रविवार, 31 जुलाई 2022

चीन 20 साल से पीछे मुड़कर नहीं देख रहा था, अब इस सेक्टर में लगा तगड़ा झटका

स्टोरी हाइलाइट्स

  • जून महीने में पीएमआई 50.2 पर था
  • चीन ने 5.5% के ग्रोथ लक्ष्य पर बात करना किया बंद

चीन (China) में कोविड-19 महामारी का असर साफ दिखाई दे रहा है. संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद देश के कई प्रमुख विनिर्माण केंद्रों में लॉकडाउन (Lockdown) लगाने का फैसला किया गया. हालांकि लंबे समय बाद प्रतिबंध हटाए जरूर गए, लेकिन इनके हटने के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं आया है. इसके चलते जुलाई के महीने में भी विनिर्माण गतिविधियां (Manufacturing Activities) जोर नहीं पकड़ पाईं.

जुलाई में विनिर्माण गतिविधियां सुस्त
एक सर्वे रिपोर्ट से चीन के विनिर्माण परिदृश्य (Manufacturing Outlook) के बारे में असंतोषजनक स्थिति सामने आई है. चीन की सरकारी सांख्यिकी एजेंसी और उद्योग समूह चाइना फेडरेशन ऑफ लॉजिस्टिक्स एंड पर्चेजिंग की इस रिपोर्ट को देखें, तो वैश्विक मांग (Global Demand) में आई गिरावट और वायरस के प्रसार पर नियंत्रण के लिए बरती गई सख्ती से जुलाई में विनिर्माण गतिविधियां सुस्त रहीं.

जून की तुलना में पीएमआई 49 पर आया
पीटीआई के मुताबिक, चीन का मासिक खरीद प्रबंधक सूचकांक (PMI) जून के 50.2 की तुलना में गिरकर जुलाई महीने में 49 के स्तर पर आ गया है. गौरतलब है कि पीएमआई का आंकड़ा 50 से नीचे आना विनिर्माण गतिविधि में गिरावट का संकेत माना जाता है. जबकि इसका 50 से ऊपर रहना गतिविधियों में विस्तार को प्रदर्शित करता है. 

पीएमआई को इस तरह समझें 
पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्‍स (PMI) मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्‍टर की आर्थिक सेहत को मापने का एक संकेतक होता है. इससे किसी भी देश की आर्थिक स्थिति का आकलन किया जाता है. पीएमआई आंकड़ा कुछ प्रमुख कारकों पर आधारित होता है. इनमें नए ऑर्डर, इन्‍वेंटरी स्‍तर, प्रोडक्‍शन, सप्‍लाई डिलिवरी और रोजगार का माहौल शामिल होते हैं. पीएमआई का उपयोग मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर की स्थिति का आंकलन करने के लिए किया जाता है.

Economy के लिए बड़ा झटका
इसके अलावा नए ऑर्डर की संख्या, निर्यात और रोजगार के मोर्चे पर भी विनिर्माण क्षेत्र की रफ्तार सुस्त पड़ती नजर आ रही है. दुनिया के विनिर्माण केंद्र के रूप में पिछले 20 साल में उभरकर सामने आई चीन की अर्थव्यवस्था (China Economy) के लिए इसे बड़ा झटका माना जा रहा है. रिपोर्ट में अर्थशास्त्री झांग लिकुन ने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र पर जबर्दस्त दबाव है. महामारी का असर अब भी नजर आ रहा है.  

रोजगार कम होने की आशंका
झांग लिकुन ने कहा है कि विनिर्माण गतिविधियां कम होने का सीधा असर रोजगार अवसरों में कटौती के रूप में सामने आ सकता है. विनिर्माण गतिविधियां सुस्त पड़ने से सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने भी इस साल के 5.5 प्रतिशत के आर्थिक वृद्धि लक्ष्य के बारे में बात करना बंद कर दिया है. अब वे किसी ठोस आंकड़े के बजाय अधिकतम संभव परिणाम हासिल करने की ही बात कर रहे हैं.

लेबल:

कैश कांड में फंसे झारखंड के तीन कांग्रेस विधायकों पर बड़ा एक्शन, पार्टी ने किया सस्पेंड

कांग्रेस ने झारखंड के उन तीनों विधायकों को सस्पेंड कर दिया है, जिनकी गाड़ी से भारी मात्रा में कैश बरामद हुआ था. पश्चिम बंगाल पुलिस ने हावड़ा में इन विधायकों की SUV गाड़ी से कैश बरामद किया था, जिसके बाद रुपये गिनने वाली मशीन मंगवाई गई थी. कांग्रेस ने ये कार्रवाई रांची के खिजरी से विधायक राजेश कच्छप, कोंगारी सिमडेगा के कोलेबिरा से नमन विक्सेल कोंगारी और जामताड़ा से इरफान अंसारी के खिलाफ की है. इन विधायकों की गाड़ी से हावड़ा में काफी मात्रा में कैश बरामद किया गया था.  

हावड़ा की एसपी ग्रामीण ने बताया कि इनपुट के आधार पर पंचला थाना क्षेत्र के रानीहाटी में नेशनल हाइवे-16 पर नाकाबंदी कर गाड़ी को रोका गया तो उसमें झारखंड कांग्रेस के तीन विधायक थे. जब गाड़ी की जांच की गई तो उसमें भारी संख्या में कैश मिला. इस कैश की गिनती के लिए मशीनें मंगाई गई हैं.

कांग्रेस के मीडिया इंचार्ज पवन खेड़ा और झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी है. इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने केंद्रीय जांच एजेंसियों को लेकर कहा कि वे केंद्र सरकार की विंग की तरह काम कर रही हैं. वहीं अविनाश पांडे ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने जो महाराष्ट्र और एमपी में किया, झारखंड में भी वही दोहराने की कोशिश की जा रही है. राजस्थान में भी कांग्रेस सरकार को गिराने की साजिश देखी गई थी. मैं विधायकों को धन्यवाद दूंगा, जिन्होंने खुद को नहीं बेचा. 

अविनाश पांडे ने कहा कि बीते 8 साल में संविधान और चुनाव प्रक्रिया के तहत चुने गए लोग मोदी और अमित शाह के लिए कुछ भी नहीं हैं. ये हमने गोवा, कर्नाटक, अरुणाचल और मणिपुर में हम देख चुके हैं. इन विधायकों के खिलाफ कांग्रेस कड़ा रुख अख्तियार करेगी, जोकि बाकी विधायकों के लिए सबक रहे. 

जयराम रमेश ने बताया  "ऑपरेशन लोटस"

इस पूरे मामले को कांग्रेस के राष्ट्रीय संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि बीजेपी का "ऑपरेशन लोटस" बेनकाब हो गया. जयराम रमेश ने ट्वीट किया, "झारखंड में भाजपा का 'ऑपरेशन लोटस' आज की रात हावड़ा में बेनकाब हो गया. दिल्ली में 'हम दो' का गेम प्लान झारखंड में वही करने का है जो उन्होंने महाराष्ट्र में एकनाथ-देवेंद्र(E-D) की जोड़ी से करवाया." 

झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष ने बताई थी बीजेपी की साजिश

वहीं कांग्रेस के विधायकों की गाड़ी पैसा मिलने के बाद पार्टी ने इसे बीजेपी की साजिश बताई थी. झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि इस साजिश के पीछे बीजेपी का हाथ है. वे लंबे समय से गैर बीजेपी शासित राज्य में सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं. ये बात सार्वजनिक डोमेन में है कि उन्होंने कैसे महराष्ट्र सरकार को अस्थिर किया. 

लेबल:

क्या है पात्रा चॉल जमीन घोटाला, जिसमें संजय राउत के घर पर पड़ा ED का छापा?

Patra Chawl Land Scam: शिवसेना सांसद संजय राउत के मुंबई के भांडुप स्थित घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापा मारा है. ईडी उनसे सवाल-जवाब भी कर रही है. इस घोटाले में ED ने प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत केस दर्ज किया है. 

इससे पहले राउत को 20 और 27 जुलाई को पूछताछ के लिए बुलाया गया था. लेकिन राउत ईडी दफ्तर नहीं पहुंचे उन्होंने अपने वकील के जरिए ये संदेश पहुंचाया था कि वे 7 अगस्त तक ही पूछताछ के लिए आ सकते हैं.

इस मामले में अप्रैल में ED ने संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत और उनके करीबियों की 11.15 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति अटैच की थी. लेकिन ये पात्रा चॉल जमीन घोटाले की पूरी कहानी क्या है?

संजय राउत के घर 3 घंटे से चल रही ED की छापेमारी, बोले- मर जाऊंगा लेकिन...

15 पॉइंट्स से समझिए क्या है पात्रा चॉल घोटाला?

1. 2018 में महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) ने प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत एक केस दर्ज कराया. ये केस राकेश कुमार वधावन, सारंग कुमार वधावन और अन्य के खिलाफ था. 

2. ED के मुताबिक, जांच के दौरान सामने आया कि गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को पात्रा चॉल को पुनर्विकसित करने का काम मिला था. ये काम MHADA ने उसे सौंपा था. इसके तहत कंस्ट्रक्शन कंपनी को पात्रा चॉल में 672 किरायेदारों के घरों को पुनर्विकसित करना था. 

3. पात्रा चॉल मुंबई के गोरेगांव में बनी है. जिस जमीन पर ये फ्लैट रिडेवलप होने थे, उसका एरिया 47 एकड़ था. गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने MHADA को गुमराह किया और बिना फ्लैट बनाए ही ये जमीन 9 बिल्डरों को बेच दी. इससे उसे 901.79 करोड़ रुपये मिले.

4. बाद में गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने Meadows नाम से एक प्रोजेक्ट शुरू किया और घर खरीदारों से फ्लैट के लिए 138 करोड़ रुपये जुटाए. जांच में आया कि गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने गैरकानूनी तरीके से 1,039.79 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की. बाद में गैरकानूनी तरीके से रकम सहयोगियों को ट्रांसफर कर दी.

5. गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) की सिस्टर कंपनी है. राकेश वधावन, सारंग वधावन और प्रवीण राउत HDIL में भी डायरेक्टर थे.

6. ED के मुताबिक, जांच में सामने आया कि HDIL ने करीब 100 करोड़ रुपये प्रवीण राउत के खाते में जमा कराए थे. बाद में ये पैसा प्रवीण राउत ने अलग-अलग बैंक खातों से अपने करीबियों, परिवार के सदस्यों और व्यावसायिक संस्थानों को भेज दिया.

7. जांच में ये भी सामने आया कि 2010 में प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी ने संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के खाते में 83 लाख रुपये ट्रांसफर किए थे. ये पैसा गैरकानूनी तरीके से कमाया गया था. इस रकम से वर्षा राउत ने दादर में एक फ्लैट खरीदा. 

8. ED की जांच में ये भी आया कि जांच शुरू होने के बाद वर्षा राउत ने माधुरी राउत के खाते में 55 लाख रुपये भेजे थे. ED के मुताबिक, प्रवीण राउत ने राकेश वधावन और सारंग वधावन के साथ मिलकर हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की हेराफेरी की है. 

9. ED ने बताया था कि 2010 में प्रवीण राउत को इक्विटी बिक्री और लैंड डील के लिए 95 करोड़ रुपये मिले थे. हालांकि, कंपनी इस प्रोजेक्ट को पूरा नहीं कर पाया था. कुल मिलाकर प्रवीण राउत, राकेश वधावन और सारंग वधावन ने रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के नाम पर करोड़ों रुपये हेरफेर किए.

10. इस मामले में ED ने प्रवीण राउत और उसके करीबी सुजीत पाटकर से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की थी. मामले में प्रवीण राउत को गिरफ्तार किया गया था और पाटकर का बयान दर्ज किया गया था.

11. प्रवीण रावत और वधावन बंधुओं का नाम PMC बैंक घोटाले में भी आया था. प्रवीण राउत और संजय राउत कथित तौर पर दोस्त हैं. वहीं, सुजीत पाटकर को भी संजय राउत का करीबी माना जाता है. सुजीत पाटकर संजय राउत की बेटी के साथ एक वाइन ट्रेडिंग कंपनी में पार्टनर भी है. 

12. इसके अलावा पाटकर की पत्नी और संजय राउत की पत्नी ने मिलकर अलीबाग में एक जमीन भी खरीदी थी. अलीबाग की ये लैंड डील भी ED के रडार पर है.

13. पाटकर को मुंबई और ठाणे में कई जगह कोविड सेंटर बनाने के लिए ठेके भी मिले थे. बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने इन ठेकों में अनियमितताएं होने का आरोप लगाया था. सोमैया ने पाटकर और उनकी कंपनी के खिलाफ पुणे के शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई थी.

14. प्रवीण राउत PMC बैंक घोटाले में भी आरोपी है. दिसंबर 2020 में इस घोटाले से जुड़े मामले में उसकी 72 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति अटैच की गई थी. ED ने पिछले साल वर्षा राउत से PMC बैंक घोटाले और माधुरी राउत (प्रवीण की पत्नी) से संबंधों को लेकर पूछताछ की थी.

15. जांच में पाया गया था कि वर्षा राउत और माधुरी राउत अवनी कंस्ट्रक्शन में पार्टनर हैं. इस कंपनी में वर्षा राउत ने सिर्फ 5,625 रुपये का कंट्रीब्यूशन किया था, जबकि इस कंपनी से उन्हें 12 लाख रुपये मिले थे.

लेबल:

मनी लॉन्ड्रिंग केस: संजय राउत के घर पहुंची ED की टीम, हिरासत में लिए जा सकते हैं शिवसेना सांसद

प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एक के बाद एक ताबड़तोड़ छापेमारी जारी है. अब जांच एजेंसी की टीम शिवसेना से राज्यसभा सांसद संजय राउत के मुंबई के भांडुप स्थित घर पहुंची है. उन्हें पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर ले जाया जा सकता है. राउत 1034 करोड़ रुपये के पात्रा चाल घोटाले में जांच के दायरे में हैं.

उन्हें 1 जुलाई को हुई पूछताछ के बाद 20 और 27 जुलाई को तलब किया गया था, लेकिन उन्होंने अपने वकीलों के जरिए सूचना भेजी कि संसद सत्र के कारण वह 7 अगस्त के बाद ही पेश हो सकते हैं. ईडी इस मामले में दादर और अलीबाग में राउत की संपत्तियों को कुर्क कर चुकी है.

इससे पहले ईडी का समन जारी होने पर राउत ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए चल रहे प्रचार अभियान का हवाला देते हुए पेशी के लिए और समय मांगा था. संजय राउत इस मामले में मुख्य आरोपी हैं.

27 जुलाई को भी नहीं पेश हुए थे राउत

इससे पहले 27 जुलाई को ईडी ने मामले में राऊत को समन भेजकर पूछताछ के लिए हाजिर रहने को कहा था, लेकिन भी राउत पेश नहीं हुए थे और उन्होंने पेशी से छूट मांगी थी. लेकिन तब ईडी ने इसे स्वीकार नहीं किया था.

यह है पात्रा चॉल घोटाला मामला

- ED के मुताबिक, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को पात्रा चॉल को पुनर्विकसित करने का काम मिला था. यह काम MHADA ने उसे सौंपा था. इसके तहत मुंबई के गोरेगांव में 47 एकड़ में पात्रा चॉल में 672 किरायेदारों के घरों पुनर्विकसित होने थे.

- ED के मुताबिक गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने MHADA को गुमराह किया और बिना फ्लैट बनाए ही यह जमीन 9 बिल्डरों को 901.79 करोड़ रुपये में बेच दी. बाद में गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने Meadows नाम से एक प्रोजेक्ट शुरू किया और घर खरीदारों से फ्लैट के लिए 138 करोड़ रुपये जुटाए.

