन दोनों बैंकों की शाखाओं में काम हुआ। निजी बैंक एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक और आईसीआईसीआई बैंक समेत अन्य निजी बैंकों में भी काम हुआ। अन्य सरकारी बैंक की शाखाओं में अधिकारी तो उपस्थित रहे लेकिन कर्मचारी काम पर नही होने से कैश का लेनदेन प्रभावित रहा। इंडियन बैंक की महावीर चौक शाखा के प्रबंधक हरिमोहन शर्मा समेत अधिकारी बैंक में उपस्थित मिले। उन्होंने बताया कि कैश का जमा व निकासी कर्मचारियों के नही होने से प्रभावित है। अन्य लेनदेन, फंड ट्रांसफर, पीपीएफ और एफडी आदि का काम हो रहा है। स्टेट बैंक की शाखा में भी सामान्य रूप से काम होता दिखाई दिया। बैंकों की हडताल में कैश ट्रांजैक्शन प्रभावित रहने से लोगों ने बैंकों में लगी कैश डिपोजित मशीन और एटीएम मशीन से ही कैश जमा कराया और निकासी की। हडताल को लेकर प्रशासन भी अलर्ट पर बना रहा। हडताल का शोर अधिक होने के कारण लोग भी बैंकों में कम ही पहुंचे। लोगों ने डिजीटल लेनदेन अपने मोबाइल से ही अधिक किया।
UP: मारे गए BJP कार्यकर्ता बाबर के परिजनों को मुआवजा, योगी सरकार का ऐलान
स्टोरी हाइलाइट्स
मृतक बाबर के परिजनों को 2 लाख रुपये मुआवजा देगी योगी सरकार
पत्नी ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
यूपी के कुशीनगर में बीजेपी की जीत पर जश्न मनाने के कारण मुस्लिम युवक बाबर की मौत के बाद उसके गांव के लोग बेहद आक्रोशित हैं. मृतक का शव जब रविवार को उसके गांव पहुंचा तो गुस्साए लोगों ने शव को दफनाने से मना कर दिया.
नेता और प्रशासन के समझाने के बाद युवक को अंतिम विदाई दी गई. वहीं बता दें कि योगी सरकार ने बाबर की मौत के बाद उसके परिजनों को दो लाख रुपये का मुआवजा देने का फैसला किया है.
दरअसल कुशीनगर के रामकोला थाने के कठघरही गांव में 26 साल का बाबर अली विधानसभा चुनाव में बीजेपी के जीत दर्ज करने और सरकार बनने का जश्न मना रहा था. बीजेपी की जीत से उत्साहित होकर बाबा अली ने लोगों के बीच मिठाई बांटी जो उसके पड़ोस के कुछ लोगों को पसंद नहीं आया.
मुस्लिम युवक की उसके घर के बगल में रहने वाले पट्टीदारों ने जमकर पिटाई कर दी. इसके बाद घायल युवक को पहले जिला अस्पताल और फिर लखनऊ रेफर कर दिया गया लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
बाबर की पत्नी फातिमा अली और मां जेबुन्निसा ने आज तक को बताया कि बाबर ने रामकोला थाने की पुलिस और कई अधिकारियों से सुरक्षा की गुहार लगाई थी लेकिन उसे सुरक्षा नहीं मिली. रामकोला थाने द्वारा कोई सुनवाई न होने से दबंगों के हौसले बुलंद हो गए और उन्होंने बाबर को पीट- पीटकर अधमरा कर दिया और फिर छत से नीचे फेंक दिया. यह पूरी घटना उसी की मां और पत्नी और बच्चों के सामने हुई.
मृतक बाबर के परिजनों का कहना था कि पड़ोस में रहने वाले पट्टीदार इस बात पर नाराज थे कि बाबर बीजेपी का प्रचार क्यों कर रहा है, कई बार बाबर को बीजेपी का प्रचार करने से मना किया था.
आज तक ने बाबर के गांव वालों से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि बाबर बहुत पहले से बीजेपी को समर्थन करता था और घर पर बीजेपी का झंडा भी लगा रखा है, लेकिन जब 10 मार्च को उसने जीत की मिठाइयां बांटी और पटाखे फोड़े, तब दूसरे पक्ष ने बेरहमी से पीट पीट कर सबके सामने उसकी हड्डियां तोड़ दी.
एंबुलेंस में ही दिया बच्चे को जन्म, जच्चा बच्चा दोनों ठीक, परिजनों ने की तारीफ
102 एम्बुलेंस एक गर्भवती महिला के लिए फिर से वरदान साबित हुई। 102 एम्बुलेंस मे 27-28 मार्च की मध्य रात्रि मे करीब 1:28 बजे एक बार फिर नवजात की किलकारी गूंज उठी। कुकडा क्षेत्र के गांव सुजुडू निवासी फरहाना (24) पति इंतजार, को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने 102 एम्बुलेंस बुलाई थी। एम्बुलेंस उन्हें लेकर अस्पताल जा रही थी लेकिन रास्ते में प्रसव पीड़ा बढ़ गई। जिसके बाद एम्बुलेंस कर्मचारी ईएमटी हरीश कुमार ने अपने पायलट जितेन्द्र को एंबुलेस को रोड के किनारे लगाने को कहा। ईएमटी हरीश ने अपनी सूझबूझ से महिला का एम्बुलेंस में ही
डिलीवरी किट की मदद से सुरक्षित प्रसव कराया गया। परिजनों ने सुरक्षित प्रसव कराने के लिए सरकारी एम्बुलेंस सेवा और एम्बुलेंस कर्मचारियों की सराहना की।
102 एवं 108 एम्बुलेंस सेवा के प्रोग्राम मैनेजर राजेश रंजन झा ने बताया कि मुजफ्फरनगर जिले में इससे पहले भी कई बार एंबुलेंस में सुरक्षित प्रसव कराए जा चुके हैं |
इमरान खान के 'तीन यार' लास्ट मोमेंट में दे गए गच्चा, फ्लोर टेस्ट में पास होना अब मुश्किल?
स्टोरी हाइलाइट्स
जमूरी वतन पार्टी के नेता शाहजैन बुगती ने दिया कैबिनेट का इस्तीफा
फ्लोर टेस्ट से MQM कर सकती है वॉकआउट
सभी की निगाहें पाकिस्तान की नेशनल असेंबली पर टिकी हैं. यहां सोमवार को असेंबली सेशन शुरू हो गया. इस सत्र में इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है. इससे पहले इमरान सरकार में गृह मंत्री शेख राशिद अहमद ने रविवार को कहा कि अगर सोमवार को स्पीकर असद कैसर अविश्वास प्रस्ताव को पेश करने की अनुमति देते हैं, तो इस पर 4 अप्रैल को वोटिंग होगी. हालांकि, इससे पहले इमरान खान को बड़ा झटका लगा है. दरअसल, इमरान सरकार में सहयोगी पार्टियों ने उनका साथ देना छोड़ दिया है. ये पार्टियां एक एक कर विपक्ष के साथ खड़ी होती नजर आ रही हैं.
बताया जा रहा है कि इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के करीब 24 सांसद बागी हैं. इमरान खान इन्हें लगातार मनाने की कोशिश में जुटे हैं. लेकिन इसी बीच उनकी मुसीबत और बढ़ गई है. दरअसल, सरकार में सहयोगी पार्टियों MQMP, PMLQ और जम्हूरी वतन पार्टियों ने बगावती तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं. इससे पहले विपक्षी पार्टियां भी दावा कर चुकी हैं कि फ्लोर टेस्ट में इमरान सरकार का समर्थन करने वाली पार्टियां भी विपक्ष के साथ आ जाएंगी.
जमूरी वतन पार्टी ने दिया इमरान खान को बड़ा झटका
उधर, जमूरी वतन पार्टी के नेता शाहजैन बुगती ने इमरान खान को बड़ा झटका दिया. बुगती ने इमरान कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया. वे बलूचिस्तान में शांति और सुलह पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक के तौर पर सेवाएं दे रहे थे.
शाहजैन बुगती ने पीपीपी चीफ बिलावल भुट्टो के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने इस्तीफे का ऐलान किया. बुगती ने कहा, इमरान खान के नेतृत्व में बलूचिस्तान में विकास नहीं हुआ. सरकार ने हमें आशा दी थी कि चीजें अच्छी होंगी, लेकिन कुछ नहीं बदला. हम पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट के साथ खड़े हैं और जो कर सकते हैं करेंगे.
फ्लोर टेस्ट से MQM कर सकती है वॉकआउट
मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट आंदोलन इमरान खान की पार्टी के साथ सरकार में है. लेकिन MQM विपक्षी दलों के साथ भी लगातार बैठक कर रहा है. खासकर पीपीपी पार्टी के साथ बैठक के बाद भी MQM ने अपने पत्ते पूरी तरह से नहीं खोले हैं. हालांकि, पार्टी को ये भी पता है कि उसके कार्यकर्ता और समर्थक इमरान खान की पार्टी के साथ गठबंधन के बारे में क्यों सोचते हैं. हालांकि, पार्टी के लिए फैसला कठिन माना जा रहा है.
