घोटाले के आरोपी ओएसडी वीरपाल सिंह को अग्रिम जमानत देने से इन्कार
सार
प्रयागराज
सीबीआई ने गाजियाबाद की विशेष अदालत में घोटाले में लिप्त कई अधिकारियों के खिलाफ दाखिल चार्जशीट में अग्रिम जमानत पर रिहाई की मांग के लिए अर्जी दी गई थी। कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति डीके सिंह ने वीरपाल सिंह की अर्जी पर दिया है। सीबीआई के वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश तथा संजय यादव ने अर्जी का विरोध किया।
विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण भूमि खरीद घोटाले के आरोपी ओएसडी वीरपाल सिंह को अग्रिम जमानत देने से इन्कार कर दिया है। प्राधिकरण के सीईओ सहित तमाम अधिकारियों तथा उनके संबंधियों की ओर से पहले सस्ती जमीन खरीद कर प्राधिकरण को काफी अधिक कीमत में बेच कर धोखाधड़ी तथा भ्रष्टाचार का आरोप है।
सीबीआई ने गाजियाबाद की विशेष अदालत में घोटाले में लिप्त कई अधिकारियों के खिलाफ दाखिल चार्जशीट में अग्रिम जमानत पर रिहाई की मांग के लिए अर्जी दी गई थी। कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति डीके सिंह ने वीरपाल सिंह की अर्जी पर दिया है। सीबीआई के वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश तथा संजय यादव ने अर्जी का विरोध किया।
पहले पुलिस ने गौतमबुद्धनगर के कासना थाने में एफ आईआर दर्ज कराई थी। सह अभियुक्त प्राधिकरण के सीईओ पीसी गुप्ता के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करते हुए कहा गया कि घोटाले में कई अन्य अधिकारी भी लिप्त है। पुलिस ने विशेष अदालत, भ्रष्टाचार निरोधक, मेरठ में 18 सितंबर 2018 को चार्जशीट दाखिल की। इसके बाद आठ अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की गई।
राज्य सरकार ने 14 अक्तूबर 19 को मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी और सीबीआई ने गाजियाबाद थाने में दोबारा एफ आईआर दर्ज कर जांच शुरू की। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने 96 करोड, 33 लाख, 65 हजार 575 रुपये की जमीन खरीदी। इसके लिए एक कमेटी गठित की गई थी. जिसे आगरा, मथुरा, अलीगढ़ तथा हाथरस में रिहायशी क्षेत्र के लिए सात फीसदी जमीन चिन्हित करनी थी।
याची कमेटी का ओएसडी था। दो तहसीलदार तथा प्रोजेक्ट मैनेजर सदस्य थे। 2 से 3 माह पहले सीईओ सहित अन्य अधिकारियों तथा उनके संबंधियों ने जमीन खरीदी और ऊंचे दाम पर उसे प्राधिकरण को बेच दिया। सीबीआई चार्जशीट में पूरा चार्ट दाखिल किया गया है। कोर्ट ने आरोप की गंभीरता को देखते हुए अग्रिम जमानत देने से इन्कार कर दिया।
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