शुक्रवार, 30 सितंबर 2022

एसडीओ की पत्नी से पर्स छीन दो बदमाश फरार

थाना सिविल लाइन क्षेत्र की गंगल वाली में देर शाम बाजार से रिक्शा में बैठकर घर लौट रही एसडीओ की पत्नी से बाइक सवार दो बदमाशों ने पर्स छीन लिया। घटना की सूचना देने पर पुलिस ने मौका मुआयना किया।

थाना सिविल लाइन क्षेत्र की गंगल वाली गली में रहने वाले शर्मा मेडि‌कल स्टोर के मालिक सुजीत शर्मा की पत्नी दीप्ती शर्मा व पडोसी एसडीओ संजीव शर्मा की पत्नी दीपा शर्मा बाजार गई थी। देर शाम वह रिक्शा में सवार होकर घर वापस आ रही थी। जैसे ही घर के पास पहुंची तभी पीछे से आये बाइक सवार दो बदमाशों ने दीपा शर्मा का पर्स छीन लिया और फरार हो गए। महिलाओं ने शोर मचाया लेकिन बदमाश तब तक फरार हो चुके थे। घटना के बाद उनके परिजन बाहर आए तो उन्हें घटना की जानकारी मिलते ही दसिविल लाइन पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने पीडित पक्ष को कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

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उत्तर प्रदेश से जब भाजपा भागेगी तभी केन्द्र से उसका सफाया होगा : अखिलेश

लखनऊ, 30 सितंबर (भाषा) समाजवादी पार्टी का अध् यक्ष लगातार तीसरी बार चुने जाने के बाद शुक्रवार को उत् तर प्रदेश के पूर्व मुख् यमंत्री अखिलेश यादव ने 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत् ता से बेदखल करने के उपाय बताते हुए कहा कि जब उत्तर प्रदेश से भाजपा भागेगी तभी केन्द्र से उसका सफाया होगा।
शुक्रवार को जारी बयान के अनुसार विक्रमादित्य मार्ग स्थित पार्टी मुख्यालय में विभिन्न राज्यों से आए सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए अखिलेश ने कहा, ‘‘2024 में भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए हमें आगे की लड़ाई के वास्ते तैयार रहना है और उत्तर प्रदेश इस लड़ाई में मुख्य भूमिका में होगी।''

उन् होंने कहा, ''जब उत्तर प्रदेश से भाजपा भागेगी तभी केन्द्र से उसका सफाया होगा, इसके लिए हमें बूथ स्तर तक पार्टी और संगठन को मजबूत बनाना होगा तथा जनता के बीच अपनी नीतियों एवं कार्यक्रमों को पहुंचाना होगा।''

इससे पहले यादव ने ट्वीट कर कहा, ''आज से शुरू हो रही है --- नयी जिम्मेदारी --- अब है नए संकल्पों की तैयारी--।''

इसी ट्वीट में यादव ने संबोधन के मुद्रा की अपनी तस्वीर साझा की जिसकी पृष्ठभूमि में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव का चित्र लगा हुआ है।

गौरतलब है कि अखिलेश यादव को बृहस्पतिवार को लगातार तीसरी बार समाजवादी पार्टी (सपा) का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया ।

चुनाव अधिकारी और पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में उन्हें निर्विरोध पार्टी अध्यक्ष चुने जाने का ऐलान किया। सपा की स्थापना 1992 में अखिलेश के पिता और प्रदेश के पूर्व मुख् यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने की थी और 2017 तक वह पार्टी के अध् यक्ष रहे।

अखिलेश यादव के नेतृत्व की सपा सरकार (2012-2017) में कैबिनेट मंत्री रहे शिवपाल सिंह यादव (अखिलेश के चाचा) से विवाद के कारण पार्टी के झंडे और चुनाव निशान को लेकर अदालती लड़ाई जीतने के बाद अखिलेश यादव को एक जनवरी 2017 को आपात राष् ट्रीय अधिवेशन बुलाकर पहली बार पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव के स् थान पर दल का राष् ट्रीय अध् यक्ष बनाया गया था।

इसके बाद अक्टूबर 2017 में आगरा में हुए राष् ट्रीय अधिवेशन में उन्हें विधिवत एक बार फिर सर्वसम्मति से पार्टी का अध् यक्ष चुना गया था।

बयान के अनुसार यादव ने कहा, ''भाजपा की नीतियों और अन्याय के खिलाफ संघर्ष तेज किया जाएगा।''

उन्होंने आरोप लगाया, ''भाजपा लोकतंत्र की हत्या करने पर उतारू है। भाजपा की अनैतिकता इस हद तक है कि वह सत्ता का दुरुपयोग करके निर्वाचन की निष्पक्षता एवं पारदर्शिता को भी प्रदूषित करती है। जरूरत इस समय लोकतंत्र को बचाने के लिए समाजवादियों के जागरूक रहने की है।''

यादव ने दावा किया, ''भाजपा और निर्वाचन आयोग ने मिलकर समाजवादी पार्टी से सत्ता छीनी है। भाजपा तमाम तरह के षड़यंत्र कर रही है। वह भय, और प्रलोभन की राजनीति करती है। भाजपा सबसे भ्रष्ट पार्टी है और अहंकार में डूबी हुई है। उत्तर प्रदेश की धरती को भाजपा अपवित्र कर रही है।''

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मुजफ्फरनगर पुलिस ने 3 नशा तस्कर अरेस्ट किये:तस्करों से 44640 नशे की गोलियां, 8276 कैप्सूल व 316 इंजेक्शन बरामद

मुजफ्फरनगर पुलिस ने नशा विरोधी अभियान के तहत 3 नशा तस्करों को अरेस्ट कर लिया। जिनके कब्जे से पुलिस ने लगभग 03 लाख रुपये कीमत की 44640 नशे की गोलियां, 8276 कैप्सूल व नशे करने में प्रयोग होने वाले 316 इंजेक्शन तथा 01 मोटरसाइकिल बरामद की।


गिरफ्तार नशा तस्करों से बरामद नशे की गोलियां तथा अन्य सामान।

अभियान के तहत 3 लाख की नशीला दवा बरामद
रिजर्व पुलिस लाइन में एसपी देहात अतुल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि एसएसपी विनीत जायसवाल ने नशा तस्करों के विरुद्ध अभियान चलाकर उनकी गिरफ्तारी के लिए निर्देशित किया था। बताया कि सीओ फुगाना शरदचंद्र शर्मा व प्रभारी निरीक्षक थाना फुगाना सुदेश कुमार ने 29 सितंबर की रात को पुलिस ने 03 अवैध मादक पदार्थ तस्करों को फौजी मेडिकल स्टोर ग्राम खरड़ के पास से गिरफ्तार किया।

इन 3 मादक पदार्थ तस्करों को किया गिरफ्तार
एसपी देहात ने बताया कि मादक पदार्थ तस्करों की पहचान उवैश पुत्र अन्सार निवासी ग्राम पिठलोकर थाना सरधना जनपद मेरठ हाल निवासी भारत मैडिकल एजेन्सी निकट तहसील कस्बा व थाना बुढाना जनपद मुजफ्फरनगर तथा मोहन पुत्र कुंवरसेन निवासी गली नंबर 07 रामलीला टीला थाना कोतवाली नगर जनपद मुजफ्फरनगर एवं अर्पित मलिक पुत्र स्व. बिजेन्द्र सिंह निवासी ग्राम खरड थाना फुगाना के रूप में हुई।

तीनों तस्करों से भारी मात्रा में नशीली दवा बरामद
एसपी देहात ने बताया कि गिरफ्तार मादक पदार्थ तस्करों के कब्जे से लगभग 03 लाख रुपये कीमत की 44640 नशे की गोलियां, 8276 कैप्सूल व 316 इंजेक्शन व 01 मोटरसाइकिल की गई।

मेडिकल स्टोर से बेंचा जा रहा था नशीला पदार्थ
पकड़े नशा तस्करों ने पुलिस को जानकारी दी। बताया कि मोहन बाहर से अवैध मादक पदार्थ मंगवाकर आसपास बिक्री करता था तथा अभियुक्त उवैश व अर्पित मलिक अपने-अपने मेडिकल स्टोर पर बिना बिल व डॉक्टर के पर्चे के बिना ही अधिक दामों में बेंचकर अवैध लाभ अर्जित करते थे।



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थमी इकोनॉमी की रफ्तार? 8 कोर इंडस्ट्री की ग्रोथ रेट नीचे आई, अगस्त में रही बस इतनी

देश की इकोनॉमी सही रफ्तार से बढ़ रही है या नहीं, इसका एक बहुत बड़ा पैरामीटर 8 कोर इंडस्ट्री की ग्रोथ रेट के आंकड़े होते हैं. अगस्त 2022 के आंकड़े देखें तो इन 8 सेक्टर्स की ग्रोथ महज 3.3% रही है जो ठीक एक साल पहले यानी अगस्त 2021 में 12.2% थी.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 8 कोर सेक्टर की ग्रोथ रेट अगस्त 2022 में महज 3.3 प्रतिशत रही है. जबकि पिछले साल अगस्त में ये दर 12.2% थी. इन 8 कोर सेक्टर में कोयला, कच्चा तेल (Crude Oil), नेचुरल गैस, रिफाइनरी प्रोडक्ट (Eg. Petrol, Diesel and Petro-Chemical), उर्वरक, इस्पात (Steel), सीमेंट और इलेक्ट्रिसिटी हैं. 

जुलाई से भी नीचे आई ग्रोथ रेट

अगर 8 कोर इंडस्ट्री के ग्रोथ रेट को देखा जाए, तो अगस्त 2022 के आंकड़े जुलाई से भी नीचे हैं. जुलाई में ये ग्रोथ रेट 4.5% थी. जबकि उससे पहले जून 2022 में 13.2% और मई 2022 में ये 19.3% तक पहुंच गई थी. अगर बीते 12 महीनों के आंकड़े देखें तो मई 2022 में ही ये ग्रोथ रेट सबसे अधिक रही है. जबकि उससे पहले अगस्त 2021 में ही ये दहाई अंकों में थी और उसके बाद लगातार नीचे है.

टूटी इकोनॉमी की तेज रफ्तार?

आठ कोर इंडस्ट्री की ग्रोथ रेट इतना नीचे आने से संभव है कि आपको लगे कि इकोनॉमी की हालत खराब हो गई है, या इकोनॉमी की रफ्तार थम रही है. लेकिन असलियत में ये एक तुलनात्मक अध्ययन है, तो इसे ऐसे समझ सकते हैं. जब अगस्त 2021 के आंकड़े निकाले गए तो उसकी तुलना अगस्त 2020 से की गई, और अब अगस्त 2021 की तुलना में इनकी ग्रोथ रेट तय की गई है, इसलिए ये काफी कम लग रही है. लेकिन असल मायने में 8 कोर इंडस्ट्रीज ने अगस्त 2022 में 3.3 प्रतिशत की दर से ग्रोथ दर्ज की है, यानी ये पॉजिटिव संकेत ही है, ना कि निगेटिव.

फर्टिलाइजर सेक्टर की ग्रोथ सबसे बढ़िया

अगस्त 2022 में अगर 8 कोर सेक्टर के अलग-अलग सेक्टर की ग्रोथ रेट को देखें तो सबसे बढ़िया वृद्धि उर्वरक यानी फर्टिलाइजर सेक्टर की रही है. इसकी ग्रोथ रेट 11.9% रही है. इसके बाद कोयला यानी कोल सेक्टर की ग्रोथ रेट 7.6%, रिफाइनरी प्रोडक्ट की 7.0%, स्टील की 2.2%, सीमेंट की 1.8% और  इलेक्ट्रिसिटी की वृद्धि दर 0.9% रही है. जबकि क्रूड ऑयल सेक्टर में 3.3% की गिरावट और नेचुरल गैस (LNG, CNG, PNG etc.) सेक्टर में 0.9% की नरमी दर्ज की गई है.

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बचित्रकला के माध्यम से छात्र छाताओ ने समझाए यातायात के नियम

चित्रकला के माध्यम से छात्र छाताओ ने समझाए यातायात के नियम

मुजफ्फरनगर। डीएवी इण्टर कॉलेज मुज़फ्फरनगर में विशेष सड़क सुरक्षा अभियान के अवसर पर चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें विद्यालय के छात्र व छत्राओं ने यातायात नियमों से सम्बंधित चित्र बनाये इस प्रतियोगिता में प्रतिभागियों द्वारा बनाये गए चित्रों की प्रदर्शनी गांधी जयन्ती के अवसर पर चित्रकला विभाग नवीन भवन डी ए वी इण्टर कॉलेज मुजफ्फरनगर में दिनाँक 2 अक्टूबर में लगाई जाएगी कार्यक्रम का संयोजन प्रवीण कुमार सैनी ने किया।

इस कार्यक्रम में विशेष रुप से राजकीय इण्टर कॉलेज मुज़फ्फरनगर से अनिल कुमार रहे।इस अवसर पर अनामिका सैनी, सृष्टि, नैना, अंजू, मोहिनी,महिमा ,प्रिया, मो0 आमिर अली रज़ा, प्रह्लाद सैनी, मो.काशिफ मो.उसैद मो.असद आदि प्रतिभगियों में प्रतिभाग किया।

कार्यक्रम के अन्त में कॉलेज के प्रधानाचार्य सुनील कुमार शर्मा ने सभी छात्रों का मार्गदर्शन किया।

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कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव: दिग्विजय से 'डरे' गांधी परिवार के लिए मजबूरी का नाम मल्लिकार्जुन?