वहीं, पार्टी सूत्रों की मानें तो MQM फ्लोर टेस्ट के दौरान वॉकआउट कर सकती है. MQM अविश्वास प्रस्ताव के दौरान न ही इमरान खान के समर्थन के बार में विचार कर रही है और न ही विपक्ष का साथ देना चाहती है. MQM के जो नेता अविश्वास मत से दूर रहने के पक्ष में हैं, उनका मानना है कि पार्टी गठबंधन सरकार से बाहर आ जाए और विपक्ष के साथ अगले चुनाव पर ध्यान केंद्रित करे.
PML-Q ने खोला मोर्चा
PML-Q लगातार इमरान खान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है. इमरान सरकार में मंत्री तारिक बसीर ने कहा, हम साढ़े तीन साल से सरकार में समस्याएं झेल रहे हैं. हमने अपनी समस्याओं के बारे में पीटीआई के नेताओं को भी बताया है. इतना ही नहीं PML-Q ने कहा, हमने बुरे वक्त पर सरकार का हमेशा समर्थन किया है. लेकिन सरकार की ओर से कभी अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिला. इतना ही नहीं हमें कभी भरोसे में भी नहीं लिया गया.
माना जा रहा है कि इमरान खान सरकार में सहयोगी PML-Q भी फ्लोर टेस्ट में विपक्ष का साथ दे सकती है. यही वजह है कि इमरान खान सरकार ने PML-Q को मनाने का आखिरी दांव चला है. विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के नेतृत्व वाले दल ने कहा है कि पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार को एक या दो दिन में इस्तीफा देने के लिए कहा जाएगा, और उनकी जगह चौधरी परवेज इलाही पीटीआई सरकार की पहली पसंद है.
PML-Q नेता ने दावा किया है कि पंजाब की असेंबली को भंग किया नहीं जाएगा, लेकिन सदन के नेता को बदला जा सकता है. PML-Q नेता और इमरान खान में मंत्री तारिक बसीर चीमा ने कहा, सरकारी दल चौधरी परवेज इलाही को फ्लोर टेस्ट से पहले सीएम उम्मीदवार घोषित किया जाएगा.
इमरान सरकार पर मंडरा रहा बहुमत साबित न कर पाने का खतरा
पाकिस्तान में कुल सांसद-342, बहुमत के लिए जरूरी - 172
तहरीक ए इंसाफ
155
MQMP
7
PML-Q
5
ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस
3
विपक्ष ने किया ये बड़ा दावा
पाकिस्तान में विपक्षी दल इमरान खान सरकार में सहयोगी पार्टियों पर लगातार दबाव बढ़ा रहे हैं. विपक्षी नेता लगातार इन पार्टी के नेताओं से मुलाकात भी कर रहे हैं. हाल ही में पाकिस्तान में विपक्षी पार्टी PMLN चीफ शहबाज शरीफ और PPP प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी ने दावा किया था कि इमरान सरकार में सहयोगी पार्टियों ने भी अब गठबंधन सरकार का साथ छोड़ दिया है.
पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने भी दावा किया था कि अब गठबंधन सरकार में शामिल पार्टियों का साथ इमरान खान को नहीं मिल रहा है. मौलाना फजलुर रहमान ने MQMP पार्टी नेताओं से मुलाकात के बाद यह दावा किया था. उन्होंने कहा था कि 2-3 दिन में MQMP विपक्ष के समर्थन का ऐलान करेगी.
UP विधानसभा में योगी और अखिलेश की मुलाकात, CM ने कंधे पर रखा हाथ
स्टोरी हाइलाइट्स
नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण
CM योगी ने ली विधायक पद की शपथ
उत्तर प्रदेश चुनाव में राजनीतिक बयानबाजी की तल्खियां खत्म हो चुकी हैं और अब नेता विधानसभा चुनाव में एक-दूसरे से मुस्कुराते हुए मिलते दिख रहे हैं. नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ ग्रहण के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने एक-दूसरे के साथ हाथ मिलाया. इस दौरान सीएम योगी ने अखिलेश के कंधे पर हाथ भी रखा.
दरअसल, उत्तर प्रदेश विधानसभा में सोमवार को नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण कराया जा रहा है. सबसे पहले सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक दल के नेता और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शपथ ली. उन्हें प्रोटेम स्पीकर रमापति शास्त्री ने शपथ दिलाई. शपथ लेने के बाद जैसे ही सीएम योगी नीचे उतरे तो उनका सामना अखिलेश यादव से हो गया.
अखिलेश यादव को देखते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुस्कुराएं और दोनों ने हाथ मिलाया. इस दौरान सीएम योगी ने अखिलेश को बधाई देते हुए उनके कंधे पर हाथ रखा. इसके थोड़ी देर बाद अखिलेश ने विधानसभा के अंदर सभी विधायकों का अभिवादन किया. इसी दौरान अखिलेश ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से हाथ मिलाया और शपथ लेने पहुंचे.
अखिलेश यादव के बाद पूर्व मंत्री और बीजेपी की ओर से विधानसभा अध्यक्ष के प्रत्याशी सतीश महाना ने शपथ ली. इसके बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, बेबी रानी मौर्य, लक्ष्मी नारायण चौधरी, जयवीर सिंह, धर्मपाल सिंह, नंद गोपाल गुप्ता नंदी, योगेंद्र उपाध्याय, नितिन अग्रवाल, अनिल राजभर, राकेश सचान समेत कई मंत्रियों और विधायकों ने शपथ ली.
अखिलेश बोले- विपक्ष की भूमिका सकारात्मक होगी
सीएम योगी आदित्यनाथ के शपथ लेते सामान्य सदन में 'जयश्रीराम' के नारे लगे, जबकि अखिलेश के शपथ लेते समय सपा के विधायकों ने 'जय समाजवाद और जय जवान-जय किसान' के नारे लगाए. शपथ लेने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, 'केवल बेंच बदल गई है, मैं अब विपक्ष में बैठूंगा, सरकार की जवाबदेही के लिए विपक्ष काम करेगा और विपक्ष की भूमिका सकारात्मक होगी.'
पहली बार विधायक बने हैं अखिलेश और योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पहली बार विधायक बने हैं. अखिलेश यादव, मैनपुरी की करहल सीट से चुनाव जीते हैं जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर शहर सीट से विधायक बने हैं. इससे पहले सीएम योगी विधान परिषद सदस्य थे, जबकि अखिलेश यादव आजमगढ़ से सांसद थे.
नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर बैठे अखिलेश
अखिलेश यादव को हाल में ही समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायकों ने अपना नेता चुना है. इसके साथ ही वह विधान मंडल दल के नेता भी बने हैं. इस वजह से विधानसभा में अखिलेश यादव को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया. सोमवार को अखिलेश यादव विधानसभा के अंदर नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर बैठे नजर आएं.
योगी कैबिनेट में जातीय गणित तो सध गया, लेकिन क्षेत्रीय संतुलन अधूरा!
स्टोरी हाइलाइट्स
योगी कैबिनेट में अभी भी 7 मंत्री की जगह बचे हैं
मंत्रिमंडल में आगरा-काशी-कानपुर देहात का दबदबा
यूपी के 40 जिलों से कोई भी मंत्री नहीं बन सका है
उत्तर प्रदेश में योगी मंत्रिमंडल 2.0 में 21 सवर्ण, 20 ओबीसी और 9 दलित मंत्री बनाकर बीजेपी ने भले ही जातीय समीकरण साधने में कामयाब रही है, लेकिन क्षेत्रीय संतुलन बनाने में असफल रही. सीएम योगी आदित्यनाथ सहित 53 मंत्रियों ने शपथ ली. सूबे के 75 जिलों में से 35 जिलों के नेताओं को ही योगी कैबिनेट में जगह मिली है जबकि, 40 जिलों से कोई प्रतिनिधित्व नहीं है. हालांकि, योगी कैबिनेट में अभी भी सात मंत्री पद की गुंजाइश बची हुई है. ऐसे में बीजेपी क्या मंत्रिमंडल का विस्तार के जरिए भविष्य में क्षेत्रीय समीकरण साधने की कवायद करेगी?
योगी कैबिनेट में किस जिले का दबदबा
लखनऊ का रुतबा योगी सरकार के 2.0 में कम हुआ हैं तो दस सीटों वाले कानपुर नगर की किसी भी नेता को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है. इस तरह से यूपी के लखनऊ प्रयागराज सहित 22 जिलों से एक-एक नेता को मंत्री बनाया गया है जबकि 13 जिले ऐसे हैं जहां के एक से ज्यादा नेता मंत्री बने हैं. इनमें आगरा, वाराणसी, अलीगढ़, कानपुर देहात और शाहजहांपुर से तीन-तीन मंत्री बने हैं जबकि गोरखपुर, देवरिया, बलिया, हरदोई, सीतापुर, बरेली, मेरठ और सहारनपुर जिले से भी दो-दो मंत्री बनाए गए हैं.
