60 घंटे बाद भी अंजलि की मौत पर साफ नहीं पुलिस की थ्योरी

देश की राजधानी दिल्ली में उस रात एक लड़की को मौत की सौगात मिली, जब पूरा देश नए साल का जश्न मना रहा था. मगर हैरानी की बात ये है कि देश की सबसे तेज तर्रार कहलाने वाली पुलिस यानी दिल्ली पुलिस जांच के करीब 60 घंटे बीत जाने के बाद भी इस मामले में तस्वीर साफ नहीं कर पा रही है. पहले दिन से ही इस केस में पुलिस की थ्योरी पर सवाल उठ रहे हैं. सही कहें तो इस मामले में कई ऐसे सवाल हैं, जिनके जवाब केवल दिल्ली पुलिस को ही देने हैं.
क्या हुआ था उस रात?
इससे पहले कि हम उन सवालों पर बात करें, आइए एक बार जान लेते हैं कि यह पूरा मामला क्या है? दरअसल, 31 दिसंबर और 1 जनवरी की दरमियानी रात दिल्ली पुलिस को एक पीसीआर कॉल मिली थी. जिसके मुताबिक, सुल्तानपुरी से कंझावला इलाके तक एक कार करीब 12 किलोमीटर तक एक लड़की को घसीटते हुए ले गई थी. लड़की के शरीर में काफी चोटें आईं थीं. लड़की के शरीर से सारे कपड़े अलग हो गए थे. इसके बाद उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया था. लड़की के शरीर से सारे कपड़े भी निकल गए थे. उसका पूरा शरीर क्षति-विक्षत हो गया था. दोनों पैर तक कट गए. लड़की एक इवेंट कंपनी में काम करती थी. घटना के समय रात में वह अपनी ड्यूटी से लौट रही थी. उस वक्त दिल्ली पुलिस इस मामले को एक एक्सीडेंट बताकर पल्ला झाड़ रही थी.
उस शाम 6 बजे घर से निकली थी अंजलि
बाद में दिल्ली पुलिस ने बताया कि स्कूटी के नंबर से उन्होंने लड़की को आइडेंटिफाई किया है. जानकारी के मुताबिक, 31 दिसंबर की शाम करीब 6 बजे अमन विहार निवासी लड़की घर से यह कहकर निकली थी कि उसे पार्टी (ईवेंट कंपनी) का कुछ काम है. रात 9 बजे लड़की ने घर फोन किया और कहा कि वह रात में वापस आएगी. परिवार का कहना है कि उन्होंने रात 10 बजे लड़की को फोन किया था, लेकिन फोन बंद था. दिल्ली पुलिस ने अगले दिन यानी 1 जनवरी की सुबह 8 बजे परिवार को दुर्घटना के बारे में बताया था.
कार ने मारी थी स्कूटी को टक्कर
घटना के बाद जब पुलिस ने मामले की जांच की तो पता चला कि 5 कार सवार युवकों ने युवती की स्कूटी को टक्कर मारी थी. इसके बाद लड़की किसी तरह से कार के नीचे फंस गई और कार के साथ घिसटती चली गई. तब आरोपियों को इसका पता नहीं चला था. आरोपियों ने कुछ दूर जाने के बाद जब कार मोड़ी तब उन्होंने लाश को कार के नीचे फंसे देखा. और वे लाश को सड़क पर छोड़कर वहां से भाग निकले थे. इसके बाद पुलिस ने घटना में इस्तेमाल की गई कार बरामद कर ली और सभी 5 आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया. लेकिन पुलिस की इस थ्योरी पर लगातार सवाल उठ रहे हैं.
पुलिस की थ्योरी पर सवाल
पुलिस ने इस मामले में सोमवार को पहली बार मीडिया से बात की. दिल्ली पुलिस के स्पेशल ने खुद स्वीकार करते हुए बताया था कि आरोपियों की कार ने लड़की को 4 नहीं बल्कि करीब 12 किमी तक घसीटा था. ऐसे में सवाल उठता है कि जब 31 दिसंबर की रात नए साल के जश्न को मद्देनजर रखते हुए दिल्ली पुलिस ने जगह-जगह नाके लगाकर चेकिंग करने का दावा किया था.
- तो आरोपियों की कार पुलिस की नजर से कैसे बच गई?
- कैसे कंझावला और सुल्तानपुरी के बीच तैनात पुलिसवालों को कार में फंसी लड़की दिखाई नहीं दी?
- क्या एक्सीडेंट की जगह से लेकर लाश फेंके जाने वाली जगह तक यानी करीब 11 किमी लंबे रास्ते में कहीं भी कोई पुलिस नाका या पुलिसवाले मौजूद नहीं थे?