अशोक गहलोत का नाम हटने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद के दावेदारों में दिग्विजय सिंह और शशि थरूर ही मैदान में बचे थे. दिग्विजय ने केरल से दिल्ली आकर नामांकन पत्र भी ले लिया था और उनके प्रस्तावों की लिस्ट भी तैयार थी. ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष के लिए पूर्व मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोनिया गांधी से मिलने के बाद चुनावी मैदान में उतरने के लिए ताल ठोका, जिसके बाद दिग्विजय ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं. इस तरह से खड़गे भले ही छुपे रुस्तम साबित हुए, लेकिन सवाल उठता है कि क्या दिग्विजय के चुनाव लड़ने के ऐलान से गांधी परिवार 'डर' गया था.

कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के तौर पर मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम पार्टी के विचार-मंथन सत्र के दौरान सामने आया, जब अशोक गहलोत दौड़ से बाहर हो गए. सीएम गहलोत ने सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद गुरुवार को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए घोषणा की है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ेंगे. वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष के लिए कई नाम सामने आए, जिनमें दिग्विजय सिंह से लेकर मुकुल वासनिक और कुमारी शैलजा तक शामिल थे. 

दिग्विजय सिंह कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के लिए भारत जोड़ो यात्रा छोड़कर दिल्ली आ गए थे. चुनाव लड़ने के लिए बकायदा नामांकन पत्र भी ले लिया था और चुनाव लड़ने का दम भर रहे थे. मध्य प्रदेश में उनके करीबी नेताओं की लिस्ट भी सामने आ गई थी, जो नामांकन के लिए उनके प्रस्तावक बनने को तैयार थे. ऐसे में आखिर क्या वजह रही कि दिग्विजय सिंह खड़गे के खिलाफ चुनाव लड़ने से पीछे हट गए. 

दिग्विजय सिंह ने कहा कि खड़गे हमारे पुराने साथी और वरिष्ठ सहयोगी हैं. ऐसे में हमने फैसला किया है कि हम उनके खिलाफ चुनाव नहीं लड़ेंगे. दिग्विजय भले ही ये बात कह रहे हैं लेकिन सियासी तौर पर यह बात किसी को भी पच नहीं रही है. दिग्विजय एक जनाधार वाले नेता हैं और संगठन का लंबा अनुभव है. इतना ही नहीं वो अपने स्टैंड पर कायम रहने वाले नेताओं में शुमार होते हैं लेकिन उनकी छवि मुस्लिम परस्त और हिंदू विरोधी नेता के तौर बन गई है. ऐसे में गांधी परिवार के लिए अध्यक्ष पद पर दिग्विजय को स्वीकार करना आसान नहीं था.

राजस्थान के सियासी घटनाक्रम और गहलोत से कांग्रेस हाईकमान का विश्वास टूटने के बाद खड़गे पार्टी अध्यक्ष पद के लिए पहली पसंद बनकर उभरे. गहलोत के मैदान छोड़ते ही मल्लिकार्जुन खड़गे ने ताल ठोक दी है. खड़गे कर्नाटक से आते हैं और दलित समुदाय से हैं. वो जमीनी नेता रहे हैं और लंबा सियासी अनुभव है. छात्र राजनीति से आए खड़गे ने मजदूरों के हक लंबी लड़ाई लड़ी और 8 बार विधायक और तीन बार सांसद बने. 

खड़गे राज्य से लेकर केंद्र तक में मंत्री रहे और नेता प्रतिपक्ष के तौर पर संसद में भूमिका निभाई है. कांग्रेस के लिए सियासी और क्षेत्रीय समीकरण के लिहाज से भी खड़गे फिट बैठते हैं. माना जा रहा है कि कांग्रेस उनके जरिए दलित कार्ड खेलने की कवायद में हैं. दलित समाज से आने वाले खड़गे को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाकर देश भर में सियासी संदेश देने की रणनीति है तो दक्षिण से लेकर उत्तर तक को साधने का दांव. 

मुकुल वासनिक दलित समुदाय से आते हैं और पार्टी के दिग्गज नेता है. वो कांग्रेस के उस जी-23 के नेताओं में शामिल रहे हैं, जिन्होंने 2020 में कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को पत्र लिखा था. पत्र में जी-23 नेताओं ने पार्टी में आमूल-चूल बदलाव लाने की वकालत की गई थी. मुकुल वासनिक भी उस खत पर हस्ताक्षर करने वालों में शामिल थे. इसके अलावा गहलोत के साथ भी उनके रिश्ते हैं. माना जा रहा है कि इसीलिए मुकुल वासनिक का नाम बाहर हो गया है जबकि कुमारी शैलजा हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर सफल नहीं रही. 

वहीं, दिग्विजय सिंह ने खुद ही अपने कदम पीछे खींच लिए हैं. दिग्विजय के पीछे हटने का बड़ा कारण हिंदुत्व और आरएसएस को लेकर का उनका स्टैंड को भी माना जा रहा है. दिग्विजय के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद बीजेपी कांग्रेस पार्टी को घेरने का एक और बड़ा मौका मिल जाता और बहुसंख्यक समुदाय के वोटों के खिसकने का भी खतरा था. मौजूदा समय में कांग्रेस सियासी तौर पर जोखिम भरा कदम उठाने की स्थिति में नहीं है. इन्हीं सभी कारणों को देखते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम पर सहमति बनी है. 

बता दें कि मल्लिकार्जुन खड़गे का जन्म कर्नाटक के बीदर जिले में एक दलित परिवार में हुआ था. छात्र राजनीति से अपनी सियासी पारी शुरू करने आए खड़गे ने 1969 में कांग्रेस में कदम रखा और मजदूरों की हक की लड़ाई को धार दिया. हिंदी पट्टी से दूर कर्नाटक में आठ बार विधायक, दो बार लोकसभा और फिलहाल राज्यसभा सदस्य हैं. कर्नाटक की सियासत में उन्हें 2013 में मुख्यमंत्री का चेहरा माना जा रहा था, लेकिन सिद्धारमैया के चलते नहीं बन सके. हालांकि, यूपीए सरकार के दौरान केंद्र में रेलमंत्री और श्रम विभाग के मंत्री रहे. 

2014 में बीजेपी की सत्ता में वापसी के बाद कांग्रेस 47 सीटों पर सिमट गई थी. कांग्रेस के सामने लोकसभा में नेता सदन बनाने की चुनौती खड़ी हो गई थी. ऐसे में मल्लिकार्जुन खड़गे गांधी परिवार के विश्वास पात्र बनकर उभरे. वो लोकसभा में कांग्रेस की ओर से नेता प्रतिपक्ष बने और उस जिम्मेदारी को उन्होंने बखूबी निभाया. 2019 में खड़गे लोकसभा चुनाव हार गए, पर कांग्रेस राज्यसभा के जरिए सदन में ले आई. लोकसभा में उनके परफॉर्मेंस को देखते हुए राज्यसभा में गुलाम नबीं के बाद खड़गे ही नेता सदन बने. 

गहलोत के सियासी उत्तराधिकारी चुनने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने मल्लिकार्जुन खड़गे को अजय माकन के साथ जयपुर पर्यवेक्षक बनाकर भेजा था. जयपुर में हुए सियासी घटनाक्रम में गहलोत खेमे के विधायकों ने अजय माकन को जिम्मेदारा ठहराया, लेकिन खड़गे की तारीफ करते नजर आए. शांति धारीवाल से लेकर महेश जोशी तक ने कहा कि माकन सडयंत्र कर रहे थे पर खड़गे ने हमारी बातें गंभारती से सुनी. गहलोत के चुनावी मैदान में बाहर निकलने के बाद खड़गे की इंट्री हुई और दिग्विजय ने मैदान छोड़ दिया. 

खड़गे के जरिए दलितों को संदेश 

कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़के के उतरने से दलितों को साधने का बड़ा दांव माना जा रहा है. देश में दलित समुदाय सियासी तौर पर काफी निर्णायक भूमिका में है. कांग्रेस के एक समय परंपरागत वोटर माना जाता था. कांग्रेस एक बार फिर से अपने पुराने कोर वोटबैंक को दोबारा से हासिल करने के लिए खड़गे का दांव चला है. हालांकि, कांग्रेस का यह कार्ड कितना सफल होगा यह तो 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद ही पता चलेगा? 

SC-ST  संसदीय सीटों का समीकरण

देश की कुल जनसंख्या में 20.14 करोड़ दलित हैं. कुल 543 लोकसभा सीट हैं, जिनमें से 131 सीटें रिजर्व है. 84 लोकसभा सीटें अनुसूचित जाति और 47 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. दलित और आदिवासी बहुल इन सीटों पर कभी कांग्रेस अपना एकाधिकार समझती थी, लेकिन यह वर्चस्व टूट गया है. बीजेपी का सियासी ग्राफ बढ़ा है और 2014-2019 के लोकसभा में चुनाव नतीजे से साफ जाहिर होता है. अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित 131 लोकसभा सीटों में से 77 सीटें बीजेपी के पास हैं जबकि 2014 में 67 सीटें उसे मिली थी. 
 

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कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव: दिग्विजय, थरूर के बाद अब ये 4 नाम चर्चा में, नामांकन के आखिरी दिन और बढ़ेगा सस्पेंस

कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर शुक्रवार का दिन काफी अहम रहने वाला है. आज नामांकन पत्र जमा करने की आखिरी तारीख है. राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह और केरल से सांसद शशि थरूर चुनाव में नामांकन पत्र जमा करने जा रहे हैं. इसके साथ ही मुकुल वासनिक, मल्लिकार्जुन खड़गे और कुमारी शैलजा भी नामांकन कर सकती हैं. नामांकन वापसी की आखिरी तारीख 8 अक्टूबर है. कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले दिनों में कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव रोचक होने वाला है. G-23 ग्रुप से अलग से प्रत्याशी उतरने की चर्चाएं शुरू हो गई हैं.

बता दें कि गुरुवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अध्यक्ष पद के चुनाव की दौड़ से खुद को बाहर कर लिया. उन्होंने ये निर्णय कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद लिया. गहलोत के सीएम पद पर बने रहने को लेकर भी सस्पेंस गहरा गया है. पार्टी की तरफ से बताया गया है कि एक या दो दिन में इस पर फैसला हो जाएगा. वहीं, गहलोत के मुकाबले से बाहर होने बाद दिग्विजय सिंह कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल हो गए हैं.

ये चार उम्मीदवार अध्यक्ष पद की रेस में

दिग्विजय ने साफ किया है कि वे शुक्रवार को अपना नामांकन दाखिल करेंगे. हालांकि, ये स्पष्ट नहीं हो सका कि दिग्विजय को पार्टी हाइकमान ने समर्थन दिया है या नहीं. ये बात दिग्विजय सिंह ने खुद स्वीकार की और कहा है कि उन्होंने स्वयं चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है. सूत्रों का कहना है कि पार्टी हाइकमान दलित उम्मीदवार के नाम पर विचार कर रहा है. इसमें मल्लिकार्जुन खड़गे को सबसे आगे चल रहा है. इसके अलावा, मीरा कुमार, मुकुल वासनिक (G-23) और कुमारी शैलजा का नाम भी चर्चा में है. फिलहाल, खड़गे शुक्रवार सुबह सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे. इस मुलाकात पर सभी की निगाहें टिकी हैं. हाइकमान से स्वीकृति मिलने पर खड़गे चुनावी मैदान में उतर सकते हैं.

G-23 की तरफ से थरूर से इतर हो सकता है प्रत्याशी

वहीं, खबर है कि देर रात G-23 के कुछ नेता आनंद शर्मा के घर मुलाकात करने पहुंचे हैं. इनमें भूपेंद्र सिंह हुड्डा, मनीष तिवारी, पृथ्वीराज चव्हाण का नाम शामिल है. माना जा रहा है कि शशि थरूर (G-23) से इतर इन नेताओं में से भी कोई उम्मीदवार हो सकता है. इन G-23 के नेताओं के बीच वेट एंड वॉच की स्थिति चल रही है. अध्यक्ष पद के चुनावी रण में अभी अशोक गहलोत की एंट्री को रूल आउट करना जल्दबाजी होगी. बताया जा रहा है कि लगातार गहलोत से बातचीत का दौर जारी है. वहीं, मुकुल वासनिक और अंबिका सोनी 10 जनपथ की ओर से मध्यस्थता कर रहे हैं. ऐसे में बागी नेता इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि गहलोत नहीं तो फिर गांधी परिवार का उम्मीदवार कौन होगा? उसी के हिसाब से आगे की रणनीति होगी और आखिरी तारीख में इन नेताओं में से कोई नामांकन दाखिल कर सकता है. ये नेता तैयारी करने के लिए बैठे हैं. अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर हर दूसरे दिन मुलाकातें हो रही हैं.

थरूर और दिग्विजय का नामांकन करना फाइनल!

इधर, शशि थरूर (G-23) शुक्रवार को अपना नामांकन दाखिल करेंगे. उन्होंने गुरुवार को दिग्विजय सिंह के साथ बैठक की और दोनों नेताओं ने कहा कि उनका मुकाबला प्रतिद्वंद्वियों का नहीं, बल्कि दोस्तों के बीच होगा और अंतत: कांग्रेस की जीत होगी. दिन में दिग्विजय सिंह ने नामांकन पत्र के कुल 10 सेट कलेक्ट किए. उन्होंने कहा कि वे शुक्रवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे. झारखंड में पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने भी पार्टी के शीर्ष पद के लिए नामांकन पत्र का एक सेट कलेक्ट किया. 