- जांच में सामने आया कि कंस्ट्रक्शन कंपनी ने गैरकानूनी तरीके से 1,034.79 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की. आगे चलकर उसने गैरकानूनी तरीके से ही इस रकम को अपने सहयोगियों को ट्रांसफर कर दी.

- ED के मुताबिक गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) की सिस्टर कंपनी है. जांच में सामने आया कि HDIL ने करीब 100 करोड़ रुपये प्रवीण राउत के खाते में जमा कराए थे.

- 2010 में प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी ने संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के खाते में 83 लाख रुपये ट्रांसफर किए थे. इस रकम से वर्षा राउत ने दादर में एक फ्लैट खरीदा. ED की जांच शुरू होने के बाद वर्षा राउत ने माधुरी राउत के खाते में 55 लाख रुपये भेजे थे.

- ED के मुताबिक, प्रवीण राउत ने राकेश वधावन और सारंग वधावन के साथ मिलकर हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की हेराफेरी की है.

- ED ने प्रवीण राउत और उसके करीबी सुजीत पाटकर से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की थी. प्रवीण राउत और संजय राउत कथित तौर पर दोस्त हैं. वहीं, सुजीत पाटकर को भी संजय राउत का करीबी माना जाता है. सुजीत पाटकर संजय राउत की बेटी के साथ एक वाइन ट्रेडिंग कंपनी में पार्टनर भी है.

लेबल:

सड़क हादसे में तीन लोग घायल

मेरठ के लिसाड़ी गेट निवासी नौशाद पुत्र हक मीन शनिवार को अपनी पत्नी आसमा और एक साल की बच्ची के साथ बाइक से मुजफ्फरनगर रिश्तेदारी में जा रहा था। नेशनल हाईवे पर भैसी गांव के समीप पहुंचने पर पीछे से आए कार सवार ने बाइक में टक्कर मार दी। टक्कर लगते ही बाइक अनियंत्रित होकर सड़क पर गिर गई। हादसे में बाइक सवार तीन लोग घायल हो गए। मौके से गुजर रहे राहगीरों ने घायलों को उपचार के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां पर महिला और बच्ची गंभीर हालत के चलते रेफर कर दिया गया। घटना की सूचना पुलिस को दी गई है।


लेबल:

भारत की झोली में Gold, Silver और Bronze, वेटलिफ्टिंग में मीराबाई, संकेत और गुरुराजा का 'बाहुबली' अवतार

स्टोरी हाइलाइट्स

  • भारत ने वेटलिफ्टिंग में जीते तीन मेडल
  • गोल्ड के अलावा सिल्वर-ब्रॉन्ज किया अपने नाम

कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के दूसरे दिन भारत को तीन-तीन कामयाबी हासिल हुई है. ये तीनों कामयाबी भारत को वेटलिफ्टिंग में हासिल हुई है. मीराबाई चनू ने वेटलिफ्टिंग इवेंट के 49 किलो भारवर्ग में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीत लिया. वहीं संकेत महादेव सरगर ने सिल्वर और गुरुराजा पुजारी ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया.

पहले संकेत ने खोला खाता

सबसे पहले महाराष्ट्र के सांगली जिले के रहने वाले संकेत महादेव सरगर ने मेन्स इवेंट के 55 किग्रा इवेंट में सिल्वर मेडल जीता. संकेत सरगर ने दो राउंड के 6 अटेंप में अपनी पूरी ताकत झोंक दी और कुल 248 किग्रा वजन उठाते हुए यह सिल्वर अपने नाम कर लिया.  दूसरे राउंड के आखिर दो अटेंप में संकेत चोटिल भी हुए थे. दूसरे अटेंप में संकेत ने 139 किग्रा भार उठाना चाहा, लेकिन उठा नहीं सके. फिर मेडिकल टीम ने संकेत को देखा और तुरंत इलाज किया. इसके बाद संकेत ने तीसरा अटेंप भी लिया, जो कामयाब नहीं रहा.

फिर गुरुराजा का धमाल

संकेत के बाद मेडल जीतने की बारी गुरुराजा पुजारी की थी और वह ब्रॉन्ज मेडल जीतकर उम्मीदों पर खरे उतरे. गुरुराजा पुजारी ने स्नैच में 118 का स्कोर किया, वहीं क्लीन एंड जर्क में 151 का स्कोर बनाया. यानी कि उन्होंने कुल 269 का स्कोर करते हुए कांस्य पदक अपने नाम किया. गोल्डकोस्ट कॉमनवेल्थ में भी गुरुराजा ने सिल्वर मेडल जीता था. तब गुरुराजा ने स्नैच में 111 का स्कोर किया, वहीं क्लीन एंड जर्क में 138 का स्कोर बनाया.

अंत मे मीराबाई चनू ने रचा इतिहास

इसके बाद महिला वर्ग के 49 किलो भारवर्ग में मीराबाई से स्वर्ण पदक की उम्मीद थी और उन्होंने निराश कतई नहीं किया.टोक्यो ओलंपिक की रजत पदक विजेता मीराबाई चनू ने स्नैच में 88 किलो का वजन उठाया. वहीं क्लीन एंड जर्क में मीराबाई ने 113 किलो का अटेम्पट सफलतापूर्वक पूरा किया. टोक्यो ओलंपिक की रजत पदक विजेता मीराबाई चनू ने गोल्डकोस्ट में हुए 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था. साथ ही मीराबाई 2014 के राष्ट्रमंडल खेलों में भी मीराबाई ने सिल्वर मेडल पर कब्जा किया था.

लेबल:

शनिवार, 30 जुलाई 2022

जिम्बाब्वे दौरे के लिए टीम इंडिया का ऐलान, धवन होंगे कप्तान, कोहली-रोहित को आराम

जिम्बाब्वे के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए भारतीय टीम का ऐलान कर दिया गया है. शिखर धवन को टीम का कप्तान बनाया गया है. टीम में विराट कोहली, रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ी हिस्सा नहीं हैं जिन्हें आराम दिया गया है. खास बात यह है कि तेज गेंदबाज दीपक चाहर भी अरसे बाद टीम में लौटे हैं.

जिम्बाब्वे के खिलाफ 3 वनडे के लिए भारतीय टीम: शिखर धवन (कप्तान), ऋतुराज गायकवाड़, शुभमन गिल, दीपक हुड्डा, राहुल त्रिपाठी, ईशान किशन (विकेटकीपर), संजू सैमसन (विकेटकीपर), वॉशिंगटन सुंदर, शार्दुल ठाकुर, कुलदीप यादव, अक्षर पटेल, आवेश खान, प्रसिद्ध कृष्णा, मोहम्मद सिराज, दीपक चाहर.

राहुल त्रिपाठी भी टीम में

राहुल त्रिपाठी को भी टीम में शामिल किया गया है और यह देखना दिलचस्प होगा कि अगर मौका मिलता है तो वह कैसा प्रदर्शन करते हैं. दीपक चाहर की वापसी का मतलब है कि यह खिलाड़ी पूरी तरह से फिट हो गया है. चाहर के लिए अपनी फिटनेस साबित करने के लिए यह अहम सीरीज होगी. वह एशिया कप भी खेलने की उम्मीद कर रहे होंगे, ताकि वह  विश्व कप के लिए टीम में जगह पाने का दावा कर सकें. गौरतलब है कि चोट के कारण चाहर आईपीएल 2022 के पूरे सीजन से बाहर हो गए थे.

Adblock test (Why?)



source https://www.aajtak.in/sports/cricket/story/team-india-squad-for-zimbabwe-odi-tour-announced-shikhar-dhawan-rohit-sharma-virat-kohli-tspo-1509384-2022-07-30?utm_source=rssfeed

लेबल:

'कैश क्वीन' अर्पिता ने 10 साल पहले पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी के साथ मिलकर खरीदा था फार्म हाउस

पश्चिम बंगाल के शिक्षा भर्ती घोटाले में लगातार खुलासे हो रहे हैं. अब इस केस में नई जानकारी सामने आई है. पार्थ चटर्जी और कैश क्वीन अर्पिता मुखर्जी ने साल 2012 में संयुक्त रूप से एक फार्म हाउस खरीदा था. ये फार्म हाउस शांति निकेतन में खरीदा गया था.इसके लिए 20 लाख रुपये का भुगतान किया गया था.

इंडिया टुडे/आजतक के पास जो दस्तावेज मौजूद हैं, उनसे साफ तौर पर पता चलता है कि पार्थ और कैश क्वीन अर्पिता एक-दूसरे को करीब 10 साल से जानते थे.

फार्म हाउस के सेल डीड की कॉपी के मुताबिक ये प्रॉपर्टी साल 2012 में खरीदी गई थी. इसकी कीमत उस वक्त 20 लाख रुपये थी. अर्पिता मुखर्जी के घर से ईडी को 50 करोड़ से ज्यादा का कैश बरामद हुआ था. इसके साथ ही 5 किलो सोना भी मिला था. इतना ही नहीं, दोनों के नाम पर कई प्रॉपर्टी होने की बात सामने आ रही है. 

फार्म हाउस का नाम रखा था 'अ-पा'

जानकारी के मुताबिक जब ये फार्म हाउस खरीदा था तो इसका नया नाम रखा गया था. फार्म हाउस का नाम अ-पा रखा गया था. इस मतलब है अर्पिता औऱ पार्थ. ये नाम फार्म हाउस की नेम प्लेट पर भी लिखा हुआ है.

24 परगना में भी मिली थी पार्थ की प्रॉपर्टी

हाल ही में सामने आया था कि दक्षिण 24 परगना में एक फार्म हाउस है, जहां चोरी की वारदात सामने आई थी. ये पार्थ चटर्जी की प्रॉपर्टी है. वहीं, जिन दोनों प्रॉपर्टी से सबसे ज्यादा कैश मिला है, वो दोनों घर अर्पिता के नाम पर हैं. 

बीजेपी ने साधा निशाना

इस मामले में बीजेपी ने भी निशाना साधा है. बीजेपी नेता राहुल सिन्हा ने कहा कि इसमें तृणमूल की भी हिस्सेदारी है. धीरे-धीरे सच सामने आएगा. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सिर्फ पार्थ ही नहीं, बल्कि टीएमसी के आलाकमान भी इसमें हिस्सेदार हैं.

अकूत धन मिला था अर्पिता के घर से

अर्पिता मुखर्जी के घर से पहले ED ने नोटों का जखीरा बरामद किया. फिर जांच आगे बढ़ी तो एजेंसी को अर्पिता के चार फ्लैटों की जानकारी मिली, और फिर ईडी को अर्पिता की लग्जरी कारों का पता चला है.  ईडी ने 23 जुलाई को अर्पिता के फ्लैट पर पहली बार छापा मारा था. इस दौरान ईडी को करीब 21 करोड़ रुपये कैश मिला था. इतना ही नहीं ईडी ने अर्पिता के घर से 20 मोबाइल और 50 लाख रुपये की ज्वैलरी भी बरामद की थी. ईडी को अर्पिता के घर से करीब 60 लाख की विदेशी करेंसी भी मिली थी. इसके बाद ईडी ने अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया था. 
 

ये भी देखें

लेबल:

UP Gold Silver Price Today: कानपुर, गोरखपुर, आगरा, मेरठ, बरेली में बढ़े सोना-चांदी के दाम, लखनऊ में चांदी महंगी

UP Gold Silver Price 30 July : भारतीय सर्राफा बाजार ने शनिवार यानि 30 जुलाई को सोना और चांदी के रेट्स जारी कर दिए हैं। आज के दाम पर नजर डालें तो पिछले दिन के मुकाबले सोने और चांदी दोनों के दामों में बढ़ोत्तरी हुई है। बरेली में सोने के दाम में मामूली राहत मिली है जबकि चांदी का भाव बढ़ा है। शुक्रवार को लखनऊ में चढ़ा सोना शनिवार को गिर गया, हालांकि चांदी के दाम में बढ़ोत्तरी देखी गई।  वहीं आगरा और कानपुर में सोने के दाम में स्थिर रहे।

लखनऊ में शुक्रवार को 24 कैरेट सोने का दाम कल जितना ही यानी 52,500 रुपये प्रति 10 ग्राम है तो वहीं, चांदी 59,600 प्रति किलो रही। कानपुर में 24 कैरेट सोना कल 52,250 का बिका था जबकि चांदी का भाव 59,700 प्रति किलो था। आगरा में 24 कैरेट सोना 52,500 प्रति 10 ग्राम पर और चांदी 59,500 प्रति किलो पर बिकी। गोरखपुर में शुक्रवार को 24 कैरेट सोना 53,200 जबकि चांदी का भाव 60,000 प्रति किलो था। मेरठ की बात करें तो सोना 52400 प्रति 10 ग्राम और चांदी 59,200 रुपये प्रति किलो बिकी है। 

वहीं बरेली में सोना 52500 प्रति 10 ग्राम और चांदी 59000 प्रति किलो बिकी है। सर्राफा बाजार के जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में सोने के दाम में उछाल देखने को मिल सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि आने वाले दिनों में त्योहार और शादियों का सीजन शुरू होने वाला है।

जेवरात पर मेकिंग चार्ज कम तो सोना का रेट ज्यादा, सोना सस्ता तो बनाने का खर्च महंगा

एक शहर के अंदर भी सोना-चांदी के दो दुकानों में रेट का अंतर होता है। लेकिन कोई जेवर खरीदना हो तो मिला-जुलाकर ग्राहक का खर्च एक जैसा हो ही जाता है। दरअसल, जेवर पर सोना-चांदी के रेट के ऊपर मेकिंग चार्ज यानी बनाने का खर्चा लगता है। आप गौर करेंगे कि जिस दुकान में सोने का भाव कम होगा, वहां मेकिंग चार्ज 15-24 परसेंट तक ऊपर से लगता है। वहीं जहां सोने का रेट ज्यादा होता है उस दुकान में मेकिंग चार्ज 10 परसेंट से 20 परसेंट तक वसूला जाता है। यानी सोना सस्ता तो मेकिंग चार्ज महंगा और सोना महंगा तो मेकिंग चार्ज सस्ता। ज्वैलर्स इस रास्ते या उस रास्ते कमाई कर ही लेते हैं।

लेबल:

शराब पर सियासत: सिसोदिया बोले- CBI-ED के नाम से कारोबारियों को डराया, अब कोई टेंडर लेने को तैयार नहीं

दिल्ली में नई आबकारी नीति पर मचे बवाल के बीच दिल्ली आबकारी विभाग के मंत्री और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. सिसोदिया ने इस दौरान बीजेपी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि गुजरात में शराबबंदी है, लेकिन सब जानते हैं कि वहां हजारों करोड़ रुपये की शराब बेची जाती है. अभी वहां नकली शराब से कई लोगों की मौत भी हुई. 

मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमारी सरकार पिछले साल नई एक्साइज पॉलिसी लेकर आई. 2021-22 की पॉलिसी लागू होने से पहले दिल्ली में ज्यादातर सरकारी दुकानें थीं. दिल्ली में जो प्राइवेट दुकानों थी उनके लाइसेंस उन्होंने अपने लोगों को दे दिए थे और बहुत कम लाइसेंस फीस लेते थे. पहले दिल्ली में 850 दुकानें होती थी और हमने नई पॉलिसी में तय किया कि उतनी ही दुकानें खोली जाएंगी, कोई नई दुकान नहीं खोली जाएगी. 

डिप्टी सीएम ने कहा कि पहले दिल्ली सरकार को 6000 करोड़ का रिवेन्यू मिलता था, अब 9500 करोड़ रुपये का रिवेन्यू आने लगा है. आज दिल्ली में कुल 468 दुकानें ही चल रही हैं और 1 अगस्त से कई और दुकान वाले भी कम हो जाएंगे क्योंकि सीबीआई, ईडी के डर से कई और लोग भी दुकानें छोड़कर जाने वाले हैं. ये लोग चाहते हैं कि दिल्ली में शराब की किल्लत हो. लीगल तरीके से बेची जा रही शराब की किल्लत हो.