वहीं, पूर्वांचल के बस्ती और देवीपाटन इलाके से सात जिलों में से किसी को भी मंत्री नहीं बनाया गया है तो गोरखपुर से संजय निषाद को ही योगी सरकार में जगह मिल सकी. देवीपाटन मंडल में विधानसभा की 20 सीटे हैं, जिनमें बीजेपी 16 सीटें जीती है तो गोंडा की सभी सातों सीटों पर कमल खिला है, लेकिन मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली. ऐसे ही बस्ती मंडल का भी हाल रहा जबकि पिछली बार यहां से दो मंत्री थे.
लखनऊ से कैबिनेट में सिर्फ एक को जगह
बीजेपी को इस बार सबसे ज्यादा सीटें देने वाले अवध क्षेत्र यानि मध्य यूपी का प्रभाव मंत्रिपरिषद में काफी कम हुआ है. अवध क्षेत्र को केवल सात मंत्री मिले हैं जबकि पिछली बार 13 मंत्री यहां से थे. पिछली योगी सरकार में अवध क्षेत्र के लखनऊ से उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा के अलावा बृजेश पाठक, डा. महेंद्र सिंह, आशुतोष टंडन, स्वाति सिंह, मोहिसन रजा मंत्री थे, लेकिन इस बार महज एक ही जगह मिली है. दिनेश शर्मा की जगह बृजेश पाठक डिप्टीसीएम बनाए गए हैं.
कानपुर नगर, अयोध्या समेत 40 जिलों से किसी भी नेता को योगी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है. कानपुर नगर जिला जहां से 10 विधानसभा सीटें हैं, इनमें से छह सीटों पर बीजेपी, एक पर उसकी सहयोगी अपना दल को जीत मिली हैं. इसके बाद भी किसी को मंत्री नहीं बनाया गया है. सतीष महाना और निलिमा कटियार जैसे वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार कर दिया गया है जबकि पिछले कार्यकाल में ये दोनों ही मंत्री थे. हालांकि, सतीष महाना को विधानसभा अध्यक्ष बनाकर बड़ा दांव चला है.
बीजेपी का क्लीन स्वीप, लेकिन कैबिनेट में जगह नहीं
भगवान राम की नगरी अयोध्या जिले से भी किसी को मंत्री नहीं बनाया गया. केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा आरोप लगे कि लखीमपुर खीरी में गाड़ी से किसानों के कुचलने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बावजूद जिले के मतदाताओं ने सभी आठ की आठ सीटें पार्टी को जिता दी. इसके बाद मंत्रिमंडल में किसी को भी शामिल नहीं किया. इसी तरह उन्नाव ने सभी 6 में से 6, कुशीनगर ने 5 में से 5 सीटें बीजेपी गठबंधन ने जीती हैं, लेकिन इसके बाद भी इन जिलों से मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिल सका.
फर्रुखाबाद जिले की सभी 5, एटा की सभी 4, हापुड़ की सभी 3, नोएडा की सभी 3, महोबा की सभी 2, हमीरपुर की सभी 2 सीटों पर बीजेपी जीती है, लेकिन मंत्रिमंडल में किसी को जगह नहीं मिल सकी है. वहीं, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, गाजीपुर और शामली जिले से एक भी सीट बीजेपी नहीं जीती है, जिसके चलते माना जा रहा है किसी को भी मंत्री नहीं बनाया गया.
बीजेपी के लिए पश्चिमी यूपी सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण माना जा रहा था, जहां पार्टी खासी मशक्कत करनी पड़ी है. पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और सीएम योगी आदित्यनाथ ने मिल कर आक्रामक प्रचार अभियान के जरिए पूरा सियासी मंजर ही बदल दिया. बीजेपी को पश्चिमी यूपी में पहले ही तुलना में सीटें कम आई है, लेकिन योगी कैबिनेट में पिछली बार से ज्यादा जगह मिली है.
पश्चिमी यूपी में विधायक घटे मंत्री बढ़ें
पश्चिमी यूपी की कुल 136 सीटों में से बीजेपी को इस बार 93 सीटें मिली है और कैबिनेट में 25 मंत्री बनाए गए हैं. वहीं, 2017 में 109 सीटें मिली थी और 16 मंत्री थे. इस तरह से बीजेपी वेस्ट यूपी में अपनी पकड़ को मजबूत बनाए रखने के लिए योगी कैबिनेट में पिछली बार से ज्यादा जगह देकर बड़ा दांव चला है. वहीं, इस बार बुंदेलखंड से तीन विधायकों को योगी सरकार में मंत्री बनाया गया है जबकि पिछली बार दो मंत्री थे.
पूर्वांचल के इलाके से सात मंत्री इस बार बनाए गए हैं जबकि पिछले कार्यकाल में 14 मंत्री थी. इस बार योगी सरकार में पूर्वी यूपी का प्रतिनिधित्व कम हुई है. 2017 में पूर्वांचल की 133 सीटों में से बीजेपी 100 सीटें जीती थी जबकि इस बार 77 सीटें मिली. मध्य यूपी में भी मंत्रियों का प्रतिनिधित्व कम हुई है. पिछली बार अवध क्षेत्र से 13 मंत्री थे, लेकिन इस बार सात मंत्री बने हैं.
आगरा-कानपुर देहात का दबदबा
योगी की नई कैबिनेट में आगरा और कानपुर देहात जिले का का दबदबा है. आगरा जिले में नौ विधानसभा सीटें हैं. इस बार यहां की सभी सीटों पर भाजपा को जीत मिली है., नौ विधायकों में से तीन को मंत्री बनाया गया है. आगरा से मंत्री बनने वालों में बनी बेबीरानी मौर्य योगेंद्र उपाध्याय और एमएलसी धर्मवीर प्रजापति हैं तो कानपुर देहात जिले की चार सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है और तीन को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. कानपुर देहात से मंत्री बनने वालों में अजीत पाल, राकेश सचान और प्रतिभा शुक्ला मंत्री बनी हैं.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के 403 सदस्यीय विधानसभा में 15 फीसदी के लिहाज से अधिकतम 60 मंत्री हो सकते हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ, दो उप-मुख्यमंत्रियों, 16 कैबिनेट मंत्रियों, 14 राज्य मंत्रियों और 20 राज्य मंत्रियों ने शुक्रवार को शपथ ली है. इस तरह 53 सदस्यीय मंत्रिमंडल का गठन किया गया. ऐसे में सात मंत्रियों के बनाए जाने जाने की अभी भी योगी कैबिनेट में जगह बची हुई हैं. सूबे में जिन क्षेत्रों को जगह नहीं मिल पाई है, बीजेपी उन क्या उन क्षेत्रों से मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व देने का दांव चल सकती है.
Oscars के मंच पर लड़ाई, पत्नी पर जोक मारा तो भड़के Will Smith ने होस्ट को मारा मुक्का
स्टोरी हाइलाइट्स
विल ने क्रिस को मारा मुक्का
क्रिस ने उड़ाया था विल की बीवी का मजाक
Oscars 2022 में मशहूर एक्टर विल स्मिथ (Will Smith) ने प्रजेंटर क्रिस रॉक (Chris Rock) को मुक्का मार दिया. जानकारी के मुताबिक, प्रजेंटर क्रिस रॉक (Chris Rock) ने विल स्मिथ (Will Smith) की पत्नी के बालों के बारे में कमेंट किया था, जिसपर विल स्मिथ को गुस्सा आ गया. वह खड़े होकर मंच पर गए और फिर क्रिस रॉक को मुक्का जड़ दिया.
क्यों क्रिस को विल ने मारा मुक्का?
क्रिस रॉक ने फिल्म G.I. Jane को लेकर विल स्मिथ की पत्नी जेडा पिंकेट स्मिथ (Jada Pinkett Smith) का मजाक उड़ाया था. उन्होंने जेडा के गंजेपन पर कमेंट करते हुए कहा था कि G.I. Jane 2 का इंतजार जेडा नहीं कर सकतीं. क्योंकि फिल्म में लीड एक्ट्रेस का लुक बाल्ड (गंजा) था. जबकि जेडा ने Alopecia नाम की गंजेपन की बीमारी की वजह से हटवाए हैं. पत्नी का यूं मजाक बनना विल को पसंद नहीं आया और उन्होंने चलते शो में क्रिस को मुक्का मारकर अपनी नाराजगी भी जता दी.