कांग्रेस अध्यक्ष के लिए 17 अक्टूबर को मतदान

दिग्विजय सिंह ने पत्रकारों से कहा- मैंने नामांकन पत्र ले लिया है और संभवत: मैं शुक्रवार को अपना नामांकन दाखिल करूंगा. ये पूछे जाने पर कि क्या वे पार्टी नेतृत्व के इशारे पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं तो उन्होंने कहा- मैंने खुद निर्णय लिया है. चुनाव मैदान में रहने के सवाल पर कहा- वापसी की तारीख तक इंतजार करिए. ये पूछे जाने पर कि क्या वे चुनाव को लेकर गंभीर हैं? इस पर कांग्रेस नेता ने कहा- आप मुझे गंभीरता से क्यों नहीं लेते? बुधवार देर रात दिग्विजय सिंह भारत जोड़ो यात्रा को बीच में छोड़कर दिल्ली पहुंचे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को मतदान होगा और 19 अक्टूबर को परिणाम घोषित किया जाएगा.

सोनिया से मिले गहलोत के बाद पायलट

वहीं, सोनिया गांधी से गहलोत की मुलाकात के कुछ घंटे बाद सचिन पायलट भी दस जनपथ पहुंचे. गहलोत ने विधायकों की बगावत की नैतिक जिम्मेदारी ली और माफी मांगी है. उन्होंने ये भी कहा है कि वे राजस्थान के राजनीतिक संकट की जिम्मेदारी लेते हैं और कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव भी नहीं लड़ेंगे. जबकि सचिन पायलट ने करीब एक घंटे की मुलाकात के दौरान सोनिया गांधी को राजस्थान के घटनाक्रम से अवगत कराया और 2023 के चुनाव को प्राथमिकता के तौर पर गिनाया.

राजस्थान की बयानबाजी पर नकेल!

गहलोत की मुलाकात के बाद केसी वेणुगोपाल दस जनपथ से बाहर आए और उन्होंने बताया कि राजस्थान के मुख्यमंत्री को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष एक या दो दिन में फैसला करेंगी. अध्यक्ष पद के चुनाव पर उन्होंने कहा कि शुक्रवार दोपहर तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी. बाद में वेणुगोपाल ने एक एडवाइजरी जारी की और कहा कि पार्टी राजस्थान में कांग्रेस नेताओं के आंतरिक मामलों और अन्य नेताओं के खिलाफ बयानों पर ध्यान दे रही है. सभी कांग्रेस नेताओं को सलाह दी जा रही है कि किसी भी स्तर पर अन्य नेताओं के खिलाफ या पार्टी के आंतरिक मामलों के बारे में सार्वजनिक बयानबाजी ना की जाए. अगर कोई एडवाइजरी का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

दिन में बड़े नेताओं के बीच चली बैठकें 

इससे पहले दिन में मुकुल वासनिक और गहलोत के बीच बैठक हुई. इसके अलावा, तारिक अनवर की एके एंटनी के साथ मुलाकात हुई. एंटनी और अनवर दोनों पार्टी की अनुशासन कमेटी के अध्यक्ष और सदस्य सचिव हैं. उन्होंने हाल ही में राजस्थान में पार्टी के तीन नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. बताया जा रहा है कि सचिन पायलट ने भी पार्टी के कुछ नेताओं से मुलाकात की है.

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सपा नेता इमरान मसूद को कोर्ट ने सुनाई सजा

कोर्ट ने प्रधानमंत्री पर अशोभनीय टिप्पणी करने के मामले में सपा नेता इमरान मसूद को दोषी करार देते हुए पांच हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड अदा न करने पर कोर्ट ने दोषी को छह माह का कारावास भुगतने के आदेश दिए हैं।

पुलिस अधीक्षक शामली अभिषेक ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में बताया कि वर्ष 2019 में झिंझाना पुलिस ने प्रधानमंत्री के विरुद्ध इमरान मसूद पुत्र राशिद मसूद निवासी थाना कुतुबगेट जनपद सहारनपुर द्वारा अशोभनीय भाषा का प्रयोग करने के मामले में आईपीसी की धारा 171(G) के तहत केस दर्ज किया था। मामले के विवेचक ने सुसंगत ठोस साक्ष्य के आधार पर जांच उपरांत आरोप-पत्र न्यायालय में दाखिल किया। यह मामला कैराना स्थित एमपी/एमएलए कोर्ट में विचाराधीन था। गुरुवार को कोर्ट ने आरोपी इमरान मसूद को दोषी करार देते हुए आईपीसी की धारा 171(G) के तहत पांच हजार रुपये के अर्थदंड से दण्डित किया है। साथ ही, कोर्ट ने अर्थदंड अदा न करने पर दोषी इमरान मसूद को छह माह का कारावास भुगतने के आदेश दिए हैं।

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गुरुवार, 29 सितंबर 2022

अंकिता जिस रिजॉर्ट में करती थी काम, वहां दो दिन रुका था उसका दोस्त पुष्प, मर्डर केस में नए खुलासे

उत्तराखंड में अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में एसआईटी ने पुलकित आर्य समेत तीनों आरोपियों को 3 दिनों की रिमांड पर ले लिया है. एसआईटी ने अभियुक्तों को रिमांड पर लेने के लिए कोटद्वार कोर्ट में अर्जी दी थी जिसके बाद  कोर्ट ने 3 दिन के लिए पुलकित अंकित और सौरभ की रिमांड मंजूर कर ली है.

23 सितम्बर को तीनों अभियुक्तों को कोर्ट में पेश किया गया था जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. अब सूत्रों के हवाले से यह खबर सामने आई है कि अंकिता की हत्या के बाद मुख्य आरोपी पुलकित आर्य ने अगली सुबह पटवारी से मुलाकात की थी. अब पटवारी भी जांच के दायरे में है. जांच में ये भी पता चला है की 14-15 सितंबर को अंकिता का दोस्त पुष्प रिजॉर्ट पर ही रुका था 16 सितंबर को वो वापस जम्मू लौट गया था.

हत्या की पूरी टाइमलाइन

सूत्रों के मुताबिक 18 सितंबर को अंकिता, पुलकित, सौरभ और अंकित के साथ रिजॉर्ट से तकरीबन 8 बजे निकली थी. 8:30 बजे चिल्ला बैराज से चारों ने बैराज के बैरियर को पार किया था. 9 बजे बैराज से वापस सिर्फ तीन लोग लौटते हुए बैरियर पर दिखाई दिए.

अंकिता का मर्डर 9 बजे से 9:30 बजे के बीच 18 सितंबर को ही हुआ था. 18 सितंबर को अंकिता की लास्ट लोकेशन मौका- ए वारदात पर ही मिली उसके बाद उसका फोन ऑफ हो गया था. आरोपी पुलकित आर्य के फोन का लोकेशन भी घटनास्थल ही था. अंकिता के मर्डर के दूसरे दिन 19 सितंबर को सुबह आरोपी पुलकित इलाके के पटवारी वैभव से मिला था. 

ये वही पटवारी है जिसके पास सबसे पहले अंकिता की गुमशुदगी की शिकायत की गई थी, पटवारी वैभव को पहले ही सस्पेंड किया जा चुका है. 19 सितंबर की सुबह पटवारी से पुलकित की मुलाकात अब जांच के दायरे में है. जांच में ये भी पता चला है की 14-15 सितंबर को अंकिता का दोस्त पुष्प रिजॉर्ट पर ही रुका था 16 सितंबर को वो वापस जम्मू लौट गया था.

अंकिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किसी तरह के यौन उत्पीड़न की बात सामने नहीं आई है, लेकिन डॉक्टरों के बोर्ड ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में लिखा है की सेक्सुअल असॉल्ट की पुष्टि के लिए स्वैब की जांच करवाई जाए.

सीएम धामी ने दिए हैं SIT जांच के आदेश

बता दें कि इस मामले में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एसआईटी जांच के आदेश दिए थे. मुख्यमंत्री ने कहा था, 'राज्य सरकार अंकिता के परिवार के साथ है और उनकी हर प्रकार से सहायता करेगी. सीएम ने लोगों के गुस्से को देखते हुए कहा था कि मामले की एसआईटी जांच की जा रही है. निष्पक्ष तरीके से जल्द से जल्द जांच पूरी की जाएगी.'

सीएम धामी ने कहा था, मामले से संबंधित हर तथ्य जुटाते हुए पुख्ता तरीके से रिपोर्ट तैयार कर अपराधियों को सख्त से सख्त सजा मिले, ये सुनिश्चित किया जाएगा.' सीएम धामी के मुताबिक अपराधियों को ऐसी सजा दिलाई जाएगी जो आगे के लिए भी नजीर बने.

उन्होंने कहा, 'पीड़ित परिवार को त्वरित न्याय मिल सके, इसके लिये फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई के लिए माननीय न्यायालय से अनुरोध किया गया है.' इसके साथ ही सीएम धामी ने पीड़ित अंकिता के परिवार के लिए 25 लाख रुपये के सरकारी मुआवजे का भी ऐलान भी किया था.

आरोपियों का केस नहीं लड़ेंगे वकील

एक दिन पहले ही वकीलों ने आरोपी पुलकित, अंकित और सौरभ का केस नहीं लड़ने का ऐलान किया था. इसका मतलब ये हुआ कि आरोपियों की तरफ से कोई वकील कोर्ट में पैरवी नहीं करेगा. वकीलों के इस फैसले की जानकारी कोटद्वार बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय कुमार पंत ने दी थी.

 क्या है पूरा मामला

18 सितंबर को अंकिता भंडारी लापता हुई थी. वह ऋषिकेश के एक रिजॉर्ट में काम करती थी. यह रिजॉर्ट बीजेपी नेता के बेटे पुलकित आर्य का था. बाद में अंकिता की मौत की खबर आई. इस मामले में रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता की गिरफ्तारी हुई. बाद में पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपियों ने झगड़े के बाद उसे धक्का दे दिया था जिसके बाद नहर में डूबने से उसकी मौत हो गई. उसकी लाश चिल्ला पावर हाउस के पास मिली थी.


 

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मकान की छत गिरी, महिला व तीन बच्चे घायल

थाना सिविल लाइन क्षेत्र के गांव सरवट में मकान की छत गिरने से महिला व उसके तीन बच्चे घायल हो गए। आसपास के लोगों ने घायलों को मलबे से बाहर निकालकर घायलों को उपचार के लिए जिला अस्पताल भिजवा दिया है।

गांव सरवट निवासी विधवा मन्नो व उसके बेटे बिलाल, अफनान व बेटी मिस्बा बुधवार रात्रि में अपने मकान में सोए हुए थे। मकान की छत कड़ियों की बनी हुई है। रात्रि में लगभग दो बजे अचानक मकान की छत नीचे गिर गयी। मकान की छत गिरने से नीचे सो रही महिला व उसके तीनों बच्चे मलबे में दब गए। छत गिरने की आवाज सुनकर आसपास के लोगों ने पुलिस को जानकारी देते हुए मलबे में दबे बच्चों व महिला को बाहर निकालने का राहत कार्य शुरु किया। घायलों को मलबे से निकालकर उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। महिला ने प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आवदेन कर रखा है, लेकिन काफी समय बीतने के पश्चा त उसे मकान नहीं मिला। प्रशासनिक अधिकारियों ने परिवार को मुआवजे का आश्वासन दिया।

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राजस्थान संकट के बाद भी बने रहेंगे सीएम? गहलोत ने सोनिया गांधी पर छोड़ा फैसला

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दस जनपथ में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने के बाद जयपुर में रविवार को हुई घटना के लिए खेद जताया. गहलोत ने साफ कर दिया है कि वो कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे. इसके साथ ही गहलोत ने राजस्थान के मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे कि नहीं का फैसला सोनिया गांधी के पाले में डाल दिया है. इस तरह से अभी भी सीएम पर सस्पेंस बरकरार है?  

गहलोत ने राजस्थान में जारी सियासी घटनाक्रम पर सोनिया गांधी से मिलकर खेद जताया. गहलोत ने कहा कि कांग्रेस का वफादार सिपाही हूं. जयपुर में विधायक दल के बैठक के दिन की घटना ने मुझे हिलाकर रख दिया. पूरे देश में मैसेज चला गया कि मैं सीएम बना रहना चाहता हूं. मैंने इसके लिए सोनिया गांधी से माफी मांगी है. मैं कांग्रेस का वफादार हूं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के साथ बैठकर हमने बात की है. 

सीएम गहलोत ने कहा कि हमारे यहां हमेशा से एक कायदा रहा कि हम आलाकमान के लिए एक लाइन का प्रस्ताव पास करते हैं. मुख्यमंत्री होने के बावजूद मैं यह एक लाइन का प्रस्ताव पास नहीं करवा पाया, इस बात का हमेंश दुख रहेगा. इस घटना ने देश के अंदर कई तरह के मैसेज दे दिए. साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव वो अब नहीं लड़ेंगे और मुख्यमंत्री पद पर रहेंगे कि नहीं, इसका फैसला सोनिया गांधी करेंगी. 

अशोक गहलोत के बाद सचिन पायलट कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे. इसके बाद ही राजस्थान में मुख्यमंत्री पद का फैसला साफ हो पाएगा कि अशोक गहलोत अपनी कुर्सी पर बनेंगे रहेंगे या फिर इस्तीफा देंगे. माना जा रहा है कि कांग्रेस हाईकमान गहलोत के उत्तराधिकारी के तौर पर सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने का भरोसा दिया था. इसी मद्देनजर रविवार को मलिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को पर्यवेक्षक बनाकर जयपुर भेजा था, लेकिन गहलोत खेमे के विधायकों के बागी रुख अपनाने से विधायक दल की बैठक नहीं हो सकी. 

गहलोत खेमे के विधायक सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने के पक्ष में नहीं है. शांति कुमार धारिवाल से लेकर महेश जोशी औैर प्रताप सिंह खाचरियावास  तक साफ कह चुके हैं कि कांग्रेस के उन 102 विधायकों में से किसी को भी मुख्यमंत्री बना दें, जो 2020 में पार्टी के साथ खड़े रहे हैं. इसके अलावा सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो स्वीकार नहीं करेंगे.

थरूर बनाम दिग्विजय का मुकाबला?