अगर दिल्ली में शराब की किल्लत होती है तो फिर इन्हें फायदा होता है क्योंकि नकली शराब का कारोबार होता है. इन्होंने सीबीआई, ईडी के नाम से इतना डरा दिया है कि अब कोई शराब का टेंडर लेने को तैयार नहीं है. अधिकारी डरे हुए हैं. कुल मिलाकर इन्होंने ऐसे हालात पैदा कर दिए हैं कि 1 अगस्त से दिल्ली में एक्साइज ड्यूटी देने वाली दुकान कम होती चली जाएं और इनका अवैध शराब का धंधा पनपने लगे. 

लेबल:

टूटे घर में रहती हैं 'कैश क्वीन' की मां, नहीं जानती थीं अर्पिता मुखर्जी के पास है इतना पैसा

स्टोरी हाइलाइट्स

  • ईडी को अर्पिता के घर से 50 करोड़ कैश मिला था
  • करोड़ों रुपये का सोना भी जब्त किया है जांच के दौरान

पश्चिम बंगाल में शिक्षा भर्ती घोटाले में पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी बताई जा रहीं अर्पिता चटर्जी पर ईडी ने शिकंजा कस दिया है. अर्पिता के घर से ED की जांच में 50 करोड़ रुपये से ज्यादा कैश और 5 किलो गोल्ड मिला था. लेकिन हैरानी की बात ये है कि जिस कैश क्वीन के घर से अकूत दौलत का भंडार मिला था, उनकी मां मुफलिसी मे जीवन गुजार रही हैं. दरअसल, अर्पिता मुखर्जी की मां कोलकाता से महज कुछ किलोमीटर दूर पुश्तैनी मकान में रहती हैं. ये मकान पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. 

कैश क्वीन अर्पिता मुखर्जी का पुश्तैनी मकान उत्तर 24 परगना के बेलघोरिया इलाके में हैं. यहां उनकी मां मिनती मुखर्जी अकेले रहती है. पुश्तैनी मकान करीब 50 साल पुराना है. बेहद जर्जर हो चुका है. आलम ये है कि इस मकान में अर्पिता की बुजुर्ग और बीमार मां के पास कोई  भी लग्जरी सामान नहीं है. एक ओर उनकी बेटी जिस लग्जरी लाइफ का आनंद उठा रही थीं, वहीं अर्पिता की मां के पास मूलभूत सुविधाओं की भी कमी है. 

अर्पिता ने अपनी बीमार मां की देखभाल के लिए दो हाउस हेल्प का इंतजाम कर रखा है, जो उनके भोजन पानी और अन्य जरूरतों का ध्यान रखती हैं. इलाके के लोगों के मुताबिक अर्पिता कभी कभार अपनी मां से मिलने एक कार से आया करती थी. लेकिन वह यहां लंबे समय तक नहीं रुकती थीं. 

अर्पिता की मां इसी घर में रहती हैं

अर्पिता की मां अपनी बेटी के बारे में कोई भी बात करना नहीं चाहती हैं. उन्होंने कहा कि वह अपने घर में भी आने-जाने वाले किसी व्यक्ति से इस संबंध में कोई भी बात नहीं करना चाहती हैं. 

अर्पिता के ड्राइवर ने भी स्वीकारी कई कारों की बात

अर्पिता मुखर्जी के घर से पहले ED ने नोटों का जखीरा बरामद किया. फिर जांच आगे बढ़ी तो एजेंसी को अर्पिता के चार फ्लैटों की जानकारी मिली, और फिर ईडी को अर्पिता की लग्जरी कारों का पता चला है. हालांकि कैश क्वीन के ड्राइवर ने भी ये बात कही है कि अर्पिता के पास कई गाड़ियां हैं. हालांकि इनमें से कुछ गाड़ियां पिछले कुछ महीनों से गायब हैं. वहीं अर्पिता की चारों कार उनके डायमंड सिटी कॉम्प्लेक्स से गायब बताई जा रही हैं. ये चार कारें Mercedes Benz, Audi A4, Honda CRV और Honda City है. इनमें से 2 कारें- एक होंडा सिटी (Honda City) और दूसरी ऑडी (Audi) अर्पिता मुखर्जी के नाम पर हैं. जांच एजेंसी इन कारों की तलाश में CCTV फुटेज को खंगाल रही है. 

अर्पिता मुखर्जी के घर से कितनी रकम मिली है

पहली छापेमारी


कैश- 21 करोड़ 90 लाख रुपये
सोनाा- 70 लाख रुपये का बरामद


दूसरी छापेमारी


कैश- 27 करोड़ 90 लाख रुपये
सोना- 4 करोड़ 31 लाख रुपये का बरामद 

ईडी ने कब की थी रेड?

ईडी ने 23 जुलाई को अर्पिता के फ्लैट पर पहली बार छापा मारा था. इस दौरान ईडी को करीब 21 करोड़ रुपये कैश मिला था. इतना ही नहीं ईडी ने अर्पिता के घर से 20 मोबाइल और 50 लाख रुपये की ज्वैलरी भी बरामद की थी. ईडी को अर्पिता के घर से करीब 60 लाख की विदेशी करेंसी भी मिली थी. इसके बाद ईडी ने अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया था. 

पार्थ के 17 ठिकानों पर मारा छापा

पश्चिम बंगाल में शिक्षा घोटाले की जड़े खंगालने में लगी ईडी फुल एक्शन में है. एजेंसी पार्थ चटर्जी से जुड़े करीब 17 ठिकानों पर छापा मार चुकी है. एक दर्जन से ज्यादा नए ठिकानों पर छापेमारी की तैयारी है. डायमंड सिटी के फ्लैट पर 22 जुलाई को छापा पड़ा. बेलघोरिया के दो फ्लैट पर 27 जुलाई को छापा पड़ा, और चिनार पार्क का फ्लैट जहां 28 जुलाई को ईडी दबिश दी. अब तक अर्पिता के चार फ्लैट्स पर ED छापेमारी कर चुकी है. 
 

ये भी देखें

लेबल:

रोहित की तूफानी पारी का कमाल, पहले टी-20 में भारत ने वेस्टइंडीज़ को 68 रनों से हराया

स्टोरी हाइलाइट्स

  • पहले टी-20 मैच में टीम इंडिया की 68 रनों से जीत
  • कप्तान रोहित शर्मा ने 64 रनों की पारी खेली
  • भारत- 190/6, वेस्टइंडीज़- 122/8

टीम इंडिया ने वनडे सीरीज़ से जीत के जिस सिलसिले को शुरू किया था, वेस्टइंडीज़ के खिलाफ टी-20 सीरीज़ में भी वह जारी है. शुक्रवार को खेले गए पांच टी-20 मैच की सीरीज़ के पहले मुकाबले में भारत ने वेस्टइंडीज़ को 68 रनों के बड़े अंतर से मात दी. इस मैच में टीम की जीत के हीरो कप्तान रोहित शर्मा रहे, जिन्होंने 64 रनों की जबरदस्त पारी खेली. 

टीम इंडिया ने इस मैच में पहले बैटिंग करते हुए 190 रन बनाए, जवाब में वेस्टइंडीज़ 20 ओवर खेलकर 122 रन ही बना पाई. वेस्टइंडीज़ ने अपने 8 विकेट गंवा दिए थे, लेकिन अंत में टीम इंडिया ने इस मैच को 68 रनों से जीता और पांच मैच की सीरीज़ में 1-0 से बढ़त बना ली. 

स्कोरबोर्ड: भारत- 190/6, वेस्टइंडीज़- 122/8 

स्पिनर्स की जोड़ी ने तोड़ी विंडीज़ की कमर

191 रनों की पीछा करने उतरी वेस्टइंडीज़ की टीम ने शुरुआत से ही अपने विकेट गंवाने शुरू कर दिए. अर्शदीप सिंह ने सबसे पहले काइल मायर्स को चलता किया, उनके बाद जेसन होल्डर भी बिना खाता खोले आउट हुए. लेकिन वेस्टइंडीज़ के लिए रविचंद्रन अश्विन और रवि बिश्नोई की जोड़ी बुरा सपना बनकर आई.

दोनों स्पिनर्स ने कुल चार विकेट निकाले, अश्विन ने अपने 4 ओवर में सिर्फ 22 रन दिए और 2 विकेट लिए. जबकि रवि बिश्नोई ने 4 ओवर में 26 रन दिए और 2 ही विकेट लिए. वेस्टइंडीज़ की ओर से एस. ब्रूक्स ने 20, कप्तान निकोलस पूरन ने 18 रनों की पारी खेली. 

कप्तान रोहित की वापसी से मजबूत भारत

वनडे सीरीज से ब्रेक लेने वाले रोहित शर्मा ने टी-20 सीरीज में वापसी की. टी-20 वर्ल्डकप से पहले टीम इंडिया तैयारियों में जुटी है, यहां रोहित शर्मा ने विरोधी टीम पर शॉट की बरसात कर दी. रोहित ने अपनी 64 रनों की पारी में 7 चौके, 2 छक्के जमाए. 

रोहित शर्मा के अलावा फिनिशर दिनेश कार्तिक ने एक बार फिर कमाल दिखाया. बीच में जब टीम इंडिया की पारी जब कुछ लड़खड़ाई, तब दिनेश कार्तिक ने अंत में 19 बॉल में 41 रनों की पारी खेलकर टीम को बड़े स्कोर तक पहुंचाया. 

दिनेश कार्तिक ने अपनी इस पारी में 4 चौके, 2 छक्के जमाए. उनके साथ रविचंद्रन अश्विन ने भी 10 बॉल में 13 रन बनाए और अंत में टीम इंडिया का स्कोर 190 रनों तक पहुंचा. इनके अलावा सूर्यकुमार यादव ने 24, ऋषभ पंत ने 14, रवींद्र जडेजा ने 16 रनों की पारी खेली. 
 


लेबल:

शुक्रवार, 29 जुलाई 2022

UP Gold Silver Price Today: लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, आगरा, मेरठ, वाराणसी में सोना-चांदी के दामों में भारी बढ़ोत्तरी

UP Gold Silver Price 29 July : भारतीय सर्राफा बाजार ने शुक्रवार यानि 29 जुलाई को सोना और चांदी के रेट्स जारी कर दिए हैं। आज के दाम पर नजर डालें तो पिछले दिन के मुकाबले सोने और चांदी दोनों के दामों में भारी उछाल देखने को मिला है। लगातार दो-तीन दिनों से लखनऊ में स्थिर रहे सोना और चांदी दोनों के दामों में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। वहीं आगरा में सोना कुछ सस्ता हुआ है लेकिन चांदी के दाम में तेजी दिखी।

लखनऊ में शुक्रवार को 24 कैरेट सोने का दाम कल जितना ही यानी 53,450 रुपये प्रति 10 ग्राम है तो वहीं, चांदी 60,000 प्रति किलो रही। कानपुर में 24 कैरेट सोना कल 52,250 का बिका था जबकि चांदी का भाव 59,400 प्रति किलो था। आगरा में 24 कैरेट सोना 52,300 प्रति 10 ग्राम पर और चांदी 59,000 प्रति किलो पर बिकी। 

गोरखपुर में शुक्रवार को 24 कैरेट सोना 53,200 जबकि चांदी का भाव 60,000 प्रति किलो था। मेरठ की बात करें तो सोना 52350 प्रति 10 ग्राम और चांदी 59500 रुपये प्रति किलो बिकी है। वाराणसी में शुक्रवार को 24 कैरेट सोना 52,300 जबकि चांदी का भाव 58,950 प्रति किलो था। 

वहीं बरेली में सोना 52700 प्रति 10 ग्राम और चांदी 58200 प्रति किलो बिकी है। सर्राफा बाजार के जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में सोने के दाम में उछाल देखने को मिल सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि आने वाले दिनों में त्योहार और शादियों का सीजन शुरू होने वाला है।

जेवरात पर मेकिंग चार्ज कम तो सोना का रेट ज्यादा, सोना सस्ता तो बनाने का खर्च महंगा

एक शहर के अंदर भी सोना-चांदी के दो दुकानों में रेट का अंतर होता है। लेकिन कोई जेवर खरीदना हो तो मिला-जुलाकर ग्राहक का खर्च एक जैसा हो ही जाता है। दरअसल, जेवर पर सोना-चांदी के रेट के ऊपर मेकिंग चार्ज यानी बनाने का खर्चा लगता है। आप गौर करेंगे कि जिस दुकान में सोने का भाव कम होगा, वहां मेकिंग चार्ज 15-24 परसेंट तक ऊपर से लगता है। वहीं जहां सोने का रेट ज्यादा होता है उस दुकान में मेकिंग चार्ज 10 परसेंट से 20 परसेंट तक वसूला जाता है। यानी सोना सस्ता तो मेकिंग चार्ज महंगा और सोना महंगा तो मेकिंग चार्ज सस्ता। ज्वैलर्स इस रास्ते या उस रास्ते कमाई कर ही लेते हैं।

लेबल:

गुरुवार, 28 जुलाई 2022

ज्वेलर्स की दुकान से अंगूठी चुराने वाली महिला पकड़ी


कस्बे के मेन रोड पर अभी ज्वेलर्स के नाम से दुकान स्थित है। दोपहर के समय ज्वेलर्स की दुकान पर एक महिला दुकानदार को जाकर ज्वेलर खरीदने की बात करते हुए महिला ने दुकानदार से अंगूठी दिखाने को कहा किसी भी महिला ने दुकानदार को गुमराह करते हुए सामने रखी एक अंगूठी को चोरी कर लिया किंतु दुकानदार ने महिला को चोरी करते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने महिला के कब्जे से चोरी की गई अंगूठी बरामद कर ली पकड़ी गई महिला ने अपना पता मुजफ्फरनगर के लद्धावाला निवासी शबाना के रूप में दी है। पुलिस ने कार्यवाही करते हुए महिला को गिरफ्तार कर थाने ले कर आ गई।

लेबल:

पार्थ और अर्पिता की मिलीभगत पर बोलीं ममता- पैसा एक लड़की से बरामद हुआ, ये खेल बहुत बड़ा

स्टोरी हाइलाइट्स

  • पार्थ और अर्पिता 3 अगस्त तक ईडी की हिरासत में रहेंगे
  • अर्पिता ने कबूला था कि मिला पैसा मंत्री पार्थ का था

पार्थ चटर्जी को मंत्रिमंडल से हटाने के बाद सीएम ममता बनर्जी का बयान आ गया है. ममता ने दावा किया कि यह पूरा मामला एक बड़ी साजिश का हिस्सा है, जिसके बारे में वह अभी ज्यादा नहीं बताएंगी. ममता ने यह भी कहा कि सारा पैसा एक लड़की (अर्पिता) के पास से बरामद हुआ है जिसको बार-बार दिखाया जा रहा है.
 
पार्थ पर हुए एक्शन पर ममता बनर्जी ने कहा कि हमने उनको हटाया क्योंकि तृणमूल कांग्रेस एक सख्त पार्टी है. इसको बदला नहीं जा सकता. यह बड़ा गेम है, जिसके बारे में अभी ज्यादा बात नहीं की जाएगी.

शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार हुए हैं पार्थ

बता दें कि शिक्षक भर्ती घोटाले में पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया गया है. अर्पिता मुखर्जी के घर से ईडी को बड़ी संख्या में कैश मिला था. ईडी के मुताबिक, पूछताछ में अर्पिता ने कबूला था कि यह पैसा मंत्री पार्थ चटर्जी का है.

ईडी ने अर्पिता के दो ठिकानों पर छापे मारे थे. पहली छापेमारी में 21 करोड़ 90 लाख रुपये कैश मिले थे. वहीं बुधवार को हुई छापेमारी में ईडी को 27 करोड़ 90 लाख कैश और 4 करोड़ से ज्यादा का सोना मिला था. 21 जुलाई को जहां ईडी ने डायमंड सिटी के फ्लैट में छापेमारी की थी, वहीं कल बेलघोरिया के फ्लैट में रेड के दौरान काली कमाई का खजाना मिला है.

