बुधवार, 31 अगस्त 2022

इलाहाबाद हाई कोर्ट का बड़ा फैसला; ओबीसी की 18 जातियों को SC में शामिल करने वाले नोटिफिकेशन रद्द

प्रयागराज:इलाहाबाद हाई कोर्ट (allahabad high court) ने यूपी में ओबीसी की 18 जातियों (18 obc casts in sc category) को एससी कैटेगरी में शामिल करने वाले तीन नोटिफिकेशन रद्द कर दिए हैं। ये सपा और बीजेपी शासन काल में जारी किए गए थे। हाई कोर्ट ने 24 जनवरी 2017 को सर्टिफिकेट जारी करने पर रोक लगाई थी। इससे पहले 21 और 22 दिसंबर 2016 को तत्कालीन अखिलेश सरकार में जारी हुआ था नोटिफिकेशन। इसके बाद 24 जून 2019 को भी योगी सरकार में जारी हुआ था नोटिफिकेशन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने तीनों नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया है

हालांकि इससे पहले 2005 में मुलायम सिंह सरकार ने भी नोटिफिकेशन जारी किया था। लेकिन बाद में यह नोटिफिकेशन वापस ले लिया गया था। याचिकाकर्ता की दलील थी की ओबीसी जातियों को एससी कैटेगरी में शामिल करने का अधिकार केवल भारत की संसद को है, राज्यों को इस मामले में कोई अधिकार नहीं दिया गया है। इसी आधार पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एससी सर्टिफिकेट जारी करने पर रोक भी लगाई हुई थी। इस मामले में राज्‍य सरकार की ओर से पिछले 5 साल से कोई काउंटर एफिडेविट दाखिल नहीं किया जा रहा था।

केवल संसद को है अधिकार'
महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्र ने कोर्ट को बताया कि नोटिफिकेशन को बनाए रखने का कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है, इस आधार पर कोर्ट ने तीनों नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया। कोर्ट में याची अधिवक्ता राकेश गुप्ता की ओर से दलील दी गई कि ओबीसी की जातियों को एससी में शामिल करने का अधिकार केवल भारत की संसद को है। संविधान के अनुच्छेद 341(2) के तहत संसद को ही यह अधिकार है, संसद ही अनुसूचित जातियों की सूची में संशोधन कर सकती है। इसलिए ये नोटिफिकेशन रद्द होने से 18 ओबीसी जातियों को एससी में शामिल नहीं किया जा सकेगा।

कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान अधिकारियों के रवैए पर भी तल्ख टिप्पणी की। कोर्ट ने संविधान के प्रावधानों का बार-बार उल्लंघन करने वाले अधिकारियों को दंडित करने को कहा।

ये हैं वे 18 जातियां
ओबीसी की वे जातियां जिन्हें एससी में शामिल करने का नोटिफिकेशन जारी हुआ था- मझवार, कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिंद, भर, राजभर, धीमान, बाथम, तुरहा, गोडिया, मांझी और मछुआ। यह जनहित याचिका डॉ भीमराव अम्बेडकर ग्रन्थालय एवं जनकल्याण समिति गोरखपुर के अध्यक्ष हरिशरण गौतम और इसी संस्था के सदस्य गोरख प्रसाद ने दायर की थी। हालांकि इस मामले में कोई सर्टिफिकेट नहीं जारी किए गए थे।
साल 2016 में सपा शासनकाल में जारी नोटिफिकेशन के बाद महाधिवक्ता हाईकोर्ट में पेश हुए थे, उन्होंने ओबीसी से एससी में शामिल जातियों को जाति सर्टिफिकेट जारी करने का आश्वासन दिया था। इस मामले में चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस जे जे मुनीर की डिवीजन बेंच में हुई सुनवाई।

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उत्तम क्षमा पर्व के साथ दशलक्षण पर्व का शुभारंभ

श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र वहलना मंदिर में दशलक्षण पर्व का शुभारंभ बड़ी भक्ति भाव के साथ किया गया। जैन धर्म के दशलक्षण पर्व बुधवार से शुरू हो गए हैं। अगले 10 दिनों तक मन को शुद्ध करने वाले 10 नियमों का पालन करने हेतु प्रेरित किया जाता है, जिसका समस्त जैन समाज द्वारा पालन किया जाता है।

इस अवसर पर श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र वहलना में बड़े भक्ति भाव के साथ नित्य नियम पूजन प्रक्षाल एवं शांति धारा का आयोजन किया गया। श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र वहलना प्रबंध कमेटी के महामंत्री संजय जैन (नावला वाले, पारस टीएमटी) ने अवगत कराया कि आज प्रथम दिवस उत्तम क्षमा पर्व है। कुछ व्यक्तियों का क्रोध बहुत लंबे समय तक रहता है, कुछ व्यक्तियों का क्रोध थोड़ी देर के लिए रहता है। क्रोध एक विभाव है, एक तलवार है, जो मधुर संबंधों को काटता रहता है। क्रोध अग्नि की भट्टी है, पल भर का आवेश कई दिनों की शक्ति को नष्ट कर देता है एवं विवेक का दीपक बुझा देता है। क्रोध के दुष्परिणामों को जानकर हर व्यक्ति को अपने अंदर क्षमा भाव रखना चाहिए। आज का क्षमा पर्व यही कहता है कि कभी भी किसी से बदला लेने की भावना अपने अंदर नहीं लानी चाहिए। आपस में क्षमा याचना करके तुरंत भेदभाव को दूर कर देना चाहिए। नित्य नियम पूजन प्रक्षाल में विजय जैन, मनीष जैन, विपिन जैन, सतीश जैन, विप्लव जैन, अमित जैन, वैभव जैन, रोहित जैन, दिनेश जैन, अमन जैन, शशांक जैन, आशीष जैन आदि के साथ काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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Asia Cup: आईसीसी का बड़ा एक्शन, भारत-पाकिस्तान की टीम पर लगाया जुर्माना

एशिया कप 2022 में 28 अगस्त को जब भारत और पाकिस्तान की टीमें आमने-सामने थीं, तब फैन्स को काफी मज़ा आया. क्योंकि यह मैच काफी दमदार हुआ था और आखिरी ओवर में जाकर नतीजा पता लगा. लेकिन इस रोमांचक मैच के बीच दोनों ही टीमों पर जुर्माना लगाया गया है. 

आईसीसी द्वारा भारत और पाकिस्तान की टीम पर 40 फीसदी का जुर्माना लगाया गया है, यह स्लो ओवर रेट की वजह से हुआ है. दोनों ही टीमों ने अपनी फील्डिंग के वक्त ओवर पूरे करने में तय वक्त से ज्यादा समय लिया. 

यह जुर्माना खिलाड़ियों की मैच फीस के हिसाब से लगता है, यानी कि भारतीय टीम को इसमें ज्यादा घाटा हुआ है. क्योंकि पाकिस्तानी खिलाड़ियों के मुकाबले भारतीय खिलाड़ियों की मैच फीस काफी ज्यादा है.

आईसीसी के बयान में क्या?

मैच रेफरी जेफ क्रोए के मुताबिक, रोहित शर्मा और बाबर आजम दोनों ही कप्तान तय समय से करीब दो ओवर पीछे चल रहे थे. आईसीसी ने अपने बयान में बताया है कि खिलाड़ियों और उनके सहयोगी स्टाफ के लिए धीमी ओवर गति से संबंधित आईसीसी आचार संहिता के अनुच्छेद 2.22 के अनुसार खिलाड़ियों पर निर्धारित समय में एक ओवर कम करने पर मैच फीस का 20 प्रतिशत जुर्माना लगाया जाता है.

आईसीसी का कहना है कि दोनों कप्तानों ने अपनी गलती स्वीकार की और उन्हें जुर्माना मंजूर है इसलिए औपचारिक सुनवाई की जरूरत नहीं पड़ी. मैदानी अंपायर मसूदुर रहमान और रुचिरा पिल्लियागुरुगे, तीसरे अंपायर रवींद्र विमलासिरी और चौथे अंपायर गाजी सोहेल ने दोनों टीम पर यह आरोप लगाए थे.

मैच का ये था सार

भारत और पाकिस्तान के बीच हुए मैच की बात करें तो टीम इंडिया ने इसमें पांच विकेट से जीत हासिल की थी. पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 147 का स्कोर बनाया था, जवाब में भारत ने आखिरी ओवर में इस लक्ष्य को हासिल कर लिया था. भारत की तरफ से हार्दिक पंड्या ने मैच जिताऊ पारी खेली थी, जिसमें उन्होंने 17 बॉल में 33 रन बनाए थे और 3 विकेट भी लिए थे. 

 

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UP: टीचर ने पीटा तो स्कूल बैग में अवैध कट्टा लेकर पहुंचा 10वीं का छात्र, स्कूल में मचा हड़कंप

संगम नगरी प्रयागराज में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां 10वी का छात्र अपने स्कूल अवैध असलहा लेकर पहुंच गया लेकिन स्कूल में चेकिंग के दौरान उसको पकड़ लिया गया. स्कूल के टीचर लड़के को थाने ले आये और पुलिस को सौंप दिया. पुलिस अब लड़के से अवैध असलहे के बारे में जानकारी जुटा रही है. मामला सोरांव थाना इलाके का है.

दरअसल, 15 साल का लड़का अब्दालपुर खास में एक स्कूल में कक्षा 10वीं में पढ़ता है. उसने अपने बैग में अवैध असलहा रखा था. जब वो स्कूल आया तो चेकिंग की गई तो उसमें एक कट्टा निकला. ये देखकर स्कूल में हड़कंप मच गया. टीचरों ने लड़के को पकड़ा और थाने लेकर आ गए. इसके बाद पुलिस उससे पूछताछ कर रही है.

थाना इंचार्ज अशोक कुमार के मुताबिक, लड़के से अवैध असलहे के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. वहीं लोगों में चर्चा है कि छात्र को स्कूल में किसी बात को लेकर टीचर ने खूब डांट लगाई थी और सबके सामने मुर्गा भी बना दिया था, जिससे वो नाराज था और दूसरे दिन बैग में कट्टा लेकर टीचर को धमकाने पहुंचा था.

पुलिस की पूछताछ में ये भी पता लगा कि आरोपी लड़के ने किसी दूसरे लड़के से ये अवैध असलहा खरीदा था. पुलिस ने दोनों लड़को को हिरासत में ले लिया है. आरोपी दोनों लड़को के खिलाफ मामला भी दर्ज कर लिया है.

फेल होने पर टीचर को बांधकर पीटा

इससे पहले झारखंड के दुमका में अजीबोगरीब मामला सामना आया था. गोपीकांदर अनुसूचित जनजाति आवासीय उच्च विद्यालय के छात्रों ने असिस्टेंट टीचर कुमार सुमन और क्लर्क सोनेराम चौड़े को आम के पेड़ से बांधकर मारपीट की. कुछ देर के बाद ही दोनों को खोल दिया गया, जिसके बाद कुमार सुमन ने गोपीकांदर पहुंचकर अपना इलाज करवाया. 

छात्रों ने मारपीट का वीडियो भी बनाया है, जो कि सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. छात्रों ने बताया कि उन्हें प्रैक्टिकल में नंबर नहीं दिए गए, जिसके कारण वे लोग फेल हो गए. इस पर छात्रों ने अपना आपा खो दिया. छात्रों ने कुमार सुमन और लिपिक सोनेराम चौड़े के साथ हाथपाई करते हुए उन्हें विद्यालय परिसर में आम के पेड़ से बांधकर खूब पीटा.

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UP Gold Silver Price Today: लखनऊ, आगरा, बरेली, मेरठ और कानपुर में लुढ़का सोना-चांदी, गोरखपुर में सोना महंगा

UP Gold Silver Price 31 August : भारतीय सर्राफा बाजार ने सोमवार यानि 31 अगस्त को सोना और चांदी के रेट्स जारी कर दिए हैं। लखनऊ में बुधवार को सोना और चांदी के दाम तेजी से गिरे हैं। मंगलवार को सोने की कीमत 53300 प्रति दस ग्राम और चांदी 58800 प्रति किलो के हिसाब से बिकी। बुधवार को सोना 51690 प्रति 10 ग्राम और चांदी 54000 प्रति किलो के हिसाब से बिकी।

कानपुर में सोना और चांदी दोनों में गिरावट देखने को मिली है। मंगलवार को सोना 52400 प्रति 10 ग्राम और चांदी 56400 प्रति किलो बिक थी। बुधवार को सोना 52300 प्रति दस ग्राम और चांदी 56000 प्रति किलो रही। मेरठ में भी सोना और चांदी दोनों में गिरावट देखने को मिली है। मंगलवार को सोना 52600 प्रति 10 ग्राम और चांदी 56000 प्रति किलो बिक थी। बुधवार को सोना 52500 प्रति दस ग्राम और चांदी 55600 प्रति किलो रही। बरेली में भी सोना और चांदी दोनों में गिरावट देखने को मिली है। मंगलवार को सोना 52700 प्रति 10 ग्राम और चांदी 55900 प्रति किलो बिक थी। बुधवार को सोना 52400 प्रति दस ग्राम और चांदी 55200 प्रति किलो रही।

आगरा में भी कानपुर और बरेली की तरह सोना और चांदी दोनों में गिरावट देखने को मिली है। मंगलवार को सोना 52300 प्रति दस ग्राम और चांदी 55950 रुपये प्रति किलो थी। बुधवार को सोना 51800 प्रति दस ग्राम और चांदी 54200 प्रति किलो बिकी। गोरखपुर में सोने के दाम में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है जबकि चांदी के रेट गिरे हैं। मंगलवार को सोना 52300 प्रति दस ग्राम और चांदी 57000 प्रति किलो थी। बुधवार को सोना 52700 प्रति दस ग्राम और चांदी 56500 प्रति किलो बिकी। सर्राफा बाजार के जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में सोने के दाम में उछाल देखने को मिल सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि आने वाले दिनों में त्योहार और शादियों का सीजन शुरू होने वाला है।

जेवरात पर मेकिंग चार्ज कम तो सोने का रेट ज्यादा

एक शहर के अंदर भी सोना-चांदी के दो दुकानों में रेट का अंतर होता है। लेकिन कोई जेवर खरीदना हो तो मिला-जुलाकर ग्राहक का खर्च एक जैसा हो ही जाता है। दरअसल, जेवर पर सोना-चांदी के रेट के ऊपर मेकिंग चार्ज यानी बनाने का खर्चा लगता है। आप गौर करेंगे कि जिस दुकान में सोने का भाव कम होगा, वहां मेकिंग चार्ज 15-24 परसेंट तक ऊपर से लगता है।
 

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दिल्ली में 2 करोड़ की ज्वेलरी की लूट, पुलिस की वर्दी में आए थे बदमाश, आंखों में मिर्च पाउडर डाला और...

दिल्ली के पहाड़गंज में बदमाशों ने बड़ी वारदात को अंजाम दिया है. यहां पुलिस की वर्दी में आए बदमाशों ने करीब 2 करोड़ की ज्वेलरी लूट ली. बदमाशों ने कोरियर कंपनी के कर्मचारी की आंखों में मिर्च पाउडर डालकर इस वारदात को अंजाम दिया है.

बताया जा रहा है कि घटना बुधवार सुबह करीब साढ़े 4 बजे की है. कुछ अज्ञात बदमाशों ने कोरियर कंपनी के कर्मचारी की आंखों में मिर्च डालकर उससे करीब 2 करोड़ रुपए की ज्वेलरी लूट ली. पुलिस इस मामले में जांच में जुट गई है. बताया जा रहा है कि पुलिस को अहम सबूत मिले हैं. जल्द ही बदमाशों को गिरफ्तार भी किया जा सकता है. 

चंडीगढ़ और लुधियाना जानी थी ज्वेलरी

बताया जा रहा है कि कोरियर कंपनी के कर्मचारी को यह ज्वेलरी चंडीगढ़ और लुधियाना भेजनी थी. पुलिस के मुताबिक, उनके पास सुबह 4:49 बजे कॉल आई थी कि पहाड़गंज में दो लोगों ने एक व्यक्ति की आंख में मिर्ची पाउडर डालकर उससे कुछ सामान लूट लिया. जांच करने पहुंची पुलिस को पता चला कि जो लोगों के पास दो बैग थे, इनमें ज्वेलरी से भरा बॉक्स था, जिसे चंडीगढ़ और लुधियाना ले जाना था. 

रास्ते में चार लोगों ने इन्हें लूट लिया. एक आरोपी पुलिस की वर्दी में भी था. उन्होंने पहले दोनों को चेकिंग करने के नाम पर रोका. तभी दो लोग पीछे से आए और उन्होंने कोरियर कंपनी के कर्मचारियों की आंखों में मिर्ची पाउडर डाल दिया और उन्होंने बैग और बॉक्स लूट लिए.ज्वेलरी की अनुमानित कीमत करीब 2 करोड़ रुपए बताई जा रही है.

पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. पुलिस का कहना है कि हमें अहम सबूत मिले हैं. जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी कर मामले का खुलासा किया जाएगा.

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मूसेवाला को मारने के बाद शूटर्स ने मनाया था जश्न, समंदर किनारे कराया था फोटो शूट

पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या केस में मानसा पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी है. इसमें बताया गया है कि जैसे ही मूसेवाला की सुरक्षा पंजाब सरकार ने हटाई, वैसे ही शूटर एक्टिव हो गए थे. इस बीच शूटर्स के बारे में आजतक को एक्सक्लूसिव जानकारी मिली है कि जब पुलिस मूसेवाला के हत्यारों को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही थी, उस बीच ये हत्यारे गुजरात में फोटोशूट करा रहे थे. 

सिद्धू मूसेवाला के मर्डर के बाद शूटर्स को गिरफ्तार करने के लिए 5 राज्यों की पुलिस छापेमारी कर रही थी. आरोपियों को पकड़ने के लिए दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और महाराष्ट्र की पुलिस रेड डाल रही थीं. उस वक्त हत्या में शामिल शूटर्स गुजरात में समुद्र किनारे फोटो शूट करा रहे थे. आजतक के पास चौंकाने वाली फोटो मौजूद है.  

मुद्रा में फोटोशूट करा रहे थे शूटर्स  

इस तस्वीर से पता चलता है कि सिद्धू की हत्या करने के बाद सभी शूटर्स गुजरात के मुद्रा गए थे, जहां सबने सिद्धू की हत्या का मिशन पूरा होने के बाद जश्न मनाया था. इतना ही नहीं आरोपियों ने समुद्र किनारे फोटोशूट भी कराया था, जबकि दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र, हरियाणा और राजस्थान पुलिस इनकी तलाश में छापेमारी कर रही थी.  

फोटो में मूसेवाला केस के 5 आरोपी 

इस फोटो में रेड चेक शर्ट में अंकित, दीपक मुंडी (फरार), सचिन, प्रियव्रत फौजी, कपिल पंडित और कशिश उर्फ कुलदीप दिखाई दे रहे हैं. इन आरोपियों में से कपिल पंडित और सचिन ने हत्या के बाद शूटर्स को पंजाब से भगाने और छिपाने में मदद की थी. मूसेवाला की हत्या के मामले में मानसा पुलिस ने अदालत में चार्जशीट भी फाइल कर दी है. इसमें बताया गया है कि आरोपियों ने वारदात के बाद हथियार मानसा से एक किलोमीटर के घेरे में दबाकर रखे हुए थे. इसके साथ ही बताया गया है कि गिरफ्तार आरोपी कनाडा में मौजूद आरोपी गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई से सिगनल एप के जरिए बातचीत करते थे. 

दीपक मुंडी के बारे में पुलिस को नहीं जानकारी 

इसके साथ ही पुलिस ने चार्जशीट में बताया है कि सिद्धू की कोठी के बाहर से रेकी करने वाले आरोपी मनमोहन सिंह मोहना ने इन्वेस्टिगेशन में बताया कि उसने रेकी भी की थी और शार्प शूटरों को पनाह भी दी थी. मनमोहन मानसा की जेल से जग्गू भगवानपुरिया और लॉरेंस बिश्नोई से बातचीत करता था. चार्जशीट में सबसे चौंकाने वाली बात है कि पुलिस को दीपक मुंडी के पिता का नाम और उसका पता मालूम नहीं है. ये स्पष्ट लिखा है कि दीपक मुंडी के पिता और उसका एड्रेस नहीं मालूम है. 

28 मई को गोल्डी ने दी थी शूटर को जानकारी 

चार्जशीट के मुताबिक, गोल्डी बराड़ ने 28 मई को शूटर को जानकारी दी थी कि सिद्धू की सिक्योरिटी वापस ले ली गई है और 29 मई को शूटर्स को कत्ल करने के लिए जल्दी जाने के लिए कहा था. इसके बाद शूटर प्रियव्रत फौजी, केशव कुमार, अंकित सिरसा, दीपक मुंडी और कशिश उर्फ कुलदीप फतेहाबाद साइड से बुलरो और अल्टो गाड़ी और मनप्रीत सिर्फ उर्फ मनी और जगरूप सिंह उर्फ रूपा करोला गाड़ी में हथियारों समेत मानसा आए थे. 

29 मई को हुई सिद्धू मूसेवाला की हत्या 

29 मई, 2022 को पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री के सिंगर मूसेवाला का 28 साल की उम्र में मर्डर कर दिया गया था. सिंगर पर हमले की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ ने ली थी. सिद्धू मूसेवाला के मर्डर की प्लानिंग काफी समय पहले की गई थी. जिसे 29 मई को अंजाम दिया गया. दिनदहाड़े हुई इस वारदात ने सभी को चौंका दिया. अस्पताल जाते जाते सिद्धू मूसेवाला की सांसें रूक गई थीं. 

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सोरेन सरकार पर संकट! 'रिसॉर्ट में विधायकों को परोसी गई शराब', BJP के दावों से खलबली

स्टोरी हाइलाइट्स

  • हेमंत सोरेन के लिए कुर्सी बचाना चुनौती
  • राज्यपाल के फैसले से बदलेगा गेम

झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार खतरे में चल रही है. पिछले कई दिनों से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी कुर्सी बचाने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं. राज्यपाल से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है, ऐसे में सरकार पर आशंका के बादल मंडरा रहे हैं. अभी तक साफ नहीं हो पा रहा है कि हेमंत की सीएम कुर्सी जाने वाली है या बच जाएगी? इसी असमंजस की वजह से विधायकों के टूटने का खतरा भी बढ़ गया है. अब महाराष्ट्र जैसा खेल ना हो जाए, विधायक बगावती तेवर ना दिखा जाएं, ऐसे में हेमंत सोरेन ने यूपीए के सभी विधायकों को एयरलिफ्ट कर रायपुर भिजवा दिया है.

संकट में सरकार, विधायक कर रहे शराब पार्टी?

शाम के समय सभी विधायक बस से रांची एयरपोर्ट के लिए निकले और फिर इंडिगो के विमान से कांग्रेस शासित राज्य छत्तीसगढ़ पहुंच गए. अब सभी विधायक कितने दिन तक वहां रहने वाले हैं, अभी स्पष्ट नहीं, लेकिन बेहतरीन होटल में उनकी हर सुख सुविधा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. इसी कड़ी में सोरेन सरकार के विधायकों पर आरोप लगा है कि होटल में उनके लिए शराब का इंतजाम किया गया है. दावा ये हुआ है कि छत्तीसगढ़ आबकारी विभाग की एक गाड़ी शराब की पेटियों को लेकर मेफेयर रिसॉर्ट पहुंची है. गाड़ी के जरिए वहां रुके विधायकों के लिए ये महंगी शराब लाई गई है. अभी तक किसी भी विधायक ने दावों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने सरकार और विधायकों को आड़े हाथ लेने का काम किया है.

बीजेपी ने बनाया मुद्दा, सरकार ने साधी चुप्पी

रमन सिंह ने ट्वीट कर लिखा कि भूपेश जी कान खोलकर सुन लीजिए, छत्तीसगढ़ अय्याशी का अड्डा नहीं है, जो छत्तीसगढ़ियों के पैसे से झारखंड के विधायकों को दारू-मुर्गा खिला रहे हैं. असम, हरियाणा के बाद अब झारखंड के विधायको का डेरा, इन अनैतिक कार्यों के लिए छत्तीसगढ़ महतारी आपको कभी माफ नहीं करेगी. वहीं बाबूलाल मरांडी ने तो बकायदा एक वीडियो जारी कर कहा है कि सरकारी गाड़ी में झारखंडी मेहमानों के लिये शराब की ढ़ुलाई. वैसे याद दिला दें झारखंड में भी शराब परोसने,पीने-पीलाने और उससे पैदा होने वाले “धन” के “लेन-देन” का पूरा नेटवर्क छत्तीसगढ़ का ही है.

रिजॉट पॉलिटिक्स का पुराना खेल

अब ये कोई पहली बार नहीं है जब किसी राज्य में सरकार बचाने के लिए रिजॉट पॉलिटिक्स का सहारा लिया गया हो. बीजेपी से लेकर कांग्रेस तक, शिवसेना से लेकर अब JMM तक, समय-समय पर अपने विधायकों को बचाने के लिए सभी ने इस रिजॉट पॉलिटिक्स का सहारा लिया है. कोशिश तो ये होती है कि ऐसा कर सभी विधायकों को एकजुट रखा जाए, लेकिन जो तस्वीरें सामने आती हैं, वो अलग ही कहानी बयां करती हैं. जब एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र में शिवसेना में बगावत कर गए थे, तब सभी विधायकों को लेकर असम चले गए थे. वहां से भी कई तस्वीरें सामने आई थीं जहां पर विधायक पार्टी कर रहे थे, स्विमिंग का लुत्फ उठा रहे थे. एक समय राजस्थान की राजनीति में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला था.

बीजेपी की साजिश या सोरेन सही में दोषी?

अब झारखंड में फिर वहीं कहानी खुद को दोहरा रही है. हेमंत सोरेन को अपनी सीएम कुर्सी बचानी है, राज्यपाल की तरफ से कोई आदेश नहीं आया है, इसलिए विधायकों को एकजुट करने पर ही जोर दिया जा रहा है. तर्क ये दिया गया है कि झारखंड में  बीजेपी सरकार गिराने की कोशिश कर रही है. दूसरे राज्यों की तरह यहां भी जांच एजेंसियों का इस्तेमाल सरकार को अस्थिर करने का काम हो रहा है. इस बारे में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने जोर देकर कहा है कि बीजेपी काला अध्याय लिखने का काम कर रही है. लेकिन झारखंड सरकार के सभी विधायक एकजुट हैं, मजबूती से खड़े हैं. मीडिया के सामने तो सीएम हेमंत सोरेन भी कह रहे हैं कि चिंता की कोई बात नहीं है.

राज्यपाल के पाले में गेंद, नहीं दिया कोई फैसला

'चिंता की कोई बात नहीं है' वाला नेरेटिव जारी रखने के लिए 1 सितंबर को हेमंत सोरेन ने अपनी कैबिनेट की एक अहम बैठक भी बुलाई है. कहा जा रहा है कि उस बैठक में वे राज्य के हित के लिए कई बड़े फैसले ले सकते हैं. इसी वजह से वे विधायकों के साथ रायपुर नहीं गए हैं. लेकिन इस समय क्योंकि चुनाव आयोग ने सीएम के खिलाफ अपनी रिपोर्ट राज्यपाल को सौंप दी है, हेमंत सोरेन का कुर्सी पर बने रहना काफी मुश्किल है. इसे ऐसे समझ सकते हैं कि चुनाव आयोग ने तो अपनी जांच में हेमंत सोरेन को दोषी मान लिया है, राज्यपाल को उसकी रिपोर्ट भी भेज दी है. लेकिन राजभवन से अभी तक कोई आदेश जारी नहीं किया गया. अब जब तक राजभवन से कोई फैसला नहीं आ जाता, हेमंत सोरेन अगले कदम पर विचार नहीं कर सकते.

बवाल मचा क्यों है, सोरेन ने क्या गलत किया?

अब जिस मामले की वजह से हेमंत सोरेन अपनी कुर्सी गंवाने की नौबत तक आ गए हैं, वो समझना भी जरूरी हो जाता है. असल में इस साल 10 फरवरी को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास ने राज्यपाल से मुलाकात की थी. उस मुलाकात के दौरान बीजेपी की डेलिगेशन ने हेमंत सोरेन की सदस्यदा रद्द करने की मांग उठा दी थी. आरोप लगाया गया था कि सीएम रहते हुए सोरेन ने 88 डिसमिल पत्थर माइनिंग लीज पर लिया. बीजेपी ने इसे लोक जनप्रतिनिधित्व अधिनियम (RP) 1951 की धारा 9A का उल्लंघन माना और सीएम की इस्तीफे की मांग कर दी. अब बीजेपी की शिकायत पर ही राज्यपाल ने ये केस चुनाव आयोग को भेज दिया. चुनाव आयोग ने इस मामले की विस्तृत जांच की जिसमें हेमंत सोरेन को अयोग्य ठहरा दिया गया. 
 

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20 सितंबर से होने वाली अग्निवीर सेना भर्ती की तैयारियों पर मंथन

आगामी 20 सितंबर से दस अक्टूबर तक मुजफ्फरनगर में होने जा रही सेना में अग्निवीर भर्ती को लेकर जिला प्रशासन ने तैयारियों में जुट गया है। इसको लेकर एसएसपी एवं एडीएम ने सेना के अफसरों के साथ मीटिंग में सेना भर्ती की तैयारियों पर मंथन किया और तैयारियों की समीक्षा की है।

समीक्षा मीटिंग में आर्मी कर्नल जैसवाल ने बताया कि जनपद में 20 सितम्बर से 10 अक्टूबर तक अग्निवीर सेना भर्ती का आयोजन होगा। इस भर्ती में 12 अन्य जनपदों के लाखों युवा प्रतिभाग करेगें। भर्ती का आयोजन चौ. चरण सिंह स्टेडियम, नुमाईश ग्राउण्ड एवं जीआईसी ग्राउण्ड का प्रयोग किया जायेगा। जनपद में 7-8 हजार युवा प्रतिदिन आने की सम्भावना को दृष्टिगत रखते हुए सेना एवं प्रशासनिक तैयारियों का रुट मैप तैयार कर लिया गया है। इस दौरान चौ. चरण सिंह स्टेडियम में अधिकारियों को शासन के निर्देशों के तहत शतप्रतिशत पालन समुचित व्यवस्थाएं कराने के निर्देश दिए। साथ ही स्वास्थ्य विभाग की मेडिकल टीम व एंबुलेंस तैनात तथा आवश्यकता पडने पर प्रतीक्षारत युवाओं के लिए मैडिकल कैम्प की भी व्यवस्था, विद्युत विभाग को लाइट व्यवस्था, नगर पालिका को भर्ती परिसर में साफ-सफाई रखने एवं समय समय पर कूडा उठाने की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जायेगी। जिन क्षेत्रों मे भर्ती की प्रक्रिया चलेगी वहां शिफ्टवार मजिस्ट्रेट की तैनाती पर विचार किया गया। उन्होने कहा कि भर्ती परीक्षार्थियों को बिचौलियों तथा किसी भी प्रकार के दलालों से सावधान रहने की आवश्यकता है, जो किसी भी प्रकार के पैंसे की मांग करते हैं। कहा कि अगर कोई व्यक्ति भर्ती कराने के संबंध में पैसों की मांग करते हैं उसकी सूचना तत्काल पुलिस को दें।इस बैठक में नगर मजिस्ट्रेट अनूप कुमार , एसपी सिटी अर्पित विजयवर्गीय, उपजिलाधिकारी सदर एवं अन्य विभाग के अधिकारी उपस्थित रहें।

प्रतिदिन फोगिंग व परिवहन सुविधाएं भी बढ़ेगी

साथ ही कोरोना का प्रभाव बढने की आंशका को दृष्टिगत रखते हुए भर्ती क्षेत्र में प्रतिदिन फॉगिग एवं सैनेटाईजेशन, अग्निशमन विभाग किसी भी आपातकाल स्थिति के लिए तैयार रहें, पुलिस बल की अतिरिक्त व्यवस्था तथा परिवहन विभाग को भर्ती रैली में शामिल होने वाले ग्रामीण क्षेत्रों एवं अन्य जनपद सेे लाने तथा ले जाने के लिए वाहन की व्यवस्था, रेलवे स्टेशन, जीआरपी, सेना के अधिकारी, जिले के पुलिस बल समेत नगरपालिका के कर्मचारियों की तैनाती की व्यवस्था, एवं अभ्यर्थियों को समस्त सुविधाएं मुहैया करायी जाये।

इन 12 जिलों के युवा ले सकेंगे भाग

अग्निवीर भर्ती की तैयारी प्रदेश के 12 अन्य जिलों मेरठ, हापुड, गाजियाबाद, बागपत, गौतमबुद्व नगर, बुलन्दशहर, मुरादाबाद, रामपुर, अमरोहा, बिजनौर, सहारनपुर, शामली सहित जनपद मुजफ्फरनगर के अभ्यार्थी प्रतिभाग करेंगें।

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मंगलवार, 30 अगस्त 2022

कांग्रेस को गुलाम नबी आजाद ने दिया बड़ा झटका, 51 नेता एक साथ देंगे इस्तीफा

गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद अब जम्मू कश्मीर में कांग्रेस को एक और बढ़ा झटका लगने वाला है. यहां कांग्रेस से नेताओं के इस्तीफों की झड़ी लगने जा रही है. जम्मू कश्मीर में पूर्व डिप्टी सीएम तारा चंद, पूर्व मंत्री माजिद वानी, मनोहर लाल शर्मा समेत 51 बडे़ नेता जल्द इस्तीफे का ऐलान कर सकते हैं. बताया जा रहा है कि ये सभी नेता रविवार को आजाद के नेतृत्व वाली नई पार्टी जॉइन करेंगे. 

