शुक्रवार, 30 दिसंबर 2022

जिला परिषद में दवाइयों के प्रतिष्ठानों पर ड्रग्स विभाग की छापेमारी, 12 दुकानों से सैंपल लिए

जनपद में लम्बे समय से नशीली दवाईंयों का कारोबार फल फूल रहा है। जिसके चलते युवा भ्रमित हो कर नशे के आगोश में जा रहे। नए साल पर नशीली दवाईंयों की भी डिमांड बढ जाती है, इसी को देखते हुए जिला परिषद मार्केट में नशीली दवाइयों के कारोबार की शिकायत पर छापेमारी हुई। परीरीक्षण के दौरान12 प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण कर पांच प्रकार की औषधियों के नमूने एकत्रित किए। क्रय अभिलेख न दिखाए जाने पर छापामार कार्रवाई के दौरान लगभग बारह लाख रुपए की औषधियों की बिक्री पर रोक लगाई गई। 
असिस्टेंट कमिश्नर ड्रग सचिव मोहन गुप्ता के नेतृत्व में ड्रग इंस्पेक्टर की टीम ने विभिन्न दवा एजेंसियों पर बारीकी से जांच की।
 इस दौरान छापेमारी से जिला परिषद मार्केट में हड़कंप मच गया। उन्होंने मीडिया को बताया कि शिकायत मिलने पर कार्रवाई की गई है। असिस्टेंट कमिश्नर ड्रग सचिव शशिमोहन गुप्ता के साथ औषधि प्रशासन विभाग की टीमें दोपहर के समय जिला परिषद मार्केट पहुंची। इस दौरान टीम ने गहनता से दवा एजेंसी पर छापे मारी की। 

इस दौरान टीम के पहुंचने पर दवा एजेंसी मालिकों में दहशत फैल गई। उन्होंने बताया कि सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और शामली के ड्रग इंस्पेक्टरों की टीमें बनाकर जिला परिषद की विभिन्न मेडिकल एजेंसी की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान अधो मानक, नकली और प्रतिबंधित दवाइयों की सप्लाई और उनमें बरती गई अनियमितता की भी जांच की जा रही है। पश्चिमी यूपी के जिलों में नशीली दवा सप्लाई की शिकायत लगातर मिल रही है।

सहारनपुर सहित शामली व मुजफ्फरनगर की संयुक्त टीम ने की छापेमारी

सहायक आयुक्त औषधि सहारनपुर मंडल सहारनपुर के निर्देशन पर जनपद के जिला परिषद मार्केट में छापामार कार्रवाई की गई। छापामार कार्रवाई में टीम के सदस्य के रूप में औषधि निरीक्षक शामली निधि पांडे, औषधि निरीक्षक सहारनपुर लवकुश प्रसाद व औषधि निरीक्षक पवन कुमार शाक्य शामिल रहे।

आसपास के राज्यों में होती है दवाइयां सप्लाई

जिला परिषद मार्केट से पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और आसपास के राज्यों में दवाइयां सप्लाई की जाती है। दवाइयों का बड़ा मार्केट होने के कारण जिला परिषद में हर समय दवा खरीदारों की भारी भीड़ रहती है। लम्बे समय से जनपदों में जिला परिषद मार्केट से नशीली दवाइयों की सप्लाई की जा रही है। इसकी शिकायत औषधि प्रशासन विभाग को मिल रही थी। शिकायत के बाद सहायक कमिश्नर ड्रग शशि मोहन गुप्ता के नेतृत्व में औषधि निरीक्षक की टीम को छापेमारी के लिए भेजा गया है।

जांच के दौरान अधो मानक, नकली और प्रतिबंधित दवाइयों की सप्लाई और उनमें बरती गई अनियमितता की भी जांच की गई। 12 प्रतिष्ठानों से नमुने लिए गए है। बिल नहीं होने पर लगभग बारह लाख रुपए की औषधियों की बिक्री पर रोक लगाई गई।

सहायक कमिश्नर ड्रग शशि मोहन गुप्ता

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