कल ईडी टीम को 27 करोड़ 90 लाख कैश, 6 किलो सोना (आधा-आधा किलो के सोने के 6 कंगन, 3 किलो सोने की बिस्किट), सोने का पेन आदि मिला. इस फ्लैट में कहां-कहां पैसे रखे गए थे ये जानकर और देखकर आप हैरान रह जाएंगे. बेडरूम में, ड्रॉइंग रूम में और टॉयलेट में तो सबसे ज्यादा नोट ठूंसकर रखे गए थे. वॉशरूम के बेसिन के नीचे लॉकर बनाया गया था जिसमें काली कमाई का पैसा रखा था.

ईडी ने जब बुधवार को रेड डाली तो नोटों की बरामदगी से उसकी भी आंखें फटी की फटी रह गईं थीं. पूरी रात नोटों की गिनती चली थी. नोट गिनने के लिए मशीनें मंगवाई गई थीं. ट्रक में 20 बक्से मंगवाए गए. सुबह 4 बजे गिनती खत्म हुई तो ये रकम 27 करोड़ 90 लाख तक जा पहुंची. फिर ट्रक में भरकर इन पैसों को भिजवाया गया.

ममता ने कहा था- दोषी पाए जाने पर सजा हो

पार्थ की गिरफ्तारी के बाद भी ममता बनर्जी का बयान आया था. उन्होंने तब कहा था कि अगर मेरे लोग दोषी पाए गए तो मैं खुद उन्हें कानून के हवाले करूंगी, चाहे वो एमपी हों या एमएलए. यहां तक की मंत्री ही क्यों न हों. लेकिन कोई जानबूझकर मेरी छवि नहीं खराब कर सकता.

लेबल:

UP Gold Silver Price Today: लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, आगरा, मेरठ, वाराणसी में फिर सोना-चांदी के दाम उछले

UP Gold Silver Price 28 July : भारतीय सर्राफा बाजार ने गुरुवार यानि 28 जुलाई को सोना और चांदी के रेट्स जारी कर दिए हैं। आज के दाम पर नजर डालें तो पिछले दिन के मुकाबले सोने और चांदी दोनों के दामों में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। हालांकि लखनऊ में न सोने का दाम बदला है न चांदी का। वहीं गोरखपुर में सोने के दाम तेजी दिखी, लेकिन चांदी स्थिर रही। 

लखनऊ में गुरुवार को 24 कैरेट सोने का दाम कल जितना ही यानी 52,500 रुपये प्रति 10 ग्राम है तो वहीं, चांदी 59,000 प्रति किलो रही। कानपुर में 24 कैरेट सोना कल 52,200 का बिका था जबकि चांदी का भाव 58,100 प्रति किलो था। आगरा में 24 कैरेट सोना 52,650 प्रति 10 ग्राम पर और चांदी 57,600 प्रति किलो पर बिकी। 

गोरखपुर में गुरुवार को 24 कैरेट सोना 53,100 जबकि चांदी का भाव 57,000 प्रति किलो था। मेरठ की बात करें तो सोना 52300 प्रति 10 ग्राम और चांदी 57300 रुपये प्रति किलो बिकी है। वहीं बरेली में सोना 52200 प्रति 10 ग्राम और चांदी 55600 प्रति किलो बिकी है। सर्राफा बाजार के जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में सोने के दाम में उछाल देखने को मिल सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि आने वाले दिनों में त्योहार और शादियों का सीजन शुरू होने वाला है।

जेवरात पर मेकिंग चार्ज कम तो सोना का रेट ज्यादा, सोना सस्ता तो बनाने का खर्च महंगा

एक शहर के अंदर भी सोना-चांदी के दो दुकानों में रेट का अंतर होता है। लेकिन कोई जेवर खरीदना हो तो मिला-जुलाकर ग्राहक का खर्च एक जैसा हो ही जाता है। दरअसल, जेवर पर सोना-चांदी के रेट के ऊपर मेकिंग चार्ज यानी बनाने का खर्चा लगता है। आप गौर करेंगे कि जिस दुकान में सोने का भाव कम होगा, वहां मेकिंग चार्ज 15-24 परसेंट तक ऊपर से लगता है। वहीं जहां सोने का रेट ज्यादा होता है उस दुकान में मेकिंग चार्ज 10 परसेंट से 20 परसेंट तक वसूला जाता है। यानी सोना सस्ता तो मेकिंग चार्ज महंगा और सोना महंगा तो मेकिंग चार्ज सस्ता। ज्वैलर्स इस रास्ते या उस रास्ते कमाई कर ही लेते हैं।

लेबल:

'राष्ट्रपति मुर्मू से माफी मांगूंगा लेकिन इन पाखंडियों से नहीं', अब बोले अधीर रंजन चौधरी

कांग्रेस के लोकसभा में नेता अधीर रंजन चौधरी के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर दिए बयान को लेकर जमकर विवाद हो रहा है. इसी बीच अधीर रंजन ने कहा है कि वे राष्ट्रपति मुर्मू से माफी मांगेंगे. लेकिन इन पाखंडियों से माफी नहीं मांगेंगे. 

दरअसल, अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को 'राष्ट्रपत्नी' बोल दिया था. इसे लेकर बीजेपी ने कांग्रेस और अधीर रंजन चौधरी पर जमकर निशाना. यहां तक कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस को आदिवासी विरोधी, महिला विरोधी और गरीब विरोधी बताया. उन्होंने इस मामले में सोनिया गांधी से माफी की मांग की है. 

मैं बंगाली, मेरी हिंदी अच्छी नहीं- अधीर रंजन

वहीं, इस विवाद पर अधीर रंजन चौधरी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि मैंने राष्ट्रपति से मिलकर माफी मांगने के लिए समय मांगा था. लेकिन बीजेपी सोनिया गांधी पर निशाना क्यों साध रही है. मैं बीजेपी को चुनौती देता हूं कि आगे आकर मुझे लड़े. हमारी नेता, जो महिला हैं, उन्हें टारगेट न करें. मैं फिर कह रहा हूं कि गलती हुई है. मैं बंगाली हूं. मेरी हिंदी अच्छी नहीं है. मुझे संसद में बोलकर स्पष्टीकरण देने दीजिए. 

इससे पहले अधीर रंजन चौधरी ने कहा, हिंदुस्तान के राष्ट्रपति हमारे लिए राष्ट्रपति ही हैं. एक बात मुंह से निकल गई. जुबान फिसल गई. लेकिन बीजेपी राई का पहाड़ बना रही है. उधर, सोनिया गांधी ने कहा, अधीर रंजन चौधरी पहले ही अपने बयान के लिए माफी मांग चुके हैं. 

बीजेपी ने साधा अधीर रंजन पर निशाना

स्मृति ईरानी ने संसद में चर्चा के दौरान इस मुद्दे को उठाया. उन्होंने कहा, कांग्रेस आदिवासी, गरीब और महिला विरोधी है. कांग्रेस ने सोनिया गांधी की अध्यक्षता में देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन एक आदिवासी और गरीब परिवार की महिला का अनादर और उनकी गरीमा पर प्रहार करके संविधान को चोट पहुंचाने का काम किया है.

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, राष्ट्रपति के अपमान को लेकर पूरा देश आक्रोशित है लेकिन कांग्रेस पार्टी हमारे जनजातीय समाज का बार-बार अपमान करती रही है। आज कांग्रेस की अध्यक्ष कहती हैं कि अधीर रंजन ने माफी मांगी लेकिन अधीर रंजन कहते हैं कि मैं माफी क्यों मांगू? 

लेबल:

'Don't talk to me' संसद में जब स्मृति ईरानी से बोलीं सोनिया गांधी, हुई नोकझोंक

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर की गई टिप्पणी को लेकर ससंद में जमकर हंगामा हुआ. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस मामले में कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. इस दौरान उन्होंने सोनिया गांधी से मामले में माफी मांगने के लिए भी कहा. इस दौरान कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और स्मृति ईरानी के बीच नोकझोंक भी देखने को मिली. इतना ही नहीं सोनिया गांधी ने स्मृति ईरानी से 'Don't talk to me' तक कह दिया.

दरअसल, अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को 'राष्ट्रपत्नी' बोल दिया. इसे लेकर बीजेपी ने कांग्रेस और अधीर रंजन चौधरी पर जमकर निशाना साधा. हालांकि, अधीर रंजन ने बाद में कहा कि उनसे भूल हो गई. उनकी जुबान फिसल गई थी. बीजेपी इस मामले को बेवजह तूल दे रही है. 

उधर, स्मृति ईरानी ने संसद में चर्चा के दौरान अधीर रंजन चौधरी के बयान का जिक्र किया, उन्होंने कहा, कांग्रेस आदिवासी, गरीब और महिला विरोधी है. कांग्रेस ने सोनिया गांधी की अध्यक्षता में देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन एक आदिवासी और गरीब परिवार की महिला का अनादर और उनकी गरीमा पर प्रहार करके संविधान को चोट पहुंचाने का काम किया है. 

नारेबाजी पर सदन में लौट कर आईं सोनिया गांधी
स्मृति ईरानी के बाद सदन में हंगामा हो गया और सदन को स्थगित कर दिया गया. सोनिया गांधी सदन से बाहर जाने लगीं. इस दौरान बीजेपी सांसद सोनिया गांधी इस्तीफा दो के नारे लगने लगे. नारेबाजी के बीच सोनिया गांधी वापस लौटीं और रमा देवी के पास गईं. उन्होंने कहा, इस मामले में अधीर रंजन ने माफी मांग ली है. मेरा नाम क्यों लिया जा रहा है. इस पर स्मृति ईरानी सोनिया के पास आईं और उन्होंने सोनिया से कहा, ''मैं आपकी क्या मदद कर सकती हूं, मैं आपका नाम लिया है.'' इस पर सोनिया ने जोर से कहा don't talk to me. इसके बाद स्मृति और सोनिया गांधी के बीच तीखी बहस हुई. ये बहस 2 से 3 मिनट चली. इस बाद दोनों पक्षों के सांसद आए और सोनिया गांधी और स्मृति ईरानी को अलग अलग ले गए. 

कांग्रेस ने क्या कहा?

कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा ने बताया, ''सदन 4 बजे तक स्थगित कर दिया. हम सभी जा रहे थे. तभी बीजेपी के सांसद चिल्लाने लगे. सभी लोग सोनिया गांधी का नाम ले रहे थे. सोनिया गांधी इस पर वापस आईं.  वे जानना चाह रही थीं कि क्या बात है. जब वे रमा देवी के पास जा रही थीं. वे यह कह रहीं थीं कि अधीर रंजन चौधरी ने माफी मांग ली है. फिर ये सब क्यों? तभी बीजेपी के सांसद चिल्लाने लगे कि इस्तीफा दो. यहां तक कि बीजेपी सांसद सोनिया गांधी को उंगली दिखाकर चिल्लाने लगे. स्मृति ईरानी भी तेज तेज चिल्लाने लगे. यहां तक कि स्मृति ईरानी ने यहां तक कहा कि ये बहुत चिल्लाती है. हमें ऐसा लग रहा था कि कहीं बीजेपी के सांसद हम पर हमला न कर दें. इसलिए हम सोनिया गांधी को वहां से निकाल कर वापस लाए.'' गीता कोड़ा ने कहा कि सोनिया गांधी के साथ जो कुछ हुआ, वो अशोभानीय है. 

सोनिया गांधी ने धमकी दी- निर्मला सीतारमण

निर्मला सीतारमण ने कहा, सोनिया गांधी जब हमारी एक सांसद के पास आकर बात कर रही थीं, तब एक हमारी महिला सांसद उनके पास गईं और पूछने लगीं कि क्या हो गया, क्या बात हो रही है. तब सोनिया गांधी ने धमकी भरी आवाज से बात की कि तुम मुझसे बात मत करो. आप देश को गुमराह कर रही हैं और राष्ट्रपति के अपमान पर माफी भी नहीं मांग रही हैं.

लेबल:

50 करोड़ कैश, आधे-आधे KG के 6 कंगन, विदेशी करेंसी...अर्पिता के काले खजाने से अब तक क्या-क्या मिला?

ममता बनर्जी की सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी का नाम पिछले एक हफ्ते से पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. कोई अर्पिता को धन कन्या कह रहा है, तो कोई कैश क्वीन कह रहा है. कहे भी क्यों न, ईडी के छापों में जिस तरह से उनके घर में 500-2000 के नोटों के बंडल मिल रहे हैं, उन्हें देखकर अर्पिता को ये नाम देना लाजमी भी है. ईडी ने अब तक अर्पिता मुखर्जी के ठिकानों से 50 करोड़ रुपए बरामद किए हैं. इतना ही नहीं बुधवार को हुई छापेमारी में ईडी को 4.30 करोड़ रुपए का गोल्ड भी मिला है. इसमें आधा-आधा किलो के 6 कंगन भी शामिल हैं. आईए जानते हैं अभी तक अर्पिता मुखर्जी के ठिकानों से ईडी को क्या क्या मिला है? 

पहले दिन की रेड में क्या क्या मिला? ईडी ने 23 जुलाई को अर्पिता के फ्लैट पर छापा मारा था. इस दौरान ईडी को करीब 21 करोड़ रुपए कैश मिला था. इतना ही नहीं ईडी ने अर्पिता के घर से 20 मोबाइल और 50 लाख रुपए की ज्वैलरी भी बरामद की थी. ईडी को अर्पिता के घर से करीब 60 लाख की विदेशी करेंसी भी मिली थी. इसके बाद ईडी ने अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया था. 

अर्पिता मुखर्जी-पार्थ चटर्जी और उनके घर से मिला कैश (करीब 21 करोड़)

करीब 50 करोड़ कैश मिला

ईडी की पूछताछ में अर्पिता मुखर्जी ने अपनी कुछ और संपत्तियों का जिक्र किया था. इनमें से में एक कोलकाता के बेलघरिया स्थित फ्लैट भी था. ईडी इस फ्लैट में दरवाजा तोड़कर दाखिल हुई, इसके बाद अर्पिता के घर के टॉयलेट में जो कुछ मिला, उसे देखकर ईडी के अफसर भी हैरान रह गए. ईडी को अर्पिता के घर से 27.9 करोड़ रुपए कैश मिला है. इसमें 2000 रुपए और 5000 रुपए के नोटों के बंडल थे. बताया जा रहा है कि नोटों को 20-20 लाख और 50-50 लाख के बंडल बनाकर रखा गया था. अगर दोनों दिन की कार्रवाई के दौरान कैश मिला लिया जाए तो यह करीब 50 करोड़ (48.9 करोड़) रुपए हो जाता है. 

4.31 करोड़ रुपए का गोल्ड मिला

अर्पिता मुखर्जी के दूसरे फ्लैट से बुधवार को ईडी को बड़ी मात्रा में गोल्ड भी मिला. ईडी के मुताबिक, छापेमारी के दौरान 4.31 करोड़ रुपए का गोल्ड मिला है. इसमें 1-1 किलो की 3 सोने की ईंटें, आधा आधा किलो के 6 सोने के कंगन और अन्य ज्वेलरी शामिल है. इतना ही नहीं इस ठिकाने से एक सोने का पैन भी मिला है. 

अर्पिता के घर से बुधवार को करीब 28 करोड़ रुपए बरामद हुआ

कैसे ईडी के हाथ लगा खजाना? 