कांग्रेस से जो 51 नेता इस्तीफा देने जा रहे हैं, उनमें पूर्व डिप्टी सीएम तारा चंद, पूर्व मंत्री माजिद वानी, घारू चौधरी, मनोहर लाल शर्मा, पूर्व विधायक बलवान सिंह, जम्मू कश्मीर कांग्रेस के सचिव नरिंदर शर्मा और महासचिव गौरव मगोत्रा शामिल हैं. 

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छेड़छाड़ के आरोपी को भेजा जेल

छेड़छाड़ की घटना से किशोरी को आतंकित करने वाले युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। छेड़छाड़ से परेशान होकर किशोरी ने जहर का सेवन कर लिया था। मामला दो वर्गों से जुड़ा होने के कारण तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

ककरौली थानाध्यक्ष जितेन्द्र सिंह ने जानकारी देकर बताया कि ककरौली में तीन दिन पूर्व किशोरी के साथ युवक द्वारा छेड़छाड़ का मामला संज्ञान में आया था। पुलिस ने तहरीर के आधार पर कार्रवाई करते हुए आरोपी अनमोल उर्फ अंशुल निवासी ककरौली के खिलाफ धारा 354, पोक्सो एक्ट के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज किया था। मंगलवार को पुलिस ने आरोपी को ककरौली में तेवडा चौराहे से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

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डांस... ड्रग्स... डेथ... पुलिस की जांच रिपोर्ट में दर्ज है सोनाली की मौत का ये फसाना

टिकटॉक स्टार और बीजेपी नेता सोनाली फोगाट (Sonali Phogat) की मौत का मामला एक पहेली की तरह उलझा हुआ है. जिसकी जांच गोवा पुलिस कर रही है. पुलिस की जांच रिपोर्ट के मुताबिक, 22 अगस्त 2022 की रात से लेकर 23 अगस्त की सुबह तक कुल पांच घंटों में सोनाली फोगाट की तबीयत तीन बार बिगड़ी थी. एक बार तो वो तीन घंटे तक बाथरूम में ही सोती रहीं. और जब सोनाली को अस्पताल ले जाया गया, तब तक वो दम तोड़ चुकी थीं. 22 अगस्त की दोपहर गोवा पहुंचने से लेकर 23 अगस्त की सुबह 9 बजे तक क्या कुछ हुआ? हम बता रहे हैं उसकी पूरी कहानी. 

गोवा में सोनाली फोगाट के साथ क्या-क्या हुआ? कैसे हुआ? किस वक्त हुआ? किसने किया? कौन उसके साथ मौजूद था? इसी तरह के तमाम सवालों के जवाब पुलिस जांच में तलाश रही है. इसी कोशिश में अंजुना पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर और इनवेस्टिगेटिंग अफसर प्रशल पीएन देसाई की जांच रिपोर्ट में दर्ज अहम जानकारी 'आज तक' के हाथ लगी है. ये पूरी कहानी उसी जांच रिपोर्ट पर आधारित है.

23 अगस्त 2022, सुबह 9 बजकर 22 मिनट

गोवा के सेंट एंथोनी अस्पताल के मेडिकल अफसर ने पुलिस को फोन पर बताया कि एक महिला अस्पताल के कैजुअल्टी वार्ड में मुर्दा लाई गई है. फोन पर सूचना मिलते ही अंजुना पुलिस स्टेशन की टीम तुरंत एंथोनी अस्पताल पहुंचती है. अस्पताल पहुंचने के बाद बताया जाता है कि सोनाली फोगाट नाम की महिला को कैजुअल्टी वार्ड में मुर्दा लाया गया था. सोनाली को अंजुना के ही लियोनी रिसॉर्ट से सुधीर पाल और सुखविंदर सिंह नाम के दो शख्स लेकर आए थे.

तीनों ने ली थी MDMA ड्रग्स

इस सूचना के बाद सुधीर और सुखविंदर से जब पूछताछ की गई, तो उन्होंने बताया कि सोनाली फोगाट के साथ वो दोनों 22 अगस्त को गुरुग्राम से गोवा पहुंचे थे फ्लाइट से गोवा पहुंचने के बाद तीनों ने बारदेज गोवा में मौजूद होटल गैंड लियोनी रिसॉर्ट में चेकइन किया. चेकइन के बाद सुधीर और सुखविंदर ने इसी रिसॉर्ट के रूम ब्वॉय से एमडीएमए नाम की ड्रग्स मंगवाई. इसके लिए सुधीर ने पांच हजार रुपये, जबकि सुखविंदर ने 7 हजार रुपये रूम ब्वॉय को दिए. ड्रग्स आने के बाद सोनाली, सुधीर और सुखविंदर ने कमरे में ही एमडीएमए ड्रग्स ली. 

रात में पहुंचे थे कर्लीज बीच

23 अगस्त की रात साढे ग्यारह बजे ही फिर तीनों ग्रैंड लियोनी रिसॉर्ट से कर्लीज बीच शैक पहुंचे. सुधीर ने ये बताया कि उसने एमडीएमए ड्रग्स का कुछ हिस्सा पानी की एक खाली बोतल में डाल दिया. जबकि बाकी बचा हुआ हिस्सा उसने अपनी पैंट की जेब में रखा. कर्लीज क्लब पहुंचने के बाद सुधीर ने एमडीएमए वाली खाली बोतल में कुछ पानी मिला दिया. क्लब पहुंचने के बाद तीनों ने पानी की उसी बोतल से एमडीएमए नाम की ड्रग्स पी. ड्रग्स पीने के बाद तीनों क्लब में डांस फ्लोर पर डांस करने लगे. 

आधी रात में बिगड़ी सोनाली की हालत

अब देर रात के करीब ढाई बज रहे थे. सोनाली की तबीयत थोडी खराब होने लगती है. सोनाली सुधीर को ये बात बताती है. इसके बाद सुधीर उसे डांस फ्लोर से कुछ ही दूरी पर लेडीज टॉयलेट में ले जाता है. लेडीज टॉयलेट में सोनाली उल्टियां करती है. इसके बाद बाहर आती है. अब उसकी तबीयत शायद थोड़ी बेहतर हो चुकी थी. इसके बाद फिर तीनों डांस फ्लोर पर डांस करने लगते हैं. 

सोनाली की हालत देख घबराया था सुधीर

मगर करीब दो घंटे बाद सुबह करीब साढे चार बजे सोनाली की तबीयत फिर से बिगड़ने लगती है. सोनाली सुधीर को बाथरूम ले जाने के लिए कहती है. सुधीर अब दोबारा उसे लेडीज टॉयलेट ले जाता है. इस बार सोनाली सुधीर से कहती है कि वो कुछ देर टॉयलेट में ही बैठेगी, क्योंकि उससे चला नहीं जा रहा है और नींद सी आ रही है. सुधीर शुरुआत में कुछ देर तक लेडीज टॉयलेट के बाहर ही खड़ा था. लेकिन अब तक उसे अहसास हो चुका था कि सोनाली ड्रग्स की ओवरडेज ले चुकी है. तब पहली बार वो घबराया. इसके बाद उसने पानी की उसी खाली बोतल जिसमें एमडीएमए मिला कर लाया था, और जिसे वो तीनों पी चुके थे, उसी खाली बोतल में उसने जेब से एमडीएमए की बाकी खुराक निकाल कर डाल दी.

फ्लश के वॉटर टैंक में छुपाई थी ड्रग्स

अब बोतल के अंदर डग्स थी. उधर, सोनाली की तबीयत ठीक नहीं थी. लिहाजा सबसे पहले सुधीर ने ड्रग्स को ठिकाने लगाने की सोची. इसके बाद वो कर्लीज क्लब की पहली मंजिल पर मौजूद लेडीज टॉयलेट में दाखिल होता है. सोनाली उसी में थी. ड्रग्स वाली बोतल को वो टॉयलेट के फ्लश के पानी के टैंक में छुपा देता है. 

क्लब से रिसॉर्ट से पहुंचे थे तीनों

सुबह के 6 बज चुके थे. सोनाली को टॉयलेट में बैठे या सोए करीब डेढ घंटे हो चुके थे. लिहाजा अब सुखविंदर और सुधीर क्लब के दो मुलाजिमों की मदद से सोनाली को क्लब के बाहर पार्किंग एरिया तक ले जाते हैं. इसके बाद तीनों गाडी में बैठते हैं और लियोनी रिसॉर्ट के लिए निकल जाते हैं. रिसॉर्ट पहुंचने के बाद सोनाली को कमरे में ले जाया जाता है. पर सोनाली की तबीयत अब भी ठीक नहीं थी. उल्टे अब उसकी तबीयत और ज्यादा खराब हो रही थी. 

डॉक्टर ने सोनाली को बताया डेड

सुबह 8 बजते-बजते सोनाली की तबीयत सचमुच बिगडने लगी. उसकी हालत देख कर सुधीर और सुखविंदर घबरा जाते हैं. फिर दोनों रिसॉर्ट के रिसेप्शन से नजदीकी अस्पताल की जानकारी लेते हैं. इसके बाद एक प्राइवेट टैक्सी से तीनों सेंट एंथोनी अस्पताल पहुंचते हैं. अस्पताल के कैजुअल्टी वार्ड में पहली बार डॉक्टर सोनाली को देखते हैं. पर तब तक नब्ज रुक चुकी थी और सांसें थम गई थी. डॉक्टर सोनाली को ब्रॉट डेड करार देते हैं. चूंकि मामला संदिग्ध मौत का था, लिहाजा उसी वक्त एंथोनी अस्पताल के एमओ यानी मेडिकल अफसर अंजुना पुलिस स्टेशन को फोन करते हैं. तब घडी में सुबह के 9 बजकर 22 मिनट हो रहे थे. 

गोवा पहुंचा सोनाली का परिवार

सेंट एंथोनी अस्पताल से सोनाली का शव कब्जे में लेने के बाद पुलिस बेंबोलिम के जीएमसी मुर्दाघर पहुंचती है और लाश वहीं रख देती है. 23 अगस्त को ही सोनाली की मौत की खबर सुनने के बाद सोनाली का भाई रिंकू ढाका परिवार के दूसरे सदस्यों के साथ गोवा पहुंचते हैं. गोवा आने के बाद रिंकू ढाका अंजुना पुलिस स्टेशन को एक शिकायत देते हैं, जिसमें कहते हैं कि उनकी बहन का कत्ल हुआ है. और कातिल सुधीर और सुखविंदर ही है. शिकायत मिलने के बाद गोवा पुलिस सोनाली की मौत के मामले में एक एफआईआर दर्ज करती है. 

मौत का सबब बनी ड्रग्स की ओवरडोज! 

उधर, सोनाली की मौत के दो दिन बाद 25 अगस्त को गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज यानी जीएमसी में दो डॉक्टरों की टीम सोनाली का पोस्टमार्टम करती है. पोस्टमॉर्टम की वीडियोग्राफी होती है. पोस्टमॉर्टम के बाद डॉक्टर अपनी रिपोर्ट देते हैं लेकिन मौत की वजह को रिजर्व रखते हैं. रिजर्व रखने की वजह ये है कि केमिकल एनालिसिस, हिस्टोपैथोलॉजी और सिरोलॉजिकल रिपोर्ट्स अभी आई नहीं थी. हालांकि, शुरुआती पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में डॉक्टरों ने ये साफ किया कि सोनाली की मौत दिल का दौरा पड़ने से नहीं हुई है. जिन टेस्ट की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, वो सारे टेस्ट यही इशारा करते हैं कि सोनाली की मौत के पीछे कहीं ना कहीं ड्रग्स या ड्रग्स की ओवरडोज है. 

सुधीर और सुखविंदर की गिरफ्तारी

शुरुआती पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सुधीर और सुखविंदर के इकबालिया बयान और रिसॉर्ट और क्लब के सीसीटीवी फुटेज को देखने के बाद गोवा पुलिस ने आधिकारिक तौर पर सुधीर और सुखविंदर को गिरफ्तार करने का फैसला किया. दोनों दस दिनों तक गोवा पुलिस की कस्टडी में रहेंगे. पर आगे की कार्रवाई का रास्ता तभी साफ होगा, जब तमाम केमिकल और विसरा रिपोर्ट सामने आ जाएगी. 

आरोपियों ने कुबूली सोनाली को ड्रग देने की बात

गोवा पुलिस की तफ्तीश जारी रहती है. पुलिस दोनों आरोपियों से पूछताछ करती है. जांच में सोनाली फोगाट के पीए सुधीर सांगवान और उसके साथी सुखविंदर ने सोनाली को उनकी मौत से कुछ घंटे पहले ड्रग्स देने की बात कुबूल की है. दोनों की निशानदेही पर पुलिस ने ना सिर्फ ड्रग्स की बाकी बची हुई खुराक बरामद की है, बल्कि शुरुआती तफ्तीश में ये भी साफ हुआ है कि दोनों ने सोनाली को जो ड्रग्स दी थी, वो मेथामफेटमाइन ड्रग थी. एक ऐसी ड्रग मेडिकल साइंस में जिसका इस्तेमाल आम तौर पर दिमागी बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है. मैथामफेटामाइन से डॉक्टर एटेंशन डेफिसिट हाईपर एक्टिविटी डिसऑर्डर यानी एडीएचडी और नार्कोलेप्सी जैसी बीमारियों का इलाज करते हैं. 

इंसान पर ऐसा होता है मेथामफेटमाइन ड्रग का असर

लेकिन इस मेडिकल यूज से अलग नशे की दुनिया में लोग इस डग में खुशियां ढूंढने की कोशिश करते हैं और फिर ऐसा फंसते हैं कि बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है. इस केमिकल की तासीर ही कुछ ऐसी है कि इसकी लत लगने में देर नहीं लगती. ये ड्रग्स दिखने में क्रिस्टल के छोटे-छोटे टुकडों की तरह होती है, यानी सफेद और चमकदार. लेकिन सवाल ये है कि आख़िर ये इंसान के शरीर पर कैसे काम करता है? अपना असर कैसे दिखाता है, तो आइए इसे एक-एक कर समझने की कोशिश करते हैं.

जान लेवा हो सकती है इसकी ओवरडोज़

मेथामफेटामाइन एक उतेजक नशीले पदार्थ के तौर पर जाना जाता है, जो इंसान के नर्वस सिस्टम पर असर डालता है. इसे लेने से दिमाग में डोपामाइन नाम का रसायन ज्यादा मात्रा में पैदा होने लगता है. जिससे इंसान को सुकून और खुशी महसूस होने लगती है. इंसान का एनर्जी लेवल भी हाई हो जाता है. अक्सर नशे के आदी लोग रिश्ते बनाने से पहले भी इस ड्रग्स का इस्तेमाल करते हैं. डोपामाइन बढ़ने से मिलनेवाली खुशी और उतेजना के चलते ही इसे लेनेवाले को जल्द ही इस ड्रग्स की आदत लग जाती है लेकिन कई मौकों पर इसकी ओवरडोज इंसान के लिए मौत की वजह भी बन जाती है. 

हर तरीके से इस्तेमाल की जाती है मेथामफेटामाइन ड्रग

नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने देश में मेथामफेटामाइन के बढ़ते इस्तेमाल पर 2016 में चिंता जताई थी. नशे में डूबे लोगों के बीच इस ड्रग्स को इसलिए भी लोग पसंद करते हैं, क्योंकि इस ड्रग्स को तकरीबन हर तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है. कुछ लोग इसे सिगरेट में डाल कर पीते हैं, कुछ दवा की तरह निगल जाते हैं, कुछ नाक से खींचते हैं, कुछ डिंक्स यानी पानी में घोल कर पी जाते हैं तो कुछ लोग इसे सीधे अपनी नसों में इंजेक्ट भी कर लेते हैं. लेकिन ये सारे के सारे तरीके बेहद खतरनाक हैं. नवर्स सिस्टम पर असर डालने की वजह से इंसान को भूख कम लगती हैं, सांसें तेज हो जाती हैं, दिल की धड़कन बढ़ जाती है और ब्लड प्रेशर भी हाई हो जाता है.

