नारी सशक्त की मिसाल बने 3726 स्वयं सहायता समूह
नारी आज के बदलते परिवेश में जिस तरह पुरूष वर्ग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रगति की और अग्रसर हो रही है, वह समाज के लिए एक गर्व की बात है। राजनीति, टेक्नोलोजी, सुरक्षा समेत हर क्षेत्र में महिलाओं को कामयाबी मिल रही है। वर्तमान में ऐसी कोई जगह शेष नहीं है जहां पर महिलाओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज न कराई हो। जनपद में करीब 3726 स्वयं सहायता समूह सक्रिय है। इन महिलाओं ने अन्य महिलाओं को भी जागरूक करने का कार्य किया है। जनपद में करीब 176 विद्युत सखी है। यह महिलाए बिजली बिल आदि जमा करने का कार्य कर रही है। वहीं करीब 356 बीसी सखी है। ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं अब डिजिटल मोड के माध्यम से लोगों के घर पर बैंकिंग सेवाएं और पैसे का लेनदेन कर रही है। बीसी सखी पेटीएम मशीन के माध्यक से कार्य कर रही है। इसके अलावा जनपद में करीब 197 समूह सखी है। समूह सखी की महिलाए अन्य महिलाओं के बैंकों में खाते खुलवाने, सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाने आदि कार्य कर रही है। इसके लिए इन महिलाओं को करीब 1500 रुपए प्रतिमाह मानदेय मिल रहा है। जनपद में करीब 157 आईसीआरपी है। इन महिलाओं का कार्य जिन गांव में समूह नहीं बने हुए है वहां पर जाकर समूह का गठन कराती है। एक गांव में यह करीब 15 दिन रहती है। इस कार्य के लिए प्रत्येक महिला को 500 रुपए प्रतिदिन मानदेय मिलता है। वहीं 60 बैंक सखी महिलाए है। यह महिलाए गरीब महिलाओं को बैंकों में लेन देन का कार्य, बीमा करवाना आदि कार्य करती है। इसके लिए करीब 3250 रुपए मानदेय मिलता है। इसके अलावा 478 स्वच्छता सखी है। इन महिलाओं को 6 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय मिलता है।
लेबल: मुजफ्फरनगर ब्रेकिंग
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