दरअसल, ईडी ने टीचर भर्ती घोटाले से जुड़े मामले में हाल ही में पश्चिम बंगाल में ममता सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी के ठिकानों पर छापे मारे थे. इस दौरान ईडी को पार्थ चटर्जी के घर से कुछ पर्चियां मिली थीं. इनमें वन सीआर अर्पिता, फॉर सीआर अर्पिता लिखा था. इससे ही ईडी को अंदाजा लग गया था कि अर्पिता मुखर्जी के पास कैश रखा गया है. इसके बाद ईडी ने अर्पिता मुखर्जी के यहां छापेमारी की और कैश बरामद किया. ईडी सूत्रों के मुताबिक, 23 जुलाई की कार्रवाई के दौरान एजेंसी को अर्पिता के घर से काली डायरी भी मिली थी. बताया जा रहा है कि ये डायरी बंगाल सरकार के Department of Higher And School Education की है. इस डायरी में 40 पन्ने ऐसे हैं, जिनमें काफी कुछ लिखा हुआ है. यह डायरी एसएससी स्कैम घोटाले की कई परतें खोल सकती है.

अर्पिता का कबूलनामा

माना जा रहा है कि पार्थ चटर्जी की मुसीबत इसलिए भी ज्यादा बढ़ सकती है क्योंकि पूछताछ में अर्पिता ये स्वीकार कर चुकी हैं कि घर में बरामद हुआ कैश पार्थ का है. यहां तक दावा हुआ है कि पैसों को अर्पिता मुखर्जी से जुड़ी कंपनियों में लगाने की योजना थी. नकद राशि भी एक-दो दिन में उसके घर से बाहर ले जाने की तैयारी थी.

(Input- Rittick Mondol)

लेबल:

29 करोड़ कैश, 5 KG गोल्ड... अर्पिता के नए ठिकाने पर नोट गिनने में लगे 10 घंटे, टॉयलेट में था खजाना

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को टीचर भर्ती घोटाले में कोलकाता के आसपास तीन जगहों पर फिर छापेमारी की. इस दौरान अर्पिता मुखर्जी के बेलघरिया स्थित एक और फ्लैट से ईडी को करीब 29 करोड़ कैश (28.90 करोड़ रुपए) और 5 किलो सोना मिला. ईडी की टीम को ये पैसा गिनने में करीब 10 घंटे का समय लगा. चौंकाने वाली बात ये है कि अर्पिता ने ये पैसा फ्लैट के टॉयलेट में छिपा रखा था. 

दरअसल, ईडी ने टीचर भर्ती घोटाले से जुड़े मामले में हाल ही में पश्चिम बंगाल में ममता सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया था. अर्पिता मुखर्जी पार्थ चटर्जी की करीबी हैं. 5 दिन पहले ही ईडी को अर्पिता के फ्लैट से 21 करोड़ कैश और तमाम कीमती सामान मिले थे. ईडी ने अर्पिता को 23 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया था. 

उधर, ईडी की इस कार्रवाई के बाद से विपक्षी पार्टियां टीएमसी पर पार्थ चटर्जी को कैबिनेट से बाहर करने की मांग कर रही है. इतना ही नहीं शिक्षक भर्ती घोटाले में मनी ट्रेल की जांच कर रही ईडी ने पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष टीएमसी विधायक माणिक भट्टाचार्य से भी पूछताछ की. 

ईडी ने बुधवार सुबह दक्षिण कोलकाता के राजडांगा और बेलघरिया में कई ठिकानों पर छापे मारे, ये प्रॉपर्टियां कथित रुप से अर्पिता मुखर्जी की हैं. ईडी की पूछताछ में अर्पिता मुखर्जी ने इन संपत्तियों का खुलासा किया था. 
 
ईडी को इन फ्लैट में घुसने के लिए दरवाजा तोड़ना पड़ा था, क्योंकि जांच एजेंसी को इनकी चाबी नहीं मिली थी. ईडी अफसरों ने समाचार एजेंसी से बातचीत में बताया कि हमें एक हाउसिंग कॉम्प्लेक्स के एक फ्लैट से अच्छी रकम मिली है. कैश को गिनने के लिए तीन नोट गिनने की मशीनें लानी पड़ीं. इतना ही नहीं फ्लैट से कई अहम दस्तावेज भी बरामद हुए हैं. मंत्री और मुखर्जी से पूछताछ को लेकर पूछे गए सवाल पर ईडी अधिकारी ने बताया कि अर्पिता जांच में सहयोग कर रही हैं, जबकि पार्थ चटर्जी ऐसा नहीं कर रही हैं. 

उधर, पार्थ चटर्जी को कैबिनेट से बाहर करने की मांग तेज हो गई है. राज्य में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने राज्यपाल ला गणेशन से राजभवन में मुलाकात की और चटर्जी को कैबिनेट से बाहर करने की मांग की. 

(Input- Rittick Mondol)

 

लेबल:

कोर्ट में दृढ़ता से प्रभावी पैरवी करें: डीएम

जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह ने राज्य की ओर से कोर्ट में पैरवी करने वाले जिला शासकीय अधिवक्ता व सहायक शासकीय अधिवक्ताओं के अलावा गैंगस्टर एक्ट और पोक्सो एक्ट के विशेष लोक अभियोजकों को निर्देश दिए कि वह राज्य की ओर से कोर्ट में प्रभावी पैरवी करें जिससे अपराधियों को उनके अपराध की सजा दिलाई जा सके।

क्लेक्ट्रेट स्थित जिला पंचायत सभागार में अभियोजन कार्यों से जुड़े मामलों की जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में जिलाधिकारी द्वारा सर्वप्रथम स्पीडी ट्रायल से संबंधित मामलों की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गयी जिसके उपरांत सभी जिला अभियोजन पदाधिकारी, सहायक अभियोजन पदाधिकारी, लोक अभियोजक और अपर लोक अभियोजक को स्पीडी ट्रायल से संबंधित मामलों के निष्पादन में प्रगति लाने का निर्देश दिया गया।

लेबल:

बुधवार, 27 जुलाई 2022

ब्रिटिश सियासत का ये संयोग बनेगा ऋषि सुनक का गुडलक? 10 डाउनिंग स्ट्रीट अब दूर नहीं

ब्रिटेन में कंजर्वेटिव पार्टी के नेता और पीएम की रेस निर्णायक दौर में पहुंच गई है. दोनों उम्मीदवार ऋषि सुनक और लिज ट्रस कंजर्वेटिव पार्टी को अपने पक्ष में करने के लिए पूरा ताकत झोंक रहे हैं. सोमवार को दोनों उम्मीदवारों के बीच पहली बीबीसी टीवी पर बहस भी हुई. भले ही इस बहस में कोई विजेता घोषित न हुआ हो, लेकिन सट्टेबाजों की नजर में लिज ट्रस ऋषि सुनक पर बढ़त बनाती हुई नजर आ रही हैं. 

सट्टेबाजी से जुड़ी वेबसाइट Oddschecker के मुताबिक, बोरिस जॉनसन के बाद पीएम बनने की रेस में 75% चांस लिज ट्रस के हैं. जबकि सुनक के जीतने के सिर्फ 25% चांज नजर आ रहे हैं. वहीं, कंजर्वेटिव पार्टी के 507 कार्यकर्ताओं पर हुए  YouGov के सर्वे में 63% वोट लिज ट्रस को मिले. वहीं, सुनक के पक्ष में सिर्फ 19% कार्यकर्ता रहे. कुछ सट्टेबाजों ने 1/4 ऑड्स की पेशकश की. 

बीबीसी डिबेट को लेकर क्या है लोगों की राय?

बीबीसी की बहस को लेकर हुए एक ओपिनियन पोल में सुनक के पक्ष में 39% लोग नजर आए तो ट्रस को 38% लोगों ने बेहतर बताया. इस ओपनियन पोल में ब्रिटेन के 1032 वयस्क शामिल थे. हालांकि, कंजर्वेटिव पार्टी के 47% वोटर ट्रस के पक्ष में दिखे जबकि सुनक के पक्ष में 38% वोटर रहे. बीबीसी की इस डिबेट में सुनक और ट्रस के बीच टैक्स से लेकर यूक्रेन मुद्दे तक पर चर्चा हुई. 

ब्रिटेन में कैसे होता है कंजर्वेटिव पार्टी के नेता का चयन

ब्रिटेन में अभी कंजर्वेटिव पार्टी सत्ता में है. ऐसे में पार्टी का नेता ही अगला पीएम होगा. पार्टी के नए नेता और ब्रिटेन के पीएम का ऐलान 5 सितंबर को किया जाएगा. कंजर्वेटिव पार्टी में नेतृत्व का चुनाव दो चरणों में होता है. पहले चरण में सांसद वोटिंग करके 2 उम्मीदवारों का चयन करते हैं. इस बार नेतृत्व के चुनाव में 8 उम्मीदवार मैदान में थे. सांसदों ने 5 राउंड वोटिंग की. हर बार कम वोट मिलने वाला उम्मीदवार बाहर हो गया. अब रेस में सिर्फ दो उम्मीदवार ऋषि सुनक और लिज ट्रस रह गए. खास बात ये रही कि सभी 5 राउंड में हुई वोटिंग में ऋषि सुनक सांसदों की पहली पसंद रहे. जबकि ट्रस चार चरणों तक तीसरे और आखिरी राउंड में दूसरे नंबर पर आईं. 
 
भले ही कंजर्वेटिव पार्टी में सांसद आखिर 2 उम्मीदवार रहने तक वोटिंग में हिस्सा लेते हों, लेकिन पार्टी नेता के नाम पर अंतिम मुहर कार्यकर्ताओं की ही लगती है. अब ऋषि सुनक और लिज ट्रस देशभर में प्रचार में जुट गए हैं और पार्टी के कार्यकर्ताओं से वोट देने की अपील कर रहे हैं. कंजर्वेटिव पार्टी के करीब 1.8 लाख वोटर पोस्टल बैलेट से मतदान करेंगे और ऋषि सुनक और लिज ट्रस में एक को अपना नेता चुनेंगे.

लिज ट्रस

क्या कंजर्वेटिव सदस्य पलट देंगे सांसदों का फैसला? 

ब्रिटेन में बोरिस जॉनसन के इस्तीफे के बाद से पीएम पद को लेकर तमाम कयास लगाए जा रहे हैं. सर्वे भी हो रहे हैं. पिछले दिनों YouGov ने पार्टी के 730 सदस्यों पर एक सर्वे किया था. इसमें 62% लोगों ने लिज ट्रस के समर्थन में वोट किया. जबकि ऋषि सुनक को 38% ने अपना समर्थन किया. हालांकि, अभी सिर्फ सर्वे हो रहे हैं. जबकि पार्टी नेतृत्व का फैसला 1.8 लाख कार्यकर्ताओं को करना है. ऐसे में नतीजे कुछ और भी हो सकते हैं. 

उम्मीदवारों के नामांकन से पहले सट्टेबाजों की नजर में पेनी मोर्डेंट सबसे आगे थीं. लेकिन वे आखिरी राउंड की वोटिंग में बाहर हो गईं. इतना ही नहीं ब्रिटिश अखबार द्वारा कंजर्वेटिव पार्टी के कार्यकर्ताओं का सर्वे कराया गया था. इसमें पेनी मोर्डेंट सबसे आगे थीं. उन्हें 19.6% लोगों ने अपना समर्थन किया था. जबकि केमी बडेनॉच 18.7% के साथ दूसरे और ऋषि सुनक 12.1% के साथ तीसरे नंबर पर थे. वहीं, सुएला ब्रेवरमैन को 11.05% और लिज ट्रस को 10.93% लोगों ने समर्थन दिया था. यानी लिज इस सर्वे में 5वें नंबर पर थीं. अब ऋषि सुनक और लिज को छोड़कर बाकी उम्मीदवार पीएम की रेस से बाहर हो गए हैं. वहीं, लिज सर्वे में पहले नंबर पर आ गई हैं. 

22 साल के इतिहास में सिर्फ एक बार हुआ ऐसा
 
1965 से पहले तक कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद आपस में चर्चा करके नए नेता का चुनाव करते थे, तब पार्टी में चुनाव नहीं होते थे. हालांकि, 1965 में तत्कालीन पार्टी नेता एलेक्स डगलस-होम ने नई प्रक्रिया का ऐलान किया, कि भविष्य में नए नेता को कंजर्वेटिव सांसद मतदान से चुनेंगे. पहले राउंड में जीतने के लिए उम्मीदवार को 50% से ज्यादा वोट हासिल करने होंगे. अगर किसी को 50% से ज्यादा वोट नहीं मिलते तो चुनाव तब तक होता रहेगा, जब तक उम्मीदवार को 50% वोट नहीं मिलते. लेकिन मौजूदा नियमों को 1998 में कंजर्वेटिव पार्टी के तत्कालीन नेता विलियम हेग द्वारा लाया गया था. यानी पार्टी नेतृत्व के चुनाव में पहले चरण में सांसद और दूसरे चरण में पार्टी के सदस्य हिस्सा लेने लगे.   

1998 के बाद से कंजर्वेटिव पार्टी में 2001, 2005, 2016, 2019 और 2022 में पार्टी नेतृत्व को लेकर चुनाव हुआ है. खास बात ये है कि सिर्फ एक बार 2001 में ऐसा हुआ, जब सांसदों की वोटिंग में पहले नंबर पर रहे उम्मीदवार को कार्यकर्ताओं ने वोटिंग में हरा दिया. 

2001 में पार्टी नेतृत्व के चुनाव में माइकल पोर्टिलो (Michael Portillo) दो चरणों की वोटिंग में नंबर 1 पर रहे. जबकि तीसरे चरण में वे तीसरे नंबर पर पहुंचकर बाहर हो गए. वहीं, सांसदों की वोटिंग में तीनों चरणों में नंबर दो पर रहे डंकन स्मिथ को पार्टी के कार्यकर्ताओं ने नेता चुना. 

माइकल पोर्टिलो

2016 में थेरेसा मे तो 2019 में जॉनसन आसानी से जीते चुनाव

2016 में कंजर्वेटिव पार्टी के नेतृत्व के चुनाव में थेरेसा मे ने आसानी से जीत हासिल की. उन्हें सांसदों की दो राउंड में हुई वोटिंग में सबसे ज्यादा वोट मिले. हालांकि, इसके बाद दूसरे उम्मीदवार लीडसम ने अपनी दावेदारी वापस ले ली थी. ऐसे में पार्टी के सदस्यों की वोटिंग के बिना ही थेरेसा मे कंजर्वेटिव पार्टी की नेता चुनी गईं. 

इसी तरह 2019 में सांसदों की 5 राउंड की वोटिंग हुई थी. इन सभी में बोरिस जॉनसन ऋषि सुनक की तरह नंबर 1 पर रहे थे. आखिरी में  कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों ने भी जॉनसन को 60% वोट देकर जिताया था और वे पार्टी के नेता और ब्रिटेन के पीएम बने थे.

लेबल:

'चिकन खुद फ्राई होने आ गया'... ईडी पर SC के फैसले के बाद सुब्रमण्यम स्वामी का कांग्रेस पर तंज

 सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को विपक्ष को बड़ा झटका दिया. कोर्ट ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के कई प्रावधानों की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए ईडी की शक्तियों को बरकरार रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने PMLA के तहत जांच, तलाशी, गिरफ्तारी और संपत्तियों को अटैच करने जैसे ईडी की शक्तियों बरकरार रखा है. इतना ही नही कोर्ट ने मनी लांड्रिंग के तहत गिरफ्तारी की प्रक्रिया मनमानी नहीं है. इस फैसले के बाद बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने पूर्व गृह मंत्री और वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर निशाना साधा है.

चिकन खुद फ्राई होने के लिए आ गया- स्वामी 

राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि PMLA को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला पी चिदंबरम और अन्य नेताओं के लिए 'चिकन खुद तलने के लिए आ जाने' जैसा है. पी चिदंबरम ने यूपीए की सरकार में ईडी को शक्तियां दी थीं. 