गहलोत पर सस्पेंस खत्म हो गया है. वह कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे. अब कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव में शशि थरूर और दिग्विजय सिंह का नाम बचा है. दोनों 30 सितंबर को नामांकन कर सकते हैं. एक तरफ दिग्विजय सिंह को गांधी परिवार का सपोर्ट माना जा रहा है. दूसरी तरफ शशि थरूर ने चुनाव लड़ने की इच्छा पहले ही जता दी थी. इसके बारे में जब उन्होंने सोनिया गांधी को बताया था तो सोनिया ने कहा था कि यह फैसला उनका अपना है, कोई भी अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ सकता है.

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बुधवार, 28 सितंबर 2022

मुश्किल पिच पर इंडिया ने दिखाया दम, सूर्या-राहुल के कमाल से अफ्रीका को 8 विकेट से हराया

साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले गए पहले टी-20 मैच में भारत ने 8 विकेट से जीत दर्ज की है. तिरुवनन्तपुरम में खेले गए इस मुकाबले में साउथ अफ्रीका ने पहले बैटिंग करते हुए 106 का स्कोर बनाया था, जवाब में सूर्यकुमार यादव और केएल राहुल की शानदार बैटिंग के दमपर भारत ने 20 बॉल शेष रहते हुए इस मैच में जीत हासिल कर ली. 3 मैच की टी-20 सीरीज़ में भारत 1-0 से आगे है. 

स्कोरबोर्ड: 
भारत:
106/8 (20 ओवर)
साउथ अफ्रीका: 110/2 (16.4 ओवर)

107 रनों का पीछा करने उतरी टीम इंडिया की शुरुआत बेहतर नहीं हुई थी, कप्तान रोहित शर्मा 0 के स्कोर पर आउट हुए. जबकि विराट कोहली सिर्फ 3 ही रन बना पाए. लेकिन इसके बाद केएल राहुल और सूर्यकुमार यादव ने मैच रही पलट दिया, दोनों ने मुश्किल पिच पर धमाकेदार बल्लेबाजी की.

सूर्यकुमार यादव ने 33 बॉल में 50 रन बनाए, जिसमें 5 चौके और 3 छक्के जड़े. दूसरी ओर केएल राहुल ने 56 मैच में 51 रनों की पारी खेली. राहुल ने 2 चौके और 4 छक्के जमाए. इस मैदान पर मुश्किल पिच थी, ऐसे में बल्लेबाजी इतनी आसान नहीं थी, फिर भी दोनों बल्लेबाजों ने नाबाद 93 रनों की पार्टनरशिप की और भारत को जीत दिला दी. 


साउथ अफ्रीका की पारी

टीम इंडिया के बॉलर्स ने इस मैच में ऐतिहासिक शुरुआत की. सिर्फ 9 रन के स्कोर पर साउथ अफ्रीका की आधी टीम आउट हो चुकी थी. भारत के अर्शदीप सिंह और दीपक चाहर ने शुरुआती 3 ओवर में ही अफ्रीका को झटके पर झटके दिए, जिसके बाद वह पूरी तरह से उबर नहीं पाई. 

हालांकि, अंत में साउथ अफ्रीका के कुछ बल्लेबाजों लाज रखी और सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया. एडन मर्करम ने 25, वेन पार्नेल ने 24 और अंत में केशव महाराज ने 41 रनों की पारी खेली, जिसकी वजह से साउथ अफ्रीका का स्कोर 106 रन पर पहुंच पाया. 

भारत की ओर से इस मैच में अर्शदीप सिंह ने 3, दीपक चाहर ने 2, हर्षल पटेल को 2 और अक्षर पटेल को 1 विकेट मिला. रविचंद्रन अश्विन ने 4 ओवर में सिर्फ 8 ही रन दिए, लेकिन उन्हें कोई विकेट नहीं मिला. 

भारत-साउथ अफ्रीका टी-20 सीरीज़

पहला टी-20: भारत 8 विकेट से जीता
दूसरा टी-20: 2 अक्टूबर (गुवाहाटी, 7.30 PM)
तीसरा टी-20: 4 अक्टूबर (इंदौर, 7.30 PM)

 

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T20: एकतरफा मुकाबले में टीम इंडिया की बड़ी जीत, अफ्रीका को 8 विकेट से रौंदा

दोनों टीमों की प्लेइंग-11:

Posted by :- Mohit Grover

भारत: रोहित शर्मा (कप्तान), केएल राहुल, विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव, ऋषभ पंत, दिनेश कार्तिक, अक्षर पटेल, रविचंद्रन अश्विन, हर्षल पटेल, दीपक चाहर, अर्शदीप सिंह
साउथ अफ्रीका: क्विंटन डि कॉक, तेंबा बावुमा, रिले रॉसो, एडन मर्करम, डेविड मिलर, टी. स्टब्स, वेन पार्नेल, कगिसो रबाडा, केशव महाराज, एनरिक नॉर्किया, तबरेज़ शम्सी

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अवैध रूप से लाइन शिफ्ट करने पर जेई सस्पेंड

पावर कारपोरेशन के अधीक्षण अभियंता सुनील कुमार गुप्ता ने अवैध रूप से लाइन शिफ्ट करने के मामले में बुढ़ाना क्षेत्र के जेई पवन कुमार शर्मा को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। शिकायत होने पर एसई के द्वारा दो सदस्य टीम गठित कर जांच करायी गई। जांच में उक्त जेई दोषी पाया गया है।

बुढ़ाना के गांव कुरालसी निवासी रामनाथ ने बुढ़ाना उपकेन्द्र पर कार्यरत जेई पवन कुमार के खिलाफ अधीक्षण अभियंता सुनील कुमार से शिकायत की थी। उन्होंने बताया था कि जेई पवन कुमार शर्मा के द्वारा 11 हजार की विद्युत लाईन को बिना किसी विभागीय अनुमति के अवैध रूप से शिफ्ट किया है। वहीं विभाग का पुराना सामान चोरी कर लिया गया है। रामनाथ की शिकायत पर अधीक्षण अभियंता ने जेई खिलाफ जांच करने के लिए दो सदस्य टीम का गठन किया।

टीम ने जेई पवन कुमार के खिलाफ गंभीरता से जांच पडताल करते हुए रिपोर्ट एसई को सौंप दी। जांच में शिकायतकर्ता के द्वारा लगाए गए सभी आरोप सहीं पाए गए है। इस मामले में अधीक्षण अभियंता ने कार्रवाई करते हुए जेई पवन कुमार शर्मा को तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करते हुए सस्पेंड कर दिया है।

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त्यागी समाज ने दिया केंद्रीय राज्यमंत्री के आवास पर दिया धरना

श्रीकांत त्यागी प्रकरण को लेकर त्यागी समाज के युवा नेता अक्षु त्यागी के नेतृत्व में त्यागी समाज ने केंद्रीय राज्यमंत्री डॉक्टर संजीव बालियान के आवास पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया। उन्होंने समस्या का समाधान न होने तक धरना जारी रखने की चेतावनी दी है।

बुधवार को त्यागी समाज के लोग एकत्रित होकर केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान के आवास पर पहुंचे। उन्होंने आरोप लगाया कि श्रीकांत त्यागी के परिवार के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया। इस मामले में सांसद महेश शर्मा के खिलाफ भी कार्यवाही होनी चाहिए लेकिन राजनीति के तहत ऐसा नहीं किया जा रहा है। इससे त्यागी समाज में रोष है। इसलिए जब तक मांग पूरी हो जाती तो उनका धरना जारी रहेगा। इस दौरान रात के भोजन के लिए समजा के लोगों ने खाने के लिए भट्टी चढ़ा दी है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान से मांग है कि जल्द से जल्द श्रीकांत को रिहा किया जाए।

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युवक के पेट से निकलीं 62 चम्‍मचें, दो घंटे तक चला ऑपरेशन, आईसीयू में भर्ती

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले से चौंकाने वाला मामला सामने आया। यहां एक शख्स के पेट से 62 स्टील की चम्मच से निकाली गई है। उसका इलाज आईसीयू में चल रहा है। ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर के मुताबिक यह शख्स एक साल से चम्मच में खा रहा था। एनआई को डॉक्टर राकेश खुराना ने बताया कि 32 साल के एक मरीज विजय से पूछा गया कि क्या उसने ये चम्मचें खाई हैं। तो मरीज ने कहा कि हां उसने ही ये चम्मचें खाई हैं।
 
मुजफ्फरनगर मंदसौर क्षेत्र के 32 साल के विजय के पेट में दर्द की शिकायत थी। ज्यादा दर्द बढ़ने पर विजय को घर वाले डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टर ने हालत गंभीर देख कर विजय को भर्ती कर लिया। हालत बिगड़ने पर डॉक्टरों ने पेट का ऑपरेशन किया। ऑपरेशन में मरीज के पेट में चम्मच में देखकर डॉक्टर हैरान रह गए। एक-एक कर निकाली गई। चम्मचों को डॉक्टर ने काउंट किया तो 62 चम्मच की संख्या बताई गई। यह तेजी से वायरल हो रही है। लोगों में चर्चा विषय बनी है।  


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जानिए कौन हैं विजय नायर और समीर महेंद्रू, क्यों हुई दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तारी?

दिल्ली की एक्साइज पॉलिसी मामले में अब गिरफ्तारियां शुरू हो गईं हैं. मंगलवार को विजय नायर की गिरफ्तारी के बाद बुधवार को समीर महेंद्रू को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. विजय नायर को CBI ने तो समीर महेंद्रू को ED ने गिरफ्तार किया है. शराब नीति मामले में अब तक दो लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. 

कारोबारी विजय नायर को मंगलवार को पूछताछ के लिए CBI हेडक्वार्टर बुलाया गया था. बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि उन्हें दिल्ली में शराब लाइसेंस बांटने में हुई कथित अनियमितताओं में उनकी भूमिका थी. 

वहीं, शराब कारोबारी समीर महेंद्रू से रातभर पूछताछ के बाद ED ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. महेंद्रू को प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत गिरफ्तार किया गया है. 

विजय नायर और समीर महेंद्रू का आपस में लिंक है और दिल्ली की एक्साइज पॉलिसी में कथित गड़बड़ी के मामले में आरोपी हैं. इस मामले में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी आरोपी बनाए गए हैं.

विजय नायर कौन हैं?

- विजय नायर कुछ साल तक आम आदमी पार्टी के कम्युनिकेशन प्रभारी रहे हैं. वो एंटरटेनमेंट जगत का जाना-माना नाम हैं. 

- न्यूज एजेंसी के मुताबिक, नायर ने इंडी बैंड्स (Indie bands) के लिए मैनेजमेंट कंपनी OML शुरू की थी. बाद में उन्होंने स्टैंडअप कॉमेडी और लाइव म्यूजिक शो पर फोकस किया.

- OML यानी ओनली मच लाउडर. ये एंटरटेनमेंट और इवेंट मीडिया कंपनी है. विजय नायर इसके सीईओ और डायरेक्टर भी रहे हैं. 

- 2018 में विजय नायर का नाम विवादों में तब आया, जब #MeToo कैंपेन के तहत उन पर आरोप लगे. हालांकि, कंपनी ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था.

समीर महेंद्रू कौन हैं?

- समीर महेंद्रू शराब कारोबारी हैं और इंडोस्पिरिट्स (Indospirits) के मालिक हैं. मनी लॉन्ड्रिंग के सिलसिले में इसी महीने ED ने उनके घर पर छापेमारी भी की थी.

- समीर महेंद्रू 2013 के एक मामले में CBI के गवाह रहे थे. उन्होंने दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट (DSIIDC) के दो अधिकारियों- सुशांता मुखर्जी और अमृक सिंह के खिलाफ गवाही दी थी.

- ये मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा था. सुशांता मुखर्जी और अमृक सिंह पर आरोप था कि वो काम के बदले में शराब कारोबारियों से हर महीने 4-5 महंगी शराब की बोतल लेते थे. महेंद्रू की गवाही की बदौलत अदालत ने दोनों अधिकारियों को दोषी पाया था.

नायर और महेंद्रू पर क्या हैं आरोप?

- CBI की FIR के मुताबिक, मनीष सिसोदिया के कथित सहयोगी अर्जुन पांडे ने शराब कारोबारी समीर महेंद्रू से 2 से 4 करोड़ रुपये लिए थे. ये रकम विजय नायर की ओर से ली गई थी. 

- CBI ने इस मामले में कई पूर्व सरकारी अफसरों को भी आरोपी बनाया है. FIR के मुताबिक, अर्जुन रामचंद्र पिल्लई ने समीर महेंद्रू से पैसे लिए और इसे अफसरों को दिए.

- FIR में दावा किया गया है कि मनीष सिसोदिया के 'करीबी' अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे शराब लाइसेंसधारियों से जो रकम लेते थे, उसे सरकारी अफसरों के लिए डायवर्ट करते थे.

- CBI ने अपनी FIR में ये भी दावा किया है कि समीर महेंद्रू ने राधा इंडस्ट्रीज को 1 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे. सिसोदिया के करीबी दिनेश अरोड़ा के पास इस कंपनी का प्रबंधन है.

इस मामले के कितने किरदार?

- CBI ने अपनी FIR में 15 लोगों को आरोपी बनाया है. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, अब तक की जांच में सामने आया है कि शराब कारोबारी समीर महेंद्रू एक्साइज पॉलिसी बनाने और उसे लागू करने में हुई कथित अनियमितताओं में शामिल थे. समीर महेंद्रू को सिसोदिया का करीबी बताया जाता है.

- FIR में सिसोदिया के तीन और करीबियों- अमित अरोड़ा (बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर), दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे का नाम भी शामिल है. आरोप है कि इन्होंने आरोपी सरकारी अफसरों की मदद से शराब लाइसेंसधारियों से पैसा इकट्ठा किया और उसे दूसरी जगह डायवर्ट किया. 