ट्विटर पर यूजर्स सन्न
जाहिर है कि इससे सभी के होश उड़ गए. क्रिस रॉक मुक्का खाने के बाद थोड़ी देर सन्न खड़े रहे. विल ने उन्हें कहा कि मेरी पत्नी का नाम अपने मुंह से दोबारा मत निकालना और क्रिस ने जवाब दिया कि वह ऐसा नहीं करेंगे. ऑस्कर्स 2022 सेरेमनी में शामिल लोगों के साथ-साथ इवेंट को टीवी पर देखने वाली जनता भी शॉक रह गई. मिनटों में विल स्मिथ और क्रिस रॉक ट्विटर पर ट्रेंड करने लगे. दोनों को लेकर खूब चर्चे भी हो रहे हैं.
bruh what just happened with will smith and chris rock on stage… tell me that was scripted 😭😭😭
— gabby. (@gabb_griff) March 28, 2022
Chris Rock made a joke about Jada Pinkett-Smith being in "G.I. Jane" because of her bald head. She's spoken openly about having a hair loss condition. Will Smith ran on stage, slapped Rock, then screamed twice at the top of his lungs "KEEP MY WIFE'S NAME OUT OF YOUR F-NG MOUTH."
— Amy Kaufman (@AmyKinLA) March 28, 2022
Suddenly Chris rock shows up in the in memoriam
— broti gupta (@BrotiGupta) March 28, 2022
UNCENSORED EXTENDED VERSION of Will Smith smacking Chris Rock from Japanese TV pic.twitter.com/s9BZoRyrrm
— Barstool Sports (@barstoolsports) March 28, 2022
Literally me watching Chris Rock and Will Smith because wtf just happened #Oscars pic.twitter.com/SN3ozLG4E4
— Mary Wilson (@TheeMaryWilson) March 28, 2022
Here's the moment Chris Rock made a "G.I. Jane 2" joke about Jada Pinkett Smith, prompting Will Smith to punch him and yell, "Leave my wife’s name out of your f--king mouth." #Oscars pic.twitter.com/kHTZXI6kuL
— Variety (@Variety) March 28, 2022
Hol on…was Will Smith deadass cussing out Chris Rock?! #Oscars
pic.twitter.com/9AmJjzaw5u
— Rachel. (@_loveRachel_) March 28, 2022
Will smith @ Chris rock when Chris made a bad joke about jada #oscars pic.twitter.com/VOLZtFNaRL
— BLACK LIVES MATTER (@willowhalliwell) March 28, 2022
Waaaaaiiiittt did Will Smith and Chris Rock really just get into it!?!?! I thought that was scripted or my tv was broken 😳🤯 #Oscars pic.twitter.com/MnIDzZmldz
— Syb, pronounced like Syd 😎 (@syd_tha_kid93) March 28, 2022
MAYHEM BETWEEN CHRIS ROCK AND WILL SMITH AT THE #Oscars pic.twitter.com/265hGbsEDg
— Barstool Sports (@barstoolsports) March 28, 2022
Everyone at the Oscar’s when Will Smith assaulted Chris Rock on national television #Oscars pic.twitter.com/VX7EzFyJ22
— LORRAKON (@LORRAKON) March 28, 2022
what just happened with chris rock and will smith #Oscars2022 pic.twitter.com/knL03tAevN
— Ashley Brewer (@heyashtweeted) March 28, 2022
Will Smith just punched Chris Rock and told him "keep my wife's name out of your f***ing mouth" pic.twitter.com/1f1ytdbMRv
— CJ Fogler (@cjzer0) March 28, 2022
Did Will Smith really just open hand smack Chris Rock on live tv and tell him to keep Jada’s name out of his fucking mouth?!?!
And then Chris Rock just kept it going?!
HOLY SHIT
— Philip DeFranco 👊🏻 (@PhillyD) March 28, 2022
All of us trying to figure out what just happened between Chris Rock and Will Smith. #Oscars pic.twitter.com/qM8LvVIJyp
— Brandon Pfeltz (@Brandinian) March 28, 2022
Oh my god... https://t.co/IkYMqGTP3x
— Scott Mendelson (@ScottMendelson) March 28, 2022
Oscars 2022 Live Updates: Drive My Car को बेस्ट इंटरनेशनल फिल्म के लिए ऑस्कर, Dune का जलवा
विल स्मिथ को इस साल ऑस्कर्स में अपनी फिल्म किंग रिचर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया था. उन्होंने इस फिल्म के लिए बेस्ट एक्टर का ऑस्कर अवॉर्ड जीता है. फिल्म किंग रिचर्ड, टेनिस खिलाड़ी सेरेना विलियम्स और वीनस विलियम्स के पिता रिचर्ड विलियम्स की कहानी है. इसमें रिचर्ड का जूनून और अपने बच्चों को बेहतरीन खिलाड़ी बनाने का जोश दिखाया गया है. विल को फिल्म में अपने काम के लिए दुनियाभर से सराहना मिली थी.
अपने अवॉर्ड को लेते हुए विल स्मिथ ने क्रिस रॉक को मुक्का मारने के लिए सभी से माफी भी मांग ली. उन्होंने कहा, 'मैं अकैडेमी से माफी मांगना चाहता हूं. मैं अपने साथी नॉमिनी से भी माफी मांगना चाहता हूं. आर्ट असल जिंदगी को दिखाता है. मैं रिचर्ड विलयम्स की तरह सनकी बाप लग रहा हूं. लेकिन प्यार आपसे पागलपंती वाली चीजें करवाता है.'
ऑस्कर में Dune का दबदबा, बेस्ट साउंड समेत इन कैटेगरीज में जीते अवॉर्ड
रेड कार्पेट से इवेंट का आगाज, दिखा सेलेब्स का बेहतरीन लुक
Posted by :- priya shandilya
ऑस्कर इवेंट की शुरुआत रेड कार्पेट से हो चुकी है. विल स्मिथ, जेडा पिंकेट स्मिथ, क्रिस्टन स्टीवर्ट, जेमी डोर्नन, Zoe Kravitz, Elliot Page, Jake Gyllenhaal, Shawn Mendes, Billie Eilish, Woody Harrelson, Kourtney Kardashian समेत सभी सितारे एक से बढ़कर एक आउटफिट्स में पहुंचें.
गुजरात चुनाव से कहीं आगे है PK और कांग्रेस लीडरशिप में मुलाकातों की कहानी
स्टोरी हाइलाइट्स
विधानसभा चुनाव के लिए काम नहीं करना चाहते हैं PK
2024 चुनाव को लक्ष्य बनाना चाहते हैं प्रशांत किशोर
पीके की एंट्री में कई पेंच, सोनिया लेंगी फैसला
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और कांग्रेस के बीच जुगलबंदी फिर से शुरू हो गई है, लेकिन ये इस साल के अंत में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनावों के बारे में नहीं है. पहले खबरें आई थीं कि जब तक उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा के चुनावी नतीजे नहीं आ जाते कांग्रेस में प्रशांत किशोर की एंट्री पर आलाकमान ने पॉज बटन दबा दिया है.
लेकिन इन विधानसभा चुनावों के नतीजों ने कानाफूसी, सुगबुगाहट और डिरेल की कोशिश के बावजूद दोनों पक्षों को एक बार फिर बातचीत की मेज पर ला दिया है.
पता चला है कि प्रशांत किशोर 2024 से पहले किसी भी राज्य के विधानसभा चुनाव (गुजरात, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश) के मैनेजमेंट में कोई दिलचस्पी नहीं रख रहे हैं. पीके अब कांग्रेस में एक राजनेता के रूप में पूर्णकालिक भूमिका की तलाश में हैं. इसके बाद वे 2024 के लोकसभा चुनावों के कांग्रेस को तैयार करना चाहते हैं. दरअसल प्रशांत किशोर के राजनीतिक संपर्क पार्टी लाइन से परे जाते हैं. ममता बनर्जी, शरद पवार, एम के स्टालिन, उद्धव ठाकरे, अखिलेश यादव, के. चंद्रशेखर राव, हेमंत सोरेन, जगन मोहन रेड्डी से उनकी नजदीकियां जगजाहिर हैं.
...तब तक मोदी को बाहर करने की कोशिश कामयाब नहीं होगी
भारत में चुनावों की नब्ज पकड़ने में माहिर पीके का दृढ़ मत है कि जब तक; राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, उत्तराखंड, हिमाचल, महाराष्ट्र, असम, हरियाणा, झारखंड आदि राज्यों में जहां बीजेपी का कांग्रेस से सीधा मुकाबला है, इन राज्यों में कांग्रेस बीजेपी को हराना शुरू नहीं करती है तब तक नरेंद्र मोदी को सरकार से बाहर करने के लिए किया गया विपक्ष का संयुक्त प्रयास फलीभूत नहीं हो सकता है. कांग्रेस को 200 से अधिक लोकसभा सीटों को प्राथमिकता देने की जरूरत है जहां पार्टी का सीधा मुकाबला भाजपा से है.
...फिर विपक्ष की उम्मीदें आशाजनक हो जाएंगी
2014 से कांग्रेस इन राज्यों में 90 फीसदी सीटें हारती जा रही है. पीके की प्लानिंग के अनुसार इस नुकसान को 50 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है, या कहें कि कांग्रेस हर दो सीट में एक जीतना शुरू कर देती है, तो विपक्ष की कहानी में दम नजर आने लगेगा, उनकी उम्मीदें आशाजनक हो जाएंगी.