 

सुप्रीम कोर्ट के फैसले की बड़ी बातें

- PMLA एक्ट के तहत ED की शक्तियां बरकरार रहेंगी. 
- ईडी इस एक्ट के तहत जांच, तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी कर सकती है. संपत्तियों को कुर्क भी कर सकती है. 
- इसके साथ ही कोर्ट ने जमानत की दोहरी शर्तों के प्रावधानों को भी बरकरार रखा है. 
- सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि ECIR की तुलना एफआईआर से नहीं की जा सकती. यह ईडी का आंतरिक दस्तावेज है. ऐसे में सभी मामलों में ECIR की कॉपी देना आवश्यक नहीं है.
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोपी को गिरफ्तारी के आधार के बारे में जानकारी देना ही पर्याप्त है. हालांकि, ट्रायल कोर्ट यह फैसला दे सकती है कि आरोपी को कौन से दस्तावेज देने हैं या नहीं. 
- इतना ही नहीं ईडी अधिकारियों को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में किसी आरोपी को हिरासत में लेने के समय गिरफ्तारी के आधार का खुलासा करना अनिवार्य नहीं है. 
- कोर्ट ने 2018 में फाइनेंस बिल के जरिए किए गए बदलाव के मामले को 7 जजों की बेंच में भेज दिया है. 
- कोर्ट ने कहा है कि जांच के दौरान ED, SFIO, DRI अधिकारियों (पुलिस अफसर नहीं) के सामने दर्ज बयान भी वैध सबूत हैं.

याचिकाओं में PMLA के कई प्रावधानों को दी गई थी चुनौती

सुप्रीम कोर्ट में कार्ति चिदंबरम समेत 242 याचिकाओं को दाखिल कर PMLA के कुछ प्रावधानों को चुनौती देते हुए रद्द करने की मांग की गई थी. इतना ही नहीं इन याचिकाओं में जमानत के प्रावधानों पर भी सवाल उठाए गए थे. इन याचिकाओं में PMLA एक्ट को असंवैधानिक बताते हुए कहा गया था कि इसके CrPC में किसी संज्ञेय अपराध की जांच और ट्रायल के बारे में दी गई प्रक्रिया का पालन नहीं होता है. 

याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया था कि जांच एजेंसियां ​​प्रभावी रूप से पुलिस शक्तियों का प्रयोग करती हैं, इसलिए उन्हें जांच करते समय CrPC का पालन करने के लिए बाध्य होना चाहिए. चूंकि ईडी एक पुलिस एजेंसी नहीं है, इसलिए जांच के दौरान आरोपी द्वारा ईडी को दिए गए बयानों का इस्तेमाल आरोपी के खिलाफ न्यायिक कार्यवाही में किया जा सकता है, जो आरोपी के कानूनी अधिकारों के खिलाफ है. 

याचिकाकर्ताओं ने ये भी तर्क दिया है कि कैसे जांच शुरू करने, गवाहों या आरोपी व्यक्तियों को पूछताछ के लिए बुलाने, बयान दर्ज करने, संपत्ति की कुर्की की प्रक्रिया स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करती है. हालांकि मनी लॉन्ड्रिंग के लिए अधिकतम 7 साल की सजा है, लेकिन कानून के तहत जमानत हासिल करना बहुत मुश्किल है. 

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर क्या बोले नड्डा? 

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, कांग्रेस जो विषय उठा रहे हैं वह न ही देश के लिए है और न ही पार्टी के लिए बल्कि ये परिवार को बचाने के लिए प्रयास किया जा रहा है. करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ है उस घोटाले के बारे में एजेंसी को जवाब देना ये उनकी आवश्यकता है यही उन्हें करना चाहिए. 

उन्होंने कहा, लेकिन ये परिवार अपने आपको देश और कानून से ऊपर समझता है, इसलिए इनसे कोई जवाब मांगे तो इन्हें ये पसंद नहीं है और सुप्रीम कोर्ट ने पीएमएलए और ईडी के अधिकार क्षेत्र को बरकरार रखा है. कानून अपना काम कर रहा है. कांग्रेस को नियम के अनुसार चलना चाहिए. 


 

लेबल:

AAP सांसद संजय सिंह राज्यसभा से सस्पेंड, नारेबाजी-पेपर आसन की ओर उछालने पर हुआ एक्शन

आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को संसद की कार्रवाई से सस्पेंड कर दिया गया है. संजय सिंह को नारेबाजी करने, पेपर फाड़कर स्पीकर की चेयर की ओर उछालने के मामले में ये एक्शन हुआ है. संजय सिंह को मौजूदा हफ्ते की कार्रवाई के लिए सस्पेंड कर दिया गया. 

बताया जा रहा है कि आप सांसद संजय सिंह सदन के भीतर गुजरात में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के मामले को उठा रहे थे. इस दौरान उन पर नारेबाजी करने, पेपर फाड़कर स्पीकर की चेयर की ओर उछालने का आरोप है. संजय सिंह को इस सप्ताह की कार्यवाही के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया. दरअसल, गुजरात के बोटाद में हाल ही में जहरीली शराब पीने से 37 लोगों की मौत हो गई है. जबकि 50 से ज्यादा लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है.

आप सांसदों ने सदन के बाहर भी किया प्रदर्शन

मंगलवार को 19 सांसद हुए थे निलंबित

सदन में हंगामे के चलते बुधवार को राज्यसभा के 19 सांसदों को सदन से एक हफ्ते के लिए सस्पेंड कर दिया गया था. ये राज्यसभा सांसद सदन के वेल में प्रवेश करने और नारेबाजी करने के लिए एक हफ्ते के लिए निलंबित किए गए हैं. उपसभापति ने 19 सांसदों को निलंबित कर दिया. इन सांसदों में तृणमूल सांसद सुष्मिता देव, डॉ शांतनु सेन और डोला सेन, शांता छेत्री, मोहम्मद अब्दुल्ला, एए रहीम, एल यादव और वी वी. शिवादासन, अबीर रंजन विश्वास, नदीमुल हक शामिल हैं.

सोमवार को चार सांसद हुए थे निलंबित

इससे पहले सोमवार को भी लोकसभा में विपक्षी सांसदों ने महंगाई और GST की बढ़ती दरों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था. लोकसभा में हंगामा करने को लेकर कांग्रेस के चार सांसदों को कार्रवाई की गई. मणिक्कम टेगोर, टीएम प्रतापन, ज्योतिमणी, रम्या हरिदास को इस पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया.

लेबल:

PMLA के तहत ED को जांच, गिरफ्तारी और संपत्ति जब्त करने का अधिकार, SC का बड़ा फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत गिरफ्तारी के ED के अधिकार को बरकरार रखा है. कोर्ट ने कहा, ED की गिरफ्तारी की प्रक्रिया मनमानी नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के कई प्रावधानों की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए ये फैसला सुनाया. हालांकि, कोर्ट ने कानून में फाइनेंस बिल के जरिए किए गए बदलाव के मामले को 7 जजों की बेंच में भेज दिया है. 

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में ईडी के जांच, गिरफ्तारी और संपत्ति को अटैच करने के अधिकार को बरकरार रखा है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि जांच के दौरान ED, SFIO, DRI अधिकारियों (पुलिस अफसर नहीं) के सामने दर्ज बयान भी वैध सबूत हैं. इसके साथ ही बेंच ने कहा, आरोपी को ECIR (शिकायत की कॉपी) देना भी जरूरी नहीं है. यह काफी है कि आरोपी को यह बता दिया जाए कि उसे किन आरोपों के तहत गिरफ्तार किया जा रहा है. कोर्ट ने बेल की कंडीशन को भी बरकरार रखा है. याचिका में बेल की मौजूदा शर्तों पर भी सवाल उठाया गया था.

याचिका में क्या कहा गया था?

PMLA कानून के तहत गिरफ्तारी, जमानत देने, संपत्ति जब्त करने का अधिकार CrPC के दायरे से बाहर है. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में PMLA एक्ट को असंवैधानिक बताते हुए कहा गया था कि इसके CrPC में किसी संज्ञेय अपराध की जांच और ट्रायल के बारे में दी गई प्रक्रिया का पालन नहीं होता है. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने PMLA एक्ट के तहत ईडी के अधिकार को बरकार रखा है.

17 साल में 23 लोग दोषी ठहराए गए 

केंद्र सरकार ने लोकसभा में बीते सोमवार को एक सवाल के जवाब में कहा कि 17 साल पहले कानून के लागू होने के बाद PMLA के तहत दर्ज 5,422 मामलों में केवल 23 लोगों को दोषी ठहराया गया है. 31 मार्च, 2022 तक ईडी ने PMLA के तहत करीब 1,04,702 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की और 992 मामलों में चार्जशीट दायर की, जिसमें 869.31 करोड़ रुपये जब्त किए गए और 23 आरोपियों को दोषी ठहराया गया.

लेबल:

कांवड़िये की बाइक ट्राली में घुसी, एक की मौत

बिजनौर, संवाददाता

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राजस्व परिषद की बेंच स्थापना की माँग को लेकर मंगलवार को अधिवक्ताओं ने आवाज़ उठाई। राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन कलक्टरेट पहुंचकर डीएम को सौंपा गया।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश राजस्व बार संघ, बिजनौर की ओर से दिये ज्ञापन में कहा गया कि आज हमारे अन्नदाता व अन्य नागरिक न्याय के लिए बेबस दिखाई देते हैं। सुलभ और सस्ता न्याय प्रत्येक नागरिक का संवैधानिक अधिकार है, किंतु पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जनता के लिए यह केवल सपना है। राजस्व मामलों की पैरवी के लिए 500 किलोमीटर दूर लखनऊ या करीब 650 किलोमीटर दूर इलाहाबाद तक जाना पड़ता है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राजस्व परिषद की पूर्ण बेंच की स्थापना से समस्या का समाधान सम्भव है। बार संघ अध्यक्ष रामेन्द्र सिंह रामाराव, महासचिव एसएम हसनैन जैदी व कार्यकारिणी सदस्य नवीन कुमार शर्मा एडवोकेट, उपेंद्र कुमार शर्मा एडवोकेट आदि मौजूद रहे।

लेबल:

मंगलवार, 26 जुलाई 2022

PAK: PM शहबाज शरीफ को झटका, बेटे हमजा की कुर्सी गई, परवेज इलाही होंगे पंजाब के CM

स्टोरी हाइलाइट्स

  • सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हमजा की कैबिनेट भंग
  • इलाही को जल्द सीएम पद की शपथ दिलाई जाएगी

पाकिस्तान में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को झटका लगा है. उनके बेटे हमजा शहबाज को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के सीएम की कुर्सी से उतार दिया है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ऐलान किया है कि पंजाब के नए सीएम परवेज इलाही होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को डिप्टी स्पीकर मोहम्मद मजारी के फैसले को गैरकानूनी बताते हुए यह फैसला दिया.

सुप्रीम कोर्ट ने अब पंजाब के राज्यपाल बलीघ उर रहमान को कहा है कि वह परवेज इलाही को सीएम पद की शपथ दिलाएं. साथ ही साथ कहा गया है कि अगर वे ऐसा नहीं करेंगे तो राष्ट्रपति आरिफ अल्वी यह शपथ दिलाएंगे.

पाकिस्तान के सूप्रीम कोर्ट ने कहा कि परवेज इलाही पंजाब के सीएम हैं क्योंकि मतदान में उनको 186, वहीं हमजा को 179 वोट मिले थे. सुप्रीम कोर्ट में यह फैसला तीन जजों की बेंच ने दिया. इसमें पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल, न्यायमूर्ति इजाजुल अहसन और न्यायमूर्ति मुनीब अख्तर शामिल थे.

क्या है मामला

हमजा शहबाज ने शनिवार को पंजाब प्रांत के सीएम पद की शपथ ली थी. इससे एक दिन पहले वह मात्र तीन मतों के अंतर से पुन:निर्वाचित हुए थे. हालंकि उनकी इस जीत के विरोध में देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे थे. प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार चौधरी परवेज इलाही ने उनकी इस जीत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर पंजाब प्रांत में शुक्रवार को मुख्यमंत्री पद के लिए मतदान हुआ था. हमजा को चुनाव में विजेता घोषित किया गया. 

पंजाब की 368 सदस्यीय विधानसभा में हमजा की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) को 179 वोट मिले जबकि इलाही की पार्टी को 176 वोट मिले. हालांकि इसमें, विधानसभा उपाध्यक्ष दोस्त मोहम्मद माजरी ने संविधान के अनुच्छेद 63-ए का हवाला देते हुए पाकिस्तान मुस्लिम लीग-क्यू (पीएमएल-क्यू) पार्टी के उम्मीदवार चौधरी परवेज इलाही के 10 मतों को खारिज कर दिया था. जिसके बाद हमजा महज तीन मतों के अंतर से पंजाब के मुख्यमंत्री बन गए. पीएमएल-क्यू पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) का सहयोगी दल है.

लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा उपाध्यक्ष दोस्त मोहम्मद माजरी के फैसले को असंवैधानिक बताया है. कोर्ट ने 10 वोटों को जोड़ा और कहा कि इलाही को 186 वोट मिले थे जो कि हमजा को मिले 179 वोटों से ज्यादा हैं.

लेबल:

कबड्डी; विरोधी टीम ने मारी पकड़ और फिर जमीन से नहीं उठ पाया प्लेयर, मौत

स्टोरी हाइलाइट्स

  • लाइव मैच के दौरान कबड्डी प्लेयर की मौत
  • 22 साल के विमलराज ने मैदान पर तोड़ा दम

तमिलनाडु के पंरुती में चल रहे एक कबड्डी टूर्नामेंट के दौरान बड़ा हादसा हो गया है. यहां लाइव मैच के दौरान ही कबड्डी प्लेयर की मौत हो गई, ऐसा तब हुआ जब वह मैच खेल रहा था और विरोधी टीम के खिलाड़ियों से खुद को बचाने की कोशिश में था. 

जानकारी के मुताबिक, यह घटना 24 जुलाई (रविवार) की है. जिस युवा की मौत हुई है, वह 22 साल का विमलराज है जो कि सालेम जिले में प्राइवेट कॉलेज में एक स्टूडेंट है. 

मैच के दौरान अपनी जान गंवाने वाले विमलराज कुड्डलोर जिले का रहने वाला था. वह इस टूर्नामेंट में Murattu Kaalai टीम के ओर से खेल रहा था, जहां जिला लेवल की टीमों का मुकाबला चल रहा था. 

घटना का वीडियो भी सामने आया है, जहां विमलराज रेड डालने के लिए विरोधी टीम के पाले में जाता है. जैसे ही विरोधी टीम के खिलाड़ी उसपर अटैक करते हैं, वह खुद को बचाने की कोशिश करता है. इतने में उसे पकड़ लिया जाता है और एक प्लेयर का घुटना उसके सीने पर आता है. 

जानकारी के मुताबिक, इसी दौरान विमलराज को हार्टअटैक आया था. क्योंकि इसके बाद उन्हें उठने में मुश्किल हो रही थी और तुरंत सभी खिलाड़ी और आसपास मौजूद लोग उठाने के लिए आए. घटना के तुरंत बाद विमलराज को पास के ही अस्पताल में भर्ती करवाया गया. 

हालांकि, डॉक्टर ने विमलराज को मृत घोषित कर दिया था. पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया है और पूरी घटना की जांच की जा रही है. सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो भी वायरल हो रहा है. 

लेबल:

150 करोड़ में बनी शमशेरा के लिए 50 Cr कमाना मुश्किल, 4 साल बाद पर्दे पर लौटे रणबीर फेल

बॉलीवुड के सांवरिया रणबीर कपूर पर्दे पर तो शमशेरा बन गए, लेकिन बॉक्स ऑफिस के शमशेरा नहीं बन पाए. 4 साल बाद रणबीर ने कमबैक किया. 2018 में उनकी मूवी संजू ने बॉक्स ऑफिस पर करोड़ों कमाकर रिकॉर्ड तोड़े थे. शमशेरा से भी वहीं उम्मीद थी. पर अफसोस 150 करोड़ के बजट में बनी शमशेरा के लिए 50 करोड़ कमाना बहुत बड़ा टास्क साबित हो रहा है. 4 दिन में फिल्म ने केवल 34 करोड़ ही कमाए हैं. 