- CBI ने आरोपियों पर आपराधिक साजिश रचने और भ्रष्टाचार से जुड़ी धाराओं में केस दर्ज किया है. इनमें तीन पूर्व सरकारी अफसर एजी कृष्णा (पूर्व एक्साइज कमिश्नर), आनंद तिवारी (पूर्व डिप्टी एक्साइज कमिश्नर) और पंकज भटनागर (पूर्व असिस्टेंट एक्साइज कमिश्नर) का नाम भी शामिल है. 

- FIR में कुल 15 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिसमें मनीष सिसोदिया, तीन पूर्व सरकारी अफसर, 9 कारोबारी और दो कंपनियों के नाम शामिल हैं.

मनीष सिसोदिया पर कौन-कौन से आरोप?

- शराब कारोबारियों को लाइसेंस फीस में 144.36 करोड़ रुपये की छूट दी. इसके लिए कोरोना का बहाना बनाया गया. आरोप है कि इस छूट के लिए कैबिनेट को लूप में नहीं रखा गया, बल्कि मंत्री स्तर पर ही फैसला ले लिया गया.

- एक्साइज डिपार्टमेंट ने एयरपोर्ट जोन में L1 लाइसेंसधारी को 30 करोड़ रुपये वापस कर दिए थे, क्योंकि उसे एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से दुकान खोलने की अनुमति नहीं मिली थी. जबकि, ये रकम जब्त की जानी थी. 

- इसके अलावा विदेशों से आने वाली बीयर पर 50 रुपये प्रति केस के हिसाब से रकम ली जाती थी. इस फैसले को भी बिना किसी मंजूरी के वापस ले लिया गया. इससे सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा. 

- इतना ही नहीं, आरोप ये भी हैं कि L7Z और L1 लाइसेंसधारियों का लाइसेंस पहले 1 अप्रैल से 31 मई और फिर 1 जून से 31 जुलाई तक बढ़ा दिया गया और इसके लिए एलजी की मंजूरी भी नहीं ली गई.

 

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पुलिस मुठभेड़ में दो गोकश घायल

पुलिस मुठभेड़ में दो गोकश घायल हो गए। जिनसे जिंदा गोवंश, अवैध हथियार व गोकशी के उपकरण बरामद हुए है। घायलों को बुढ़ाना सीएचसी में भर्ती कराया गया है। जबकि इनका एक साथी मौके से फरार हो गया।

कोतवाली प्रभारी रविन्द्र यादव ने बताया कि मंगलवार की रात्रि में गांव रसूलपुर दभेड़ी के जंगल में गोकशी की तैयारी की जा रही है। पुलिस सूचना पर मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने गोकशो की घेराबंदी कर ली। जिस पर गोकशों ने पुलिस पार्टी पर फायरिंग शुरु कर दी। पुलिस की जवाबी फायरिंग में रिजवान पुत्र बाबू निवासी गांव नंगला हथेली में व राशिद पुत्र जाबिर निवासी गांव नंगला पैर में गोली लगने से घायल हो गए। जबकि एक साथी मोके से फरार हो गया। जिनके कब्जे से एक जिंदा गाय, दो तमंचे, दो कारतूस, दो खोखे व गोकशी करने के उपकरण बरामद किए है। पुलिस ने घायलों को उपचार के लिए सीएचसी में लाकर भर्ती कराया। मुठभेड़ की सूचना मिलने पर एसपी देहात अतुल श्रीवास्तव भी बुढ़ाना सीएचसी पर पहुंचे और पुलिस पार्टी की पीठ थपथपाई। पुलिस दोनों गोकशों का आपराधिक इतिहास खंगालने में जुट गई है।

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मंगलवार, 27 सितंबर 2022

वक्फ संपत्तियों से अवैध कब्जे हटवाए सरकार:मुजफ्फरनगर में मुत्तेहिदा मुहाज ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर की मांग

वक्फ संपत्तियों से अवैध कब्जे हटवाए सरकार
मुजफ्फरनगर में मुत्तेहिदा मुहाज ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर की मांग

मुजफ्फरनगर में आल इंडिया मुत्तेहिदा मुहाज ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भेजकर मांग की कि वक्फ संपत्तियों से अवैध कब्जे हटवाकर उन्हें बाजारी दाम पर किराए पर चढ़ाया जाए। कहा कि प्रदेश सरकार ने पहले मदरसों का सर्वे तथा अब वक्फ संपत्तियों का सर्वे आदेश जारी कर मुसलमानों को शक के दायरे में लाकर खड़ा कर दिया है। कहा कि यदि मुसलमानों की हालत सुधारनी है तो सच्चर कमेटी की सिफारिशों पर अमल कर मुसलमानों को रिजर्वेशन दिलाया जाए।

मुसलमानों को दिया जाए रिर्वेशन: शाहनवाज आफताब
आल इंडिया मुत्तेहिदा मुहाज राष्ट्रीय अध्यक्ष शाहनवाज आफताब ने कहा कि यदि प्रदेश सरकार सही नीयत और मंशा से मदरसों तथा वक्फ संपत्तियों का सर्वे करा रही है तो स्वागत योग्य है। क्योंकि अधिकतर वक्फ संपत्ती अवैध कब्जे में है। जो किराए पर दी गई हैं उसका किराया बाजार रेट से हजारों गुना कम है। आमतौर से बड़ी बिल्डिंग और बड़ी संपतियां 10 और 20 रुपया महीना किराए पर चल रही हैं। उन्होंने राष्ट्रपति को भेजे गए ज्ञापन में मांग की कि वक्फ संपत्तियों से अवैध कब्जे हटवाए जाएं तथा उनका किराया बाजार भाव के आधार पर तय किया जाए। ताकि विधवा, यतीम तथा बेसहारा लोगों की मदद की जा सके। उन्होंने कहा कि देश भर में हिंदु तथा मुसलमानों के बीच खाई पैदा की जा रही है। कहा कि मुसलमानों के हालात बेहतर करने के लिए जरूरी है कि देश भर में सच्चर कमेटी की सिफारिश लागू की जाए। उसके मुताबिक मुसलमानों को आरक्षण दिया जाए। महबूब आलम एड., मुनव्वर हुसैन एड., फैजयाब खान, दिलनवाज, चौ. शहजाद, चौ. अरशद, नदीम अंसारी, जहीरुद्दीन आदि शामिल रहे।


दिल्ली शराब नीति मामले में पहली गिरफ्तारी, CBI ने आरोपी विजय नायर को किया अरेस्ट

दिल्ली की शराब नीति मामले में सीबीआई ने पहली गिरफ्तारी की है. इस मामले में सीबीआई ने विजय नायर को अरेस्ट किया है. वह एक इंटरनेटमेंट और इवेंट मीडिया कंपनी के पूर्व सीईओ हैं. ईडी ने भी उनके ठिकानों पर छापा मारा था. उनको इस कथित घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता बताया जा रहा है.

विजय नायर Only Much Louder नाम की इंटरनेटमेंट और मीडिया इवेंट कंपनी के पूर्व सीईओ हैं.

विजय नायर की गिरफ्तारी पर बीजेपी ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी को घेरा भी है. लिखा गया है कि अभी मीडिया से पता चला की विजय नायर को गिरफ़्तार कर लिया गया. आगे लिखा है कि मनीष सिसोदिया अभी शुरुआत हो गई बहुत जल्दी आपकी और अरविंद केजरीवाल की तमन्ना पूरी होगी.

वहीं बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने लिखा है कि विजय नायर की गिरफ्तारी शराब घोटाले का हर सच सामने लेकर आएगी. मिश्रा ने दावा किया कि विजय नायर के तार CM केजरीवाल तक जाते हैं. मिश्रा का दावा है कि शराब घोटाले से लेकर, पंजाब के अवैध लेनदेन तक सब की हैंडलिंग विजय नायर करता था.

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राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल, पूर्व सांसद हरेन्द्र मलिक का सरेंडर:मुजफ्फरनगर फास्ट ट्रैक कोर्ट में 2 घंटा न्यायिक हिरासत में रहे

मुजफ्फरनगर में राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल और पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक ने मंगलवार को सरेंडर किया। 4 अन्य लोग भी शामिल रहे। बता दें कि 2013 में दंगे के दौरान दर्ज निषेधाज्ञा उल्लंघन के एक मुकदमे में सभी कोर्ट पहुंचे। सभी को कोर्ट के आदेश पर न्यायिक अभिरक्षा में लिया गया। 2 घंटे तक हिरासत में रहने के बाद कोर्ट ने सभी को जमानत प्रदान कर दी।

गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद हिंदूवादी नेता साध्वी प्राचाी ने कोर्ट में सरेंडर कर वारंट रिकाल कराए।
गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद हिंदूवादी नेता साध्वी प्राचाी ने कोर्ट में सरेंडर कर वारंट रिकाल कराए।

2013 में भड़क उठा था जिले में सांप्रदायिक दंगा

27 अगस्त 2013 को जानसठ थाना क्षेत्र के गांव कवाल में शाहनवाज तथा सचिन व गौरव की हत्याओं के बाद तनाव पैदा हो गया था। 28 अगस्त को मलिकपुरा निवासी ममेरे भाईयों की अंत्येष्टि से लौटते लोगों ने गांव कवाल में हंगामा और तोड़फोड़ की थी। जिसके बाद 31 अगस्त को डीएम ने आदेश जारी कर जिले में धारा-144 लागू कर दी गई थी।

कोर्ट में आत्मसमर्पण करने जाते पूर्व सांसद हरेन्द्र मलिक।
कोर्ट में आत्मसमर्पण करने जाते पूर्व सांसद हरेन्द्र मलिक।

केन्द्रीय मंत्री सहित 21 पर दर्ज हुआ था मुकदमा

कवाल में सचिन और गौरव की हत्या के बाद 31 अगस्त को थाना सिखेड़ा क्षेत्र के नंगला मंदौड़ इंटर कालेज में शोक सभा का आयोजन किया गया था। शोक सभा के बाद तत्कालीन एडीएम इन्द्रमणी त्रिपाठी ने निषेधाज्ञा उल्लंघन के आरोप मे मौजूदा केन्द्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान, मौजूदा राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, सपा नेता तथा पूर्व सांसद हरेन्द्र मलिक, भाजपा नेता तथा पूर्व विधायक अशोक कंसल, यशपाल पंवार तथा हिंदुवादी नेता साध्वी प्राची सहित 21 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था।

इस मामले में अधिकतर आरोपियों के कोर्ट में पेश न होने के कारण वारंट जारी हुए थे। अभियोजन अधिकारी नीरज सिंह ने बताया कि राज्यमंत्री सहित कई आरोपितों के वारंट जारी हुए थे।

उन्होंने बताया कि मंगलवार को राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, पूर्व सांसद हरेन्द्र मलिक, पूर्व विधायक अशोक कंसल तथा भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष यशपाल पंवार सहित 6 आरोपितों ने सिविल जज सीनियर डिवीजन एफटीसी-1 में सरेंडर कर दिया। कोर्ट के आदेश पर उन्हें न्यायिक हिरासत में लिया गया। जिसके बाद सभी को जमानत पर रिहा कर दिया गया।

राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल अपने अधिवक्ता के साथ कोर्ट में जाते हुए।
राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल अपने अधिवक्ता के साथ कोर्ट में जाते हुए।

साध्वी प्राची ने सरेंडर कर कराए वाारंट रिकाल

31 अगस्त 2013 को नंगला मदौड़ पंचायत में शामिल होने पर हिंदु वादी नेता साध्वी प्राची के विरुद्ध धारा-144 के उल्लंघन में मुकदमा दर्ज किया गया था। उन्होंने काफी पहले ही अपनी जमानत करा ली थी।

तारीख पर न आने के कारण सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रेक कोर्ट से उनके नाम के गैरे जमानती वारंट जारी हुए थे। साध्वी प्राचाी ने मंगलवार को कोर्ट में पेश होकर वारंट रिकाल कराए।


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मुजफ्फरनगर दंगे में आरोपी योगी के मंत्री कपिलदेव अग्रवाल का कोर्ट में सरेंडर, मिली जमानत

पूरे यूपी को हिला देने वाले पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर के दंगे के मामले में आरोपी योगी सरकार के मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने मंगलवार को एमपी-एमएलए की विशेष कोर्ट में सरेंडर कर दिया। कपिल देव अग्रवाल पर दंगे से ठीक पहले सांप्रदायिक तनाव भड़काने और निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने का आरोप है। कपिल देव अग्रवाल के अलावा भाजपा के पूर्व सांसद सोहन वीर सिंह समेत छह अन्य  आरोपियों ने भी सरेंडर किया। कोर्ट से सभी को जमानत भी मिल गई है। 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगों में 60 से ज्यादा लोग मारे गए थे और 40,000 से अधिक लोगों को अपना घर बार छोड़ना पड़ा था।

अभियोजन अधिकारी नीरज सिंह ने बताया कि 30 अगस्त 2013 को निषेधाज्ञा लागू होने के बावजूद नगला मडोर गांव में आयोजित महापंचायत में भड़काऊ बयानबाजी कर तनाव फैलाने के आरोपी उत्तर प्रदेश के मौजूदा कौशल विकास राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, पूर्व सांसद सोहन वीर सिंह, पूर्व विधायक अशोक कंसल, भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष यशपाल पंवार, विश्व हिंदू परिषद नेता साध्वी प्राची और समाजवादी पार्टी नेता हरेंद्र मलिक ने विशेष एमपी/एमएलए अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। 