ताकतवर व्यक्ति को सामने नहीं रख पाता गांधी कुनबा
सियासत का तकाजा ये है कि वर्ष 2016 से ही गांधी और पीके कथित तौर पर एक दूसरे के नजदीकी संपर्क में हैं, साथ ही एक दूसरे में दोनों की रूचि भी कम नहीं हुई है. प्रशांत किशोर को देश की ग्रांड ओल्ड पार्टी में शामिल करने से जुड़ी दो बड़ी दिक्कतें हैं. सबसे पहले तो ये है कि गांधी कुनबे को ताकतवर व्यक्ति को अपने पाले में लेकर सामने रखने की आदत नहीं है. बंगाल और अन्य जगहों पर प्रशांत किशोर की चुनावी सफलता ने उन्हें एक रुतबा दिया है, एक ऊंचाई दी है. वे तोल-मोल करने की स्थिति में हैं. और यही बात कांग्रेस के संगठन में मौजूद कुछ गैर गांधी नेताओं को जंच नहीं रही है.
पीके की एंट्री में दूसरा बड़ा बिंदु कांग्रेस में सुधारों की गति के बारे में है. जानकार सूत्र बताते हैं कि जहां गांधी कुनबा पार्टी में चरणबद्ध सुधार चाहता है, वहीं किशोर कथित तौर पर पार्टी की कार्य संस्कृति में व्यापक 'परिवर्तन' चाहते हैं. इसके लिए दोनों पक्षों के अपने-अपने तर्क हैं. हाल के चुनावी पराजय के मद्देनजर गांधी परिवार कथित तौर पर पदानुक्रम (Hierarchy), चुनाव प्रबंधन, फंड संग्रह, प्रशिक्षण, सोशल मीडिया नीति, वैचारिक निष्ठा, जवाबदेही, पारदर्शिता, गठबंधन वार्ता (Alliance negotiations) आदि में तुरंत बदलाव को लेकर अनिच्छुक दिखता है और इसे लेकर अपनी हिचकिचाहट भी जाहिर करता है. जबकि प्रशांत किशोर मानते हैं कि कठिन परिस्थितियां ही वो सर्वोत्तम मौका होती हैं जब संगठन में आमूल-चूल परिवर्तन किया जाना चाहिए.
G-23 पीके को लेकर पॉजिटिव है
गांधी परिवार में कथित तौर पर प्रशांत किशोर के बारे में सकारात्मक भावनाएं हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उनके शामिल होने से G-23 असंतुष्टों के साथ चल रहे युद्ध का अंत हो जाएगा. कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की मुहिम चलाने वाले G-23 के अधिकांश नेता प्रशांत किशोर और बदलाव के लिए उनके जोर का सम्मान करते हैं. इधर प्रशांत किशोर ने जानबूझकर भी खुद को पार्टी के भीतर के झगड़े से दूर रखा है.
सोनिया से बातचीत हुई मगर...
सितंबर-अक्टूबर 2021 में सोनिया गांधी के साथ अपनी पिछली बातचीत में प्रशांत किशोर ने कथित तौर पर कांग्रेस संगठन में जबरदस्त बदलाव के विषय पर चर्चा की थी. इसके अलावा दोनों नेताओं के बीच टिकट बंटवारे के तरीके, चुनावी गठबंधन, फंड जमा करने के मुद्दे पर बात हुई थी. लेकिन तब तक विधानसभा चुनाव आ गए. इसके अलावा पार्टी को कभी कामयाब रहे मगर अब पिट चुके वर्किंग स्टाइल Let things cool down (चीजों को ठंडा होने दो) पर भी जरूरत से ज्यादा भरोसा था जिसके कारण बातचीत को रोक दिया गया था.
फिलहाल कांग्रेस-पीके की वार्ता का भाग्य अधर में लटक हुआ है. जानकार और उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि इस वार्ता में प्रगति की पूरी संभावना है, अगर कांग्रेस, जिसे अक्सर यथास्थितिवादी और परिवर्तन से एलर्जिक माना जाता है, स्वयं को नया रूप और आकार देने की अनुमति देगी.
भारत महिला वर्ल्डकप से बाहर, नो-बॉल ने बिगाड़ा गेम, मिताली-झूलन का टूट गया सपना
स्टोरी हाइलाइट्स
महिला वर्ल्डकप से बाहर हुई टीम इंडिया
साउथ अफ्रीका ने 3 विकेट से हराया
महिला वर्ल्डकप में भारत का सपना फिर टूट गया है. रविवार को साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले गए मुकाबले में भारत की हार हुई है और इसी के साथ इस वर्ल्डकप में टीम इंडिया का सफर खत्म हो गया है. साउथ अफ्रीका ने इस मैच को जीता, ऐसे में टीम इंडिया सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर हो गई और वेस्टइंडीज़ की टीम सेमीफाइनल में पहुंच गई है.
भारत ने इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए 274 रनों का स्कोर बनाया था, जवाब में साउथ अफ्रीका ने आखिरी ओवर में जाकर जीत हासिल की. साउथ अफ्रीका ने आखिरी बॉल पर जीत हासिल करते हुए 7 विकेट खोकर 275 रन बनाए.
यूक्रेन के साथ खड़ा है अमेरिका, NATO की सीमाओं में घुसने की भी ना सोचे रूस: बाइडेन
स्टोरी हाइलाइट्स
बाइडेन ने कहा- तेल के लिए रूस पर निर्भरता खत्म करे यूरोप
रूस को बाइडेन की चेतावनी, कहा- नाटो देशों की सीमा में न घुसे रूस
यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर पोलैंड में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि नाटो एकजुट हैं, उसे तोड़ा नहीं जा सकता है. साथ ही उन्होंने कहा कि रूस लोकतंत्र का गला घोंट रहा है. यूक्रेन आज अपनी आजादी के लिए लड़ रहा है. यूक्रेन के साथ हम पूरी ताकत के साथ खड़े हैं. बाइडेन ने कहा कि यूक्रेन के लोग अपनी आजादी के लिए लड़ रहे हैं. हमें लोकतंत्र के लिए पूरी ताकत के साथ लड़ना है.
बाइडेन ने कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की लोकतांत्रिक रूप से चुने गए राष्ट्रपति हैं. उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर हमले का रूस के पास कोई तर्क नहीं है. संबोधन के दौरान बाइडेन ने यूक्रेन के लिए आर्थिक मदद का भी ऐलान किया. उन्होंने कहा कि बर्बर हमले के लिए रूस जिम्मेदार है. मैंने यूक्रेन के शरणार्थियों से मुलाकात की है और हम यूक्रेन के लोगों के साथ खड़े हैं.
बाइडेन ने कहा कि हम यूक्रेन की मदद करते रहेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रतिबंधों की वजह से रूस की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. रूस ने लोकतंत्र का गला घोंटा है. बाइडेन ने अपील की है कि सभी देश मिलकर यूक्रेन की मदद करें. यूक्रेन की रक्षा के लिए अमेरिका हमेशा खड़ा रहेगा. उन्होंने ये भी कहा कि नाटो रूस के लिए खतरा नहीं है.
बाइडेन ने कहा कि अमेरिका की फौज हर मदद के लिए पोलैंड में मौजूद है. नाटो देशों की रक्षा के लिए अमेरिका मजबूती से खड़ा है. उन्होंने कहा कि लंबी लड़ाई के लिए दुनिया को तैयार रहना चाहिए. दुनिया के देश फिलहाल यूक्रेन के शरणार्थियों की मदद करें. अमेरिका यूक्रेन को हर मदद देने को तैयार है. बाइडेन ने कहा कि दुनिया को रूस नाटो के बारे में गलत बता रहा है. रूस के लोग हमारे लिए दुश्मन नहीं हैं.
तेल के लिए रूस पर निर्भरता खत्म करे यूरोप
जो बाइडेन ने कहा कि तेल के लिए रूस पर निर्भरता को यूरोप खत्म करे. साथ ही उन्होंने कहा कि यूरोपिय देश रूस से तेल खरीदकर युद्ध मशीन की मदद न करें. उन्होंने रूस को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि नाटो देशों की सीमा में घुसने की कोशिश रूस न करे. बाइडेन ने कहा कि अमेरिका ने एक बिलियन डॉलर की मदद की है.
अमेरिकी राष्ट्रपति के संबोधन से कुछ मिनट पहले रूसी सेना ने पौलेंड सीमा से कुछ दूर यूक्रेन के लवीव शहर पर मिसाइल से हमला किया. मिसाइल से हमले में 5 लोग घायल हो गए. रूसी सेना की ओर से ये हमला ऐसे समय में किया गया जब धमाका स्थल से कुछ ही दूरी पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पोलैंड की राजधानी वारसॉ में मौजूद थे.