दूसरी लड़की को क्यों छुपाया गया?
अब इस मामले में एक नया सीसीटीवी फुटेज सामने आया है. जिसमें अंजलि रात 1 बजकर 45 मिनट पर एक होटल से नए साल की पार्टी करके निकलती दिखाई दे रही है. इतना ही नहीं अंजलि के साथ उसकी दोस्त भी नजर आ रही है. फिर वो दोनों स्कूटी पर भी साथ जाती हुई दिखाई देती हैं. पहले स्कूटी अंजलि की सहेली चला रही थी. बाद में अंजलि स्कूटी चलाती हुई दिख रही है. साथ ही ये भी पता चला है कि एक्सीडेंट के वक्त स्कूटी पर अंजिल और उसकी दोस्त दोनों ही सवार थे. लेकिन घटना के बाद वो लड़की अपने घर चली गई थी. ऐसे में सवाल हैं कि-
- अगर एक्सीडेंट में अंजलि के साथ दूसरी लड़की भी घायल हुई थी, तो उसने इस बारे में पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी?
- वो दूसरी लड़की अंजलि को घटना स्थल पर छोड़कर कैसे और क्यों अपने घर चली गई थी?
- अगर पुलिस ने 24 घंटे पहले ही उस लड़की का पता लगा लिया था, तो उसके बारे में क्यों नहीं बताया गया?
- पुलिस उस लड़की से पूछताछ कर रही थी, तो उस लड़की ने क्या बताया? ये जानकारी क्यों नहीं दी जा रही?
कौन हैं हिरासत में लिए गए दूसरे लोग?
जब दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर ने इस मामले को लेकर मीडिया को जानकारी दी थी, तो ये भी बताया गया था कि इस मामले में कार में सवार पांच आरोपियों के साथ-साथ अन्य कुछ लोगों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. तो ऐसे में सवाल है कि-
- पुलिस जिन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है, वो कौन हैं?
- पुलिस हिरासत में रखे गए उन लोगों को इस केस से क्या संबंध हैं?
- क्या हिरासत में लिए गए लोगों का दोनों लड़कियों से कोई कनेक्शन है?
- पुलिस उन लोगों की पहचान और उनसे मिली जानकारी क्यों नहीं बता रही है?
पोस्टमॉर्टम में रेप की पुष्टि नहीं
दिल्ली को दहला देने वाली इस वारदात के बाद मंगलवार को अंजलि की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आ गई. जिसके मुताबिक कार के नीचे घिसटने से मारी गई अंजलि के साथ के रेप की पुष्टि नहीं हुई है. यानी उसके साथ बलात्कार नहीं किया गया था. ना ही ऐसे कोई सबूत मिले हैं. अब इस मामले में पुलिस एफएसएल रिपोर्ट का इंतजार कर रही है.
ये हैं अंजलि के गुनहगार-
1. दीपक खन्ना पुत्र राजेश खन्ना, उम्र 26 वर्ष. ग्रामीण सेवा में चालक के पद पर कार्यरत है.
2. अमित खन्ना पुत्र स्वर्गीय राज कुमार खन्ना, उम्र 25 वर्ष. उत्तम नगर में एसबीआई कार्ड्स के लिए काम करता है.
3. कृष्ण पुत्र काशी नाथ, उम्र 27 वर्ष. सीपी नई दिल्ली में स्पेनिश कल्चर सेंटर में काम करता है.
4. मिथुन पुत्र शिव कुमार, उम्र 26 वर्ष. नरैना में हेयर ड्रेसर का काम करता है.
5. मनोज मित्तल पुत्र सुरेंद्र मित्तल, उम्र 27 वर्ष. पी ब्लॉक सुल्तान पुरी में राशन डीलर के पद पर कार्यरत है.
पुलिसवालों पर लापरवाही का इल्जाम
इस हादसे के चश्मदीद दीपक ने दावा किया है कि हादसे के बाद वो सुबह 5 बजे तक पुलिस के संपर्क में रहा, कोई मौके पर नहीं आया. दीपक ने कहा- उसने बेगमपुर तक बलेनो कार का पीछा किया. आरोप है कि पीसीआर वैन में मौजूद पुलिस ने रिस्पॉन्स नहीं दिया और केस के बारे में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. दीपक का दावा है कि शव के उलझने तक कार इधर-उधर दौड़ती रही. शव गिरने के बाद आरोपी मौके से भाग गए. प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार कार सामान्य गति में थी और देखने से लग रहा था कि वे होश में हैं. दीपक का कहना था कि वो लगभग 3.15 बजे दूध की डिलीवरी का इंतजार कर रहा था, तभी उन्होंने एक कार को आते देखा. पीछे के पहियों से जोर की आवाज आ रही थी.
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