सुधीर और सुखविंदर के अलावा तीन गिरफ्तारी

गोवा पुलिस ने इस सिलसिले में सोनाली के पीए सुधीर और उसके साथी सुखविंदर के साथ-साथ उन्हें ड्रग्स सप्लाई करनेवाले ड्रग पेडलर रमाकांत मांदरेकर, रिसॉर्ट के मुलाजिम दत्ता पसाद गांवकर और कर्लीज बीच सैक के मालिक एडविन न्यूंस को भी गिरफ्तार कर लिया है. अंजुना बीच पर बना कर्लिस रेस्तरां पहले ही ड्रग्स यूज को लेकर विवादों में रहा है. इससे पहले भी यहां ड्रग एब्यूज के कई मामले सामने आ चुके हैं. और पुलिस पहले भी एडविन न्यूंस को गिरफ्तार कर चुकी है. एक बार फिर वो कानून के शिकंजे में है. दरअसल, उस पर सबकुछ जानते हुए भी अपने रेस्तरां में ड्रग्स के इस्तेमाल की छूट देने का इल्जाम है. इस केस में अभी कई और लोग पुलिस के रडार पर हैं. जिनका खुलासा जल्द हो सकता है.

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शाहरुख के भाई सलमान की बात में न आई होती फैमिली तो बच जाती अंकिता की जान!

कहते हैं कि क्राइम होने से पहले दस्तक देती है और लोगों को सावधान करती है. ऐसा ही अंकिता हत्याकांड के मामले में हुआ. 23 तारीख की घटना से 5 दिन पहले भी आरोपी शाहरुख, अंकिता के घर पर आया और डंडे से उस खिड़की के कांच को तोड़ डाला, जिससे उसने (शाहरुख) पेट्रोल डालकर अंकिता को आग के हवाले किया था. 

23 अगस्त से 5 दिन पहले शाहरुख, अंकिता घर के आगे पहुंचा और लाठी-डंडे लेकर हंगामा शुरू कर दिया था. स्थिति को आउट ऑफ कंट्रोल होते देख अंकिता के घर वालों ने पुलिस में शिकायत करने की सोची. इस बात की खबर जब आरोपी शाहरुख के बड़े भाई सलमान को लगी तो वह फौरन अंकिता के परिवार वालों के पास अपने मामा के साथ पहुंचा.

सलमान ने अंकिता के परिजनों से पुलिस कंप्लेन नहीं करने की गुजारिश की. उसने अंकिता के परिवार को आश्वासन दिया कि शाहरुख को दुमका से बाहर भेज देगा. उसके इस आश्वासन से अंकिता के घरवाले मान गए. अंकिता के घर के बाजू में रहने वाले उसके फूफा विनय सिंह ने बताया कि अगर उस दिन सलमान की बात में न आते यह घटना न होती.

विनय सिंह का कहना था कि इस घटना के पुलिस में कंप्लेन नहीं करने से शाहरुख का मन बढ़ गया, उसे लगा कि अंकिता के घर वाले डर गए और ठीक 5 दिन के बाद आरोपी शाहरुख ने उसी खिड़की के सहारे पेट्रोल डालकर अंकिता को आग के हवाले कर दिया, जिसे उसने 5 दिन पहले तोड़ा था. 5 दिन तक जिंदगी से जंग लड़ने के बाद अंकिता की मौत हो गई.

क्या है पूरा मामला

झारखंड के दुमका की रहने वाली 12वीं की स्टूडेंट अंकिता सिंह की जलाकर हत्या कर दी गई थी. आरोप है कि शाहरुख को अंकिता से एकतरफा प्यार था, अंकिता ने इनकार किया तो 23 अगस्त की सुबह चार बजे शाहरुख अपने दोस्त के साथ पहुंचा, अंकिता सो रही थी, वह खिड़की के रास्ते घर में घुसा और अंकिता पर पेट्रोल छिड़कर आग लगा दी.

आग लगाकर आरोपी भाग गया. बेटी को पहले दुमका के अस्पताल में और उसके बाद रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया. लड़की पांच दिनों तक हिम्मत दिखाती रही, मगर आखिर में वो जिंदगी की जंग हार गई. मरने से पहले अंकिता ने अपने बयान में शाहरुख को कसूरवार बताया था और चाहती है कि जैसे वह मर रही है, वैसे शाहरुख भी मरे.

इस वारदात के बाद पूरा देश सुलग उठा. झारखंड में अलग-अलग हिस्सों में विरोध की आवाजें गूंजी. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), बजरंग दल, करणी सेना समेत कई संगठन सड़क पर उतर आएं और आरोपी शाहरुख को फांसी की सजा दिलाने की मांग करने लगे. इस मामले में आरोपी शाहरुख पुलिस की गिरफ्त में है.  

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कब तक आंकड़ों के दम पर खेलते रहेंगे विराट? टी20 में गंवाया 50 का एवरेज

टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली का खराब फॉर्म बदस्तूर जारी है. एशिया कप 2022 में विराट कोहली पाकिस्तान के खिलाफ 35 रन ही बना पाए थे. उन्हें स्पिन गेंदबाज मोहम्मद नवाज ने लॉन्ग-ऑफ रीजन में कैच आउट कराया. इस पारी के बाद टी20 इंटरनेशनल में भी कोहली का औसत 50 से नीचे आ चुका है. कोहली का पुराने रंग में नहीं लौटना भारतीय टीम के लिए मुसीबत बनता चला जा रहा है.

PAK के खिलाफ 35 रन बनाए लेकिन...

विराट कोहली पाकिस्तान के खिलाफ मैच में रवींद्र जडेजा के साथ संयुक्त रूप सबसे ज्याद रन बनाने वाले बल्लेबाज थे. लेकिन पूरी पारी के दौरान विराट कोहली आउट ऑफ टच ही दिखाई दिए और ऐसा लग रहा था कि वह कभी भी आउट हो सकते हैं. अपने 100वें टी20 इंटरनेशनल में विराट कोहली तो डक पर आउट हो गए रहते यदि दूसरी स्लिप में फखर जमां ने कैच लपक लिया होता है. कोहली ने अपनी पारी के दौरान सिर्फ एक अच्छा शॉट खेला.

टेस्ट में पहले ही गिर चुका है एवरेज

पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले से पहले कोहली का टी20 इंटरनेशनल में बैटिंग एवरेज 50.12 का था, मगर इस मुकाबले के बाद कोहली का इस फॉर्मेट में औसत 49.89 का हो गया. कोहली का टेस्ट क्रिकेट में एवरेज पहले ही पचास से नीचे (49.53) आ चुका था. ऐसे में फिलहाल वनडे क्रिकेट में ही कोहली का औसत 50 से ज्यादा का रह गया है. कोहली का वनडे इंटरनेशनल मे मौजूदा औसत 57.68 का है लेकिन आने वाले 2-3 महीनों तक भारत को ज्यादातर टी20 मुकाबले ही खेलने हैं. वैसे भी वनडे क्रिकेट को लेकर खिलाड़ियों की दिलचस्पी अब कम हो रही है.

नवंबर 2019 में आई थी आखिरी सेंचुरी

विराट कोहली का आखिरी इंटरनेशनल शतक 23 नवंबर 2019 को आया था. तब उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ कोलकाता टेस्ट मैच के दूसरे दिन 136 रन बनाए थे. यह इंटरनेशनल लेवल पर कोहली का 70 वां शतक रहा. कोहली सबसे अधिक इंटरनेशनल शतकों की सूची में फिलहाल तीसरे स्थान पर हैं. इस मामले में दूसरे स्थान पर रहने वाले रिकी पोंटिंग से वह सिर्फ एक शतक पीछे हैं. लेकिन किंग कोहली का यह इंतजार काफी लंबा हो चुका है.

करियर एवरेज भी काफी गिरा

बांग्लादेश के खिलाफ उस शतक के बाद से विराट कोहली ने तीनों प्रारूपों यानी टेस्ट, वनडे और टी20 इंटरनेशनल की कुल‌ 80 पारियों में 2589 रन बनाए, जिसमें 24 अर्धशतक शामिल हैं. इस दौरान उनका एवरेज 35.46 का रहा है, जो उनके करियर एवरेज 53.51 से मेल नहीं खाता है. अगर कोहली का खराब फॉर्म यूं जारी रहा तो उनका करियर एवरेज भी 50 से नीचे आ सकता है.

ब्रेक का भी नहीं हुआ फायदा!

विराट कोहली को वेस्टइंडीज और जिम्बाब्वे दौरे के लिए आराम दिया गया था. ऐसे में वह ठीक 41 दिनों के ब्रेक के बाद इंटरनेशनल मैच खेलने उतरे थे. ऐसे में उम्मीद थी कि वह ब्रेक के बाद चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तानी टीम के खिलाफ अपने बल्ले से धूम मचाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. अब कोहली से कमजोर दिख रही हॉन्गकॉन्ग टीम के खिलाफ बड़ी पारी की उम्मीद की जा सकती है.

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खेल दिवस पर आयोजित दंगल में पहलवानों ने दिखाए दावपेच

खेल दिवस पर गांव पचैंडा में शहीद बचन सिंह व स्व. अरूण पहलवान अखाड़ा सेवा समिति द्वारा दगल का आयोजन किया । इस दौरान क्षेत्र के पहलवानों ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग लिया।

सोमवार को पचैंडा गांव में आयोजित दंगल के शुभारंभ मुख्य अतिथि सदर ब्लाक प्रमुख अमित चौधरी ने किया। इस दौरान उन्होंने खिलाड़ियों से हाथ मिलाकर उनका हौसला बढ़ाया।

इस दौरान पहलवानों ने एक से बढ़कर एक दाव पेच दिखाकर लोगों का भरपुर मनोरंजन किया। इस दौरान विभिन्न भारवर्ग में आर्यन छपरोली, हमजा, दानिश, गौराव बिजनौर, आरिश शाहपुर, राहुल बिशु, शाहिल शाहपुर,शिव बिजनौर, जुबेर सरोम, हंस मेरठ,ओम, गोपाल पचैंडा,शिव, उत्तम, अमित,पकंज,शशांक आदि ने अपनी कला प्रदर्शन किया। इस मौके पर उदयबीर, नेत्रपाल, मांगेराम, अमरदीप,अनुज, बिट्टू, पंकज आदि उपस्थित रहें।

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सोमवार, 29 अगस्त 2022

अपराधी अगर धमकाए तो पुलिस को करे सूचित: एसएसपी

एसएसपी ने सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत व्यापार मंडल के पदाधिकारियों के साथ मासिक गोष्ठी की, जिसमे एसएसपी ने व्यापारियों की समस्या सुनते हुए उनका निस्तारण करने के लिए अधिनस्थ पुलिस अधिकारियों को आदेश दिए।

पुलिस लाइन स्थित सभागार में एसएसपी विनीत जायसवाल ने जनपद के व्यापार मण्डल के पदाधिकारियों के साथ पुलिस लाइन स्थित सभागार में मासिक गोष्ठी आयोजित की। गोष्ठी में उपस्थित सभी व्यापारियों से क्षेत्र में शान्ति एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने तथा सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ करने के सम्बन्ध में विचार विमर्श किया गया। व्यापारी बंधु को किसी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति से किसी प्रकार का खतरा होने पर तत्काल पुलिस को सूचना देने के लिए भी गोष्टी में कहा।

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दौड़ में विपिन और नेहा आगे

श्रीराम कॉलेज में राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचन्द्र को श्रृद्धांजलि दी गयी। राष्ट्रीय खेल दिवस पर कॉलेज में 5000 और 1500 मीटर की महिला और पुरुष दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया।

शारीरिक शिक्षा विभाग द्वारा 5000 तथा 1500 मीटर महिला और पुरुष दौड़ प्रतियोगिता में विपिन कुमार प्रथम, शाहिब सैफी द्वितीय तथा निखिल धाीमान बीपीईएस ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। वहीं 1500 मीटर पुरुष वर्ग की दौड़ में सागर, शारूख राठौड, राजन देशवाल और अनन्त तोमर ने संयुक्त रूप से प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त किया। 1500 मीटर महिला वर्ग की दौड़ में नेहा, शिवानी यादव और रीतु ने प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर श्रीराम कॉलेज की प्राचार्य डा. प्रेरणा मित्तल ने हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचन्द्र के जीवन पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर डा. निशांत कुमार राठी, प्रमोद कुमार, भूपेन्द्र कुमार, डा. अब्दुल अजीज खान, अमरदीप, संदीप, प्रशांत आदि उपस्थित रहे।

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ट्विन टावर्स गिराने से आसपास की इमारतों को कहां-कहां पहुंचा नुकसान, कौन कराएगा मरम्मत?

नोएडा के सेक्टर-93ए स्थित सुपरटेक के 32 मंजिला ट्विन टावर्स 28 अगस्त को इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गए. करीब 300 करोड़ की लागत से बनकर खड़े हुए दोनों अधूरे टावर पलक झपकते ही खाक में मिल गए. धमाके से पहले नोएडा प्राधिकरण और पुलिस ने कई तरह के विशेष इंतजाम किए थे. आसपास की सोसायटियों में रहने वाले लोगों को सुबह ही बाहर निकाल दिया गया था. वहीं इन सोसायटियों की इमारतों को बड़े-बड़े पर्दों से ढ़क दिया गया ताकि धूल जाने से रोका जा सके. अधिकारियों की सांसें अटकी हुईं थी. कारण, देश में पहली बार इतने बड़ी इमारतों को गिराया जा रहा था और इसके अगल-बगल की सोसायटियों में बने सैकड़ों फ्लैट्स की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती थी. दोपहर ढाई बजे सायरन बजा और देखते ही देखते इमारत धराशाई हो गई. जिसके बाद अधिकारियों ने राहत की सांस ली. इमारत का ध्वस्तीकरण प्लान के मुताबिक ही हुआ. हालांकि इस दौरान आसपास की सोसायटियों में थोड़ा बहुत नुकसान भी हुआ है.

ट्विन टावर

नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने बताया कि जो योजना बनाई गई थी, उसी के अनुसार ध्वस्तीकरण का कार्य पूरा किया गया. इस पूरी प्रक्रिया में एटीएस विलेज की लगभग 10 मीटर बाउंड्री वॉल क्षत्रिग्रस्त हुई है. साथ ही ट्विन टावर्स की तरफ के कुछ फ्लैट्स के शीशे टूट गए हैं. एमराल्ड कोर्ट को इस पूरी ध्वस्तीकरण प्रक्रिया में कोई नुकसान नहीं हुआ है. एटीएस विलेस में जो बाउंड्री वॉल और शीशे टूटे हैं, उन्हें विस्फोट करने वाली कंपनी एडिफाइस इंजीनियरिंग द्वारा जल्द ही ठीक कर दिया जाएगा. इसके लिए सोसायटीवासियों को कोई खर्च नहीं देना होगा.

तीन महीने तक फ्लैटों में हुआ नुकसान तो कंपनी करेगी भरपाई

एक रिपोर्ट के मुताबिक ट्विन टावरों को ध्वस्त करने वाली मुंबई की कंपनी एडिफाइस इंजीनियरिंग ने एहतियात के तौर पर पहले से ही 100 करोड़ का बीमा कराया था. इसकी अवधि तीन महीने के लिए वैध रहेगी. कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान जोखिम की आशंका को ध्यान में रखते हुए ये इंश्योरेंस कराया गया था. इसके लिए टाटा इंश्योरेंस से करार हुआ है. अगर आने वाले तीन महीनों तक भी किसी फ्लैट को कोई नुकसान इस ध्वस्तीकरण के कारण होता है तो इस बीमा के जरिए उसे ठीक कराया जाएगा

प्राधिकरण और फायर ब्रिगेड ने पानी की बौछार से हटाई धूल

बता दें कि टावरों के ध्वस्तीकरण के बाद आसपास का इलाका पूरी तरह से धूल से पट गया था. हालांकि इससे निपटने के लिए नोएडा प्राधिकरण और प्रशासन ने पहले से ही तैयारी की हुई थी. जैसे ही इमारत गिरी, उसके 15 मिनट बाद एडिफाइस इंजीनियरिंग ने ध्वस्तीकरण को सुरक्षित रूप से पूरा करने की घोषणा कर दी थी. जिसके कुछ देर बाद ही नोएडा प्राधिकरण की टीम और फायर ब्रिगेड धूल हटाने के काम में जुट गई. इसके लिए पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया गया. नोएडा प्राधिकरण के मुताबिक आसपास के इलाके और सोसायटियों में पहले से ही 100 पानी के टैंकर, 22 एंटी स्मॉग गन, 6 स्वीपिंग मशीन, 20 ट्रैक्टर-ट्रॉली और हेल्थ व उद्यान विभाग के करीब 500 कर्मचारियों को तैनात किया गया था. इन सभी ने मिलकर सोसायटी दीवारों से लेकर पेड़-पौधों और सड़कों पर जमी धूल को हटाने का काम किया.