यूक्रेन के शरणार्थियों से मिलने के बाद बाइडेन ने पुतिन को कसाई बताया
अपने संबोधन से कुछ घंटे पहले बाइडेन ने पोलैंड में यूक्रेन के शरणार्थियों से मुलाकात की. मुलाकात के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन को कसाई बताया है. बाइडेन ने ट्वीट कर कहा कि पोलैंड में शरणार्थी स्थल पर मौजूद बच्चों ने मुझसे कहा कि मेरे पिताजी, मेरे दादा, मेरे भाई के लिए प्रार्थना करें, जो रूस के सैनिकों से लड़ रहे हैं.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ट्वीट कर लिखा कि मैंने यूक्रेन के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री के अलावा पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेजेज डूडा के साथ मुलाकात की है. हम अपने मानवीय प्रयासों को देखने के लिए एक शरणार्थी स्थल का दौरा कर रहे हैं. आज रात मैं लोकतांत्रिक सिद्धांतों में निहित भविष्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर टिप्पणी कर रहा हूं.
UP: डिप्टी सीएम केशव मौर्य के बेटे की कार का एक्सीडेंट, बाल-बाल बचे
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बेटे की गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया है. जालौन में आलमपुर बाईपास के करीब हुए इस हादसे में डिप्टी सीएम के बेटे बाल-बाल बच गए. योगेश कुमार मौर्य अपनी फॉर्च्यूनर गाड़ी से जा रहे थे.
जालौन जिले में हुआ हादसा
aajtak.in
जालौन ,
26 मार्च 2022,
(अपडेटेड 26 मार्च 2022, 5:10 PM IST)
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बेटे की गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया है. जालौन में आलमपुर बाईपास के करीब हुए इस हादसे में डिप्टी सीएम के बेटे बाल-बाल बच गए. योगेश कुमार मौर्य अपनी फॉर्च्यूनर गाड़ी से जा रहे थे. इस बीच उनकी फॉर्च्यूनर और ट्रैक्टर में जोरदार टक्कर हो गई. सूचना के बाद मौके पर कालपी कोतवाली पुलिस पहुंच गई है.
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20 लाख नौकरी, नाइट लाइफ की बहार और न्यू मार्केट, बजट में दिल्ली बदलने का वादा
स्टोरी हाइलाइट्स
दिल्ली में बढ़ेगी नाइट लाइफ एक्टिविटी
रात 2 बजे तक फूड ट्रक बेच सकेंगे खाना
दिल्ली के युवाओं को 20 लाख नौकरी का टारगेट
दिल्ली सरकार ने वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश कर दिया है. इस बजट में दिल्ली (Delhi budget 2022-23) में AAP सरकार का फोकस नौकरियां, स्वास्थ्य, नाइट लाइफ, मार्केट, ग्रीन एनर्जी, रिटेल सेक्टर पर है. 75,800 करोड़ के इस बजट में दिल्ली सरकार ने अगले 5 साल में 20 लाख नौकरियां लोगों को देने का लक्ष्य रखा है. दिल्ली सरकार नौकरियों में ग्रीन जॉब्स पर जोर दे रही हैं.
दिल्ली के डिप्टी सीएम और वित्त मंत्रालय का संभाल रहे मनीष सिसोदिया ने बजट पेश करते हुए कहा कि ये AAP सरकार का आठवां बजट है. दिल्ली में 7 साल में क्रांतिकारी काम हुए हैं. मनीष सिसोदिया ने बजट पेश करते हुए कहा कि पिछले साल AAP सरकार ने देशभक्ति बजट पेश किया था, इस बार का हमारा बजट रोजगार बजट है. उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य अगले पांच साल में दिल्ली के लोगों को 20 लाख नौकरियां देने का टारगेट है.
20 लाख नौकरियों का लक्ष्य
मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमें अगले 5 वर्षों में खुदरा क्षेत्र में 3 लाख नौकरियां और अगले 1 साल में 1.20 लाख से अधिक नए रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है. मनीष सिसोदिया ने कहा 1.5 लाख रोजगार सृजित करने के लिए दिल्ली के 5 प्रसिद्ध बाजार को विकसित किया जाएगा. इसके लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि देश की जीडीपी में दिल्ली की हिस्सेदारी 2011-12 में 3.94 फीसदी से बढ़कर 2021-22 में 4.21 फीसदी हो गई है. जबकि इसके अनुपात में यहां कम लोग रहते हैं.
दिल्ली बजट 2022-23 में नगर निकायों के लिए 6,154 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
उन्होंने कहा कि दिल्ली में रोजगार बाजार पोर्टल 2.0 लाया जाएगा. इससे पहले के राउंड में 15 लाख लोग नौकरी मांगने वाले और 10 लाख लोग नौकरी देने वाले सामने आए थे. इसके माध्यम से हर साल एक लाख नई नौकरियां देने का लक्ष्य है.
शिक्षा बजट- 16278 रुपये
हेल्थ- 9669 करोड़ रुपये
परिवहन- 9539 करोड़ रुपये
पता चलेगा सरकार के पैसे से कितनी नौकरियां पैदा हुईं
दिल्ली सरकार अपने हर एक विभाग में एंप्लॉयमेंट ऑडिट करवाएगी ताकि बताया जा सके कि अगर कहीं एक भी रुपया खर्च हो रहा है तो उसका आउटकम क्या है, जनता का पैसा खर्च हुआ तो कितनी नौकरी पैदा हुई?
दिल्ली सरकार ने आम आदमी मोहल्ला क्लिनिक और आम आदमी पॉलीक्लिनिक के लिए 475 करोड रुपये आवंटित किए हैं. अब तक 5.49 करोड़ लोगों ने मोहल्ला क्लीनिक में इलाज करवाया है, इससे लोगों का खर्च बचा है. दिल्ली के स्कूलों में स्कूल क्लीनिक शुरू किए गए जिससे बच्चों का चेकअप किया जा सके. इसमें बच्चों के मानसिक उलझन की भी जांच 6 महीने में की जाएगी.
सभी नागरिकों को ई-हेल्थ कार्ड
मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार दो बड़े कदम उठाने है जा रही है. दिल्ली के सभी नागरिकों को ई हेल्थ कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा. इससे समय पर और बेहतर इलाज कराने में आसानी होगी. इसके लिये 160 करोड़ का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा एक निशुल्क हेल्थ हेल्पलाइन भी शुरू की जाएगी. जिनके पास हेल्थ कार्ड होगा वो इस हेल्पलाइन पर फोन करके पूछ सकता है कि किस बीमारी का कहां इलाज करवाना है. हेल्थ कार्ड के आधार पर अस्पताल में अपॉइंटमेंट भी दिया जाएगा. 2022-23 में स्वास्थ्य के लिए 9669 करोड़ का बजट अनुमान रखा गया है. दिल्ली में आम आदमी योगशाला शुरू की गई है. कोरोना के दौरान 450 योग शिक्षकों ने 15 हजार से ज्यादा लोगों को योग सिखाया. इसके लिए 15 करोड़ का प्रावधान है.
बिजली बिल पर सब्सिडी
दिल्ली सरकार ने 2022-23 के लिए बिजली बिल पर सब्सिडी के लिए 3250 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है.
नाइट लाइफ पर फोकस
मनीष सिसोदिया ने विधानसभा में कहा कि दिल्ली में फ़ूड हब की पहचान करेंगे. नई फूड ट्रक पॉलिसी लाएंगे. रात 8 बजे से रात 2 बजे तक फूड ट्रक लग सकेंगे. इससे दिल्ली में नाइट लाइफ बढ़ेगी और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. सरकार दिल्ली के प्रमुख फूड हब की पहचान करेगी और उनको रीडिवेलप करेगी.
क्लाउड किचन की संख्या हर साल 20 फ़ीसदी बढ़ रही, अभी 20,000 से ज्यादा क्लाउड किचन है और दो लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार दे रहे हैं. यह नाइट इकोनॉमी को भी सपोर्ट करते हैं. क्लाउड किचन को भूमि देने और लाइसेंस आसानी से देने की योजना लेकर आए हैं. क्लाउड किचन इंडस्ट्री अगले 5 साल में 42000 को रोजगार देगी. रिटेल और फूड बेवरेज सेक्टर हर साल 25% की गति से बढ़ रहा है.