क्यों फ्लॉप हुई शमशेरा?

शमशेरा को मिले निगेटिव रिव्यूज के बाद इसकी निराशाजनक कमाई ने YRF की रातों की नींदें उड़ा दी हैं. यशराज बैनर की ये चौथी बैक टू बैक फ्लॉप है. इससे बड़ा लॉस क्या होगा कि शमशेरा को सिनेमाघरों में दर्शक तक नहीं मिल रहे हैं. फुस्स हुई कमाई के साथ शमशेरा 2022 की सबसे बड़ी डिजास्टर फिल्मों में शुमार हो गई है. मगर सवाल ये है बिग स्केल प्रमोशन, जबरदस्त ट्रेंड, A लिस्टर्स की कास्टिंग, उम्दा एक्टिंग के बावूजद फिल्म कहां फेल हुई? मेकर्स से आखिर कहां चूक हुई कि शमशेरा का दमखम बॉक्स ऑफिस पर नहीं दिखा, जानते हैं.

आउटडेटेड कॉन्सेप्ट
शमशेरा मूवी के टाइटल में जो दम है, वो पिक्चर में नहीं है. ट्रेड एनालिस्ट अमोद मेहरा के मुताबिक, फिल्म में डकैत कॉन्सेप्ट को दिखाया गया जो अब आउटडेटेड हो चुका  है. 80-90s के दौर में डकैत प्लॉट पर बेस्ड मूवीज बॉक्स ऑफिस पर गदर मचाती थीं. लेकिन अब मूवी लवर्स कुछ नया देखना चाहते हैं. पुराने फॉर्मूले पर फिल्म चलाने का ये एक्सपेरिमेंट बड़ा फेलियर है.

प्रमोशन में चूक
अगर आपने शमशेरा के प्रमोशनल वीडियो या रणबीर कपूर के इंटरव्यू को देखा होगा, तो नोटिस किया होगा कि यशराज बैनर ने फिल्म को प्रमोट करने की बजाय अपने हीरो रणबीर को ज्यादा तवज्जो दी. शमशेरा मूवी को प्रमोट ना कर रणबीर कपूर को ज्यादा लाइमलाइट में रखा गया. मसलन रणबीर की वापसी, शादी, पर्सनल लाइफ, ऋषि कपूर कनेक्शन...

गाने बेकार, VFX ने बिगाड़ा खेल
फिल्म के VFX और गानों से लोग खुश नजर नहीं आए. मूवी के गाने एवरेज हैं. कोई भी गाना ऐसा नहीं जो सिनेमाघरों से बाहर निकलने के बाद आप गुनगुनाएंगे. वीएफएक्स का भी यही हाल बताया जा रहा है. जितने ग्रैंड स्केल की ये फिल्म बताई गई, उस क्वालिटी का VFX देखने नहीं मिला. जो फिल्म का बिग लॉस है.

खराब रिव्यूज
फैंस को छोड़, किसी भी फिल्म को ज्यादातर लोग रिव्यू के बेसिस पर जज करते हैं. इस डिपार्टमेंट में शमशेरा को बुरी खबर मिली है. क्योंकि फिल्म को निगेटिव रिव्यूज ही मिले हैं शमशेरा को दर्शक नहीं  मिल रहे और मूवी 1 हफ्ते में ही सिमटती दिख रही है, इसका सबसे बड़ा कारण इसे मिले बेकार रिव्यूज हैं. 

दुख की बात ये है कि शमशेरा में रणबीर कपूर ने बेहतरीन परफॉर्मेंस दी है. संजू बाबा भी कम नहीं लगे. मगर दोनों स्टार्स का स्टारडम भी फिल्म को डूबने से नहीं बचा पाया. शमशेरा तो फुस्स हो गई, फैंस को उम्मीद है रणबीर कपूर की ब्रह्मास्त्र बेहतर परफॉर्म करे. वरना तो रणबीर का करियर....

लेबल:

रोड टैक्स पर राहत, स्कूली बच्चों को ज्यादा धनराशि...यूपी कैबिनेट में इन प्रस्तावों को मंजूरी

स्टोरी हाइलाइट्स

  • कैबिनेट बैठक में कई प्रस्तावों को मिली मंजूरी
  • सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक

उत्तर प्रदेश में आज कैबिनेट की मीटिंग हुई, जिसमें कई बड़े फैसले लिये गए. योगी सरकार ने शहरी और ग्रामीण दोनों तरफ के लोगों को ध्यान में रखकर कुछ फैसले लिये हैं. सबसे बड़ा फैसला यही है कि अब यूपी से NCR के बाकी राज्यों (हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान) में एंटर करने पर कैब्स आदि से अलग से रोड टैक्स नहीं लिया जाएगा. इसके अलावा बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूली बच्चों को अब पहले के मुकाबले 100 रुपये ज्यादा भेजे जाएंगे. साथ में कई और सुविधाएं भी मिलेंगी.

सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कई प्रस्तावों पर मुहर लगी है. रोड टैक्स वाले प्रस्ताव के पास होने से अब यूपी के लाखों लोगों को फायदा होगा.

यूपी से एनसीआर में जाने वाली गाड़ियों पर अलग से रोड टैक्स नहीं

अब इन लोगों को रोड टैक्स नहीं देना होगा. मतलब यूपी से एनसीआर में जाने वाली गाड़ियों जैसे- स्कूल वैन, कैब, एम्बुलेंस आदि पर अब टैक्स नहीं लगेगा. अभी तक एनसीआर में रोजाना आवाजाही के लिए कैब और टैक्सी वालों को एक्स्ट्रा रोड टैक्स देना पड़ता था. अब इन चार राज्यों से करार के बाद यूपी के लोगों को रोड टैक्स नहीं देना होगा.

जानकारी के मुताबिक, कैब और टैक्सी चलाने वालों को एक ही टैक्स देना होगा जो शुरुआत में जमा हो जाएगा. इसके बाद कोई टैक्स नहीं देना होगा. इसके अलावा स्कूली बसों-गाड़ियों, हॉस्पिटल में चलने वाली गाड़ियों, रोडवेज बसों को भी टैक्स में राहत मिलेगी.

पंचायत सहायक की जिम्मेदारी बढ़ी

कॉमन सर्विस सेंटर में पंचायत सहायक को संचालन के लिए अधिकृत करने का फैसला लिया गया है. यूपी में 18 हजार में ग्राम सचिवालय बनाये गए हैं, जिनमें पंचायत सहायकों की नियुक्ति की गई है. प्रदेश सरकार द्वारा ग्राम सचिवालय में कम्प्यूटर इंटरनेट आदि सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है.

स्कूली बच्चों को अब 1200 रुपये मिलेंगे

बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूली बच्चों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से 1200 रुपए की धनराशि दी जायेगी. बेसिक शिक्षा विभाग में 1100 की जगह बच्चों को अब 1200 रुपये खाते में भेजेंगे. इसके साथ-साथ बेसिक स्कूल के छात्रों को यूनिफॉर्म, कापियां और पेंसल-कटर भी मुफ्त मिलेगा.

'हर घर तिंरगा' अभियान के लिए दो करोड़ झंडे ऑर्डर हुए हैं. एमएसएमई के माध्यम से पंचायती राज और नगर विकास विभाग की धनराशि पर इनको मंजूरी मिली है. यूपी में साढ़े चार करोड़ झंडो की व्यवस्था कराने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है.

लेबल:

दिगम्बर जैन महिला समिति ने कारगिल विजय दिवस मनाया

खतौली, संवाददाता

मंगलवार को दिगम्बर जैन महिला समिति द्वितीय इकाई ने कारगिल दिवस बडे ही धूमधाम से मनाया। इस दौरान कारगिल शहीदों में याद में महिलाओं ने कार्यक्रम आयोजित किया। काशीराम स्ट्रीट पीसनोपाडा मन्दिर में आयोजित हुए कार्यक्रम में उत्साह व राष्ट्र प्रेम की भावना नजर आई। कार्यक्रम का संचालन करते हुए अंजू जैन ने शहीदों के जीवन परिचय पर प्रकाश डाला।

कहा कि आज का दिन भारतवासियों के दिल में राष्ट्र प्रेम व स्वाभिमान की भावना जागृत करता है। साहसऔर वीरता से भारत माता की आन व शान को बरकरार रखने वाले कारगिल युद्व के अमर शहीदों के प्रति हम भावपूर्ण नमन करते है। प्रत्येक भारत माता की आन और तिरंगे की शान को बरकार रखने वाले कारगिल युद्व के अमर शहीदों के प्रति हम भावपूर्ण नमन करते है। इसके बाद महिलाओं का पारम्पारिक पर्व हरियाली तीज के साथ मनाया गया। उन्होने बताया कि तीज का त्यौहार हम महिलाओं के लिए विशेष उमंग लेकर आता है। यह पर्व श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तृतीय को मनाया जाता है। इस अवसर पर गीता जैन, अनीता, राजरानी,मीनू, अंजू, अलका,रीता, करूणा अर्चना, मोनिका, अनुपम, सुनीता आदि मौजूद रहे।

फोटो1 शहीदी दिवस मनाती जैन महिला समिति के पदधिकारी

लेबल:

उद्धव को उलझाकर खुद भी उलझ गए शिंदे? 26 दिन खिंच गया कैबिनेट का वेटिंग पीरियड

महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे का तख्तापलट कर सत्ता पर एकनाथ शिंदे बीजेपी के सहयोग से सत्ता पर काबिज हुए एक महीने होने जा रहे हैं, लेकिन अभी तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो सका. सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ही मिलकर सरकार चला रहे हैं, लेकिन कैबिनेट को लेकर स्थिति साफ नहीं हो पा रही है. ऐसे में सभी के मन में एक सवाल उठ रहा है कि किस फॉर्मूले पर कैबिनेट का गठन होगा और कितना बड़ा होगा. बीजेपी और शिंदे गुट से कितने-कितने नेता मंत्री बनेंगे? 

बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा में कुल सदस्यों की संख्या 288 है. ऐसे में संवैधानिक रूप से 15 फीसदी ही मंत्री बन सकते हैं. इसका मतलब ये है कि महाराष्ट्र में ज्यादा से ज्यादा 42 लोग ही मंत्री बनाए जा सकते हैं. इसमें मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम शामिल हैं. इस तरह से महाराष्ट्र कैबिनेट में 40 मंत्री के लिए जगह है, लेकिन अब सवाल यही उठता है कि शिंदे सरकार अपनी कैबिनेट में कितने लोगों को शामिल करती है. 
 
30 जून को एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री और देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. इस तरह से सरकार गठन के करीब 26 दिन हो गए हैं, लेकिन कैबिनेट विस्तार नहीं हो सका. राष्ट्रपति चुनाव के बाद महाराष्ट्र में कैबिनेट गठन की बात कही जा रही थी. इस लिहाज से राष्ट्रपति चुनाव के शपथ ग्रहण कार्यक्रम भी चुका है. ऐसे में अब सभी की निगाहें इस बात पर है कि कैबिनेट गठन कब होगा और कैसे शिंदे-फडणवीस आपस में मंत्रालय का बंटवारा करते हैं. 

दरअसल, एक ओर शिवसेना के बागी खेमे में सीएम एकनाथ शिंदे को छोड़कर 8 पूर्व मंत्री हैं. उद्धव के खिलाफ शिंदे के साथ बगावत करने वाले 9 मंत्री थे, जिनमें 5 कैबिनेट और चार राज्यमंत्री शामिल थे. ऐसे में शिंदे सीएम बनने के बाद 8 नेता अभी भी मंत्री बनने की राह देख रहे हैं. इसके अलावा शिवसेना के दूसरे बागी नेताओं को भी मंत्री बनाने का आश्वसन दिया गया था, जो मंत्री बनने की आस लगाए बैठे हैं. 

हालांकि, उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली महा विकास अघाड़ी सरकार में शिवसेना कोटे से 10 कैबिनेट और चार राज्यमंत्री थे. शिंदे के साथ फिलहाल शिवसेना के 40 विधायक हैं. महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल गठन को लेकर हलचल तेज हो गई है. ऐसे में चर्चा है कि बागियों समेत शिंदे कैबिनेट में निर्दलीय और सरकार को समर्थन करने वाली छोटी पार्टियों के विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है. 

सूत्रों के मुताबिक, शिंदे गुट अपने लिए 8 कैबिनेट पद और 5 राज्यमंत्री का पद चाहता है. वहीं, बीजेपी ने अपने कोटे के 29 मंत्रियों का लक्ष्य रखेगी. ऐसे में शिंदे गुट वर्तमान विभागों को बनाए रखने के लिए दबाव डालेगा क्योंकि उद्धव सरकार ने बीते एक महीने में बागी मंत्रियों द्वारा लिए गए सभी फैसलों को रोक दिया था. इसके अलावा शिंदे गुट चाहता है कि निर्दलीय विधायकों को भी बीजेपी के कोटे से कैबिनेट में शामिल किया जाए. बीजेपी देखना है कि शिंदे गुट की कितनी बातों को मानती है. 

वहीं, बीजेपी विधायक भी मंत्री बनने की राह देख रहे हैं. ऐसे में शनिवार को बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी बैठक के दौरान फडणवीस ने अपने नेताओं को संयम बरतने की सलाह दी. साथ ही इस बात के भी संकेत दिए कि सभी को कैबिनेट विस्तार में शामिल नहीं किया जा सकता. ऐसे में एकनाथ शिंदे खेमे ही नहीं बल्कि बीजेपी के सामने भी अपने नेताओं को साधने की चुनौती बनी हुई है. 

कैबिनेट विस्तार में हो रही देरी के बीच 100 करोड़ में मंत्री बनाने की बात भी सामने आई है. एंटी एक्सटॉर्शन सेल ने बीजेपी विधायक राहुल सुभाषराव कुल को 100 करोड़ रुपये में कैबिनेट मंत्री बनवाने का झांसा देने वाले 4 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.

वहीं, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा है कि एकनाथ शिंदे को दिल पर पत्थर रखकर महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाया गया. इसे लेकर भी सियासत तेज है, जो देवेंद्र फडणवीस को आगे कर सफाई देनी पड़ी. ऐसे में साफ जाहिर होता है कि कैबिनेट को लेकर भी खींचतान चल रही है, जिसके चलते टल रहा है. इतना ही नहीं शिवसेना की लड़ाई अदालत तक पहुंच चुकी है, जिस पर 1 अगस्त को मामले की सुनवाई होनी है. ऐसे में देखना ये है कि शिंदे सरकार का कैबिनेट विस्तार कब होता है? 


 

लेबल:

'कैश क्वीन' की काली डायरी... मंत्री से अर्पिता की सांठगांठ और करप्शन के अब खुलेंगे कई राज

पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी की मुसीबतें और बढ़ सकती हैं. बताया जा रहा है कि ईडी को पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के यहां छापे के दौरान एक काली डायरी हाथ लगी है. माना जा रहा है कि इस डायरी में काफी अहम जानकारी है, जो कई राज खोल सकती है. 

दरअसल, ईडी ने पार्थ चटर्जी के घर से मिलीं पर्चियों के बाद अर्पिता मुखर्जी के यहां छापेमारे थे. इसके बाद उनके घर से ईडी को 21 करोड़ रुपए कैश और कई जरूरी दस्तावेज मिले थे. सूत्रों के मुताबिक, ईडी को अर्पिता मुखर्जी के घर से रेड के दौरान एक काली डायरी भी मिली है. यह डायरी बंगाल सरकार के department of higher and school education की है. इस डायरी में 40 पन्ने ऐसे हैं, जिनमें काफी कुछ लिखा हुआ है. ईडी सूत्रों के मुताबिक, यह डायरी एसएससी स्कैम घोटाले की कई परतें खोल सकती है. 