ट्विन टावर

करीब ढाई बजे हुए एक के बाद एक धमाकों से कुछ ही सेकंड में 300 करोड़ की लागत से तैयार हुए ये टावर्स खाक में मिल गए. इस दौरान पहले सायरन बजा, फिर तेज धमाके के साथ ही धूल का बड़ा गुबार उठा और देखते ही देखते नोएडा में 'मशरूम ऑफ डस्ट' छा गया. 3700 किलीग्राम बारूद के धमाके की आवाज कई किलोमीटर दूर तक लोगों को सुनाई दी. सेक्टर-137 और सेक्टर-142 तक लोगों ने इन धमाकों की धमक को महसूस किया. वहीं कई किलोमीटर दूर सेक्टरों में बसे लोगों ने आसमान में उड़ रहे धूल के गुबार को देखा.

एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन किए गए थे स्थापित

धूल के कारण होने वाले वायु प्रदूषण को ध्यान में रखकर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 6 स्थानों पर मैनुअल एम्बियंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन स्थापित किए थे. जिनके जरिए वायु गुणवत्ता पर निगरानी रखी जा रही थी. ध्वास्तीकरण के बाद प्राधिकरण की सीईओ ने बताया कि रविवार को दोपहर 2 बजे और 3 बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स पर पीएम-10 व पीएम 2.5 के आंकडे समान प्राप्त हुए. हालांकि एहतियात के तौर पर आसपास के लोगों से कुछ समय के लिए मास्क पहनने की भी अपील की गई थी.

ट्विन टावर

पूरे हो जाते तो कुछ ऐसे होते ये ट्विन टावर 

गौरतलब है कि ये ट्विन टावर देश के नामी बिल्डर सुपरटेक के ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार थे. इनमें 3, 4 और 5 BHK के फ्लैटों का निर्माण किया जाना था. दोनों टावरों को 40 मंजिल बनाने की योजना थी, लेकिन बीच में ही मामला हाईकोर्ट में चला गया और काम पर रोक लग गई. 32 मंजिला इन टावरों में 950 फ्लैट्स थे, जो अब ध्वस्त हो चुके हैं. जानकारी के मुताबिक बिल्डर ने जब इस प्रोजेक्ट को लॉन्च किया था तो इसका खूब प्रचार प्रसार किया गया था. 2006 में लॉन्च किए गया ये प्रोजेक्ट नोएडा का पहला सबसे आलिशान प्रोजेक्ट था. इसमें स्विमिंग पूल, मार्केट, जिम, क्लब समेत अन्य सुविधाएं शामिल हैं. जानकारों की मानें तो अगर ये ट्विन टावर बनकर तैयार हो जाते तो वर्तमान समय में ये नोएडा ही नहीं, बल्कि एनसीआर की सबसे शानदार आवासीय इमारत होती.

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UP Gold Silver Price Today: बरेली और आगरा में सोना और चांदी के दाम में बड़ी गिरावट, लखनऊ में सोना महंगा

UP Gold Silver Price 29 August : भारतीय सर्राफा बाजार ने सोमवार यानि 29 अगस्त को सोना और चांदी के रेट्स जारी कर दिए हैं। लखनऊ में पिछले पांच दिनों से स्थिर सोना-चांदी के दाम में कुछब बदलाव देखने को मिला है। राजधानी में सोना महंगा हो गया, जबकि चांदी में विशेष बदलाव नहीं दिखा।  वहीं बरेली और आगरा में सोना और चांदी दोनों के दामों में काफी गिरावट दर्ज की गईहै। जबकि गोरखपुर में सोने के दामों में गिरावट दर्ज की गई है। 

लखनऊ में लगातार पांच दिनों तक सोना चांदी के दाम एक बने रहे। इनमें किसी तरह से कोई कमी और बढ़ोत्तरी दर्ज नहीं की गई थी। पांच दिन बाद सोने में बढ़ोत्तरी और चांदी में कमी देखने को मिली। शनिवार को सोना 52800 प्रति दस ग्राम और चांदी 59700 प्रति किलो थी। सोमवार को सोने 53300 प्रति दस ग्राम और चांदी 58800 प्रति किलो के हिसाब से बिकी। कानपुर में सोमवार को सोना 52350 प्रति 10 ग्राम और चांदी 56200 प्रति किला बिक रही है।

आगरा में सोने और चांदी दोनों के दामों में गिरावट देखने को मिली है। शनिवार को सोना 52450 प्रति दस ग्राम और चांदी की कीमत 56800 प्रति किलो थी। सोमवार को सोना 52200 प्रति दस ग्राम और चांदी 55900 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिकी। गोरखपुर में सोना के दाम में कमी देखने को मिली है जबकि चांदी के दाम स्थिर रहे। शनिवार को यहां सोना 53000 प्रति दस ग्राम और चांदी 57000 रुपये प्रति किलो थी। सोमवार को सोना 52800 प्रति दस ग्राम और चांदी 57000 प्रति किलो रही। बरेली में सोने और चांदी दोनों में कमी देखने को मिली है। शनिवार को सोना 52600 प्रति दस ग्राम और चांदी की कीमत 56400 प्रति किलो थी। सोमवार को सोना 52200 प्रति 10 ग्राम और चांदी 55200 प्रति किला बिक रही है।  

सर्राफा बाजार के जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में सोने के दाम में उछाल देखने को मिल सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि आने वाले दिनों में त्योहार और शादियों का सीजन शुरू होने वाला है।

जेवरात पर मेकिंग चार्ज कम तो सोने का रेट ज्यादा

एक शहर के अंदर भी सोना-चांदी के दो दुकानों में रेट का अंतर होता है। लेकिन कोई जेवर खरीदना हो तो मिला-जुलाकर ग्राहक का खर्च एक जैसा हो ही जाता है। दरअसल, जेवर पर सोना-चांदी के रेट के ऊपर मेकिंग चार्ज यानी बनाने का खर्चा लगता है। आप गौर करेंगे कि जिस दुकान में सोने का भाव कम होगा, वहां मेकिंग चार्ज 15-24 परसेंट तक ऊपर से लगता है।
 

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पर्ची का प्रेशर, लिफाफे का खेल... Twin Towers के साथ ही टूटा अफसरों-बिल्डर का अहंकार!

Twin Towers demolition: नोएडा के ट्विन टावर रविवार को जमींदोज कर दिए गए. धूल के गुबार ने एक गहरी चादर ओढ़ी, कई किलोमीटर के दायरे को आगोश में ले लिया. जहां तक धूल नहीं पहुंच पाई वहां तक उसकी गंध पहुंची. लोगों में एक उत्साह था, देखने की तमन्ना थी, जिसे अपने-अपने तरीके से कई लोग पूरा करने में सफल रहे. जो नजदीक नहीं जा सकते थे उन्होंने टीवी पर इसे लाइव देखा. अब बादल छंटने लगे हैं. धूल जमने लगी है. लेकिन सवाल आज भी हैं. जिनके जवाब की तलाश और तेज हो गई है.  

सवालों के घेरे में तत्कालीन सरकारें और प्रशासन है, ट्विन टावर के टूटने के साथ बड़ी शिद्दत से यह सवाल पूछा जाने लगा है कि क्या अकेले बिल्डर इसका जिम्मेदार था? क्या उसने अपने मन से टावर खड़ा कर लिया? क्या उसने अथॉरिटी की मंजूरी नहीं ली? अगर उसने सरकार के बढ़ाए एफएआर से अपना हित साधा तो क्या गलत किया? हाई कोर्ट में याचिका दायर होने के बाद कौन लोग थे बिल्डर को समझाने वाले कि काम तेज कर दो, 'कोई बिल्डिंग गिरी है क्या भारत में'.

'सुप्रीम कोर्ट कोई रास्ता निकाल देगा' अरे हम लोग हैं न कुछ नहीं होगा...और  परिणाम क्या हुआ, टावरों की ऊंचाई बढ़ती गई, इसके साथ ही रेजिडेंट्स का आक्रोश भी. परिणाम भी सबके सामने है. आखिर ये खेल हुआ कैसे?  

'पर्ची' के साथ 'लिफाफे' ने पकड़ी रफ्तार

नाम न छापने की शर्त पर इन घटनाओं को नजदीक से देखने वाले नोएडा के एक वरिष्ठ पत्रकार ने इस खेल के बारे में बताया. समय 2004, सूबे में बनी सरकार को पता था कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी पैसे की खान पर बैठी हैं. पहले अथॉरिटी खुद के फ्लैट बनाती थी और प्लॉट का आवंटन करती थी. लेकिन इसमें रिस्क ज्यादा था, बिना कोर्ट कचहरी के आवंटन पूरा ही नहीं होता था. धांधली और भाई भतीजावाद के आरोप लगते थे. नेताओं-मंत्रियों का दवाब अलग से रहता, किसी के साले को, किसी की साली को फ्लैट चाहिए होता था. नेताओं की इच्छा पूरी करने में अफसरों के अपने छूट जाते. हालात ऐसे हो गए कि अफसर इसकी काट खोजने लगे. वह सरकार को यह समझाने में सफल रहे कि अब खुद के फ्लैट बनाने में झंझट और बदनामी के सिवा कुछ नहीं है. हम कल्याणकारी राज्य हैं तो बहुत फायदा भी नहीं कमा सकते. इससे अच्छा है कि बिल्डरों को जमीनें आवंटित कर दी जाएं वो फ्लैट बनाकर बेचें, हम रेग्युलेटिंग अथॉरिटी रहेंगे. बाकी देख लिया जाएगा. और यहीं से असली खेल शुरू हुआ. यह वो दौर था जब यूपी में बीजेपी अपने वजूद के लिए लड़ रही थी और सपा-बसपा की सरकारों के बनने बिगड़ने का दौर जारी था.

शुरू हुई अफसरों की खोज

ऐसे अफसर खोजे जाने लगे जो लखनऊ के आदेश को किसी भी शर्त पर ना न कह सकें. उन्हें अपनी टीम बनाने की भी आजादी दी गई. प्लॉट की स्कीम आती, बिल्डर उसमें अप्लाई करते. उधर लखनऊ से एक 'पर्ची' चलती, उसके मुताबिक ही आवंटन होता. उससे अलग चलने की हिम्मत किसी की नहीं होती. बिल्डर अपनी जरूरतें बताते, उसके मुताबिक खिदमत करते और लखनऊ से आदेश पारित हो जाता. यहां के अधिकारी अपना लिफाफा पाकर ही संतुष्ट हो जाते कि इनसे पंगा कौन ले. अगर ये इतना बड़ा आदेश पारित करा सकते हैं तो उनके ट्रांसफर का आदेश पारित कराने में कितना समय लगेगा. सरकारों को खेल में मजा आने लगा था. इसमें किसी को दिक्कत नहीं थी. बिल्डर खुश, अफसर खुश, लोगों को मकान मिलने का रास्ता साफ. सब एकदम सलीके से चल रहा था. लूप होल्स भी नहीं, हिसाब काले का लेकिन बाहर सब एकदम व्हाइट.  

सुपरटेक ने ऐसे किया खेल

ऐसा ही खेल सुपरटेक ने किया. 2004 में जमीन का आवंटन कराया, धीरे-धीरे उसने अपने जरूरत भर की जमीन अथॉरिटी से अलॉट करा लीं. तुर्रा यह कि नापने में जमीन इधर-उधर हो गई थी तो ये बचा हिस्सा भी उसको ही दे दिया जाए. अहंकार में दोनों थे, अथॉरिटी अफसर भी और बिल्डर भी. एमराल्ड कोर्ट के लोगों को बताया गया था कि यह सामने की जमीन पर पार्क होगा. आपके घर की धूप और हवा पर कोई असर नहीं पड़ेगा लेकिन वहां दो टावर लॉन्च कर दिए गए. 2006 में अतिरिक्त जमीन अलॉट कराने के बाद बिल्डर अलग नशे में था. उसने अलग से 2 एक्स्ट्रा टावर लॉन्च कर दिए. बताया गया ये 22 मंजिला होंगे. लेकिन इरादा कुछ और था. लखनऊ से एक आदेश चला एफएआर खरीदकर बिल्डिंग की ऊंचाई 33 फीसदी बढ़ा सकते हो. सोचने वाली बात यह थी कि अगर नींव मजबूत न होगी तो ऊंचाई कैसे बढ़ा लेंगे. यहां तो अंदरखाने कई तरह के खेल चल रहे थे. बिल्डिंग 24 मंजिला बढ़ाने की अनुमति मिल गई यानी 73 मीटर.  

जब धैर्य जवाब देने लगा

अब एमराल्ड कोर्ट के लोगों का धैर्य जवाब देने लगा था लेकिन वो बेबस थे. आपस में मीटिंग चल रही थी लेकिन कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था. कौन इस पचड़े में पड़े. लेकिन जब रिवाइज्ड प्लान में बिल्डिंगों की ऊंचाई 121 मीटर यानी 39 और 40 मंजिला करने की मंजूरी दे दी गई तो निवासियों के सब्र का बांध टूट गया, वो अथॉरिटी की तरफ दौड़े, वहां से नक्शा मांगा गया कि हम देखना चाहते हैं कि सुपरटेक क्या बना रहा है.

निर्लज्ज अफसरों का जवाब था कि बिल्डर से पूछकर बताएंगे कि नक्शा रेजिडेंट्स को देना है या नहीं. जैसे अफसर नहीं बिल्डर अथॉरिटी चला रहा हो. वकीलों से राय ली जाने लगी. अब क्या किया जा सकता है. बिल्डर और अथॉरिटी दोनों के खिलाफ लड़ना था. कुछ लोग पहले से हतोत्साहित करने में लगे थे कि कौन इनसे जीत पाएगा लेकिन लोगों को कोर्ट पर भरोसा था, उन्हें यकीन था कि वहां से न्याय मिलेगा.  

इन दो प्वाइंट पर मात खा गया बिल्डर

बिल्डर ने वैसे तो कई अनियमितताएं बरती थीं लेकिन दो सवालों के जवाब न बिल्डर के पास थे न अथॉरिटी के पास. पहला- अगर किसी खास उद्देश्य के लिए जमीन छोड़ी गई है तो बिना बिल्डिंग बायलाज बदले उस पर कुछ और नहीं बनाया जा सकता. और दूसरा यह परिवर्तन तभी होगा जब रेजिडेंट्स इसकी अनुमति देंगे. बिल्डर ने यह दोनों काम नहीं किए थे, क्योंकि उसे लग ही नहीं रहा था कि अफसरों और सरकार से ऊपर भी कोई है. अफसर बिल्डर को समझाते रहे कि कुछ नहीं होगा. बनी बनाई बिल्डिंग को गिराने का आदेश देना इतना आसान है क्या, हां फाइन लग सकता है. बिल्डर यह सोचता रहा कि अगर फाइन लगा तो कौन अपने घर से देना है जिन लोगों ने बुकिंग कराई है उससे ले लेंगे, अपना क्या?  

याचिका दायर करते ही बढ़ गई निर्माण की स्पीड

2012 में हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी गई. इधर निर्माण की स्पीड बढ़ गई. एमराल्ड कोर्ट के लोग बताते हैं कि बिल्डर चाहता था कि फैसले से पहले वह हर हाल में टावर पूरे कर ले, मजदूर बढ़ा दिए गए, गाड़ियों की कतारें लंबी हो गईं. रात-दिन काम होने लगा, जब कोर्ट में लोग गए थे तब 13 मंजिलें ही बनी थीं. कोर्ट ने केस दर्ज कर पुलिस को जांच करने को कहा. जांच रिपोर्ट में सामने आया कि धांधली हुई है. हर नियम कानून ताक पर रखकर काम किया गया है. 2014 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इसे गिराने का आदेश दे दिया, तब एक टावर 32 और दूसरा 30 मंजिला बन चुका था.

इस आदेश के साथ ही काम रुक गया. बिल्डर ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में इलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्णय को बरकार रखा और सभी आवंटियों के पैसे ब्याज समेत वापस करने के आदेश दिए. बिल्डर ने यहां भी खेल किया लोगों को कहीं और फ्लैट लेने का ऑफर दिया. एक्स्ट्रा पैसे वसूल लिए. कुछ लोगों ने अपना बजट कम बताया तो उन्हें कम पैसे की प्रॉपर्टी दी गई और जो बचा अमाउंट वापस करना था उसके लिए वो आज भी चक्कर काट रहे हैं. कुछ लोग आज भी ऐसे हैं जिन्हें रिफंड नहीं मिला है. अब तो इनसॉल्वेंसी का बहाना है.

ट्विन टावर गिरा दिए गए, इसके पैसे भी बिल्डर ने खर्च किए, उसे तो सजा मिल गई लेकिन जिन अफसरों, सरकारों की नाक के नीचे ये खेल चलता रहा उनका क्या. क्या इसकी सीबीआई जांच नहीं होनी चाहिए थी आखिर नियमों को ताक पर रखकर ऐसे आदेश कैसे पारित किए जाते रहे. जांच भी किस तरह की हो रही है. एक एसआईटी और एक विजिलेंस. राज्य सरकारों की दोनों एजेंसियां हैं. किसी की ईमानदारी पर सवाल नहीं खड़े किए जा सकते लेकिन देर क्यों हो रही है. कितनी फाइलें हैं जिसका बोझ नहीं संभल पा रहा है.