महिला ड्राइवर चलाएंगे इलेक्ट्रानिक ऑटो
दिल्ली सरकार अगले साल से 30% आरक्षण के साथ महिला ड्राइवरों के साथ 4200 से अधिक ई ऑटो लेकर आ रही है. सर्वोच्च न्यायालय की अनुमति से अगले 5 साल में हर साल 5000 ई-ऑटो परमिट जारी करेंगे. इससे 25000 नई नौकरी पैदा होगी. इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग आज दुनिया में सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला सेक्टर है. दिल्ली में इलेक्ट्रॉनिक सिटी का निर्माण किया जाएगा जिससे 80,000 लोगों को रोजगार मिलेगा. सरकार बापरोला में 90 एकड़ में प्लग एंड प्ले मैन्युफैक्चरिंग की स्थापना करेगी ताकि इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों को दिल्ली में अपना प्लांट स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया जा सके
दिल्ली में आएगी स्टार्टअप पॉलिसी
मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के रिटेल मार्केट को बढ़ावा देने के लिए सरकार दिल्ली शॉपिंग फेस्टिवल शुरू करने की घोषणा करती है. देश विदेश के ग्राहकों को दिल्ली में बुलाकर शॉपिंग के लिए प्रोत्साहित करने के लिए दिल्ली में शॉपिंग फेस्टिवल आयोजित किए जाएंगे. छोटे-छोटे स्थानीय बाजारों को ग्राहकों से जोड़ने के लिए दिल्ली बाजार पोर्टल शुरू करेंगे.
गांधी नगर बनेगा बड़ा मार्केट
इसके अलावा दिल्ली सरकार स्टार्टअप पॉलिसी लेकर आ रही है. इस नई पॉलिसी के तहत नौकरी मांगने के लिए तैयार आबादी को नौकरी देने वाली आबादी में बदलना है. इसके अलावा दिल्ली में एक नया इलेक्ट्रानिक शहर बसाया जाएगा. उन्होंने कहा कि होल सेल के लिए दिल्ली होल सेल फेस्टिवल लगाएंगे, गांधी नगर मार्केट कपड़ों के बाजार का नया हब बनेगा. इसके अलावा दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का भी आयोजन किया जाएगा.
मोहसिन की जगह दानिश अंसारी, मुस्लिमों पर बीजेपी की बदली रणनीति का संकेत है ये ताजपोशी
उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से योगीराज कायम हो गया है. योगी 2.0 मंत्रिमंडल से कई पुराने और प्रमुख चेहरों को बाहर का रास्ता दिखाते हुए सामाजिक समीकरणों को साधने के लिए बीजेपी ने अलग-अलग समाज के नए चेहरों को मंत्री बनाया है. इस तरह बीजेपी ने भविष्य की सियासत का खाका खींचा है. सीएम योगी के पहले कार्यकाल में एकमात्र मुस्लिम मंत्री रहे मोहसिन रजा की छुट्टी कर दानिश आजाद अंसारी के रूप में युवा मुस्लिम चेहरे को मंत्रिमंडल में शामिल किया है. मोहसिन रजा की जगह दानिश अंसारी की ताजपोशी, मुस्लिम सियासत पर बीजेपी के बदलते स्टैंड का सियासी संदेश भी दे रही है.
दानिश आजाद अंसारी को योगी सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल कर बीजेपी ने अब मुस्लिम सियासत की नई सियासी लकीर खींचने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है. मोहसिन रजा की योगी कैबिनेट से छुट्टी कर मुस्लिम ओबीसी समुदाय से आने वाले दानिश अंसारी को शामिल किया गया है. इस तरह बीजेपी ने 2024 की सियासी बिसात बिछाने का प्रयास करते हुए पसमांदा मुस्लिम समाज को सम्मान देने का संदेश दिया है.
पसमांदा समाज को समझाने का प्रयास
दानिश को योगी सरकार में मंत्री पद देकर बीजेपी की तरफ से सूबे की मुस्लिम पिछड़ी जातियों (पसमांदा समाज) को यह समझाने का प्रयास किया गया है कि मोदी-योगी सरकार की गरीब कल्याण योजनाओं का लाभ ही मुस्लिम पिछड़ी जातियों को नहीं दिया जा रहा है, बल्कि पार्टी उन्हें राजनीतिक हिस्सेदारी भी देने को तैयार है. बीजेपी का यह कदम, मुस्लिमों के बीच अपनी पैठ बनाने का बड़ा सियासी दांव माना जा रहा है.
बता दें कि बीजेपी भले ही हिंदुत्व की राजनीति करती रही हो, लेकिन मुस्लिमों के एक तबके को उसने अपने साथ रखा.है. संगठन से लेकर लेकर सत्ता तक में हिस्सेदारी देती रही है. हालांकि, बीजेपी का फोकस शिया मुस्लिम और सवर्ण मुस्लिम तक ही सीमित रहा है.
बीजेपी में राष्ट्रीय स्तर पर अटल-आडवाणी के दौर में आरिफ बेग और सिकंदर बख्त पार्टी के मुस्लिम चेहरे हुआ करते थे तो मौजूदा समय में मुख्तार अब्बास नकवी और शाहनवाज हुसैन की तूती बोलती है. ऐसे ही यूपी में एजाज रिजवी, गैरुल हसन रिजवी से लेकर आरएस उस्मानी, मोहसिन रजा और बुक्कल नवाब हैं. बीजेपी के ये सभी नेता मुस्लिम समाज में अगड़े तबके से आते हैं.
बीजेपी में रहते हुए इन तमाम नेताओं को मुस्लिम प्रतिनिधित्व मिला. पार्टी संगठन में ऊंचे पदों पर रहे तो एमएलसी बनने से लेकर मंत्री और राष्ट्रीय और प्रदेश के आयोग में चेयरमैन व सदस्य रहे. मुस्लिम समुदाय के ये अगड़े नेता बीजेपी के संगठन से लेकर सत्ता के ऊंचे-ऊंचे पद पर रहे, पर मुस्लिम समुदाय के दिलों में कमल खिलाने में सफल नहीं रहे. पीएम मोदी के राष्ट्रीय राजनीति में आने के बाद बीजेपी मस्लिम सियासत को लेकर एक बड़ा सियासी प्रयोग कर रही है, जिसमें उसने अगड़े मुस्लिमों के बजाय पसमांदा मुस्लिमों पर फोकस किया है. बशर्ते उन्हें राष्ट्रवादी सरोकारों के साथ पार्टी कसौटी पर खरा उतरना होगा.
मोहसिन रजा की कैबिनेट से छुट्टी
योगी सरकार के कैबिनेट से मोहसिन रजा की छुट्टी इसीलिए कर दी गई, क्योंकि पांच साल तक मंत्री रहते हुए किसी तरह का कोई सियासी प्रभाव नहीं छोड़ सके. राजनीतिक विश्वलेषकों की मानें तो मोहसिन रजा अपने शिया समुदाय को भी बीजेपी के साथ जोड़े रखने में कामयाब नहीं रहे. इसका नतीजा है कि बीजेपी ने लखनऊ में एक सीट अपनी गंवा दी है जबकि मोहसिन रजा खुद भी लखनऊ के हैं. इसके अलावा पांच साल तक मोहसिन रजा मुस्लिम समुदाय के बीच बीजेपी के लिए सियासी आधार मजबूत करने के बजाय बयानबाजी करते रहे. इस बार के चुनाव में मुस्लिमों का करीब 85 फीसदी वोट सपा को गया माना जा रहा है, जो अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा है. वहीं, बीजेपी को महज आठ फीसदी मुस्लिम वोट मिला है.
हालांकि, लखनऊ का शिया समुदाय एक समय तक बीजेपी के पक्ष में वोट करता रहा है. अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर लालजी टंडन और राजनाथ सिंह के लिए उन्होंने वोट किया, लेकिन इस बार साथ नहीं रहा. ऐसे में बीजेपी ने ओबीसी मुस्लिम वोटों को साथ जोड़ने की दिशा में मोहसिन रजा की जगह दानिश आजाद को कैबिनेट में एंट्री दी है. यूपी चुनाव के दौरान बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व पसमांदा वोटों को साधने के लिए तमाम सियासी संदेश देता नजर आया. केशव मौर्य ने कहा था कि सपा ने पसमांदा मुस्लिम को सिर्फ ठगा है और बीजेपी ने उन्हें सरकारी योजनाओं को लाभ देने का काम किया है.
अंसारी समुदाय की आबादी सबसे बड़ी है
मुस्लिमों में सबसे बड़ी आबादी यूपी में अंसारी समुदाय की है, लेकिन सत्ता में भागेदारी उनकी आबादी से कम है. ऐसे ही पसमांदा समुदाय की दूसरी जातियों की जगह मुस्लिम समुदाय की सवर्ण जातियां शेख, पठान, सैय्यद, मुस्लिम राजपूत और मुस्लिम त्यागी हावी हैं. ऐसे में बीजेपी की नजर ओबीसी मुस्लिम समुदाय पर है, जिन्हें साधने के लिए तमाम कवायद कर रही है. इसी कड़ी में अब योगी सरकार में अंसारी समुदाय से आने वाले दानिश आजाद को मंत्री बनाकर बड़ा सियासी दांव पार्टी ने चल दिया है.