उन्होंने बताया कि विशेष न्यायाधीश मयंक जयसवाल ने इन आरोपियों के खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट वापस लेते हुए सभी को दोनों मामलों में 20-20 हजार रुपए के दो मुचलकों के आधार पर जमानत दे दी। सिंह ने बताया कि इन लोगों पर आरोप है कि उन्होंने मुजफ्फरनगर दंगों से पहले 30 अगस्त 2013 को निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए नगला मंडोर गांव में आयोजित पंचायत में हिस्सा लिया था और भड़काऊ बयानबाजी की थी।

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UP Gold Silver Price Today: कानपुर-आगरा में सोना-चांदी दोनों के भाव में गिरावट, गोरखपुर में कीमतें स्थिर

भारतीय सर्राफा बाजार ने मंगलवार यानि 27 सितंबर को सोना और चांदी के रेट्स जारी कर दिए हैं। कानपुर औऱ आगरा में सोना-चांदी दोनों में गिरावट देखी गई। गोरखपुर में दोनों के रेट स्थिर रहे। कानपुर में सोना और चांदी दोनों में गिरावट देखी गई। सोमवार को सोना 51250 प्रति दस ग्राम और चांदी 57450 प्रति किलो थी। मंगलवार को सोना 51000 प्रति दस ग्राम और चांदी 57200 प्रति किलो रही। 

आगरा में भी सोना और चांदी दोनों में गिरावट दर्ज की गई है।  सोमवार को को सोना 51200 प्रति दस ग्राम और चांदी 57150 प्रति किलो थी। मंगलवार को सोना 50900 प्रति दस ग्राम और चांदी 56960 प्रति किलो रही। गोरखपुर में सोना-चांदी दोनों स्थिर रहे। सोमवार के रेट पर ही मंगलवार को भी बिके। सोमवार को सोना 52500 प्रति दस ग्राम और चांदी 55500 प्रति किलो थी। मंगलवार को सोना 52500 प्रति दस ग्राम और चांदी 55500 प्रति किलो रही। 

बरेली में सोना 51250 प्रति दस ग्राम और चांदी 57000 प्रति किलो रही।  सर्राफा बाजार के जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में सोने के दाम में उछाल देखने को मिल सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि आने वाले दिनों में त्योहार और शादियों का सीजन शुरू होने वाला है। 

जेवरात पर मेकिंग चार्ज कम तो सोने का रेट ज्यादा

एक शहर के अंदर भी सोना-चांदी के दो दुकानों में रेट का अंतर होता है। लेकिन कोई जेवर खरीदना हो तो मिला-जुलाकर ग्राहक का खर्च एक जैसा हो ही जाता है। दरअसल, जेवर पर सोना-चांदी के रेट के ऊपर मेकिंग चार्ज यानी बनाने का खर्चा लगता है। आप गौर करेंगे कि जिस दुकान में सोने का भाव कम होगा, वहां मेकिंग चार्ज 15-24 परसेंट तक ऊपर से लगता है।

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बशीर-अतीक हत्याकांड में शाहनवाज उर्फ प्लास्टिक को उम्रकैद:मुजफ्फरनगर में कुख्यात ने नमाजियों पर 2007 में चलाई थी गोली, 7 आरोपित बरी

मुजफ्फरनगर में 15 वर्ष पूर्व की गई 2 नमाजियों की हत्या के मामले में कोर्ट ने सुनवाई कर कुख्यात शाहनवाज उर्फ प्लास्टिक को दोषी ठहराया। कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई। जबकि हत्याकांड में नामजद 7आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट ने दोषी पर 30500 रुपये का जुर्माना भी लगाया।

रंजिश के चलते किया गया था बशीर का कत्ल
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता कुलदीप सिंह ने बताया कि 15 वर्ष पूर्व थाना सिविल लाइन् क्षेत्र में रंजिश के चलते नमाजियों पर गोली चलाई गई थी। गोली लगने से 2 लोगों की मौत हो गई थी। उन्होंने बताया कि इस मामले में माेमिन पुत्र हाशिम ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि 28 दिसंबर 2007 को वह और बशीर अन्य लोगों के साथ मदरसा महमूदनगर स्थित मस्जिद से अपरान्ह करीब एक बजे नमाज पढ़कर लौट रहे थे। आरोप था कि इस दौरान शाहनवाज उर्फ प्लास्टिक निवासी महमूदनगर तथा नसीर, सत्तार, मतलूब, गुड्‌डु एवं मुस्तकीम तथा वाजिद व साबिर ने उन पर गोलियां बरसाते हुए जानलेवा हमला किया था। हमले में बशीर और अतीक गोलियां लगने से घायल हो गए थे, जिनकी अस्पताल में मौत हो गई थी।

एडीजे 10 हेमलता त्यागी ने की हत्याकांड की सुनवाई
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता कुलदीप कुमार ने बताया कि घटना के मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 10 की जज हेमलता त्यागी ने की। बताया कि कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद बशीर तथा अतीक हत्याकांड के मुख्य आरोपित शाहनवाज उर्फ प्लास्टिक को दोषी ठहराते हुए बाकी आरोपित नसीर, सत्तार, मतलूब, गुड्‌डु एवं मुस्तकीम तथा वाजिद व साबिर को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने दोषी शाहनवाज उर्फ प्लास्टिक को दोहरे हत्याकांड में उम्रकैद की सजा सुनाई। उस पर 30500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।

दो लोगों को निगल गई थी शाहनवाज की एक गोली
शाहनवाज ने 2007 में महमूद नगर के बशीर पर पीछे से रिवाल्वर से गोली चलाई थी, जो उसकी कमर में घुसकर सीना चीरकर निकल गई थी। यही गोली आगे चल रहे अतीक के सिर में जा घुसी थी। जिसके बाद दोनों की मौत हो गई थी।

सहारनपुर जेल में की थी साथी सुक्खा की हत्या
जिला जेल में निरुद्ध शाहनवाज को प्रशासनिक आधार पर साथी सुक्खा निवासी गांव सूजड़ु सहित 2011 में सहारनपुर जेल ट्रांसफर किया गया था। सहारनपुर जेल में शाहनवाज ने चम्मच से हथियार बनाकर सुक्खा का गला रेत दिया था। जिसके बाद उसे देवबंद उपकारागार भेजा था।

बैरक गेट से बाहर आने पर पड़ा था नाम प्लास्टिक
दो दशक पूर्व एक बच्चे की हत्या में शाहनवाज जेल गया था। लोग बताते हैं कि जेल में कड़ी प्यास लगी तो वह पानी पीने के लिए बैरक गेट के सरियों के बीच से निकल आया था। इसके बाद से उसे प्लास्टिक नाम से पुकारा जाने लगा।



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इतिहास में पहली बार... पृथ्वी को बचाने का मिशन सफल, एस्टेरॉयड से टकराया NASA का स्पेसक्राफ्ट

NASA ने इतिहास बदल दिया है. पहली बार किसी प्लैनेटरी डिफेंस टेस्ट (Planetary Defense Test) यानी डार्ट मिशन (Dart Mission) को सफलतापूर्वक पूरा किया गया. अब भविष्य में धरती के ऊपर अगर किसी तरह के एस्टेरॉयड का हमला होने की आशंका होती है. तो इस तकनीक से पृथ्वी को बचाया जा सकता है. क्योंकि भविष्य में हमारे नीले ग्रह को सबसे ज्यादा खतरा अगर किसी चीज से है तो वो है एस्टेरॉयड. इसके बाद है जलवायु परिवर्तन या ग्लोबल वॉर्मिंग. 

NASA के Dart Mission ने सफलतापूर्वक डिडिमोस एस्टेरॉयड के चंद्रमा डाइमॉरफोस से टक्कर की. (फोटोः NASA)
NASA के Dart Mission ने सफलतापूर्वक डिडिमोस एस्टेरॉयड के चंद्रमा डाइमॉरफोस से टक्कर की. (फोटोः NASA)

डार्ट मिशन ने 27 सितंबर 2022 यानी सुबह 4.45 मिनट पर एस्टेरॉयड डिडिमोस (Didymos) के चंद्रमा जैसे पत्थर डाइमॉरफोस (Dimorphos) से टकराया. डार्ट यानी (Double Asteroid Redirection Test - DART). मकसद पूरा हुआ. स्पेसक्राफ्ट ने एस्टेरॉयड से टक्कर कर ली है. डाइमॉरफोस किस दिशा में मुड़ा है. इसका डेटा आने में थोड़ा समय लगेगा. 

डार्ट मिशन (Dart Mission) डिडिमोस एस्टेरॉयड के चंद्रमा डाइमॉरफोस से टकराया. डाइमॉरफोस अगर अपनी दिशा और कक्षा बदलता है तो भविष्य में धरती पर किसी तरह का ऐसा खतरा नहीं रहेगा जो अंतरिक्ष से हमारी तरफ आए. डार्ट मिशन के स्पेसक्राफ्ट ने करीब 22,530 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से डाइमॉरफोस से टक्कर की. टक्कर से ठीक पहले डार्ट मिशन ने डाइमॉरफोस और एस्टेरॉयड डिडिमोस के वातावरण, मिट्टी, पत्थर और सरंचना की स्टडी भी की. इस मिशन में काइनेटिक इम्पैक्टर टेक्नीक (Kinetic Impactor Technique) का उपयोग किया गया. 

NASA ने वो कर दिखाया जो आजतक किसी ने सोचा तक नहीं था. (फोटोः NASA)
NASA ने वो कर दिखाया जो आजतक किसी ने सोचा तक नहीं था. (फोटोः NASA)

डिडिमोस (Didymos) का व्यास कुल 2600 फीट है. डाइमॉरफोस इसके चारों तरफ चक्कर लगाता है. उसका व्यास 525 फीट है. टक्कर के बाद दोनों पत्थरों के दिशा और गति में आए बदलावों की स्टडी की जाएगी. नासा ने पृथ्वी के चारों तरफ 8000 से ज्यादा नीयर-अर्थ ऑब्जेक्ट्स (NEO) रिकॉर्ड किए हैं. यानी ऐसे पत्थर जो धरती को खतरा पहुंचा सकते हैं. इनमें से कुछ 460 फीट व्यास से ज्यादा बड़े हैं. यानी इनमें से एक भी पत्थर धरती पर गिरता है तो वह अमेरिका के एक राज्य को बर्बाद कर सकता है. समुद्र में गिरा 2011 में जापान में आई सुनामी से ज्यादा भयानक आपदा ला सकता है.   

इस पूरे मिशन में डार्ट स्पेसक्राफ्ट पर नजर रखी इटैलियन क्यूबसैट फॉर इमेजिंग एस्टेरॉयड्स (LICIACube) ने ली. तेज गति से स्पेसक्राफ्ट को नहीं टकरा सकते थे. खतरा ये था कि डाइमॉरफोस से टकराने के बजाय अंतरिक्ष में किसी और दिशा में निकल सकता है. इससे मिशन फेल हो जाएगा. अगर डाइमॉरफोस की स्थिति में एक डिग्री कोण का बदलाव हुआ है यानी हम उसकी मार से बच जाएंगे.

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अग्निवीर भर्ती : फिसलन से बचने को नंगे पैर दौड़े बिजनौर के नौ हजार युवा

जनपद बिजनौर की तीन तहसील के नौ हजार युवाओं ने अग्निवीर सेना भर्ती में प्रतिभाग किया है। सोमवार को भी चौधरी चरण सिंह स्पोर्ट्स स्टेडियम का मैदान पूरी तरह से दुरुस्त नहीं हो पाया। मैदान में सुधार तो था लेकिन कीचड़ अभी पूरी तरह से साफ नहीं हो सका। फिसलन से बचने को अधिकांश युवा नंगे पैर दौड़े। इसके बाद भी कुछ युवा कीचड़ में फिसलकर गिरे भी हैं। सुबह पौने आठ बजे दौड़ को शुरू किया गया और दोपहर करीब डेढ़ बजे दौड़ को खत्म किया गया।

सोमवार को बिजनौर की तीन तहसील सदर तहसील बिजनौर, धामपुर और नगीना की अग्निवीर सेना भर्ती हुई है। रविवार की देर रात्रि करीब दस बजे सभी युवाओं की नुमाईश मैदान में लाइन लग गई। रात करीब दो बजे के बाद सभी युवाओं को स्टेडियम के अंदर लिया गया। सुबह करीब पौने आठ बजे दौड़ शुरू की गई। स्टेडियम का करीब 60 प्रतिशत भाग दुरुस्त हो गया, लेकिन 40 प्रतिशत भाग में अभी भी कीचड़ बनी हुई है। बिजनौर के युवाओं ने कीचड़ में दौड़ लगाई है। करीब नौ हजार युवाओं ने 1600 मीटर की दौड़ में प्रतिभाग किया है। काफी संख्या में युवा कम हाइट होने के कारण दौड़ से बाहर हो गए। दौड़ पास करने वाले युवाओं को नुमाईश मैदान में शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए ले जाया गया। शारीरिक दक्षता परीक्षा में पास होने वाले युवाओं को मेडिकल के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है।

आज बागपत की भर्ती

आज मंगलवार को बागपत जिले की भर्ती होगी। इसमें जनपद की बागपत और बड़ौत दो तहसील की भर्ती होगी।

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सोमवार, 26 सितंबर 2022

'गद्दारों को पुरस्कार बर्दाश्त नहीं,' राजस्थान में थम नहीं रहा संकट, अब क्या करेगा कांग्रेस आलाकमान?