आजाद हैं असली गुनहगार

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यूपी सरकार ने इसका जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी बनाई जिसकी जांच के आधार पर 26 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया. सुपरटेक के डायरेक्टर और आर्किटेक्ट के खिलाफ भी मामला दर्ज हुआ. अथॉरिटी के प्लानिंग विभाग के अफसरों, फायर डिपार्टमेंट के अफसरों के खिलाफ भी मामला बना लेकिन अभी यह अंजाम तक नहीं पहुंचा. फायर डिपार्टमेंट के कई लोग रिटायर हो चुके हैं. दूसरे डिपार्टमेंट के 2 लोगों का निधन हो चुका है लेकिन यह सत्य है कि कोई इस आरोप में जेल में नहीं है. बस जांच चल रही है.

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12वीं की छात्रा को जिंदा जलाने पर सुलगा झारखंड, कड़ी सुरक्षा के बीच निकली शवयात्रा

पांच दिन तक जिंदगी की जंग लड़ रही दुमका की अंकिता आखिरकार हार गई. रांची के रिम्स में आज सुबह उसकी मौत हो गई. उसकी मौत की खबर दुमका पहुंचते ही आक्रोशित लोग सड़क पर निकल आये और दुमका टॉवर चौक जाम कर अंकिता को न्याय दिलाने की मांग करने लगे. अंकिता के घर पर प्रशासनिक अधिकारी भी पहुंचे.

दरअसल, दुमका के नगर थाना क्षेत्र के जरूवाडीह मोहल्ले के रहने वाले शाहरुख ने अंकिता पर पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया था. शाहरुख ने अंकिता के साथ यह खौफनाक वारदात इसलिए की थी, क्योंकि उसने फ़ोन पर उससे बात करने से इनकार कर दिया था. बुरी तरह से जली अंकिता को दुमका मेडिकल कॉलेज के बाद रांची रिम्स रेफर कर दिया गया था.

कड़ी सुरक्षा के बीच निकली शवयात्रा

कड़ी सुरक्षा के बीच अंकिता की अर्थी को घर से निकाला गया. बेतिया घाट पर उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा. बड़ी संख्या में दुमका के लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए. शहर का माहौल ना बिगड़े इसके लिए पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है, हालांकि इसके बारे में पुलिस कुछ भी कहने से बच रही है.

सुबह 4 बजे शाहरुख ने अंकिता को जलाया था

अंकिता को जलाने की घटना 23 अगस्त को सुबह चार बजे घटी थी. घर में उस वक्त अंकिता के दादा-दादी, उसके पिता और उसका छोटा भाई मौजूद था. जब तक अंकिता नींद से उठती, तब तक आग के लपेटों से वह घिर चुकी थी. उसने किसी तरह कमरे का दरवाजा खोला और आंगन में रखे पानी से भरे बाल्टी को अपने ऊपर उड़ेला.

लेकिन फिर भी अंकिता जल रही थी. चीख-पुकार सुनकर दादा-दादी और पिता जग गए. कम्बल लपेटकर आग बुझाया और बुरी तरह जली अंकित को दुमका मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए भर्ती कराया. मामले के संज्ञान आते ही नगर थाना पुलिस ने आरोपी शाहरुख़ को गिरफ्तार कर लिया और पीड़िता का बयान दर्ज किया.

बात न करने पर धमकी देता था शाहरुख

अंकिता के घरवालों ने बताया था कि शाहरुख ने कहीं से अंकिता का फोन नंबर जुगाड़ कर लिया था और बराबर उसे फोन कर दोस्ती करने और अपनी बात मनवाने का दबाव डालता था, लेकिन अंकिता उसे मना करती, शाहरुख ने धमकी दी थी कि अगर मेरा कहा नहीं मानोगे तो मैं तुम्हें जिंदा नहीं छोडूंगा और उसके बाद ही इस तरह की घटना घटी.

दादी ने हत्यारे को फांसी दिलाने की मांग की

12वीं में पढ़ रही अंकिता कि बूढ़ी दादी ने आरोपी को तुरंत फांसी पर चढ़ाने की बात कही है. दादी ने कहा कि आरोपी को फांसी की सजा दी जाए, जिसने मेरी पोती की जान ली है, मैं काफी बूढ़ी हो गई हूं, हम कब मर जाए कोई ठिकाना नहीं है, इसलिए हत्यारे को जल्द फांसी की सजा दी जाए ताकि मेरी आत्मा को शांति मिले.

वहीं अंकिता के दादा ने अपनी पोती के बारे में बताते हुए कहा कि घर की हालात को देखते हुए वह कुछ काम करना चाहती थी, वह अपने जान पहचान वालों से नौकरी मांगती थी ताकि घर की माली हालत को दुरुस्त कर सके, वह ग्रेजुएशन कर टीचर बनने की इच्छा रखती थी, लेकिन उसके सारे ख्वाब को उस अपराधी ने खत्म कर दिया.

अधिकारी बोले- आरोपी को फांसी की सजा दिलाएंगे

अंकिता की मौत के बाद अधिकारियों का कहना है कि हम इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाकर जाएंगे. एसपी ने कहा कि इस संबंध में जितना ठोस साक्ष्य मिला है और डाईंग डिक्लेरेशन में पीड़िता ने जो भी बताया है, उसके आधार पर आरोपी को कैपिटल पनिशमेंट जैसे फांसी की सजा दिलाना ही हमारा मकसद रहेगा.

एसपी ने कहा कि हमने कोर्ट में रिक्विजिशन भी डाल रखा है,  जिसमें फास्ट ट्रैक कोर्ट में विचारण चलेगा, कोर्ट में त्वरित विचारण के लिए दिया जाएगा जैसा कि पिछला 376 कांड में चला था और त्वरित फैसला आया था, इस कांड में भी जल्द से जल्द न्याय मिलेगा, फास्ट ट्रैक कोर्ट में साक्ष्य को संकलित कर  त्वरित न्याय किया जाता है.

अंकिता की मौत के बाद बीजेपी और हिंदू संगठनों का प्रदर्शन

अंकिता की दर्दनाक मौत के बाद बीजेपी और हिंदू संगठनों का प्रदर्शन जारी है. बीजेपी महिला मोर्चा ने दुमका के टिन बाजार चौक पर आरोपी शाहरुख का पुतला फूंका. कार्यकर्ताओं का आरोप है कि इस वारदात में शाहरुख के साथ छोटू नाम का एक युवक भी शामिल था, उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी तो हम प्रदर्शन करेंगे.

सिर्फ दुमका ही नहीं, झारखंड के बाकी इलाकों में भी अंकिता की मौत के बाद प्रदर्शन हो रहा है. कई जगह पर बजरंग दल तो कई जगह पर करणी सेना के लोग प्रदर्शन करके आरोपी शाहरुख को फांसी की सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं.


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Noida Twin Towers: जमींदोज होकर भी पड़ोसियों को जमाने भर का 'दर्द' दे गए ट्विन टावर

Noida Supertech Twin Towers demolition: समय 2 बजे, सेक्टर-93 के आसपास की कॉलोनियों के लोग अपने छतों और बालकनियों में पहुंचना शुरू हो गए थे. कई सोसायटियों में जद्दोजहद चल रही थी कि टेरेस की चाबी मिलेगी या नहीं. जिस सोसायटी में चाबी नहीं मिली वहां के कई लोग गाड़ियां लेकर निकल गए. बाकी बालकनियों में मोबाइल लेकर जम गए. पहले लोग ट्रायल ले लेना चाहते थे कि उनके मोबाइल में तस्वीर या वीडियो साफ आएगा या नहीं, जूम होने से पिक्सल फट जा रहे थे और बिना जूम दूर वालों को दिक्कत हो रही थी.

बच्चे ज्यादा उत्साहित थे, उन्हें लग रहा था कि उनसे बेहतर वीडियो कोई बना ही नहीं सकता. वहीं पैरेंट्स को यह पल फिसल जाने का डर सता रहा था, अगर बेटा नहीं ले पाया तो फिर किसी से मांगना पड़ेगा. और सोशल मीडिया पर दूसरे से लेकर वीडियो फोटो डालें फिर वो मजा नहीं आता. 2.20 तक यह चकल्लस चलती रही. जैसे-जैसे समय नजदीक आ रहा था धड़कनें बढ़ती जा रही थीं. 2.22 तक आखिरकार फिक्स हो गया कि मोबाइल किसके हाथ में रहेगा.

आखिरकार वह घड़ी आ गई, एक दो लोगों की घड़ियां तेज थीं, 2.30 बज गए लेकिन गुबार नहीं उठा, मोबाइल को टावर पर टिकाए हुए ही सवाल उठने लगे कि 'लग रहा है आगे बढ़ा दिया' अरे कोई चैनल खोलो देखो तो मामला क्या है. कोई कह रहा है अरे भारत में इतनी बड़ी बिल्डिंग गिराई है, लेकिन कोई मोबाइल हटाने को तैयार नहीं. इतने में धुएं का गुबार उठा विस्फोट की आवाजें लोगों के कानों तक पहुंचीं और गुबार के साथ ही लोग चिल्ला पड़े गिरा दिया. अरे वो देखो धूल, धीरे-धीरे धूल का दायरा बढ़ने लगा.

15 मिनट बाद 5 किमी तक धूल की गंध महसूस की जाने लगी. लोग छतों से बालकनियों से नीचे उतरने लगे. चिंता सताने लगी कि बालकनी में जो कपड़े हैं उस पर धूल न जम जाए. बच्चों को सफोकेशन न हो जाए. 'माता जी तो अस्थमेटिक हैं उन्हें मास्क पहनने को बोलो'. आधे घंटे बाद पुलिस सायरन की आवाज आने लगी. जैसे-जैसे धुएं का गुबार फैल रहा था वैसे वैसे ही सायरन की आवाज बढ़ने लगी, प्रशासन ने पहले ही मना कर रखा था कि बालकनी या टेरेस पर नहीं जाना है इसलिए बहुत से लोगों ने कमरे में आना ही उचित समझा. नीचे आकर लोग टीवी से चिपक गए. 'अरे यार ये तो टीवी पर ज्यादा अच्छे से दिख रहा है'. दूसरा कुछ और कह रहा है अरे टीवी पर तो पहले भी देखा है विदेश की बिल्डिगों को गिरते हुए देखा है, 'आंखों से देखना था भाई फिर ऐसा नजारा देखने को कहां मिलेगा'.

शनिवार की रात का नजारा समय रात 11.30 बजे

पुलिस ने एक तरफ से जाने का रास्ता बंद कर दिया था लेकिन लोग, उधर से पहुंचने की कोशिश कर रहे थे. मेरा बेटा भी उस्ताहित था, हमें एकदम पास से पहुंचना था सेल्फी लेनी थी. रास्ता मिल गया, पुलिस बस अराजकता से बचाना चाहती थी लेकिन उसकी कोई ऐसाी मंशा नहीं थी कि कोई वहां पहुंच ही न पाए. हम लोग भी पहुंच गए. गाड़ियां आ रही थीं. लोग उतरते, सेल्फी लेते साथ में आए मम्मी, ताऊ, बेटे-बेटी को बताते कि यही वो बिल्डिंग है जो कल गिरा दी जाएगी. हर कोई खड़ी बिल्डिंग को कैमरे में कैद कर लेना चाहता. चैनल और यूट्यूबर भी अपने काम में लगे हुए थे. हर एक से यही सवाल क्यों आए हैं. क्या देखना चाहते हैं, अच्छा तो आप इतनी दूर से आए हैं. फोटो खींचते समय भी कुछ लोग आह भरते कि 'इसे गिराना नहीं चाहिए था'.  दूसरा उसे झिड़क रहा होता कि देख रहे हो जो वाली बिल्डिंग है उसमें कुछ हवा-पानी जा पा रहा है. एमराल्ड कोर्ट के अंदर उन्हीं लोगों की गाड़ियां जा पा रही थीं जो वहां रह रहे थे. जानने वाले बाहर थे. बताया जा रहा है कि इतने बड़े धमाके के चलते आसपास की कुछ इमारतों में भी नुकसान हुआ है. एमराल्ड कोर्ट और एटीएस के कुछ फ्लैटों के शीशे टूटे हैं, एटीएस की 10 मीटर की चारदीवारी के भी गिरने की बात कही जा रही है.

आसपास की बिल्डिंगें तो कमजोर हो जाएंगी

सबसे काम की चर्चा दो लोगों में सुनने को मिली एक अंदर से आए थे और दूसरे उनसे मिलने आए थे, दोनों की उम्र 55-57 के आसपास रही होगी. जो अंदर से आए थे उनका कहना था कि टावर तो गिर जाएगा लेकिन दाग थोड़े मिट जाएगा, अब तो किराएदार भी आने से हिचकते हैं. हर किसी को डर है कि विस्फोट से बिल्डिंग को गिराने के बाद आसपास की बिल्डिंगों पर कुछ न कुछ तो असर पड़ेगा ही. धूल का गुबार इतना भर जाएगा कि साफ करने में महीनों लग जाएंगे. टावर जब खड़ा था तो अलग मुसीबत थी अब गिर जाएगा तो अलग मुसीबत होगी. किसको किसको जवाब देते फिरेंगे. जैसे-जैसे गिरने के दिन नजदीक आ रहे थे, वैसे-वैसे रिश्तेदारों दोस्तों के फोन भी बढ़ते जा रहे थे. पहला सवाल यही है कि तो अब 28 अगस्त को गिराया जाएगा न. वो तो यहां के निवासियों को कहीं और शरण लेनी पड़ी नहीं तो घर रिश्तेदारों से भर जाता. किसको मना कर पाते.

आपके बगल में ही था न ट्विन टावर...

चर्चा आम है कि ट्विन टावर के बगल में खड़े दूसरे टावरों को संदेह से देखा जाएगा. कल को अगर कोई बेचना चाहे तो उसे समझौता करना पड़ेगा. किराएदार आएगा तो 20 बार पूछेगा कि आपके बगल में ही थे न ट्विन टावर जो गिरा दिए गए. इस फ्लैट पर कोई असर तो नहीं है न, और मकान मालिक को इसका जवाब देना पड़ेगा. प्रॉपर्टी डीलर सस्ते में सौदा कराने का वादा करेंगे, अरे ट्विन टावर के बगल का है मकान, सस्ते में दिला देंगे. टेक्नॉलजी से दोनों टावर गिराए गए हैं कहीं कोई असर नहीं पड़ा है जी. दूसरी ओर फ्लैट मालिक को समझाएगा कि देखिए जी, बगल के ट्विट टावर गिराए गए हैं. कुछ न कुछ तो असर पड़ा ही होगा जी. कहां कोई स्टडी हुई है. बेचकर निकल लेने में ही फायदा है. आपको कहीं और दिला देंगे. 

बहुत दिनों तक यह चर्चा चलती रहेगी, रिश्तेदारियों में ऑफिस में, स्कूल में यह बताया जाएगा कि इन्हीं के घर के पास थे वो ट्विन टावर जिन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गिरा दिया गया. बड़ा सवाल यह है कि वह जमीन पार्क के लिए आवंटित थी तो क्या वहां पर पार्क बनाया जाएगा. फिलहाल ऐसा आश्वासन कहीं से नहीं मिला है. बस कयास ही लगाए जा रहे हैं.

सवाल और भी बहुत से हैं जो लोग एक-दूसरे से पूछ रहे हैं क्योंकि और कोई चारा नहीं. सरकारें और अफसर जवाब देना मुनासिब नहीं समझते. वो तो ट्विन टावर के नक्शे तक रेजिडेंट को देने को तैयार नहीं थे, अफसर कहते थे कि बिल्डर से पूछकर बताएंगे कि आपको नक्शे देने हैं कि नहीं. लिफाफे मैनेज हुए लेकिन लोग मैनेज नहीं हो पाए और मामला यहां तक आ गया. फिर उनसे क्या ही उम्मीद. अब तो इस दर्द के साथ ही जीना होगा. सबसे बड़ा सवाल है कि क्या आसपास की बिल्डिंगों पर कोई असर पड़ा है या नहीं? अगर सरकार या प्रशासन ने कोई स्टडी करा दी तब तो ठीक नहीं तो झूलते रहिए इसी तरह. सुनते रहिए लोगों की. देते रहिए जवाब, गुजरते रहिए मानसिक यंत्रणा से, सुप्रीम कोर्ट ने टावर तो गिरवा दिए, एक तरह से न्याय दिलवा दिया लेकिन जिम्मेदारों पर तो सरकार को एक्शन लेना था उसका क्या हुआ, जांच कहां तक पहुंची. कैसे हुआ खेल क्या यह भी कभी बाहर आ पाएगा. क्या इस घटना के लिए केवल बिल्डर जिम्मेदार है. उसने जो किया उसका परिणाम भुगत लिया लेकिन अफसरों को दंड क्यों नहीं मिला.

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हार्दिक का दम, भुवी का कमाल... पांच फैक्टर जिन्होंने PAK के खिलाफ दिलाई जीत

टीम इंडिया ने एशिया कप 2022  में अपने अभियान का धमाकेदार आगाज किया है. रविवार को दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में भारत ने चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान को पांच विकेट से पराजित किया. पाकिस्तान ने भारत को जीत के लिए 148 रनों का टारगेट दिया था जिसे उसने दो गेंद बाकी रहते हासिल किया. इस जीत के साथ ही भारत ने पिछले साल टी20 वर्ल्ड कप के दौरान मिली हार का बदला ले लिया.

पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले में भारतीय टीम की जीत के कई फैक्टर्स रहे. जहां तेज गेंदाबाजों ने शानदार बॉलिंग करते हुए पाकिस्तानी टीम के सभी 10 विकेट निकालकर उसे 150 रनों के अंदर पैक कर दिया. वहीं बैटिंग में भी  मिडिल ऑर्डर्स के बल्लेबाजों ने दमदार प्रदर्शन करते हुए भारतीय टीम की नैया पार लगा दी. आइए जानते हैं पाकिस्तान के खिलाफ मैच में वो पांच फैक्टर्स जिसके चलते टीम इंडिया ने जीत हासिल की.

हार्दिक का ऑलराउंड पंच: टीम इंडिया की जीत के हीरो हार्दिक पंड्या रहे. पंड्या ने पहले गेंद से जलवा दिखाते हुए 25 रन देकर तीन विकेट चटकाए. हार्दिक ने पहले मैच के 13वें ओवर में इफ्तिखार अहमद (28 रन) को आउट कर 45 रनों की पार्टनरशिप को ब्रेक किया. फिर अपने अगले ओवर में उन्होंने मोहम्मद रिजवान (43 रन) और खुशदिल शाह (2 रन) को पवेलियन लौटाया. इसके बाद हार्दिक ने बैटिंग में कमाल करते हुए महज 17 गेंदों पर 33 रन बनाए. इस दौरान हार्दिक ने 19वें ओवर में हारिस रऊफ को तीन चौके मारे जिससे भारत पर से दबाव पूरी तरह हट गया. अंत में हार्दिक ने 20वें ओवर की चौथी बॉल पर छक्का जड़कर शानदार अंदाज में मैच फिनिश कर दिया. हार्दिक प्लेयर ऑफ द मैच चुने गए.

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हार्दिक पंड्या जीत दिलाने के बाद, फोटो: (AFP)

भुवी की दमदार बॉलिंग: तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार भारतीय फैन्स की उम्मीदों पर पूरी तरह खरे उतरे. भुवी ने 4 ओवर्स में 26 रन देकर चार विकेट चटकाए. यह पाकिस्तान के खिलाफ टी20 इंटरनेशनल में किसी भारतीय गेंदबाज का बेस्ट बॉलिंग प्रदर्शन था. भुवनेश्वर कुमार ने सबसे पहले मैच के तीसरे ओवर में पाकिस्तानी कप्तान बाबर आजम (10 रन) को आउट कर पाकिस्तान को तगड़ा आघात पहुंचाया. बाद में भुवनेश्वर कुमार ने आसिफ अली (9 रन), शादाब खान (10 रन) और नसीम शाह (0 रन) के भी विकेट चटकाए.

कोहली का उपयोगी योगदान: अपना सौवां टी20 इंटरनेशनल खेल रहे विराट कोहली ने 35 रनों की उपयोगी पारी खेली, जिसमें तीन चौके और एक छक्का शामिल था. भारत ने पहले ही ओवर में केएल राहुल का विकेट खो दिया था, वहीं कप्तान रोहित शर्मा संघर्ष करते दिख रहे थे. ऐसे में विराट कोहली ने कुछ शानदार शॉट्स खेलकर स्कोर बोर्ड को चलाए रखा. हालांकि कोहली अनलकी रहे कि वह इस पारी को बड़े स्कोर में नहीं तब्दील कर सके. कोहली को स्पिन गेंदबाज मोहम्मद नवाज ने चलता किया.

विराट कोहली
विराट कोहली, फोटो: (AFP)

'सर' जडेजा का धमाल: रोहित शर्मा के आउट होने के बाद लेफ्ट-राइट कॉम्बिनेशन बनाने के लिए चौथे नंबर पर रवींद्र जडेजा को बैटिंग करने भेजा गया. जडेजा ने बिल्कुल भी निराश नहीं किया और एक छोर संभाल कर रखा. जब 15वें ओवर में 89 रनों के स्कोर पर भारत का चौथा विकट गिरा तो मैच फंसता दिख रहा था. ऐसे में जडेजा ने हार्दिक के साथ 52 रन जोड़कर भारत को संकट से उबारा. जडेजा जब 20वें ओवर की पहली गेंद पर आउट हुए उस वक्त भारत जीत के करीब पहुंच चुका था. जडेजा ने दो चौके एवं इतने ही छक्के की मदद से 35 रनों की पारी खेली.

टॉस ने भी बनाया बॉस: भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा का टॉस जीतना भी भारत के लिए अहम रहा. दुबई में जो पिछले 15 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले गए हैं उसमें से14 मैचों में लक्ष्य का पीछा करने वाली टीमों ने जीत हासिल की है. ऐसे में यह ट्रेंड इस मुकाबले में भी बना रहा. पिछले साल जब टी20 वर्ल्ड कप में दोनों टीमों के बीच इसी मैदान पर मुकाबला हुआ तो पाकिस्तान ने भी पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया. पाकिस्तान का फैसला सही साबित हुआ था और भारतीय टीम बड़ा स्कोर नहीं बना सकने के चलते मैच गंवा बैठी थी.. अबकी बार भारत ने टॉस जीता और पहले बॉलिंग करते हुए पाकिस्तान को 150 रन के अंदर ही समेट दिया.

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रविवार, 28 अगस्त 2022

इस प्लेयर के खेलने से पक्की होती है भारत की जीत, क्या PAK के खिलाफ मिलेगी जगह?

भारत और पाकिस्तान की टीमें एशिया कप 2022 में आमने-सामने होने जा रहीं हैं. दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में होने वाले इस मैच पर दुनिया भर के क्रिकेट फैन्स की निगाहें हैं. इस ब्लॉकबस्टर मैच में धुरंधर बल्लेबाज रोहित शर्मा टीम इंडिया की कप्तानी करेंगे. वहीं बाबर आजम पाकिस्तान टीम की कमान संभालेंगे.

मुकाबले में भारतीय टीम की प्लेइंग-11 क्या रहेगी यह अबतक स्पष्ट नहीं हैं. उम्मीद है कि भारतीय टीम मुकाबले में बेस्ट प्लेइंग-11 उतारेगी. टीम में दीपक हुड्डा भी मौजूद है लेकिन विराट कोहली और केएल राहुल के टीम में वापस लौटने के बाद उनको प्लेइंग-11 में मौका मिलना मुश्किल लग रहा है.

17 मैच खेले हैं दीपक ने

वैसे देखा जाए तो दीपक हुड्डा टीम इंडिया के लिए लकी चार्म साबित हुए हैं और वह जिस मैच में खेलने उतरते हैं उसमें भारतीय टीम को जीत हासिल हुई है. इंटरनेशनल डेब्यू से लेकर दीपक हुड्डा ने अबतक भारत के लिए टी20 और वनडे को मिलाकर कुल 17 मैच खेले हैं जिसमें भारत को हर मैच में जीत मिली है. दीपक हुड्डा 2017 से कई सीरीज में भारतीय टीम का हिस्सा रहे हैं, लेकिन फरवरी 2022 में ही उन्हें पदार्पण करने का मौका मिला.

दीपक हुड्डा के प्लेइंग-11 में रहते हुए भारतीय टीम ने आठ वनडे और नौ टी20 इंटरनेशल मैच जीते हैं. यह इंटरनेशल लेवल पर डेब्यू करने के बाद किसी भी खिलाड़ी की सबसे लंबी विनिंग स्ट्रीक है. दीपक हुड्डा (17) रोमानिया के सात्विक नादिगोटला (15) को भी पीछे छोड़ चुके हैं.

दीपक हुड्डा का इंटरनेशनल रिकॉर्ड

27 साल के दीपक हुड्डा ने 8 वनडे इंटरनेशनल में 28.20 के एवरेज से 141 रन बनाने के अलावा तीन विकेट चटकाए हैं. वनडे इंटरनेशनल में दीपक हुड्डा का बेस्ट स्कोर 33 रन रहा है. टी20 इंटरनेशनल की बात करें तो रोहतक के इस खिलाड़ी के नाम पर 54.80 के एवरेज से 274 रन दर्ज हैं. टी20 इंटरनेशल में दीपक हुड्डा का बेस्ट स्कोर 104 रन है जो उन्होंने आयरलैंड के खिलाफ बनाया था.

इंटरनेशनल डेब्यू करने के बाद लगातार जीत:
17*- दीपक हुड्डा (भारत)
15- सात्विक नादिगोटला (रोमानिया)
13- डेविड मिलर (साउथ अफ्रीका)
13- शांतनु वरिष्ठ (रोमानिया)
12- के. किंग (वेस्टइंडीज)

एशिया कप के लिए भारतीय टीम: रोहित शर्मा (कप्तान), केएल राहुल, विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव, ऋषभ पंत, दीपक हुड्डा, दिनेश कार्तिक, हार्दिक पंड्या, रवींद्र जडेजा, आर. अश्विन, युजवेंद्र चहल, रवि बिश्नोई, भुवनेश्वर कुमार, अर्शदीप सिंह, आवेश खान.

 

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रोहित का तूफान-कोहली का दम..5 फैक्टर जो तय करेंगे PAK के खिलाफ भारत की जीत

India Vs Pakistan T20 Match: भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप 2022 में आज (28 अगस्त) को महामुकाबला खेला जा रहा है. शाम 7.30 बजे यह मैच शुरू होगा और हर किसी की नज़रें इसी मुकाबले पर टिकी हैं. दुबई में होने वाले इस मैच में टीम इंडिया टी-20 वर्ल्डकप में मिली हार का बदला लेने उतरेगी. 

यह दो बड़ी टीमों का मैच है, ऐसे में खिलाड़ियों पर महादबाव होगा. लेकिन टीम इंडिया का पलड़ा अब भी पूरी तरह भारी है, क्योंकि यहां बड़े खिलाड़ियों की फौज है. साथ ही भारत के पास इस तरह के बड़े हाईप्रेशर मैच में खेलने का अनुभव भी है. 

हम आपको पांच ऐसे फैक्टर बताते हैं, जो पाकिस्तान के खिलाफ भारत की जीत को पक्का करते हैं...

1. रोहित-राहुल की जोड़ी करेगी धमाल: 
रोहित शर्मा के कप्तान बनने के बाद टीम इंडिया ने बैटिंग करने का तरीका बदला है. अब पहली बॉल से ही आक्रामक बल्लेबाजी देखने को मिलती है. रोहित के साथ उनके जोड़ीदार केएल राहुल वापस लौट रहे हैं, ऐसे में दोनों से धमाके की उम्मीद होगी. टी-20 वर्ल्डकप 2021 में दोनों फेल हुए थे, लेकिन इस बार पूरी उम्मीद है कि उनका बल्ला बरसेगा. 

2. विराट कोहली की वापसी PAK को डराएगी:
टीम इंडिया के किंग विराट कोहली करीब डेढ़ महीने बाद मैदान में वापसी कर रहे हैं. ये वापसी भी उनके पसंदीदा विरोधी पाकिस्तान के खिलाफ हो रही है. कोहली की आदत है कि वह बड़े मंच पर बेहतर स्कोर करते हैं, ऐसे में फैन्स की उम्मीदें उनपर टिकी हैं. पाकिस्तान के खिलाफ टी-20 में विराट कोहली का रिकॉर्ड देखें तो शानदार है. उन्होंने 7 मैच में 311 रन बनाए हैं, जिसमें उनका औसत 78 का रहा है. 


3. सूर्यकुमार यादव की बल्लेबाजी
पिछले एक साल में टी-20 क्रिकेट में भारत के लिए सूर्यकुमार यादव एक बड़े प्लेयर के तौर पर उभरे हैं. अगर वह विराट कोहली के बाद चौथे नंबर पर आते हैं, तो उनके पास एक खुला लाइसेंस होगा ताकि वह शुरुआत से ही अटैक कर सकें. पाकिस्तान के कई खिलाड़ियों ने अभी सूर्यकुमार यादव का गेम देखा नहीं है, ऐसे में उनके गजब के शॉट काम आ सकते हैं. 

4. फिनिशर जिताएंगे मैच...
टीम इंडिया के पास टी-20 टीम में इस वक्त तीन-तीन बेस्ट फिनिशर हैं. हार्दिक पंड्या की दमदार वापसी हुई है, ऋषभ पंत भी पांचवें नंबर पर आकर तेजी से रन बना सकते हैं. साथ ही अगर दिनेश कार्तिक को प्लेइंग-11 में जगह मिलती है, तो सोने पर सुहागा होगा. क्योंकि दिनेश कार्तिक बतौर फिनिशर एक दमदार फॉर्म में चल रहे हैं, ऐसे में उनका अनुभव पाकिस्तान के खिलाफ काम आएगा. 

5. बॉलिंग यूनिट में है दम
भले ही भारतीय टीम के पास जसप्रीत बुमराह नहीं हैं, लेकिन टीम इंडिया की बॉलिंग अभी भी दमदार है. भुवनेश्वर कुमार का अनुभव और स्विंग, साथ ही अर्शदीप सिंह और आवेश खान की रफ्तार टीम इंडिया के काम आएगी. खास बात ये है कि दोनों ने आईपीएल में बढ़िया प्रदर्शन किया है और पाकिस्तानी बल्लेबाजों के लिए ये नए होंगे. इसके साथ ही युजवेंद्र चहल या रवींद्र जडेजा अगर प्लेइंग-11 में हुए तो फिरकी दुबई के मैदान में कमाल कर सकती है. 

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कैसे मलबे में तब्दील हो गए नोएडा के गगनचुंबी ट्विन टावर, देखें पूरा वीडियो

Noida Twin Tower Demolished: कैसे मलबे में तब्दील हो गए नोएडा के गगनचुंबी ट्विन टावर, देखें पूरा वीडियो


Noida Twin Tower Demolition: नोएडा में सुपरटेक के दो ट्विन टावर को रविवार को पलक छपकते ही जमींदोज कर दिया गया. 30 और 32 मंजिला ये गगनचुंबी इमारतें बस चंद सेकेंड्स में ही मिट्टी में मिल गईं. बस एक बटन दबाते ही 60 सेकंड के अंदर पूरी बिल्डिंग धराशायी हो गई. 9000 से ज्यादा छेद कर 3700 किलो बारूद भर इस टावर को ध्वस्त कर दिया गया. इसके बाद तीन किलोमीटर इलाके तक धूल फैलती दिखी. प्रदूषण पर काबू पाने के लिए एंटी फगिंग गन और 75 वाटर टैंक तैयार थे. देखें तस्वीरें.

Noida's Supertech Twin Towers brought down at around 2:30 pm through implosion on Sunday. India's biggest demolition was witnessed in Noida Sector 93A. The sky scrapper building was razed in just 60 seconds. Watch these exclusive pictures of demolition.

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'हमारे दूसरे प्रोजेक्टों पर...', Twin Towers पर आया Supertech का बयान

नोएडा के प्रसिद्ध ट्विन टावर के ढहाए जाने में अब सिर्फ कुछ ही समय बचा है. सुरक्षा के लिहाज से आसपास के इलाके को पूरी तरह खाली करा लिया गया है. सड़कों को भी पूरी तरह से बंद किया जा रहा है. वहीं 400 से अधिक पुलिसकर्मियों को बिल्डिंग के आसपास के क्षेत्र में तैनात किया गया है. वहीं भ्रष्टाचार की बुनियाद पर खड़ी हुई इस इमारत को ध्वस्त कराने में लंबी लड़ाई लड़ने वाले एमराल्ड कोर्ट के निवासी अपनी इस बड़ी जीत से बेहद खुश नजर आ रहे हैं. इस बीच अब सुपरटेक के मालिक आरके अरोड़ा का बयान भी सामने आया है, जिसमें उसने अपने अन्य प्रोजेक्ट और उनसे जुड़े बायर्स को लेकर भी कई बातें कही हैं.

