मुजफ्फरनगर में होगा TB रोगियों का सर्वे:10 टीमें की गईं रवाना, सीएमओ ने हरी झंडी दिखाकर की अभियान की शुरुआत
टीबी फ्री सब नेशनल सर्टिफिकेशन 2022 के लिए जिले के सभी ब्लॉक में ब्लाक मीरापुर, मोरना, जानसठ, पुरकाजी, बघरा, बुढ़ाना, चरथावल व खतौली और सदर में जिला क्षय रोग विभाग की 10 टीमें सर्वे करेंगी। इसके लिए वॉलेंटियर्स की टीम बनायी गयी है।
ये टीमें घर-घर जाकर टीबी के मरीज खोजेंगी। इस अभियान की शुरुआत सोमवार को जिला अस्पताल स्थित जिला क्षय रोग विभाग से हुई। सीएमओ डॉ. महावीर सिंह ने टीम को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
सीएमओ डॉ महावीर सिंह फौजदार ने कहा कि टीबी के जीवाणु हवा से फैलते हैं। जब किसी व्यक्ति के फेफड़ों या गले में टीबी के जीवाणु होते हैं तो उसके खांसते, छींकते, बोलते और हंसते समय जीवाणु हवा में फैल जाते हैं। टीबी के जीवाणु हवा में काफी समय तक रह सकते हैं। इस फैलाव को रोकने के लिए जरूरी है कि पीड़ित खांसते या छींकते समय अपने मुंह को रूमाल या तौलिए से ढक लें। मॉस्क लगाना एक बेहतर उपाय हो सकता है।
2021 में मुजफ्फरनगर को मिल चुका कांस्य पदक
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. लोकेश चंद्र गुप्ता ने बताया कि टीबी मरीजों को चिन्हित कर टीबी मुक्त करने की कवायद तेजी पर है। "टीबी फ्री सब नेशनल सर्टिफिकेशन वर्ष 2021" के तहत जनपद के सभी ब्लाक मीरापुर, मोरना, जानसठ, पुरकाजी, बघरा, बुढ़ाना, चरथावल व खतौली और सदर में सर्वे कराया गया था, जिसमें जिला क्षय रोग विभाग को इसके लिए कांस्य पदक मिला था।
टीबी फ्री सब नेशनल सर्टिफिकेशन 2022 के लिये कवायद
2023 में "टीबी फ्री सब नेशनल सर्टिफिकेशन 2022" के लिए विभाग की ओर से एसडी कॉलेज ऑफ फार्मेसी मुजफ्फरनगर से वॉलेंटियर की 10 टीम बनाई गई हैं, जो जिले के हर ब्लॉक में सर्वे करेगी और घर-घर जाकर टीबी मरीज खोजेंगी। इस अभियान में 2015 में मिले टीबी मरीजों से तुलना की जाएगी, जिससे यह पता लगाया जा सके कि कितने मरीज टीबी मुक्त हुए हैं। उन्होंने बताया- 2023 में जिला क्षय रोग विभाग "टीबी फ्री सब नेशनल सर्टिफिकेशन 2022" सिल्वर मेडल के लिए काम कर रहा है।
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