अर्पिता के घर तक कैसे पहुंची ED? 

ईडी ने पिछले दिनों शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के दौरान पार्थ चटर्जी के घर पर छापा मारा था. ईडी सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान जांच एजेंसी को उनके घर पर कई पर्चियां मिली थीं. इनमें से किसी पर्ची पर अर्पिता मुखर्जी के नाम के साथ 'वन सीआर', 'फोर सीआर' लिखा था. इसी से ईडी को अर्पिता के घर में करोड़ों रुपए छिपे होने का अंदाजा लगा था. ईडी ने शुक्रवार को अर्पिता मुखर्जी के घर छापा मारा. ईडी का शक सही निकला. अर्पिता के घर से ईडी को 21 करोड़ रुपए, कई मोबाइल और कीमती चीजें बरामद हुई थीं. अर्पिता मुखर्जी पार्थ चटर्जी की करीबी बताई जा रही हैं. ईडी ने अर्पिता मुखर्जी को भी गिरफ्तार कर लिया था.

कोलकाता लाए गए पार्थ चटर्जी 

पार्थ चटर्जी को ईडी के अफसर सोमवार को एम्स भुवनेश्वर से वापस कोलकाता लाए. दरअसल, एम्स के डॉक्टरों ने मेडिकल जांच के बाद कहा कि उनकी रिपोर्ट सही आई है और उनकी हालत ठीक है और उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की कोई जरूरत नहीं है. पश्चिम बंगाल में शिक्षक मंत्री घोटाले में सोमवार को पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को 3 अगस्त तक ईडी की कस्टडी में भेज दिया गया है. 

पश्चिम बंगाल में शिक्षा विभाग में करोड़ों रुपए का घोटाला पार्थ चटर्जी के शिक्षा मंत्री रहते हुआ. आरोप है कि शिक्षा विभाग में कथित तौर पर पैसे के बदले नौकरी दी गई, जबकि योग्य उम्मीदवारों को इससे नुकसान उठाना पड़ा.


 

लेबल:

सड़क हादसे में बाइक सवार छात्र की मौत, दो घायल

रतनपुरी निवासी सावन पुत्र शिव कुमार गांव में ही दसवीं कक्षा का छात्र है रविवार शाम को अपने दोस्त मनी पुत्र रघुराज के साथ रामपुर कांटे पर कावड़ लेकर पहुंचे रिश्तेदार को दूध देने गया था। देर शाम को घर वापस लौटते समय बुढ़ाना मार्ग पर शहज स्कूल के सामने अचानक सड़क पर आए आवारा पशु से बाइक की भिड़ंत हो गई। जिसमें सावन की मौके पर ही मौत हो गई , जबकि उसका दोस्त मनी गंभीर रूप से घायल हो गया। बताया गया है कि मृतक छात्र के रिश्तेदार महलकी गांव के निवासी हैं, जो हरिद्वार से गंगाजल लेकर रामपुर कांटे पर रुके हुए थे। वहीं दूसरी ओर भैसी गांव के समीप बाइक से गंगाजल लेने जा रहे कावड़िया की बाइक गोवंश से टकरा गई।


लेबल:

सोमवार, 25 जुलाई 2022

मुलायम के 'हरमोहन' पर BJP की मेहरबानी! 2024 से जुड़ा है सियासत का ये गणित?

स्टोरी हाइलाइट्स

  • बीजेपी की नजर सपा के कोर यादव वोटबैंक पर
  • मुलायम के करीबी सुखराम क्या BJP में एंट्री करेंगे
  • 2024 में बीजेपी यूपी में क्लीन स्वीप का बनाया प्लान

उत्तर प्रदेश की सियासत में बीजेपी और सपा के बीच शह-मात का खेल जारी है. सपा संस्थापक और मुलायम सिंह यादव के सबसे विश्वस्त सलाहकार और सिपहसालार रहे चौधरी हरमोहन सिंह यादव की आज 10वीं पुण्यतिथि है. कानपुर के मेहरबान सिंह पुरवा में चौधरी हरमोहन सिंह की पुण्यतिथि पर भव्य कार्यक्रम रखा गया है, जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी वर्चुअल तौर पर शिरकत करेंगे. ऐसे में सियासत के गलियारों में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर मुलायम के करीबी खांटी समाजवादी नेता हरमोहन सिंह परिवार लेकर बीजेपी इतनी मेहरबान क्यों है? 

हरिमोहन की पुण्यतिथि पर मोदी करेंगे संबोधित

कानपुर के मेहरबान सिंह पुरवा में स्थित स्व. चौधरी हरमोहन सिंह यादव का आवास मुलायम सिंह यादव का दूसरा घर माना जाता रहा. चौधरी हरमोहन सिंह ने ग्राम सभा से लेकर राज्यसभा तक का सफर तय किया. चौधरी हरमोहन सिंह उन लोगों में थे, जिन्होंने मुलायम सिंह यादव के लिए ना सिर्फ सियासी मोर्चाबंदी करते रहे बल्कि समाजवादी पार्टी की स्थापना और पार्टी को सियासी मजबूती भी देते रहे. 

पीएम नरेंद्र मोदी, आज समाजवादी नेता स्व. चौधरी हरमोहन सिंह की 10वीं पुण्यतिथि कार्यक्रम को वर्चुअल संबोधित करेंगे. यह सभा कानपुर के मेहरबान सिंह का पुरवा स्थित एसएस कालेज के मैदान में आयोजित की गई है.पीएम मोदी को 25 जुलाई को हरमोहन की पुण्यतिथि कार्यक्रम में आना था, लेकिन राष्ट्रपति पद के शपथ ग्रहण समारोह के चलते उनका कार्यक्रम टल गया और अब वर्चुअल कार्यक्रम में जुड़ेंगे. 

हरमोहन सिंह यादव की 10वीं पुण्यतिथि कार्यक्रम के लिए एक वाटरप्रूफ पंडाल लगाया गया है, जिसमें  पांच हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है. इस कार्यक्रम के आयोजक सपा के पूर्व सांसद चौधरी सुखराम सिंह यादव हैं, जो हरमोहन सिंह के बेटे हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी, समाजवादी नेता स्व. हरमोहन सिंह की पुण्यतिथि कार्यक्रम को संबोधित कर बड़ा सियासी संदेश देने की रणनीति मानी जा रही है. 

मुलायम के करीबी पर बीजेपी की नजर

बता दें कि किसी दौर में चौधरी हरमोहन सिंह यादव की कोठी में सपा की चुनावी रणनीति से लेकर मंत्रिमंडल के गठन तक का मंथन किया जाता रहा है, लेकिन अब इस कोठी से सपा के बजाय बीजेपी का भगवा झंडा फहराने की पूरी तैयारी कर ली गई है. मुलायम के करीबी और अखिल भारतीय यादव महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुखराम यादव की सपा से दूरियां साफ दिख रही है तो बीजेपी के साथ लगातार नजदीकियां बढ़ रही है. 

बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों को जीतने का टारगेट रखा है. 2022 विधानसभा चुनाव के बाद से ही बीजेपी की नजर सपा को कोर यादव वोटबैंक पर है. बीजेपी दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ के जरिए सपा के मजबूत आजमगढ़ में फतह करने के बाद 2024 में यादव बेल्ट में भी 'कमल' खिलाने की रणनीति बनाई है. ऐसे में मुलायम के करीबी रहे चौधरी हरिमोहन यादव के पुण्यतिथि के जरिए बीजेपी मिशन 2024 को पूरा करने के लिए सपा के यादव वोट बैंक में सेंधमारी करने का चक्रव्यूह रच रही है. 

सूबे में यादव बेल्ट में सेंधमारी का प्लान

यूपी में कानपुर से लेकर इटावा कन्नौज फर्रुखाबाद फिरोजाबाद आगरा तक एक समय चौधरी हरमोहन सिंह का यादव वोट बैंक पर दबदबा रहा, लेकिन पिछले कुछ वक्त से सपा का किला दरकता नजर आ रहा है. बीजेपी ने सेंधमारी के लिए पूरी तैयारी कर ली है. 2022 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले चौधरी हर मोहन सिंह के पौत्र मोहित यादव ने बीजेपी ज्वाइन कर ली और घूम घूम कर प्रदेश में यादव समाज से योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी की तारीफों के पुल बांध रहे हैं. 

चौधरी हरमोहन सिंह के बेटे सुखराम यादव सपा के कद्दावर नेता हैं और राज्यसभा सांसद रहे, जिनका कार्यकाल 5 जुलाई को ही खत्म हुआ है. सपा ने उन्हें इस बार राज्यसभा नहीं भेजा. वहीं, बीजेपी अब चौधरी हरमोहन सिंह यादव के परिवार को भाजपामय करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है. माना जा रहा है कि चौधरी हरिमोहन सिंह की पुण्यतिथि कार्यक्रम में पीएम मोदी के शामिल होने के बाद सुखराम यादव बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. 

सुखराम यादव क्या बीजेपी में होंगे शामिल

हालांकि, सुखराम यादव ने अभी अपने सियासी पत्ते नहीं खोले हैं और न ही कोई अधिकारिक ऐलान किया है, लेकिन पिछले दिनों सीएम योगी से मिले थे. सपा की कमान अखिलेश यादव के हाथों में आने से सुखराम यादव परिवार का सपा से मोहभंग हो गया है. इसी के बाद से बीजेपी उन्हें अपने साथ मिलाने के लिए तमाम तरह की कवायद कर रही है. बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से लेकर दिनेश शर्मा तक मेहरबान के पुरवा में चौधरी हरिमोहन सिंह के परिवार को साधने की कवायद कर चुके हैं और अब पीएम मोदी उनकी पुण्यतिति में शामिल हो रहे हैं. 

सूबे में मुलायम सिंह के बेहद करीबी नेता और यादव बेल्ट में मजबूत पकड़ रखने वाले यादव समाज के बड़े नेता सुखराम यादव को साथ लाकर बीजेपी ने सपा को एक बड़ा झटका देने का प्लान बनाया है. इसी मद्देनजर चौधरी हरमोहन सिंह की 10 वीं पुण्यतिथि में पीएम मोदी शिरकत करेंगे. इस मौके पर अखिल भारतीय यादव महासभा से जुड़े करीब 12 राज्यों के प्रतिनिधि भी इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. इस कार्यक्रम में पीएम की मौजूदगी से बीजेपी यादव समाज को बड़ा संदेश देना चाहती है. 

यूपी में यादव वोटर निर्णायक भूमिका में

बीजेपी सूबे में सपा के उस यादव वोट बैंक को अपने साथ जोड़ने के लिए कदम बढ़ा रही है, जो यूपी के सियासत में सबसे अहम भूमिका निभाया. पिछड़ों और अति पिछड़े वोटबैंक साधने में जुटी बीजेपी के लिए यादव समुदाय सबसे महत्वपूर्ण हो जाता है. ऐसे में अगर हरमोहन सिंह यादव का परिवार पूरी तरह बीजेपी का झंडा उठा लेता है तो यह भाजपा के लिए बड़ी सियासी बढ़त होगी और समाजवादी पार्टी के मजबूत किले पर बड़ा कब्जा. 

कानपुर नगर और देहात जिल के इलाके में चौधरी सुखराम सिंह की यादव समाज और ओबीसी वोट बैंक में अच्छी पकड़ मानी जाती है. अखिल भारतीय यादव महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं, जिसके चलते यादव समाज के बीच बेहतर पकड़ रखते हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी की नजर ओबीसी के साथ-साथ यादव वोटबैंक पर पूरी तरह से अपनी पकड़ को मजबूत करनी की है. ऐसे में बीजेपी सुखराम को अपने साथ मिलाकर अखिलेश के हार्ड कोर वोटबैंक में सेंध लगाना चाहती है. 

दिलचस्प बात यह है कि सुखराम सिंह यादव ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को कभी अपना नेता नहीं माना, क्योंकि वह आज भी मुलायम सिंह यादव को अपना नेता मानते हैं. हालांकि, चौधरी हरमोहन सिंह का जब 2012 में निधन हुआ तो पूरा यादव कुनबा शामिल हुआ था, लेकिन अब उनका सपा से मोहभंग हो चुका है. सपा के साथ उनकी दूरियां जग जाहिर हो गई है. केंद्र और राज्य में भाजपा की सत्ता आने के बाद चौधरी परिवार के भी सुर बदल गए. यही वजह थी कि विधानसभा चुनाव से पहले चौधरी हरमोहन सिंह के पौत्र और सुखराम यादव के बेटे मोहित यादव ने भाजपा ज्वाइन कर चुके हैं और अब बारी उनके पिता की है.

लेबल:

कटरीना से शादी की चाहत... एक्ट्रेस को बताता है My Wife! इस सिरफिरे फैन ने दी विक्की-कैट को धमकी

कटरीना कैफ और उनके हसबैंड विक्की कौशल को जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं. एक शख्स सोशल मीडिया पर स्टार कपल को लगातार धमकियां दे रहा है. पुलिस ने अब धमकी देने वाले शख्स का पता लगा लिया है और उसे अपनी गिरफ्त में भी ले लिया है. 

गिरफ्तार हुआ आरोपी

नई जानकारी के मुताबिक, मुंबई पुलिस ने मनविंदर सिंह नाम के शख्स को गिरफ़्तार किया है. मनविंदर पेशे से एक स्ट्रगलिंग एक्टर है. बताया जा रहा है कि मनविंदर सिंह बॉलीवुड एक्ट्रेस कटरीना कैफ का बड़ा फैन है. वे कटरीना से शादी करना चाहता था, इसीलिए पिछले कुछ महीनों से वो लगातार सोशल मीडिया पर कटरीना और विक्की कौशल को परेशान कर रहा था. 

कटरीना और विक्की को धमकी देने वाला आरोपी शख्स मुंबई में ही रहता है. पुलिस ने आरोपी शख्स को आज गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस शख्स से पूछताछ कर रही है. 

इंस्टाग्राम पर आरोपी ने कटरीना को बताया वाइफ

पुलिस ने जिस आरोपी शख्स को अपनी गिरफ्त में लिया है, उसका इंस्टाग्राम अकाउंट देखकर आप भी दंग रह जाएंगे. इस शख्स ने इंस्टाग्राम पर अपना नाम King Aditya Rajput🇮🇳VVIP लिखा हुआ है. प्रोफाइल बायो में शख्स ने खुद को एक्टर बताया हुआ है. सबसे शॉकिंग ये है कि इस शख्स ने बायो में My Girlfriend/Wife @katrinakaif लिखा है. आरोपी ने कटरीना की ऑफिशियल आईडी को भी टैग कर रखा है. 

फैंस के फेवरेट कपल हैं कटरीना-विक्की

कटरीना और विक्की की बात करें तो दोनों ही फैंस के फेवरेट कपल हैं. कटरीना हाल ही में अपने हसबैंड और करीबी दोस्तों संग मालदीव में अपना बर्थडे मनाकर लौटी हैं. कटरीना और विक्की अपनी सिजलिंग केमिस्ट्री से फैंस को कपल गोल्स देते हैं. स्टार कपल को धमकी मिलने की बात सामने आते ही दोनों के फैंस टेंशन में आ गए थे. 

कटरीना कैफ और विक्की कौशल के वर्कफ्रंट पर नजर डालें तो दोनों की कई फिल्में पाइपलाइन में हैं. कटरीना की अपकमिंग फिल्मों में मैरी क्रिसमस, टाइगर 3, फोन भूत, जी ले जरा शामिल हैं. वहीं विक्की कौशल की गोविंदा नाम मेरा, द ग्रेट इंडियन फैमिली रिलीज होगी. 

लेबल: