पुलिस हेडक्वार्टर में IT सेल चीफ की गिरफ्तारी पर भड़के अखिलेश
समाजवादी पार्टी के ट्विटर हैंडल के संचालक मनीष जगन अग्रवाल की गिरफ्तारी के बाद अखिलेश यादव पुलिस मुख्यालय पहुंच गए. उन्हें आता देख कई पुलिस अफसर उनके पास पहुंच गए और उनके लिए चाय मंगवाने लगे. इसपर अखिलेश यादव ने पुलिस मुख्यालय की चाय पीने से किया इनकार कर दिया. उन्होंने कहा- हम यहां की चाय नहीं पियेंगे. हम अपनी (चाय) लाएंगे, कप आपका ले लेंगे. हम नहीं पी सकते, जहर दे दोगे तो? हमें भरोसा नहीं. हम बाहर से मंगा लेंगे.
लखनऊ की हजरतगंज पुलिस थाना पुलिस ने मनीष जगन अग्रवाल को रविवार सुबह गिरफ्तार कर लिया है. समाजवादी पार्टी के टि्वटर हैंडल से की गई अभद्र टिप्पणी को लेकर हजरतगंज कोतवाली में तीन केस दर्ज कराए गए थे. बताया गया है कि मनीष जगन अग्रवाल ही सपा का टि्वटर अकाउंट हैंडल करता था और वह सीतापुर का रहने वाला है.
वहीं, 6 जनवरी को लखनऊ में बीजेपी युवा मोर्चा की सोशल मीडिया इंचार्ज डॉ. ऋचा राजपूत ने समाजवादी पार्टी मीडिया सेल नाम के टि्वटर हैंडल पर रेप और जान से मारने की धमकी दिए जाने पर मुकदमा दर्ज करवाया था. मनीष जगन के खिलाफ FIR में सपा के मीडिया समन्वयक आशीष यादव और पूर्व एमएलसी उदयवीर सिंह का नाम भी शामिल किया गया है.
स्वामी प्रसाद मौर्य समेत समाजवादी पार्टी के तमाम कार्यकर्ता डीजीपी मुख्यालय के गेट नंबर 2 पर धरने पर बैठ गए हैं. इस दौरान वे मनीष जगन अग्रवाल की रिहाई को लेकर नारेबाजी कर रहे हैं.
बीजेपी ने अखिलेश के बयान पर बोला हमला
वहीं अखिलेश यादव के इस बयान पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने पटलवार किया. उन्होंने कहा कि अखिलेश का बयान चौंकाने वाला है. उन्होंने ट्वीट किया- अखिलेश यादव ने आतंकवादियों पर भरोसा किया और उन्हें रिहा कर दिया लेकिन यूपी पुलिस पर संदेह करते हैं! अखिलेश अल कायदा के आतंकियों का बचाव करते हैं लेकिन यूपी पुलिस पर शक करते हैं.
पुलिस मुख्यालय में कोई जिम्मेदार मौजूद नहीं
वहीं पुलिस मुख्यालय पहुंच पर जब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को कोई आलाधिकारी नहीं मिला. इस पर सपा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया- मुख्यालय में कोई जिम्मेदार व्यक्ति मौजूद नहीं. वहीं समाजवादी पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल को सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा कई बार रीट्वीट किया गया था. कथित तौर पर कहा जाता है कि मनीष जगन अग्रवाल अपने ट्वीट में सभी के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं. अब मनीष अग्रवाल की गिरफ्तारी के बाद समाजवादी पार्टी ने उन्हें रिहा करने के लिए ट्वीट किया- "यह लखनऊ पुलिस की बेशर्म हरकत है".
ऋचा राजपूत ने दर्ज कराया था केस
6 जनवरी को लखनऊ में बीजेपी युवा मोर्चा की सोशल मीडिया इंचार्ज डॉ. ऋचा राजपूत ने समाजवादी पार्टी मीडिया सेल नाम के टि्वटर हैंडल पर रेप और जान से मारने की धमकी दिए जाने पर हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था. ऋचा ने कहा था, 'समाजवादी पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जान से मारने और बलात्कार की धमकी दी जा रही है, मुझे कुछ होता है तो उसकी जिम्मेदारी अखिलेश यादव की होगी.'
इससे पहले सपा मीडिया सेल @MediaCellSP नाम के अकाउंट पर आरएसएस से जुड़े प्रमोद कुमार पांडे ने विभूति खंड थाने में केस दर्ज करवाया था. उन्होंने भी अभद्र भाषा का उपयोग करने का इल्जाम लगाया था.
इससे पहले बीजेपी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल के खिलाफ अदालत में परिवाद दायर किया है, जिसमें उन्होंने समाजवादी पार्टी के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल द्वारा लगातार परिवार और अन्य मामलों पर धमकी और अभद्र भाषा की जाने का आरोप लगाया था.
साथ ही एक महिला पत्रकार समय दो पत्रकारों ने भी सपा मीडिया सेल @MediaCellSP के खिलाफ लखनऊ के अलग-अलग स्थानों में अपनी शिकायत दर्ज करवाई थी.
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