सुपरटेक बिल्डर का बयान

दरअसल, सुपरटेक के मालिक आरके अरोड़ा ने बयान जारी कर कहा, "सेक्टर-93ए में ट्विन टावर एपेक्स और सियान नोएडा प्राधिकरण द्वारा आवंटित जमीन पर बनाए गए हैं. दोनों टावरों सहित प्रोजेक्ट के बिल्डिंग प्लान को 2009 में नोएडा प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित किया गया था, जिसमें राज्य सरकार द्वारा घोषित तत्कालीन बिल्डिंग बायलॉज का सख्ती से पालन किया गया. बिल्डिंग प्लान के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई और प्राधिकरण को पूरा भुगतान करने के बाद ही बिल्डिंग का निर्माण किया गया था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने तकनीकी स्तर पर निर्माण को सही नहीं मानते हुए दोनों टावरों को गिराने का आदेश जारी किया. हम कोर्ट आदेशों का सम्मान करते हैं और इसका पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हमने ध्वस्तीकरण के लिए दुनिया की नामी एजेंसी एडिफिस इंजीनिरिंग को चुना, जो हाईराइज बिल्डिगों को सुरक्षित तरीके से ध्वस्त करने में माहिर है.

दूसरे प्रोजेक्टों को लेकर कही ये बात

बिल्डर ने कहा, "हमने 70 हजार से अधिक यूनिट्स को पूरा कर होम बायर्स को सौंपा है और हम बाकि की यूनिट्स को भी समय से देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम सभी होम बायर्स को आश्वस्त करना चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से हमारे किसी और प्रोजेक्ट पर कोई असर नहीं पड़ेगा और बाकि के सभी प्रोजेक्ट पहले की तरह जारी रहेंगे. हम फ्लैटों का निर्माण कर उन्हें आवंटियों को समय से सौंपने के लिए प्रतिबद्ध हैं."

3700 किलोग्राम बारूद का होगा इस्तेमाल 

बता दें कि सुपरटेक के ट्विन टावर्स को आज दोपहर ढाई बजे जमींदोज करने के लिए इसके दोनों टावर एपेक्स और सियान में 9,640 छेद कर 3700 किलोग्राम बारूद भरा गया है. देश में पहली बार इतना बड़ा ब्लास्ट किया जा रहा है. जानकारों की मानें तो ध्वस्तीकरण के बाद इससे 55,000 से 80,000 टन तक मलबा निकलेगा. जिसे हटाने में कम से कम 3 महीने का समय लगेगा. इतना ही नहीं, जैसे ही धमाका होगा इससे हवा में कंक्रीट की धूल का बड़ा गुबार उठेगा, जो आसपास के इलाकों पर छा जाएगा. इससे बड़ा वायु प्रदूषण होने की संभावना है. 

कितने लोगों ने खरीदे थे फैल्ट्स? 

इन ट्विन टावर्स में 711 ग्राहकों ने फ्लैट बुक कराए थे. इनमें से सुपरटेक ने 652 ग्राहकों का सेटलमेंट कर दिया है. बुकिंग अमाउंट और ब्याज मिलाकर रिफंड का विकल्प आजमाया गया है. मार्केट या बुकिंग वैल्यू+इंटरेस्ट की कीमत के बराबर प्रॉपर्टी दी गई है. बिल्डर ने प्रॉपर्टी की कीमत कम या ज्यादा होने पर पैसा रिफंड किया या अतिरिक्त रकम ली. जिन लोगों को बदले में सस्ती प्रॉपर्टी दी गई उनमें सभी को अभी तक बाकी रकम नहीं मिली है. ट्विन टावर्स के 59 ग्राहकों को अभी तक नहीं मिला रिफंड नहीं मिला है. रिफंड की आखिरी तारीख 31 मार्च 2022 थी. कुल 950 फ्लैट्स के इन 2 टावर्स को बनाने में ही सुपरटेक ने 200 से 300 करोड़ रुपये खर्च किए थे. गिराने का आदेश जारी होने से पहले इन फ्लैट्स की मार्केट वैल्यू बढ़कर 700 से 800 करोड़ तक पहुंच चुकी थी.

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नोएडा में आज होगा देश का 'सबसे बड़ा धमाका', ढह जाएगा करप्शन का ट्विन टावर

नोएडा का सेक्टर-93A,आज ये जगह आजाद भारत के इतिहास की कई बड़ी घटनाओं का गवाह बनने जा रही है. आज यहां सिर्फ 32 मंजिल की दो बहुमंजिला या 103 मीटर ऊंचे ट्विन टावर को ही नहीं ढहाया जाएगा, बल्कि देश में आसमान की बुलंदियों तक पहुंचे भ्रष्टाचार को भी जमींदोज किया जाएगा. इतना ही नहीं देश में पहली बार इस तरह किसी इमारत को ढहाने की ये पहली घटना होगी, तो अगर दूसरे नजरिए से देखा जाए तो इस तरह की तकनीक हासिल करने के लिए भी ये पल साक्षी बनेगा. ट्विन टावर का डिमॉलिशन सुरक्षित हो, इसे लेकर प्रशासन ने चाक-चौबंद व्यवस्था की है. एहतियात से जुड़े सारे प्रबंध किए हैं. वहीं धमाके के बाद उठने वाले धूल और धुंऐ के गुबार को सीमित रखने की भी कोशिश हो रही है. साथ ही अस्पतालों को भी हेल्थ इमरजेंसी के लिए तैयार रहने का अलर्ट भेज दिया गया है और आस-पास के इलाके को खाली करा लिया गया है.

2:30 बजे धमाका, और सब ध्वस्त

नोएडा के ट्विन टावर को धमाके से जमींदोज़ करने का वक्त आज 28 अगस्त 2022 को दोपहर ढाई बजे मुकर्रर हुआ है. 12 सेकेंड में 3700 किलोग्राम बारूद इन इमारतों को ध्वस्त कर देगा. इसके लिए इमारतों में 9,640 छेद कर ये बारूद भरा गया है. सुपरटेक की एमरॉल्ड कोर्ट के ये ट्विन टावर लंबे समय से निर्माणाधीन ही हैं और अब ये कंप्लीट होने की बजाय जमींदोज़ होने जा रहे हैं.

डिमॉलिशन के लिए बनाया गया कंट्रोल रूम

ट्विन टावर का ध्वस्तीकरण सही तरीके से हो जाए, इसके लिए नोएडा प्रशासन ने एक कंट्रोल रूम भी बनाया है. इस नियंत्रण कक्ष में प्रशासन के साथ-साथ आपदा प्रबंधन की टीम मौजूद रहेगी. अस्पतालों से सम्पर्क बनाए रखा जाएगा. इतना ही नहीं अस्पतालों को पहले ही तैयार रहने का अलर्ट जारी कर दिया गया है. धमाके की वजह से जो धूल और धुंऐ का गुबार पैदा होगा, उससे कई लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां आने का अंदेशा है. ऐसे में सेक्टर 128 के जेपी हॉस्पिटल में 12 ICU और 8 इमरजेंसी बेड तैयार रखे गए हैं.

एंबुलेंस को तैयार रहने के लिए कहा गया है. वहीं धमाके में किसी भी तरह की अनहोनी के लिए भी अस्पतालों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है.  इतना ही अस्पतालों को संडे के बावजूद पर्याप्त स्टाफ की मौजूदगी, ब्लड बैंक में खून की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है. फेलिक्स हॉस्पिटल को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है. ये अस्पताल डिमॉलिशन की जगह से महज 4 किमी ही दूर है. सरकारी अस्पताल GIMS में भी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रहेंगी. 

अस्थमा के मरीजों के लिए गाडलाइन

नोएडा प्राधिकरण ने ट्विन टावर ढहाए जाने को लेकर आम लोगों को लिए गाइडलाइन जारी की हैं. शहर के ट्रैफिक को डायवर्ट किया है. इतना ही नहीं जिन लोगों को अस्थमा या सांस की बीमारी है और वो आसपास के इलाकों में रहते हैं, उन्हें खास एहतियात बरतने के लिए कहा गया है. उनसे ध्वस्तीकरण के पहले और बाद में कुछ घंटों तक मास्क पहनकर रखने का आग्रह किया गया है.

धूल नियंत्रण के लिए Smog Gun का इस्तेमाल

ट्विन टावर  में एक टावर एपेक्स 32 मंजिला है और दूसरा सीयान 29 मंजिला है. इनके ध्वस्तीकरण से करीब 35,000 घन मीटर मलबा पैदा होगा जिसे ठिकाने लगेंगे में करीब 3 महीने का वक्त लगेगा. धमाके के दौरान उठने वाली धूल और धुंऐ पर नियंत्रण के लिए स्थानीय प्रशासन ने फॉगिंग मशीनें लगाई हैं और इनका ट्रायल किया गया है. हालांकि धूल का ये अंबार कब पूरी तरह नियंत्रण में आएगा, इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है.

Water Fall टेक्नोलॉजी से ढहेंगे ट्विन टावर

नोएडा के ट्विन टावर को वाटर फॉल टेक्निक से ढहाया जाएगा. इसमें विस्फोट के साथ पूरी बिल्डिंग ताश के पत्ते की तरह नीचे आ आएगी, क्योंकि अगर इस इमारत को एक-एक मंजिल तोड़कर ढहाया जाता, तो लगभग डेढ़ साल का वक्त लगता. कुछ ही सेकेंड में इस इमारत को ढहाने के लिए Edfice Engineering नाम की कंपनी ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं.

नोएडा के आसमान में नहीं उड़ेंगे विमान

ट्विन टावर गिराए जाने के दौरान नोएडा शहर के आसपास से होकर हवाई जहाज नहीं उड़ सकेंगे. इसकी वजह धमाके से धूल और धुंऐ के गुबार का उठना है.नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भी इसे लेकर अपनी सहमति दे दी है. नोएडा के इन बिल्डिंग से उड़ने वाली धूल के दिल्ली की तरफ ना बढ़कर आगरा और मथुरा की तरफ बढ़ने की संभावना जताई जा रही है.

धूल-धूल हो जाएंगे 800 करोड़ रुपये

सुपरटेक के इन ट्विन टावर्स को गिराने में करीब 17.55 करोड रुपये का खर्च (Supertech Twin Towers Demolition Cost) आने का अनुमान है. टावर्स को गिराने का ये खर्च भी बिल्डर कंपनी सुपरटेक ही वहन करेगी. इन दोनों टावरों में अभी कुल 950 फ्लैट्स बने हैं और इन्हें बनाने में सुपरटेक ने 200 से 300 करोड़ रुपये खर्च किए थे. वहीं रियल एस्टेट जानकारों की मानें तो जिस इलाके में ये टावर्स बने हैं, वहां प्रॉपर्टी की वैल्यू के हिसाब से इन दोनों टावर्स की वैल्यू (Supertech Twin Towers Value) 1000 करोड़ रुपये के पार निकल जाती है.  अगर कानूनी मुकदमेबाजियों के चलते इस वैल्यू पर थोड़ा बहुत असर पड़ा भी होगा तो इनकी मौजूदा वैल्यू 700 से 800 करोड़ है. हालांकि कुछ ही घंटों बाद ये वैल्यू धूल भर रह जाएगी.

जमींदोज होंगे भ्रष्टाचार के टावर

इन ट्विन टावर्स को लेकर सुपरटेक के खिलाफ शुरू से ही केस लड़ने वाले उदयभान तेवतिया का कहना है कि उन्हें इस बात की खुशी है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई काम आई. ये अवैध निर्माण आज ढहने जा रहा है. एक समय उन्होंने और उनके परिवार ने उम्मीद छोड़ दी थी. उदयभान एमराल्ड कोर्ट में RWA के अध्यक्ष हैं.


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मलिकपुरा में आज मनाई जाएगी सचिन-गौरव की पुण्यतिथि, पुलिस अलर्ट

मलिकपुरा में रविवार को सचिन-गौरव ममेरे-फुफेरे भाइयों की पुण्यतिथि मनाई जाएगी। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी पुण्यतिथि पर यज्ञ किया जाएगा। इसके उपरांत दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए शांति पाठ होगा। पुण्यतिथि को लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है। भारी पुलिस फोर्स कवाल एवं मलिकपुरा के रास्ते पर तैनात रहेगा।

इंस्पेक्टर विश्वजीत सिंह का कहना है कि जानसठ के अलावा बाहर से पुलिस फोर्स मंगाया गया है। सुबह सात बजे से सभी ड्यूटी पर तैनात रहेंगे। सीओ शकील अहमद का कहना है कि जानसठ, मीरापुर, रामराज तीनों थानों की फोर्स के अलावा पुलिस लाइन से भारी संख्या में फोर्स बुलाया गया है पीएसी की कंपनी भी तैनात की गई है।

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शनिवार, 27 अगस्त 2022

PAK के खिलाफ मैच के लिए भज्जी ने चुनी प्लेइंग-11, इस प्लेयर को किया बाहर

एशिया कप 2022 में भारत और पाकिस्तान के बीच 28 अगस्त को दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में महामुकाबला होना है. इस मैच पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हैं. इस हाईवोल्टेज मुकाबले में टीम इंडिया की कप्तानी रोहित शर्मा के हाथों में होगी. वहीं बाबर आजम पाकिस्तानी टीम की बागडोर संभालेंगे. 

मुकाबले से पहले आजतक पर एक खास कार्यक्रम सुपरहिट मुकाबला पेश किया गया. इसमे ंहरभन सिंह, मदन लाल और सुनील गावस्कर ने भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर अपने विचार साझा किए. हरभजन सिंह और मदनलाल का मानना है कि पाकिस्तान के खिलाफ भारत को दो स्पिनर्स के साथ जाना चाहिए.

हरभजन सिंह ने कहा, 'रविचंद्रन अश्विन का खेलना मुश्किल लग रहा है क्योंकि ऑप्शनल प्रैक्टिस वही लोग बैटिंग करते हैं जिन्हें अगले दिन प्लेइंग-11 में चांस नहीं मिलता है. ऋषभ पंत के विकेटकीपिंग करने की पूरी उम्मीद है और उनका फॉर्म भी शानदार रहा है. दिनेश कार्तिक का खेलने पर आपको हार्दिक पंड्या से चार ओवर डलवाने होंगे.

भज्जी की प्लेइंग-11 में ये प्लेयर्स

हरभजन सिंह ने कहा कि केएल राहुल और रोहित शर्मा को ओपनिंग करनी चाहिए. वहीं विराट तीसरे और सूर्या चौथे नंबर पर उतर सकते हैं. भज्जी ने अपनी प्लेइंग-11 में पंत, हार्दिक, चहल और जडेजा को भी जगह दी है. साथ ही हरभजन का मानना कि तीनों तेज गेंदबाजों आवेश खान, भुवी और अर्शदीप सिंह को प्लेइंग-11 में होना चाहिए. हरभजन तीन स्पिनर्स को खिलाने के पक्ष में नहीं दिखाई दिए और उन्होंने अश्विन को प्लेइंग-11 में नहीं रखा.

मदन लाल ने कही ये बात

1983 वर्ल्ड कप टीम के सदस्य मदन लाल ने कहा, इस बार भारतीय टीम की तैयारी काफी अच्छी है उसने 24 मैच खेले हैं. भारत बहुत पॉजिटिव साइड दिखाई दे रही है. पिछली बार जो हमने गलतियां की थी इस बार ना हों. केएल राहुल और रोहित शर्मा काफी अहम होगे और को पहले छह-सात ओवर्स में अच्छा खेलना होगा. भारत का मिडिल ऑर्डर काफी स्ट्रॉन्ग लग रहा है. हार्दिक और रवींद्र जडेजा ने तो काफी शानदार खेल दिखाया है.'

मदन लाल ने आगे कहा, 'तीन तेज गेंदबाज खेलना काफी जरूरी है. हार्दिक पंड्या कल यदि चार ओवर्स फेंके तो काफी अच्छा रहेगा. पाकिस्तानी टीम के दो खिलाड़ियों बाबर और रिजवान से भारत को सावधान रहना होगा. दोनों खिलाड़ी खेल को चलाना जानते हैं. सुनील गावस्कर ने कहा कि पिछले टी20 वर्ल्ड कप में भारत के खिलाफ पाकिस्तान के प्रदर्शन से टीम इंडिया को सीखना चाहिए.

विराट को भज्जी ने दी ये सलाह

भज्जी ने कहा, 'जब पुराना होगा तो वह हरकत कर सकता है. रिवर्स करने के लिए आपके पास पेस होनी चाहिए. गेंद स्विंग नहीं होगा यह बात सबको मालूम है. अगर आपने 170 रन बना लिए तो पाकिस्तान के लिए चेज करना मुश्किल हो सकता है. ब्रेक लेना खिलाड़ियों के लिए काफी उपयोगी रहता है. मुझे लगता है हालिया ब्रेक विराट कोहली को काफी फायदा पहुंचाएगा. विराट कोहली को अपना नेचुरल गेम खेलना चाहिए और रिवर्स स्वीप जैसे शॉट्स से बचना चाहिए.


 

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