राजस्थान में अशोक गहलोत खेमे के विधायकों के बगावती तेवरों पर कांग्रेस हाईकमान सख्ती बरतने के मूड़ में देखा जा रहा है. सोमवार को पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी ने जयपुर गए दोनों पर्यवेक्षकों मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. उसके बाद कार्रवाई के संकेत दिए हैं. वहीं, मुख्यमंत्री गहलोत के करीबी और कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल ने पहली बार खुलकर प्रदेश प्रभारी अजय माकन के खिलाफ आरोप लगाए और बड़ा हमला बोला है. उन्होंने यहां तक कह दिया कि माकन जयपुर में पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाकर काम कर रहे थे और सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने का मिशन लेकर आए थे. वे विधायकों को भरोसे में लेने में जुटे थे. धारीवाल ने सचिन पायलट पर भी हमला बोला और बिना नाम लिए गद्दार कहकर संबोधित किया. 

मंत्री शांति धारीवाल ने कहा- 'ये 100% सीएम (अशोक गहलोत) को हटाने की साजिश थी और प्रभारी महासचिव (अजय माकन) इसका हिस्सा थे. मैं किसी और की बात नहीं कर रहा हूं. खड़गे पर कोई आरोप नहीं हैं, बल्कि प्रभारी महासचिव पर चार्ज लगा रहा हूं. सीएम गहलोत ने हमेशा हाईकमान के निर्देशों का पालन किया है. हाईकमान ने उनसे गलत लोगों (2020 में बगावत के बाद सचिन पायलट समेत विधायकों को शामिल करने पर) को समायोजित करने के लिए कहा था और उन्होंने जो कहा था, उसे स्वीकार किया.'

'जिन्होंने सरकार का दावा किया था, अब उन्हें सीएम बनाया जा रहा'

धारीवाल ने कहा कि 2020 में जब राज्य कांग्रेस मुश्किल में थी, हमारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा था कि सरकार को किसी भी कीमत पर बचाया जाए. राजस्थान में सीएम होने के बावजूद विद्रोहियों ने दावा किया कि सरकार गिर गई है. सत्र बुलाए जाने पर ही वापस आए, उन्हें अब सीएम बनाया जा रहा है. 

पढ़िए शांति धारीवाल का पूरा बयान...

'पार्टी महासचिव खुद विधायकों को भरोसे में ले रहा है और ऐसे लोगों को सीएम बनाने का मिशन लेकर आया है, जिन्होंने 2020 में पार्टी के खिलाफ बगावत की थी. यही वजह है कि विधायकों की भावनाएं भड़क गईं. विधायकों का नाराज होना स्वभाविक था. बाद में नाराज विधायकों के मेरे पास फोन आए. उन्होंने कहा कि हमारी पूरी बात सुनी जाए. हमने तीन घंटे तक उनकी बात सुनी. उनकी नाराजगी सुनी. वो क्या चाहते हैं, ये सुना. वो चाहते हैं कि कांग्रेस के निष्ठावान 102 विधायकों में से किसी को भी सीएम बना दिया जाए. जिसे सोनिया जी कहेंगी, उसी को बना दिया जाए. सोनियाजी के निर्णय को कोई चेलैंज नहीं कर सकता. लेकिन गद्दारी करने वालों को पुरस्कार दिया जाए, ये यहां का विधायक कभी बर्दाश्त नहीं करेगा. धारीवाल ने कहा कि षड्यंत्र रचा जा रहा था. इस षड्यंत्र में जनरल सेक्रेट्री शामिल थे. मैं ये आरोप लगा रहा हूं और मेरे पास इसके सबूत भी हैं. ये आरोप खड़गे साहब पर नहीं है.'

इस्तीफा देना गलत, मैं हाईकमान के साथ हूं: जितेंद्र सिंह

शांति धारीवाल के घर इस्तीफा देने वाले कांग्रेस विधायक जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस्तीफा का काम गलत है. मैं आलाकमान के साथ हूं, चाहे जिसे मुख्यमंत्री बनाए- मैं साथ दूंगा. जितेंद्र सिंह ने कहा कि मैं विधायक दल की बैठक के लिए मुख्यमंत्री निवास गया था, जहां से फोन कर बुला लिया गया.

खाचरियावास ने कहा था- सरकार बचाने के लिए खून बहा देंगे

इससे पहले गहलोत के एक और करीबी और मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने खुलकर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि 'ED, CBI की टीमें राजस्थान की सड़कों पर उतरने वाली हैं. हमको ED, CBI और IT के नोटिस आते ही रहे हैं. उनका भी जवाब दे देंगे. परिवार (कांग्रेस) के नोटिस का भी जवाब दे देंगे. नोटिस का कोई टेंशन है क्या? लेकिन अब केंद्रीय जांच एजेंसियों के नोटिस आने शुरू हो गए हैं. आईटी की टीम ने मंत्री राजेंद्र यादव के घर छापा मारा है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सड़कों पर लड़ना पड़ेगा. सड़कों पर बराबर का मुकाबला करेंगे. बीजेपी लाठी चलाएगी तो लाठी का जवाब देंगे. बीजेपी गोली चलाएगी तो गोली का जवाब देंगे. बीजेपी जुल्म करेगी तो जुल्म का जवाब देंगे. बीजेपी एजेंसी भेजेगी तो एजेंसी का जवाब देंगे. लेकिन, राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को बचाने के लिए एक-एक विधायक और कार्यकर्ता कल भी एक था, आज भी एक है.'

अफवाह है तो क्लीयर कीजिए

प्रताप सिंह ने आगे कहा था- 'सोनिया गांधी जी और राहुल गांधी के आह्वान पर खून बहा देंगे सड़कों पर, जब वो आवाज देंगे. लेकिन, लोकतंत्र है. अचानक विधायकों को पता चलता है कि मीटिंग हो गई और कोई अफवाह फैलती है तो क्लीयर कर दीजिए. परिवार का मामला है. बात क्लीयर हो जाएगी. लेकिन बीजेपी जो साजिश कर रही है सरकार गिराने की, उसे षड्यंत्र से बचाने के लिए कोई बात करें तो वो बात सुनी जानी चाहिए.'

पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के बाद होगा एक्शन

वहीं, राजस्थान के घटनाक्रम पर केंद्रीय आलाकमान भी सक्रिय हो गया है. दिल्ली में सोमवार को कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने लगातार पार्टी के बड़े नेताओं के साथ बैठक की. कहा जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के नामांकन तक (30 सितंबर) राजस्थान में यथास्थिति बनी रहेगी. यानी पार्टी नामांकन के बाद सीएम पद पर कोई फैसला लेगी. वहीं, बगावत करने वाले गहलोत समर्थक विधायकों पर भी अभी एक्शन नहीं लिया जा रहा है. पार्टी हाईकमान पहले पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट देखेगा, उसके बाद कार्रवाई पर फैसला करेगा.

अभी सीएम फेस पर यथास्थिति बनी रहेगी

सोनिया गांधी ने राजस्थान के पर्यवेक्षकों से पूरे घटनाक्रम की लिखित और विस्तृत रिपोर्ट तलब की है. सूत्रों के मुताबिक, पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी और बागी विधायकों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया जा सकता है. हालांकि, कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन तक राजस्थान में सीएम फेस को लेकर यथास्थिति बरकरार रहेगी. 

माकन हाईकमान को रिपोर्ट सौंपेंगे

बताते चलें कि AICC पर्यवेक्षक आज कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे. इससे पहले सोनिया गांधी से मुलाकात कर लौटे अजय माकन ने कहा था कि मैंने और खड़गेजी ने सोनिया गांधी को सीएलपी बैठक की जानकारी दी, जिसके लिए हम राजस्थान गए थे. हमें हर विधायक से बात करनी थी और फिर वह रिपोर्ट सोनिया गांधी को देनी थी. विधायकों ने 3 शर्तें लगाई थी, जिसका हमने विरोध किया. हमने कहा कि यह कैसे संभव हो सकता है, क्योंकि यह हितों का टकराव है. 

इस्तीफे की पर्यवेक्षकों तक को नहीं लग सकी थी भनक

मंगलवार को सोनिया गांधी से वन-टू-वन किसी की मुलाकात नहीं होगी. बताते हैं कि राजस्थान में अशोक गहलोत के अप्रत्याशित कदम से बगावत की स्थिति बनी. इसकी भनक जयपुर में साथ बैठे पर्यवेक्षकों तक को नहीं लग सकी. बता दें कि जब विधायक बगावत कर इस्तीफे तैयार कर रहे थे, तब मुख्यमंत्री हाउस में सीएम अशोक गहलोत, पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे, अजय माकन, सचिन पायलट और गुजरात प्रभारी रघु शर्मा भी बैठे थे. ये सभी लोग विधायक दल की बैठक लेने के लिए एकत्रित हुए थे. हालांकि, गहलोत के समर्थक विधायक यहां नहीं पहुंचे. बाद में मंत्री शांति धारीवाल के घर जुटे विधायकों के इस्तीफे की खबरें आने पर पायलट सीएम हाउस से बाहर निकल आए थे.

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पुलिस ने दो शातिर चोर दबोचे, तीन चोरी का खुलासा

थाना सिविल लाइन पुलिस ने दो शातिर चोरों को गिरफ्तार करते हुए तीन दुकानों में हुई चोरी की घटना का खुलासा किया है। पुलिस ने पूछताछ के बाद दोनों आरोपियों का चालान कर दिया है।

थाना परिसर में सीओ सिटी कुलदीप सिंह ने पे्रसवार्ता करते हुए जानकारी दी कि थाना प्रभारी सिविल लाइन संतोष त्यागी ने अपनी टीम के साथ के कचहरी रोड से वैभव मिश्रा निवासी कल्याणुपरी मूल निवासी प्रतापगढ व आकाश निवासी कल्याणपुरी को गिरफ्तार किया है। शातिर चोरों ने पिछले दिनों थाना सिविल लाइन क्षेत्र में तीन दुकानों में चोरी की घटना को अंजाम दिया था। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियो से 30 हजार की नकदी, बाइक, एक बैट्रा, तीन चांदी की मूर्तिया, दो कम्प्यटूर आदि सामान बरामद किया है। पुलिस ने पूछताछ के बाद दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया है।

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राजस्थान ही नहीं असम में भी अंदरूनी कलह में उलझी कांग्रेस, 'भारत जोड़ो यात्रा' को लेकर भिड़े दो समूह

 
सार
कांग्रेस विधायक वजीद अली चौधरी ने बताया कि भारत जोड़ो यात्रा पर चर्चा के दौरान एक समूह ने कांग्रेस जिलाध्यक्ष पर आरोप लगाए। जब हमारी पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया तो यह अप्रिय घटना हो गई।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं की झड़प - फोटो : ANI

विस्तार
असम के धुबरी जिले के राजीव भवन में एक बैठक के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं के दो समूह आपस में ही भिड़ गए। बैठक भारत जोड़ो यात्रा पर चर्चा के लिए आयोजित की गई थी। यह पदयात्रा राज्य में 1 नवंबर से शुरू होने जा रही है। 

कांग्रेस विधायक वजीद अली चौधरी ने बताया कि भारत जोड़ो यात्रा पर चर्चा के दौरान एक समूह ने कांग्रेस जिलाध्यक्ष पर आरोप लगाए। जब हमारी पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया तो यह अप्रिय घटना हो गई। 

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मेरठः आम आदमी पार्टी का कमिश्नरी पार्क में अनशन शुरू

मेरठ। सोमवार से आम आदमी पार्टी का कमिश्नरी पार्क में तीन दिन का अनशन शुरू हुआ। अनशन पर बैठे पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने शहीदे आजम भगत सिंह के पैतृक गांव खटकर कलां पंजाब से पवित्र मिट्टी से तिलक किया।
आम आदमी पार्टी के पश्चिम यूपी अध्यक्ष सोमेंद्र ढाका एडवोकेट ने कहा कि वर्तमान समय में एक आम आदमी का जीना दूभर है। कहा कि भगत सिंह पूंजीवादी व्यवस्था के हमेशा खिलाफ थे। कहा था कि पूंजीवादी शोषण, महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, महंगा इलाज, उचित शिक्षा, जाति-धर्म के भेदभाव को भूलकर किसान मजदूरों के साथ-साथ तमाम सामाजिक लोगों, संगठनों और उनके परिवारों को भी अनुशासित और संगठित होकर आंदोलन करना होगा। इस मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष अकील राणा जिला अध्यक्ष मेरठ अंकुश चौधरी, प्रांत महासचिव मनीष सिंह, जिलाध्यक्ष मुजफ्फरनगर अरविंद बालियान, जिला अध्यक्ष बागपत ओमवीर सेन, चौधरी राहुल भटीपुरा, नवीन गुज्जर, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के सरदार गुरविंदर सिंह, ओम दत्त त्यागी, कपिल त्यागी आदि रहे।

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CM पद की जंग... जयपुर में गहलोत भारी, पायलट के पीछे दिल्ली का दम!

राजस्थान में मुख्यमंत्री पद की कुर्सी पर अशोक गहलोत काबिज रहेंगे या फिर सचिन पायलट विराजमान होंगे? इसे लेकर अब दोनों ही खेमे एक-दूसरे के खिलाफ आ गए हैं. कांग्रेस विधायकों का समर्थन जिस तरह से अशोक गहलोत के साथ है, उससे वो जयपुर में मजबूत दिख रहे हैं. वहीं, सचिन पायलट का खेमा भले ही इस बार खामोशी अख्तियार करके रखा हो, लेकिन उसे पार्टी हाईकमान का समर्थन हासिल है. इस तरह से राजस्थान में कांग्रेस के अंदर सीएम पद को लिए गहलोत और पायलट खेमे के बीच छिड़ी जंग में देखना होगा कि कौन बाजी मारता है? 

माना जा रहा है कि कांग्रेस हाईकमान ने सचिन पायलट को  मुख्यमंत्री पद की कुर्सी सौंपने का फैसला कर लिया है, लेकिन यह फैसला गहलोत खेमे के विधायकों को मंजूर नहीं है. अशोक गहलोत के समर्थक 82 विधायकों ने अपना इस्तीफा स्पीकर सीपी जोशी को सौंप दिया है. इन विधायकों का कहना है कि नए मुख्यमंत्री को लेकर फैसला गहलोत की मर्जी के मुताबिक होना चाहिए. गहलोत गुट ने पायलट को सत्ता से दूर रखने समेत 3 शर्तें पार्टी नेतृत्व के सामने रखी हैं, लेकिन हाईकमान भी झुकने को तैयार नहीं है. 