बीजेपी ने मुस्लिमों की पिछड़ी जातियों (पसमांदा मुस्लिमों) पर खास फोकस कर रखा है, जिसका असर भले ही अभी न दिखे पर आने वाले समय में गहरी पैठ बन सकती है. यही वजह है बीजेपी ने मुस्लिमों के वंचित समुदाय के लोगों को सरकार में मंत्री, आयोग और पार्टी संगठन में तवज्जो देकर उनके बीच गहरी पैठ बनाने की कवायद शुरू कर दी है. योगी सरकार के 2.0 में दानिश आजाद अंसारी को शामिल करने के पीछ बीजेपी की इसी राजनीति का हिस्सा माना जा रहा है.
हालांकि, ऐसा नहीं है कि बीजेपी ने पहली बार किसी पसमांदा मुस्लिम को सत्ता में प्रतिनिधित्व दिया हो बल्कि 2014 में पीएम मोदी के आने के बाद से बीजेपी उनपर मेहरबान रही है. मुस्लिम पिछड़ी जाति के गाड़ा बिरादरी से आने वाले आतिफ रशीद राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष हैं, जो पश्चिम उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से आते हैं. यूपी अल्पसंख्यक आयोग की कमान अशरफ सैफी के हाथों में है, जो पिछड़ी जाति के बढ़ई समाज से आते हैं. ऐसे ही यूपी मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष इफ्तिखार जावेद पसमांदा मुसलमानों में अंसारी समुदाय से आते हैं.
बीजेपी का यह प्रयोग उत्तर प्रदेश में चुनाव में सफल रहा है. 8 फीसदी मुसलमानों ने योगी आदित्यनाथ को दुबारा मुख्यमंत्री बनाने के लिए वोट किया है. परंपरागत मुस्लिम राजनीति को देखते हुए यह आंकड़ा कुछ लोगों को चौंका सकता है, लेकिन इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि नरेंद्र मोदी सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना, राशन योजना और पेंशन योजना का सबसे बड़ा लाभ पसमांदा मुसलमानों को ही हुआ है. प्रधानमंत्री आवास योजना के 80 फीसदी लाभार्थी पसमांदा समाज के मुसलमान ही हैं, जिन गरीब मुसलमानों के लिए घर एक सपना हुआ करता था, नरेंद्र मोदी सरकार ने उसे एक हकीकत में तब्दील करने का काम किया है.
मोदी-योगी ने पसमांदा मुसलमानों के बीच पैठ बनाने के लिए उन्हें आर्थिक तौर पर सक्षम बनाने का काम किया. रोजगार के लिए रामपुर-वाराणसी से लेकर दिल्ली तक अनेक बार हुनर हाट का आयोजन किया गया. इन हुनर हाटों में सबसे ज्यादा प्राथमिकता उन कारीगरों को ही दी जाती है जो अपने हाथ से काम करने वाले कारीगर रहे हैं, जिसका फायदा पसमांदा मुस्लिम को मिला है. खासकर, इसमें अंसारी समाज का एक बड़ा वर्ग आता है. मुस्लिम समाज के पिछड़े वर्गों का नाता दस्तकारी और दूसरी तरह की हुनरमंदी से है.
दरअसल, हिंदू समुदाय के कारीगर वर्ग अब ज्यादातर नौकरी पेशा होने को प्राथमिकता देने लगे हैं, लेकिन मुसलमानों के बीच अभी भी हाथ के कारीगर भारी संख्या में मौजूद हैं. इन हुनर हाटों का सबसे ज्यादा फायदा उन्हें ही हो रहा है, उनका कारोबार आगे बढ़ रहा है और इन बाजारों के जरिए उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच भी मिल रहा है. हुनर हाट के जरिए कहार, कुम्हार, कुंदजा, गुज्जर, गद्दी-घोसी, कुरैशी, जोगी, माली, तेली, दर्जी, नट, बंजारा, बढ़ई, चूड़ीदार, जुलाहा, मंसूरी, धुनिया, रंगरेज, लोहार, हज्जाम, धोबी, मोची, राजमिस्तरी जैसे समुदायों को बीजेपी ने केंद्रित किया.
माना जाता है कि तीन तलाक के खिलाफ कानून लाकर मुस्लिम महिलाओं को साथ लेने की सबसे पहली कोशिश हुई, जिसका कुछ लाभ पार्टी को 2019 के लोकसभा चुनाव में भी हुआ था. 2022 के यूपी चुनाव में भी बीजेपी ने मुस्लिम इलाकों में अपनी पकड़ बनाई है. मुस्लिम समाज का यही वोटर चुपचाप बीजेपी के लिए मतदान किया है, जिसका नतीजा है कि 8 फीसदी मुस्लिम वोट योगी को दोबारा से सीएम बनाने के लिए पड़े हैं.
मुस्लिमों में सबसे बड़ी संख्या अंसारी बिरादरी की
मुस्लिम समुदाय में 80 फीसदी आबादी पसमांदा मुसलमानों की है, जिनका राजनीतिक में प्रतिनिधित्व बहुत कम है. ऐसे में बीजेपी उन्हें अब सत्ता में भागीदारी देकर जोड़ने की रणनीति पर काम कर रही है. मुसलमानों में सबसे बड़ी संख्या अंसारी बिरादरी की है, जिसे यूपी के पार्टी अल्पसंख्यक संगठन में अच्छी खासी जगह दी गई है. इसके अलावा मुसलमानों के अल्वी और अब्बासी समुदाय को भी शामिल किया गया है. बीजेपी ने सियासी तौर पर अंसारी समाज को सरकार में प्रतिनिधित्व दिया है तो अल्वी और अब्बासी समुदाय को संगठन में रखा है. पसमांदा मुसलमानों ने इसे राजनीति में अपने पैर जमाने के मौके के तौर पर लिया तो बीजेपी को मुस्लिम समाज में अपनी जगह बनाने का बड़ा मौका मिल सकता है. ऐसे में देखना है कि बीजेपी का यह सियासी प्रयोग कितना सफल रहता है?
यूक्रेन-रूस: 31 दिन में तबाह हो गया खारकीव, खाने का संकट, डाइपर-कंबल को भी तरसे लोग
स्टोरी हाइलाइट्स
हमले में घायलों से भरे शहर के सभी अस्पताल
चलने फिरने में असहाय बुजुर्गों की मुसीबत बढ़ी
Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन की जंग पिछले 31 दिन से जारी है. इस दौरान रूस की ओर से यूक्रेन पर भारी हमले किए गए. लिहाजा यूक्रेन के कई शहर इसमें तबाह हो गए. अब यूक्रेन के अधिकारियों की ओर से ये दावा किया जा रहा है कि हाल ही में रूसी सेना ने मारियुपोल थिएटर पर एयर स्ट्राइक की थी. इस हमले में करीब 300 लोग मारे गए. इस थियेटर को लेकर आश्रय स्थल के रूप में इस्तेमाल कर रहे थे. इतना ही नहीं अब यहां खाने का संकट भी गहराने लगा है.
एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने सबसे ज्यादा टारगेट कीव और खारकीव को किया है. मसलन यहां खारकीव में हालात बेहद दयनीय हो गए हैं. अब यहां खाने का संकट पैदा हो गया है. लोग खाने के लिए लाइन में लगे हुए हैं. खारकीव में लगातार गोलाबारी के चलते सैकड़ों लोगों ने मेट्रो में शरण ली हुई है. घायल सैनिकों और आमजनों से अस्पताल भरे पड़े है.
खारकीव में हन्ना स्पित्स्याना नाम की लड़की यूक्रेनी रेड क्रॉस की सहायता से लोगों को खाना वितरित कर रही है. हन्ना ने कहा कि लोगों के पास खाना नहीं हैं. यहां आने वाले अधिकतर लोग बुजुर्ग हैं. इसमें कई लोग तो ऐसे भी हैं जो ठीक से चल भी नहीं सकते. इन सभी लोगों को डायपर, स्वैडल कंबल और भोजन की जरूरत है.
हन्ना स्पित्स्याना ने कहा कि यहां खाने के लिए लंबी कतारें लगी हुई हैं. यहां आने वालों के घंटों इंतजार करने के बाद पनीर का सिर्फ छोटा सा टुकड़ा ही मिल पा रहा है. लोग डरे हुए हैं जल्दी से खाने का सामान लेकर अपने शेल्टर में छिप जाना चाहते हैं.
एजेंसी के अनुसार अमेरिका ने कहा कि रूसी सेना ने फिलहाल राजधानी कीव पर कब्जा करने के उद्देश्य से अपने जमीनी आक्रमण को रोक दिया है, और नियंत्रण के लिए लड़ाई पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रही है. उधर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के एक संप्रभु देश के रूप में अस्तित्व से इनकार कर दिया. वहीं रूसी जनरल स्टाफ के डिप्टी चीफ कर्नल-जनरल सर्गेई रुडस्कोई ने कहा कि ऑपरेशन के पहले चरण का मुख्य उद्देश्य यूक्रेन की लड़ने की क्षमता को कम करना था, जो कि लगभग पूरा हो गया है.