गहलोत खेमा भले ही जयपुर में 80 से ज्यादा विधायकों के साथ मजबूत खड़ा दिख रहा हो, लेकिन इस बार पायलट के पीछे जिस तरह कांग्रेस नेतृत्व मजबूती के साथ खड़ा है, उसके चलते सीएम पद को लेकर टकराव बढ़ गया है. गहलोत गुट किसी भी सूरत में पायलट को सीएम के रूप में स्वीकार नहीं कर रहा है. यही वजह है कि गहलोत खेमे ने साफ तौर पर कहा है कि 2020 में पायलट के बगावत करने पर जिन 102 विधायकों ने सरकार बचाने का काम किया है, उनमें से किसी को भी बना दें उन्हें वो स्वीकार है, लेकिन पायलट नहीं. 

वहीं, कांग्रेस हाईकमान भी गहलोत खेमे के विधायकों की शर्तें मानने को तैयार नहीं है. कांग्रेस पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को राहुल गांधी ने विधायकों के बजाय सीएम अशोक गहलोत से मुलाकात कर मामले का हल निकालने का स्पष्ट संदेश दिया है और साथ ही विधायकों की शर्तों को मानने से साफ इंकार दिया. इस बात का संकेत है कि पायलट के पीछे कांग्रेस आलाकमान पूरी तरह से मजबूती से खड़ा है.

राजस्थान के नंबर गेम में गहलोत भारी
बता दें कि राजस्थान विधानसभा में 200 विधायक हैं. मौजूदा समय में कांग्रेस के पास 108 विधायक तो बीजेपी के पास 71 विधायक हैं. निर्दलीय 13 आरएलपी के 3 माकपा के 2 बीटीपी के 2 और आरएलडी का 1 विधायक हैं. गहलोत खेमे के 82 विधायकों ने स्पीकर को अपना इस्तीफा सौंपा है तो करीब 16 कांग्रेस विधायकों का समर्थन सचिन पायलट को है जबकि 10 विधायक तटस्थ हैं. इस तरह से विधायकों का समर्थन अशोक गहलोत के साथ दिख रहा है, जिसके दम पर सचिन पायलट के लिए चुनौती खड़ी हो गई है. 

गहलोत समर्थक विधायकों के बागी तेवर अपनाने के बाद अब राजस्थान में नए सीएम के चयन का संकट गहरा गया. ऐसे में गहलोत खेमे के प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि अभी तो अशोक गहलोत ही मुख्‍यमंत्री हैं. लोकतंत्र में चुनाव में फैसला वोट की ग‍िनती से होता है. लोकतंत्र संख्‍या बल से चलता है. विधायक जिसके साथ होंगे वही नेता होगा. कांग्रेस आलाकमान को पुरानी बातें भी ध्यान रखनी चाहिए कि राजस्थान में किस तरह सरकार को अस्थिर करने का काम किया था. इस तरह से गहलोत खेमे ने पायलट के सीएम बनने की राह में रोड़ा बन गए. 

दिल्ली दरबार में पायलट मजबूत 
राजस्थान में मुख्यमंत्री पद की कुर्सी के लिए एक बार फिर से छिड़ी जंग में भले ही गहलोत ने विधायकों को साथ जोड़कर पायलट की राह में रोड़ा बने हो, लेकिन कांग्रेस नेतृत्व गहलोत के बजाय पायलट के साथ मजबूती से खड़ा है. यही वजह है कि कांग्रेस नेतृत्व ने विधायकों की शर्तें मानने से एक तरफ इंकार किया तो दूसरी तरफ अजय माकन ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक के समानांतर में मंत्री धारीवाल के घर पर गहलोत खेमे की हुई मीटिंग प्रथम दृष्टि में अनुशासनहीनता का ही काम है. 

अजय माकन ने कहा कि सीएम आवास पर उनसे पूछ कर बैठक बुलाई गई थी. हमने कहा था कि हम सभी विधायकों से एक एक कर बात करेंगे, लेकिन वो अड़े रहे कि हम समूह में आएंगे. कांग्रेस की प्रथा रही है कि ऐसी स्थिति में सबसे अलग अलग बात की जाए. वहीं, विधायकों की मांग थी कि गहलोत के समर्थन में जो 102 विधायक हैं, उन्हीं में से सीएम बनाया जाए और सचिन पायलट को सीएम न बनाया जाए. 

माकन ने कहा कि हमने विधायकों से कहा कि उनकी चिंताओं को सुनेंगे, लेकिन विधायक अपनी शर्तों पर अड़े रहे. कांग्रेस में इस तरह से शर्तों पर बात नहीं होती. हमने साफ किया था कि विधायकों की बात सोनिया गांधी तक पहुंचाएंगे. इसके बाद गहलोत से बात करेंगी और फिर फैसला लिया जाएगा. खाचरियावास, महेश जोशी और शांति धारीवाल ने प्रस्ताव में सीएम को फैसला को 19 अक्टूबर के बाद रखने शर्त रखे थे. इस पर माकन ने उनसे कहा कि अशोक गहलोत खुद कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में अध्यक्ष पर सब चीजें छोड़ी जा रही हैं तो 19 अक्टूबर को तो जब गहलोत खुद अध्यक्ष बन जाएंगे तो खुद को ही मजबूत करेंगे, तो यह हितों का टकराव होगा. 

कांग्रेस पर्यवेक्षक के तौर पर पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन की बातों से साफ है कि कांग्रेस हाईकमान का विश्वास गहलोत के बजाय पायलट के साथ है. इसीलिए धारीवाल के घर पर हुई बैठक को माकन अनुशासनहीनता बता रहे हैं तो दूसरी तरफ गहलोत खेमे के विधायकों की शर्तें मानने से इनकार कर दिया है. इस तरह राजस्थान में सीएम पद को लेकर छिड़ी जंग में संख्या बल के मामले में सचिन पायलट गुट भले ही कमजोर दिख रहा है, पर पार्टी नेतृत्व का भरोसा हासिल करने में कामयाब होते दिख रहे हैं. 

किसके के पास क्या विकल्प
राजस्थान में गहराए सियासी संकट में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के पास क्या सियासी विकल्प बचे हैं. गहलोत के पास विकल्प है कि वे खुद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनें और पायलट के सीएम बनने का समर्थन करें. हालांकि. गहलोत इसके पक्ष में नहीं दिख रहे. ऐसे में वो गांधी परिवार के साथ बातचीत करें और सीपी जोशी को सीएम और सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के लिए राजी करें. 

वहीं, पायलट के पास विकल्प है कि कांग्रेस विधायकों की नाराजगी को देखते हुए राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष बन जाएं और समय का इंतजार करें. इसके अलावा दूसरा विकल्प है कि इंतजार करें, उम्मीद करें कि पार्टी आलाकमान गहलोत को उनके सीएम बनाने पर राजी कर लेगी. ऐसे में राजस्थान के राजनीतिक संकट को खत्म करने और गहलोत और पायलट के बीच सुलह-समझौते के लिए गांधी परिवार को खुद आगे आकर पहल करनी होगी और सीएम अशोक गहलोत से कहें कि नाराज विधायकों को मनाएं है और सचिन पायलट को मनाएं कि वक्त की नजाकत को समझते हुए किसी अन्य नेता को सीएम के रूप में स्वीकार करने के लिए रजामंद करें? 

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सिखेड़ा पुल ध्वस्त करती JCB गंगनहर में समाई, चालक बचा:मुजफ्फरनगर में पानीपत-खटीमा राजमार्ग पर 100 साल पुराना पुल ध्वस्त

मुजफ्फरनगर में पानीपत-खटीमा राजमार्ग पर 100 साल पुराना गंग नहर का पुल ध्वस्त करते बड़ा हादसा टल गया। इस दौरान पुल के पानी में समाने से जेसीबी मशीन भी नहर में समा गई। लेकिन किसी तरह जेसीबी मशीन चालक गंग नहर से बाहर आ गया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो हड़कंप मच गया।

जेसीबी पानी में समाई, भाग्यशाली रहा चालक
मुजफरनगर में पानीपत-खटीमा राजमार्ग का निर्माण चल रहा है। शहर से निकलकर सिखेड़ा में गंग नहर पर 100 साल से भी अधिक पुराना पुल है। पुल काफी जर्जर होने के कारण 2021 में ही उसके बराबर में नए पुल का निर्माण कराया गया था। तब से यह पुल आवागमन के लिए लगभग बंद ही चल रहा था। पानीपत-खटीमा राजमार्ग निर्माण को हाईवे अथारिटी की हरी झंडी मिलने के बाद सिखेड़ गंग नहर पर एक नए पुल निर्माण का खाका खींचा गया था। हाईवे निर्माण के चलते पुल का निर्माण भी शीघ्र ही प्रस्तावित है, जिसके मद्देनजर रविवार को गंगनहर पर स्थित पुराना और जर्जर पुल ध्वस्त किया जा रहा था। जेसीबी मशीन चालक राकेश यादव पुत्र वीरेन्द्र निवासी डुगरी थाना मांडी जनपद सारण बिहार पुल ध्वस्तिकरण कर रहा था। पुल के एक हिस्से पर जेसीबी लगाकर दूसरे हिस्से को तोड़ा जा रहा था। जैसे ही पुल का एक भाग ध्वस्त होकर गंगर नहर में समाया। पानी में मलबे के समाने तथा उत्पन्न कंपन्न से पुल का दूसरा भाग भी घ्वस्त हो गया। जिससे जेसीबी मशीन भी पानी में समाने लगी। इस दौरान जेसीबी मशीन चालक किसी तरह कूदकर सुरक्षित स्थान पर पहुंच गया।

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर व्यवस्था संभाली
पुल ध्वस्तिकरण के बाद उसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जिसके बाद मौके पर काफी भीड़ जमा हो गई। थाना सिखेड़ा पुलिस ने मौके पर पहुचंकर व्यवस्था संभाली।


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मुजफ्फरनगर में हाईवे पर पलटी वेगनआर, 4 की मौत:हरिद्वार जा रही थी कार, रोडवेज बस से टकराकर पलटी, मरने वालों में एक यूपी पुलिस का कांस्टेबल

मुजफ्फरनगर हाईवे पर सोमवार सुबह बड़ा हादसा हो गया। दिल्ली से हरिद्वार की और जा रही एक वैगनआर कार रोडवेज से टकराकर पलट गई। जिसके चलते वैगनआर में सवार यूपी पुलिस के एक कांस्टेबल सहित 4 लोगों की मौत हो गई। जबकि एक व्यक्ति गंभीर घायल हो गया। पुलिस के अनुसार मरने वाले की शिनाख्त पुलिस कांस्टेबल कुलदीप मिश्रा के रूप में हुई थी। ये गांव थाल जिला उत्तरकाशी उत्तराखंड का रहने वाला है।

उनके अलावा मनीष सिंघल निवासी नेहरू कालोनी मोदी नगर गाजियाबाद और दिनेश यादव हैं। जबकि एक घायल अमन गौतम निवासी परीक्षित गढ जिला मेरठ को हायर सेंटर रैफर किया गया है। हादसे में मरने वाले चौथे मृतक की शिनाख्त नहीं हो पाई।

हादसे में वैगनआर कार पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई।
सड़क पार करते युवक को बचाने में NH-58 पर हुआ हादसा
थाना मंसूरपुर प्रभारी निरीक्षक महावीर सिंह के अनुसार एनएच-58 पर देवराना रिसोर्ट के समीप एक वैगनआर पलट गई। जिसके चलते उसमें सवार दो घायलों की मौके पर तथा 2 की मुजफ्फरनगर मेडिकल कालेज में मौत हो गई। बताया कि साेमवार सुबह एक वैगनआर कार दिल्ली से हरिद्वार की और जा रही थी। जिसमें 4 लोग सवार थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार देवराना रिसोर्ट के समीप हाईवे पर सड़क पार कर रहे एक व्यक्ति को बचाने के चक्कर में विपरीत दिशा से आ रही सोहराब गेट डिपो की रोडवेज बस से टकराकर वैगनआर कार डिवाइडर से जा टकराई और पलट गई। जिसके चलते उसमें सवार 4 लोगों की मौत हो गई।

पुलिस सूत्रों के अनुसार दुर्घटना में एक पुलिस कांस्टेबल सहित 4 लोगों की मौत हुई है, जबकि एक व्यक्ति घायल हुआ है। जिसे हायर सेंटर रैफर किया गया है। बताया कि मरने वालों में पुलिस कांस्टेबल कुलदीप मिश्रा सहित मनीष सिंघल पुत्र हरीश सिंघल निवासी नेहरू कालोनी मोदी नगर गाजियाबाद तथा दिनेश यादव पता अज्ञात शामिल हैं। जबकि एक मृतक की शिनाख्त नहीं हो पाई है। एक व्यक्ति घायल हुआ है जिसकी शिनाख्त अमन गौतम पुत्र हीरालाल गौतम निवासी परीक्षितगढ जिला मेरठ के रूप में हुई है।

यूपी रोडवेज की बस से भी टकराई थी वैगनआर कार।
बताया कि एक मृतक की जेब से मिले आइकार्ड के मुताबिक उसका नाम कुलदीप मिश्रा है जोकि गांव थाल जिला उत्तरकाशी उत्तराखंड का रहने वाला है। बताया कि आईकार्ड से ज्ञात हुआ है कि कुलदीप यूपी पुलिस में कांस्टेबल के पद पर तैनात है।


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